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उपभोक्ता समस्याओं के तीन सावधान​

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ANSWER:

उपभोक्ता (कंज्यूमर) उस व्यक्ति को कहते हैं, जो विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। वस्तुओं में उपभोक्ता वस्तुएं (जैसे गेहूं, आटा, नमक, चीनी, फल आदि) एवं स्थायी वस्तुएं (जैसे टेलीविजन, रेफरीजरेटर, टोस्टर, मिक्सर, साइकिल आदि)जूडे हुए है। जिन सेवाओं का हम क्रय करते हैं, उनमें बिजली, टेलीफोन, परिवहन सेवाएं, थियेटर सेवाएं आदि सम्मिलित है।

ध्यान रखने योग्य बात है कि उपभोक्ता वह है, जो उपभोग के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय करता है। यदि कोई फुटकर व्यापारी किसी थोक विक्रेता से वस्तुएं (जैसे,स्टेशनरी का सामान) खरीदता है, तो वह उपभोक्ता नहीं है,क्योंकि वह तो वस्तुओं का क्रय पुनः विक्रय के लिए कर रहा है।

परिचय

क्या यह आवश्यक है कि एक क्रेता (जो केवल एक उपभोक्ता है) ही वस्तुओं का उपयोग करे? यह सदा नहीं होता। यदि आप अपने लिखने के लिए एक कापी खरीदते हैं तो आप क्रेता भी हैं और उपभोक्ता भी। माना आपके पिता खाद्य सामग्री का क्रय करते हैं, जिसका उपभोग परिवार के सभी सदस्य करते हैं या फिर जब वह कपड़े धोने का डिटरजैन्ट पाउडर खरीदते हैं तो इसका प्रयोग परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं तथा अन्य कोई भी (जो कपड़े धोने का कार्य कर रहा है) कर सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक उपभोक्ता जिन वस्तुओं का क्रय करता है उनका उपभोग उसके परिवार के सदस्य कर सकते हैं अथवा क्रेता की ओर से कोई अन्य व्यक्ति कर सकता है। दुनिया के सभी व्यक्ति उपभोक्ता है, क्यूँकी एक उत्पादक भी मानव है और मानव को जिवित रहना है तो उसे भोजन की आवश्यकता है और उसे खरीदना पड़ता है

उपभोक्ता वह व्यक्ति है, जो वस्तुओं अथवा सेवाओं को अपने अथवा अपनी ओर से अन्य के प्रयोग अथवा उपभोग के लिए खरीदता है। वस्तुओं में दैनिक उपभोग की तथा स्थायी वस्तुएँ सम्मिलत है। जबकि सेवाएँ जिनके लिए भुगतान किया जाता है, मे यातायात, बिजली, फिल्म देखना इत्यादि शामिल है।

उपभोक्ता को इस प्रकार से भी परिभाषित किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति, जो वस्तुओं एवं सेवाओं का चयन करता है, उन्हें प्राप्त करने के लिए पैसा खर्च करता है तथा अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु उनका उपयोग करता है उपभोक्ता कहलाता है।end

वस्तुओं के उपभोक्ता एवं सेवाओं के उपभोक्ता की स्थिति में क्या अन्तर है? जिन सेवाओं का हम क्रय करते हैं, उनमें हम परिवहन सेवा को सम्मलित कर सकते है जैसे- जब हम किसी स्थान पर जाने के लिए टैक्सी अथवा ऑटोरिक्शा लेते हैं, सार्वजनिक बस में यात्रा करते हैं अथवा रेल से यात्रा करते हैं तो हम परिवहन सेवा का उपभोग करते हैं। यदि आपके पास अपनी साइकिल अथवा स्कूटर या फिर मोटर साइकिल है तो आपको इसकी मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है और आप इसे मरम्मत करने वाली दुकान पर ले जाते हैं। जो व्यक्ति मरम्मत करता है आप उसे उसकी सेवाओं के बदले भुगतान करते हैं। आप उस समय सेवा का उपभोक्ता हैं। हम घर पर अथवा कार्य स्थल पर बिजली अथवा टेलीफोन का प्रतिदिन उपयोग करते हैं, ये भी सेवाएं हैं, जिनका हम उपभोग करते हैं तथा बदले में भुगतान करते हैं। सिनेमा घर में मनोरंजन के लिए सिनेमा देखना भी सेवा का एक उदाहरण है।

वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग करने में मुख्य अंतर है कि क्रय से पहले वस्तुओं की तो भौतिक रूप से जांच की जा सकती है, जबकि सेवाओं की विश्वसनीयता एवं निरन्तरता की पहले से जांच नहीं की जा सकती। उदाहरण के लिए यदि आप टेलीविजन खरीदते हैं तो आप इसका प्रदर्शन करा सकते हैं और देख सकते हैं कि यह कैसे काम कर रहा है तथा इसकी तस्वीर, गुणवत्ता, आवाज आदि कैसी है। लेकिन आप यह जाँच नहीं कर सकते कि बिजली की वोल्टेज हर समय स्थिर रहेगी या नहीं। आप किसी खाने की वस्तु को पहले नमूने के तौर पर उसका स्वाद जानकर उसका क्रय कर सकते हैं या फिर फलों का क्रय करने से पहले उनकी जाँच कर सकते हैं कि वह अधिक पके हुए तो नहीं है। लेकिन आप इसकी जाँच नहीं कर सकते कि एक स्कूटर अथवा टैक्सी का ड्राइवर चौकन्ना रहेगा, कोई दुर्घटना नहीं होगी अथवा सिनेमा देखते समय चलचित्रा में तस्वीर और आवाज पूरे समय ठीक रहेगी अथवा नहीं।

इसके साथ-साथ जिन वस्तुओं का हम क्रय करते हैं, तो हम उनका उपभोग भी तुरंत कर सकते हैं अथवा कुछ समय के पश्चात् भी। हम अनाज का हफ्रतों, महीनों तक संग्रहण कर सकते हैं। एक रेफरीजरेटर की यदि समय-समय पर आवश्यक मरम्मत कराते रहें, तो उसका कई वर्षों तक उपयोग कर सकते हैं। लेकिन हम परिवहन सेवाओं अथवा मरम्मत, बिजली की आपूर्ति अथवा टेलीफोन सेवा अथवा फिल्म शो के सम्बंध में ऐसा नहीं कर सकते।



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