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What is an ecosystem ? List its two main components. We do not cleannatural ponds or lakes but an aquarium needs to be cleaned regularly.Why is it so? Explain.

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पारिस्थितिकी (इकोलॉजी)जीवविज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीव समुदायों का उसके वातावरण के साथ पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करतें हैं। प्रत्येक जन्तु या वनस्पति एक निश्चित वातावरण में रहता है। पारिस्थितिज्ञ इस तथ्य का पता लगाते हैं कि जीव आपस में और पर्यावरण के साथ किस तरह क्रिया करते हैं और वह पृथ्वी पर जीवन की जटिल संरचना का पता लगाते हैं।

पारिस्थितिकी को एन्वायरनमेंटल बायोलॉजी भी कहा जाता है। इस विषय में व्यक्ति, जनसंख्या, समुदायों और इकोसिस्टम का अध्ययन होता है। इकोलॉजी अर्थातपारिस्थितिकी जर्मन शब्द (Oekologie) का प्रथम प्रयोगजर्मन जीव वैज्ञानिक अर्नेस्ट हैकलने अपनी पुस्तक “जनरेल मोर्पोलॉजी देर ऑर्गैनिज़्मेन” में किया था।

बीसवीं सदी के आरम्भ में मनुष्य और उसके पर्यावरण के बीच संबंधों पर अध्ययन प्रारंभ हुआ और एक साथ कई विषयों में इस ओर ध्यान दिया गया। परिणामस्वरूप मानव पारिस्थितिकी की संकल्पना आयी।

प्राकृतिक वातावरण बेहद जटिल है इसलिए शोधकर्ता अधिकांशत: किसी एक किस्म के प्राणियों की नस्ल या पौधों पर शोध करते हैं। उदाहरण के लिए मानवजाति धरती पर निर्माण करती है और वनस्पति पर भी असर डालती है। मनुष्य वनस्पति का कुछ भाग सेवन करते हैं और कुछ भाग बिल्कुल ही अनोपयोगी छोड़ देते हैं। वे पौधे लगातार अपना फैलाव करते रहते हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र

पौधे, जीव-जन्तु एवं भौतिक पर्यावरण को सामूहिक रूप से ‘पारिस्थितिक तंत्र’ कहा जाता है। पारिस्थितिकी वह विज्ञान है, जो किसी क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न जीवों के परस्पर सम्बन्धों एवं भौतिक पर्यावरण से उनके सम्बन्धों का अध्ययन करता है। संक्षेप में, पारिस्थितिकी के अन्तर्गत जीवों तथ उनके पर्यावरण के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसके कई उपविभाग हैं, जैसे- प्राणि पारिस्थितिकी, पादप पारिस्थितिकी, जैव पारिस्थितिकी, उत्पादन पारिस्थितिकी, समष्टि पारिस्थितिकी एवं स्वपारिस्थितिकी आदि।

विविध प्रकार के वातावरण में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव पाए जाते हैं। सभी जीव, अपने चारों ओर के वातावरण से प्रभावित होते हैं। सभी जीव अपने वातावरण के साथ एक विशिष्ट तंत्र का निर्माण करते हैं, जिसे पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं। जीवों और वातावरण के इस संबंध को पारिस्थितिकी कहा जाता है।

सन् 1965 में ओड़म ने पारिस्थितिकी के लिए प्रकृति की संरचना तथा कार्यों का अध्ययन नाम नई परिभाषा दी।विभिन्न वैज्ञानिकों ने पारिस्थितिकी तंत्र की भिन्न-भिन्न परिभाषाएं दी हैं। सबसे सरल परिभाषा है, ‘प्राणियों एवं वनस्पतियों के परस्पर संबंधों और इनके पर्यावरण से संबंधों का अध्ययन।’

इको-सिस्टम या पारिस्थितिक तंत्र क्या है? इसे समझने के लिए हम कल्पना करें एक तालाब की, जहां मछलियां, मेंढ़क, शैवाल, जलीय पुष्प और अन्य कई जलीय जीव रहते हैं। ये सभी न केवल एक-दूसरे पर आश्रित हैं, अपितु जल, वायु, भूमि जैसे अजैविक घटकों के साथ भी पारस्परिक रूप से जुड़े हुए हैं। समुदाय का यह पूर्ण तंत्र, जिसमें अजैविक घटकों तथा जैविक घटकों का पारस्परिक संबंध ही पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है।

पारिस्थितिक तंत्र के मुख्यतः दो प्रकार के संघटक होतें है –

1. जैविक कारक2. अजैविक कारक

जैविक कारक

• जन्तु समुदाय

• वनस्पति समुदाय

• सूक्ष्मजीव

• मनुष्य

अजैविक कारक

• प्रकाश

• ताप

• आर्द्रता

• हवा

• स्थलाकृति

• मृदा

विविध प्रकार के वातावरण में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव पाए जाते हैं। सभी जीव, अपने चारों ओर के वातावरण से प्रभावित होते हैं। सभी जीव अपने वातावरण के साथ एक विशिष्ट तंत्र का निर्माण करते हैं, जिसे पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं। जीवों और वातावरण के इस संबंध को पारिस्थितिकी कहा जाता है।

अपने टैंक को साफ करना और अपना पानी बदलना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सब कुछ साफ करता है जिसे आप नहीं देख सकते हैं जो आपकी मछली के लिए हानिकारक हो सकता है। महीने में कम से कम एक बार आपको टैंक के किनारों से अतिरिक्त शैवाल को हटाने के लिए बजरी और एक स्पंज या खुरचनी को साफ करने के लिए एक मछलीघर वैक्यूम का उपयोग करना चाहिए।

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तालाब भी एक पारिस्थितिक तंत्र है इसलिए इसकी सफाई आवश्यक नहीं है क्योंकि वहां पर उपस्थित जीव जंतु अपने आप ही इस तालाब की सफाई का काम करते हैं यह पूरा एक प्रक्रिया है जो की निरंतर चलती रहती है यह एक तरह का इको सिस्टम डिजाइन करती है अतः में तालाब को साफ करने की आवश्यकता नहीं होती है उसमें देने वाले जीव जंतु ही इस प्रक्रिया को कर लेते हैं



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