InterviewSolution
| 1. |
Vidhyarthi gan par doordarshan ka prabhav 80-100 shabd |
|
Answer» टेलीविज़न की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह हमारे मनोरंजन का आधुनिकतम एव सरा साधन है। इसने हमारे दैनिक जीवन, रहन-सहन पर भी प्रभाव डाला है। इस पर अनेक प्रकार के रोचक कार्यक्रमटेलीफ़िल्में, धारावाहिक, चित्रहार, चित्रगीत, संगीत, नाटक, कवि-सम्मेलन एवं खेल-जगत आदि कार्यक्रम प्रसारित होते हैं, जिनसे हमारा पर्याप्त मनोरंजन होता है। दूरदर्शन शिक्षा का सशक्त माध्यम है। इस पर औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों प्रकार की शिक्षाएँ दी जा रही हैं। स्कूली विद्यार्थियों के लिए नियमित पाठों का प्रसारण किया जाता है। प्रयोगात्मक ढंग से पाठों को सुरुचिपूर्ण तरीके से समझाया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतिदिन किसी-न-किसी विषय के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने विषय की नवीन-से-नवीन जानकारी प्राप्त होती है। दूरदर्शन पर राष्ट्रीय चैनलों के अतिरिक्त अन्य प्राइवेट चैनलों की भरमार है जिन पर अनेक रुचिकर कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। कुछ कार्यक्रम सीधे विद्यार्थी वर्ग से न जुड़े होकर भी उनके ज्ञान का विस्तार करते हैं; जैसे-कौन बनेगा करोड़पति, फैमिली फ़ॉर्म्युन आदि । बोर्नविटा क्विज आदि कार्यक्रम तो विशेष रूप से विद्यार्थियों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए ही बनाए गए हैं। चमत्कार विज्ञान जगत् का, और मनोरंजन जन साधनचारों ओर हो रहा जग में, आज दूरदर्शन का अभिनंदनदूर्भाग्य से दूरदर्शन ने विद्यार्थियों की पढ़ने की आदतों पर बुरा प्रभाव डाला है, जिससे उनकी चिंतन-मनन की क्षमता को ठेस पहुँची है और वे अच्छाई-बुराई में अंतर करना भूल गए हैं। वे केवल क्षणिक-चित्रों और शब्द-६ वनियों के जाद में बँधकर रह गए हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि छात्र आवश्यकता से अधिक दूरदर्शन के कार्यक्रमों का अवलोकन न करें। प्रतिदिन अधिक-से-अधिक एक घंटा ही कार्यक्रमों को देखें और अपनी चिंतन-मनन की शक्ति को ठेस न पहुँचाएँ । नियमित अभ्यास ही उन्हें लक्ष्य-प्राप्ति की ओर अग्रसर करेगा। PLEASE MARK me as BRAINLIEST please FOLLOW me. |
|