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Two deshbhakt kavita |
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Answer» Answer: 1.जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा वो भारत देश है मेरा ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला जहाँ हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा वो भारत देश है मेरा अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा वो भारत देश है मेरा जब आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सवेरा वो भारत देश है मेरा – राजेंद्र किशन 2.आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी। लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।। व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया। हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।। हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है। जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।। प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर। हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।। लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है। उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।। हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे। सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।। विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। -'सजीवन मयंक' |
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