1.

‘युगवाणी’ कविता की भाषागत विशेषताएँ लिखिए।’

Answer»

‘सुमन’ जी की भाषा जनजीवन के समीप सरल तथा व्यावहारिक भाषा है। छायावादी रचनाओं की भाषा अलंकरण, दृढ़ता, अस्पष्टता आदि आपकी रचनाओं में नहीं है। इसके विपरीत स्पष्टता और सरलता है।‘युगवाणी’ कविता में जनसाधारण में प्रस्तुत होने वाली भाषा का प्रयोग हुआ है। भाषा में उर्दू शब्दों को पर्याप्त प्रश्रय मिला है। सुमनजी ने अनेक नये शब्दों का निर्माण भी किया है, जिन्हें हम तीन भागों में बाँट सकते हैं—

  • नवीन सन्धि शब्द
  • सरल सामाजिक योजना
  • देशज शब्द भाषा को प्रभविष्णु बनाने के लिए सुमनजी ने पुनरुक्ति को अपनाया है।


Discussion

No Comment Found