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व्यायाम से आप क्या समझती हैं? व्यायाम के महत्त्व एवं आवश्यक नियमों का वर्णन कीजिए।याव्यायाम के महत्व को स्पष्ट करते हुए कुछ उपयोगी व्यायामों का उल्लेख कीजिए।

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व्यायाम का अर्थ

व्यायाम का अर्थ है-“वे शारीरिक क्रियाएँ एवं गतिविधियाँ जो मनुष्य के समस्त अंगों के पूर्ण एवं सन्तुलित विकास में सहायक होती हैं।” व्यायाम के अन्तर्गत व्यक्ति को शरीर के विभिन्न अंगों की विभिन्न प्रकार से गति करनी पड़ती है। व्यायाम के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि सुबह-शाम को घूमना, भागना-दौड़ना, दण्ड-बैठक लगाना, मलखम्भ, योगाभ्यास अथवा कोई खेल खेलना। वर्तमान में सन्तुलित व्यायाम के लिए विभिन्न मशीनें भी तैयार कर ली गई हैं।

व्यायाम की महत्त्व

व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला एक मुख्य कारक है–नियमित रूप से व्यायाम करना। नियमित रूप से व्यायाम करने के अनेक लाभ हैं, जिनमें निम्नलिखित अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं

  1. व्यायाम करने से रक्त संचार तीव्र गति से होता है, जिसके फलस्वरूप मांसपेशियाँ पुष्ट होती हैं। तथा शरीर में नई स्फूर्ति उत्पन्न होती है।
  2. व्यायाम करते समय श्वास क्रिया तेज होती है, जिससे शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
  3. व्यायाम करने से पाचन तन्त्र की मांसपेशियाँ अधिक क्रियाशील हो जाती हैं, इससे पाचन-शक्ति में वृद्धि होती है तथा अधिक भूख लगती है।
  4. व्यायाम करने से पसीना अधिक निकलता है, परिणामस्वरूप शरीर के विजातीय तत्त्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
  5. नियमित व्यायाम करने से अधिक प्यास लगती है। अधिक पानी पीने से शरीर की आन्तरिक सफाई भी अधिक होती है।
  6. व्यायाम करने से रक्त को परिभ्रमण सारे शरीर में तीव्र गति से होता है। इससे मस्तिष्क में भी रक्त का संचार अधिक होता है। अतः मस्तिष्क की कार्यक्षमता में लाभकारी वृद्धि होती है।
  7. व्यायाम करने से शरीर सुन्दर, सुडौल एवं कान्तिमयं होता है।

व्यायाम के लिए आवश्यक नियम

  1. व्यायाम नित्य प्रति नियमित रूप से करना चाहिए।
  2. व्यायाम शौच-निवृत्ति के पश्चात् मुँह वे दाँतों की सफाई करके बिना कुछ खाए-पीए करना चाहिए।
  3. व्यायाम सदैव खुली हवा में ढीले वस्त्र पहनकर करना चाहिए।
  4. व्यायाम सदैव अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए।
  5. योगाभ्यास व कठिन व्यायाम सदैव उपयुक्त प्रशिक्षक की देख-रेख में करने चाहिए। पूर्णरूप से निपुण हो जाने पर इन्हें स्वयं किया जा सकता है।
  6. व्यायाम के तुरन्त बाद पानी कभी नहीं पीना चाहिए। कुछ समय उपरान्त सदैव दूध एवं पौष्टिक अल्पाहार लेना चाहिए।
  7. रोगी अथवा रोग के कारण दुर्बल हुए व्यक्ति को व्यायाम नहीं करना चाहिए।

कुछ उपयोगी व्यायाम

() प्रातःकाल दौड़ना टहलना:
प्रौढ़ों व वृद्ध पुरुषों के लिए टहलना सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है। इससे उन्हें शुद्ध वायु मिलती है तथा शरीर चुस्त रहता है। बालकों एवं युवा वर्ग के लिए नित्य प्रति दौड़ना एक उपयोगी व्यायाम है। इससे शरीर की मांसपेशियाँ पुष्ट होती हैं, पाचन क्रिया में वृद्धि होती है तथा शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है।

() नियमित योगाभ्यास:
योग की विभिन्न क्रियाएँ लगभग सभी आयु वर्गों के पुरुषों एवं . महिलाओं के लिए उपयोगी रहती हैं। उदाहरण के लिए प्राणायाम फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए एक उत्तम व्यायाम है। इसी प्रकार अलग-अलग शारीरिक भागों के लिए अलग-अलग योगासन होते हैं। इस विषय पर अनेक पुस्तकें सुलभ हैं तथा टेलीविजन पर भी अनेक बार प्रायोजित कार्यक्रम दिखाए जाते हैं, परन्तु किसी उपयुक्त शिक्षक की देख-रेख में योगासन करना सदैव अच्छा व लाभप्रद रहता है।

(ग) खेल-कूद में भाग लेना:
फुटबॉल, हॉकी, बैडमिण्टन, टेनिस, क्रिकेट व तैराकी इत्यादि खेल; व्यायाम के दृष्टिकोण से अत्यधिक उपयोगी हैं। इनसे शरीर सुन्दर, सुविकसित एवं सबल होता है। तथा इसकी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है।



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