1.

“यह फुरसत का काम है, इसलिए जिनके पास कुछ और करने को नहीं होता, वे इसे बड़ी खूबी से करते हैं।” 

Answer»

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘निन्दा रस’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक हरिशंकर परसाई हैं।।
संदर्भ : लेखक बता रहे हैं कि जिन लोगों के पास कोई काम नहीं होता वे झूठी खबरे फैलाने का काम करते हैं।
स्पष्टीकरण : परसाई जी कह रहे हैं कि आजकल निन्दकों के भी संघ बन गए हैं। संघ के सदस्य जहाँ तहाँ से खबरे लाते हैं और अपने संघ के प्रधान को सौंपते हैं। संघ का प्रधान इसमें नमक मिर्च लगाकार दूसरों को बाँटने का काम करता है। लेखक कहते हैं- यह फुरसत का काम है, इसलिए जिनके पास कुछ और करने को नहीं होता, वे इसे बड़ी खूबी से करते हैं।



Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions