InterviewSolution
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                                    उल्लास कविता का भावार्थ लिखें। | 
                            
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Answer»  1) शैशव के सुन्दर प्रभात का कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान प्रस्तुत कविता में आशावादी दृष्टिकोण एवम् मानव-मन की भावनाओं को अभिव्यक्त करती है। शब्दार्थ : 
 2) जीवन में न निराशा मुझको, कवयित्री कहती है मेरे जीवन में निराशा नहीं, बल्कि आशा है। किसी भी रूलाने वाले अथवा सिखाने वाले प्रसंग में कभी मुझे विरक्ति नहीं हुई। क्या झूठ और क्या सच – इसका कोई प्रभाव मुझ पर नहीं हुआ। यहाँ तक कि शत्रु के लिए भी मेरे मन में घृणा नहीं है, हृदय में अशांति नहीं है। शब्दार्थ : 
 3) मैंने सदा किया है सबसे, कवयित्री कहती है मेरे जीवन में निराशा नहीं, बल्कि आशा है। किसी भी रूलाने वाले अथवा सिखाने वाले प्रसंग में कभी मुझे विरक्ति नहीं हुई। क्या झूठ और क्या सच – इसका कोई प्रभाव मुझ पर नहीं हुआ। यहाँ तक कि शत्रु के लिए भी मेरे मन में घृणा नहीं है, हृदय में अशांति नहीं है। शब्दार्थ : 
 3) मैंने सदा किया है सबसे, कवयित्री कहती है- मैंने सदा प्रेम दिया है और बदले में मुझे प्रेम ही मिला है। मधुरता, कोमलता तथा प्रेम की भावना लिए हुए हूँ। सारे संसार को ही मैंने प्रेममयी बना लिया है। कवयित्री न कभी रोती है और न वह किसी को रोते देखना चाहती है। इस प्रकार कवयित्री सकारात्मक सोच को महत्व देती है। शब्दार्थ : 
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