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यूमथांग के रास्ते में दोनों और बिखरे असीम सौंदर्य को देखकर लेखिका एवं अन्य सैलानियों की प्रतिक्रिया किस प्रकार अलग थी |
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Answer» गंतोक से युमथांग जाते समय रास्ते के दोनों किनारों पर असीम सौंदर्य बिखरा था। इस सौंदर्य को देखकर अन्य सैलानी झूमने लगे और सुहाना सफ़र और ये मौसम हँसी…। ' गीत गाने लगे, पर लेखिका की प्रतिक्रिया इससे हटकर ही थी। वह किसी ऋषि की भाँति शांत होकर सारे परिदृश्य को अपने भीतर समेट लेना चाहती थी। |
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