1.

उस स्थान पर जहाँ नमन-कोण शून्य नहीं है, चुंबकीय सुई क्षैतिज क्यों रहती है ?

Answer» यदि किसी स्थान पर नमन-कोण का मान `delta ` हो और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर घतक क्रमशः `B _(h )` एवं `B _(v )` हो, तो
`tan delta = (B _(v ))/(B _(h ))`
अब यदि नमन-कोण `delta ` शून्य नहीं है तो `B _(v )`, ऊर्ध्वाधर घटक, भी शून्य नहीं होगा। अतः, इस घटक के कारण चुंबकीय सुई पर ऊर्ध्वाधर तल में बलयुग्म क्रियाशील होगा। इसका परिणाम यह होगा कि यह बलयुग्म सुई के एक सिरे को ऊपर की ओर उठाने की ओर दूसरे सिरे को नीचे की ओर झुकाने की चेष्टा करेगा जिससे सुई क्षैतिज तल के साथ कुछ कोण बनाएगी । अब यदि इसे समान परन्तु विपरीत बलयुग्म से संतुलित किया जाए तो सुई क्षैतिज रह सकती है। संतुलन-बलयुग्म प्राप्त करने के लिए सुई को गुरुत्व-केंद्र से हटाकर किसी अन्य बिंदु पर कीलित किया जाता है। तब गुरुत्व-केंद्र से नीचे की ओर क्रियाशील सुई का भार कील के परितः एक बलयुग्म उत्पन्न करता है जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्वाधर घटक के कारण विक्षेपक बलयुग्म को संतुलित करता है। यही कारण है कि जहाँ नमन-कोण शून्य नहीं है वहाँ चुम्बकीय सुई क्षैतिज रहती है।


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