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ऊर्जा संसाधन से क्या तात्पर्य है? इन्हें कितने भागों में बाँटा जाता है?

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जिन पदार्थों से मनुष्य को कृषि, उद्योग तथा परिवहन साधनों हेतु ऊर्जा की प्राप्ति होती है, उन्हें ऊर्जा संसाधन (Energy Resources) कहा जाता है। प्राचीन काल में मानव ऊर्जा के लिए मानव शक्ति, पशु शक्ति तथा लकड़ी आदि पर निर्भर करता था, परन्तु आज वह जिन पदार्थों से ऊर्जा प्राप्त कर रहा है, उनमें कोयला, खनिज तेल (पेट्रोलियम), प्राकृतिक गैस, पनविद्युत, परमाणु खनिज, सूर्यातप, पवन, भू-गर्भीय ताप, ज्वारीय तरंगें, गन्ने की खोई एवं कूड़ा-कचरा आदि का प्रमुख स्थान है।

ऊर्जा संसाधनों का वर्गीकरण – उपलब्धता के आधार पर ऊर्जा संसाधनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है1. परम्परागत ऊर्जा संसाधन–इनमें कोयला, खनिज तेल (पेट्रोलियम), प्राकृतिक गैस एवं

⦁    परमाणु खनिज सम्मिलित किए जाते हैं जो भू- गर्भ से निकाले जाते हैं। इन ऊर्जा संसाधनों के भण्डार सीमित हैं और कभी भी समाप्त हो सकते हैं अर्थात् ये अविश्वसनीय ऊर्जा संसाधन हैं।

⦁    गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन– इनके अन्तर्गत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि को सम्मिलित किया जाता है। वास्तव में ये ऊर्जा के नव्यकरणीय संसाधन हैं। इसी कारण इन्हें ऊर्जा के विश्वसनीय संसाधन कहा जाता है।



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