1.

Write a thought about hindi diwas​

Answer»

निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषा को मूल, बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को शूल।— भारतेन्दु हरिश्चन्द्रहिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता। पंडित गोविंद बल्लभ पंत



Discussion

No Comment Found