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| 1. | वैवाहिक समायोजन के किन्हीं दो तत्त्वों को संक्षेप में समझाइए। | 
| Answer» विवाह संग्ग्या में पति व पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं। अतः समायोजन के बिना किसी भी स्त्री-पुरुष का वैवाहिक जीवन सुचारु रूप से नहीं चल सकता। समायोजन में संवेगात्मक, सामाजिक एवं शैगिक तथा आर्थिक सहित कई आवश्यक तत्त्व समिति होते हैं, जिन्हें प्यान में रखका वैवाहिक जीवन को सफल बनाया जा सकता है। ⦁ सहयोग सहयोग सामाजिक एवं गक समायोजन है। पति तथा पत्नी दोनों के कार्य अलग अलग होते हैं। इनमें पत्नी पर के काम-काज देखती है तथा पति खेतों एवं बाहरी कार्यों को देखता हैं। अतः दोनों को परस्पर सहयोग को आवश्यकता होती है। ⦁ दायित्वों की पूर्ति यदि विवाहोपरान्त पति व पत्नी दोनों ही जोबिकौशन के लिए नौकरी करते हैं तब दोनों को अपने परिवार के प्रति दायित्वों का निर्वहन अपना कार्य सम्झकर करना चाहिए। इससे वैवाहिक सामंजस्य बना रहता है। | |