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    				| 1. | यदि जन्तु के रक्त में से प्लाज्मा एवं लाल रक्त कण निकाल दिए जाए तो जन्तु की शारीरिक क्रिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा? | 
| Answer» रुधिर का 2/3 भाग तरल प्लाज्मा होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के रुधिराणु तैरते रहते हैं। रुधिर के प्लाज्मा में मुख्य रूप से अम्ल, प्रोटीन्स, लवण एवं ग्लूकोज रहते हैं। रुधिर में से प्लाज्मा निकाल देने पर शरीर के भीतर रुधिर का परिभ्रमण नहीं हो सकेगा तथा इसमें उपस्थित सभी पोषक पदार्थ शरीर के विभिन्न अंगों को प्राप्त नहीं हो सकेंगे। प्लाज्मा में हॉर्मोन्स, एन्जाइम्स, उत्सर्जी पदार्थ तथा एण्टीटॉक्सिन भी घुले रहते हैं। प्लाज्मा को रक्त में से निकाल देने पर हॉर्मोन्स के अभाव में कुछ मेटोबोलिक क्रियाएँ रुक जाएगी। जीवाणु एवं विषाणुओं द्वारा उत्पन्न विषों को एण्टीटॉक्सिन निष्क्रिय कर देते हैं। प्लाज्मा में कैल्शियम के लवण भी घुले होते हैं जो रुधिर का थक्का बनाने में सहायता करते हैं। अतः रुधिर में से प्लाज्मा निकाल देने पर रुधिर का थक्का नहीं बन पायेगा। रुधिर लाल कणों के माध्यम से कोशिकाओं को ऑक्सीजन प्राप्त होती रहती है जो जीवों के जीवन के लिए अत्यावश्यक है। अत: लाल रुधिर कणिकाओं के रुधिर में से निकल जाने से ऑक्सीजन की प्राप्ति न होने से जीव की मृत्यु हो जायेगी। | |