1.

विपदि धैर्यमथाभ्युदये क्षमा, सदसि वाक्पटुता युधि विक्रमः। यशसि चाभिरुचिर्व्यसनं श्रुतौ, प्रकृतिसिद्धमिदं हि महात्मनाम्।। 3​

Answer»

e complete QUESTION.. I hope u'll upload the FULL question



Discussion

No Comment Found