1.

वह तोड़ती पत्थर कविता का आशय क्या है? संक्षेप में लिखिए?​

Answer» <html><body><p><strong><a href="https://interviewquestions.tuteehub.com/tag/answer-15557" style="font-weight:bold;" target="_blank" title="Click to know more about ANSWER">ANSWER</a>:</strong></p><p>मजदूर वर्ग की दयनीय दशा को उभारने वाली एक मार्मिक कविता है। कवि कहता है कि उसने इलाहाबाद के मार्ग पर एक मजदूरनी को पत्थर तोड़ते देखा। वह जिस पेड़ के नीचे बैठकर पत्थर तोड़ रही थी वह छायादार भी नहीं था, फिर भी विवशतावश वह वहीं बैठे पत्थर तोड़ रही थी। उसका शरीर श्यामवर्ण का था, तथा वह पूर्णत: युवा थी।</p></body></html>


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