1.

⦁    व्यक्ति के व्यवहार के संचालन एवं नियन्त्रण का कार्य करने वाला संस्थान …………….  कहलाता है।⦁    स्नायु-संस्थान की रचना……………..⦁     ………………. और …………… दोनों केन्द्रीय स्नायु तन्त्र के भाग हैं। ⦁    स्नायु संस्थान का मुख्य केन्द्र …………….होता है।⦁    विभिन्न इन्द्रियाँ ही हमारे ……………….. हैं।⦁    संग्राहकों का कार्य बाह्य वातावरण से ……………… ग्रहण करना होता है। ⦁    रासायनिक ग्राहकों द्वारा हमें …………..एवं …………. की संवेदना प्राप्त होती है।⦁    वृहद् मस्तिष्क के अग्र खण्ड में ……………क्षेत्र पाये जाते हैं।⦁    वृहद् मस्तिष्क के मध्य खण्ड में ………….. के अधिष्ठान या केन्द्र पाये जाते हैं।⦁    वृहद् मस्तिष्क के पृष्ठ खण्ड में ………….. अधिष्ठान या क्षेत्र पाया जाता है।⦁    वृहद् मस्तिष्क के शंख खण्ड में …………….. अधिष्ठान या क्षेत्रं पाया जाता है।⦁    शारीरिक सन्तुलन को बनाये रखने में ………… द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी जाती है।⦁    साँस लेना, रक्त-संचार, श्वसन, निगलना तथा पाचन आदि क्रियाओं का संचालन ….. द्वारा किया जाता है।⦁    शरीर तथा वातावरण के बीच उचित सामंजस्य बनाये रखने का कार्य मस्तिष्क के …….. नामक भाग द्वारा किया जाता है।⦁    सुषुम्ना…………. का एक भाग है।⦁    सुषुम्ना शरीर के बाह्य अंगों को …………….से जोड़ती है।⦁    अनुकम्पित तथा परा-अनुकम्पित स्नायुमण्डल …………..कार्य करते हैं।⦁    मानव मस्तिष्क तथा शरीर के बाहरी एवं आन्तरिक भागों में सम्पर्क की स्थापना……….. द्वारा होती है।⦁    प्रतिक्षेप या सहज क्रियाओं का केन्द्र ……………. है।⦁    अन्त:स्रावी ग्रन्थियों से निकलने वाले स्राव को ……….कहते हैं। 

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1. स्नायु संस्थान,

2. अत्यधिक जटिल,

3. मस्तिष्क, सुषुम्ना नाड़ी,

4. मस्तिष्क,

5. संग्राहक अंग,

6. उत्तेजनाएँ,

7. स्वाद, गन्ध,

8. क्रियात्मक अधिष्ठान या क्षेत्र,

9. त्वचा तथा मांसपेशियों,

10. दृष्टि,

11. श्रवण,

12. लघु मस्तिष्क,

13. मध्य मस्तिष्क,

14. सेतु,

15. केन्द्रीय स्नायु-संस्थान,

16. मस्तिष्क,

17. परस्पर सहयोग से,

18. संयोजक स्नायु मण्डल,

19. सुषुम्ना नाड़ी,

20. हॉर्मोन्स।



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