1.

वीर पंचनद के सपूत मातृभूमि के सो गए प्रतारणा की थपकी लगी उन्हें छल-बलिवेदी पर आज सब सो गए। रूप भरी, आशा भरी, यौवन अधीर भरी पुतली प्रणयिनी का बाहुपाश खोलकर दूध भरी दूधी सी दुलार भरी माँ की गोद, सूनी कर सो गए।सुंदर प्रसंग ​

Answer»

ANSWER:

I don't KNOW this language PLS TRY LATER



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions