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यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोटें दी गई हैं। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों के सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे विजयी घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।(ख)फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गयी थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।(ग) अमेरिका के हर प्रान्त में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 ई. के चुनाव में फ्लोरिडा प्रान्त के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।

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(क) यदि चुनाव अधिकारी द्वारा की गयी गड़बड़ी न्यायालय में प्रमाणित हो जाती है तो उस चुनाव को अवैध घोषित कर दिया जाना चाहिए और उस चुनाव को दोबारा कराया जाना चाहिए। भारत में मतगणना के दौरान धाँधली सम्भव नहीं है क्योंकि मतगणना के दौरान उम्मीदवार अथवा उनके प्रतिनिधि मतगणना केन्द्र पर उपस्थित रहते हैं और मतगणना उनके सामने होती है।

(ख) चुनाव से पूर्व किसी प्रत्याशी के विरोध हेतु धमकी भरा परचा निकालना और एक समुदाय को भयभीत करना निश्चित रूप से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इस परचे को जारी करने वाले व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल का पता लगा करके उसे दण्डित किया जाना चाहिए। क्योंकि चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिए धमकी देना लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के विरुद्ध है।

(ग) चूँकि, संयुक्त-राज्य अमेरिका के प्रत्येक राज्य को अपने चुनाव-संबंधी कानून बनाने का अधिकार है, फ्लोरिडा राज्य द्वारा लिया गया निर्णय उस राज्य के चुनाव के कानूनों के अनुकूल होगा। यदि ऐसा है तो किसी को भी ऐसे निर्णय को चुनौती देने का अधिकार नहीं होता। भारत में चूंकि राज्यों को अपने अलग चुनाव-सम्बन्धी कानून बनाने का अधिकार नहीं है, यहाँ पर ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकती।



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