Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

गोबर का सर्वोत्तम उपयोग क्या है?

Answer»

गोबर से बायो गैस बनाना गोबर का सर्वोत्तम उपयोग है। इस प्रक्रिया में अवशिष्ट पदार्थ को। खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

2.

घर के समस्त कचरे को किस स्थान पर एकत्र करना चाहिए?(क) घर के किसी कोने में(ख) कचरापात्र में(ग) सड़क पर(घ) पड़ोसियों के घर के सामने

Answer»

सही विकल्प है (ख) कचरापात्र में

3.

कूड़े-कचरे के निस्तारण के हानि-रहित उपाय कौन-कौन से हैं?

Answer»

कूड़े-कचरे के निस्तारण के हानि-रहित उपाय हैं

(i) छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग
(ii) कूड़े से खाद बनाना

4.

घरेलू कचरे की समस्या के पूर्ण समाधान का उपाये क्या है?(क) घर में कचरा न फैलने दें।(ख) कचरे को घर से निकालने की समुचित व्यवस्था करें(ग) सभी घरों से निकलने वाले कचरे को नष्ट करने के उपाय करें(घ) उपर्युक्त सभी उपाय आवश्यक हैं।

Answer»

सही विकल्प है (घ) उपर्युक्त सभी उपाय आवश्यक हैं।

5.

कूड़े को जलाने का क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है?

Answer»

कूड़े को जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है।

6.

कूड़े-करकट के निस्तारण की मुख्य विधियों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

(i) कूड़े को जलाकर नष्ट करना
(ii) जलस्रोतों में प्रवाहित करना
(iii) कूड़े से गड्ढों को पाटना
(iv) छंटाई द्वारा कूड़े का उपयोग 
(v) खाद बनाना

7.

नगर के कचरे को ठिकाने लगाने का हानिरहित उपाय निम्नलिखित में से क्या है?(क) कचरे को जला देना।(ख) कचरे को जल-स्रोत में बहा देना(ग) कचरे को खुले मैदान में डाल देना(घ) कचरे से खाद बना लेना।

Answer»

सही विकल्प है (घ) कचरे से खाद बना लेना।

8.

कचरा प्रबन्धन के लिए सर्वप्रथम क्या उपाय किया जाना चाहिए?

Answer»

कचरा प्रबन्धन के लिए सर्वप्रथम कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

9.

घर में कचरा रहने से क्या हानियाँ हो सकती हैं?

Answer»

घर में कचरा रहने से गन्दगी बढ़ती है तथा विभिन्न रोगाणु पनपते हैं। इससे गृहसज्जा धूमिल पड़ जाती है।

10.

घर की सफाई एवं सजावट के लिए कचरा प्रबन्धन की आवश्यकता को स्पष्ट करें।

Answer»

घर की सफाई तथा कचरा प्रबन्धन

प्रत्येक परिवार उत्तम स्वास्थ्य एवं गृह सज्जा के लिए नियमित सफाई को अति आवश्यक मानता है। घर की सफाई का अर्थ है-घर में गन्दगी तथा कूड़े-करकट का अभाव होना। उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अति आवश्यक है कि घर में कूड़ा-करकट अधिक फैले ही नहीं तथा हमें पूरे घर में जहाँ-तहाँ बिखरने वाले कूड़े-कचरे को साथ ही साथ कूड़ेदानों या डिब्बों आदि में डालते रहना चाहिए। विभिन्न कूड़ेदानों एवं डिब्बों में एकत्र हुए कूड़े-कचरे को एक मुख्य कूड़ेदान में डाल देना चाहिए तथा वहाँ से घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया द्वारा घर की सफाई तथा सजावट के लिए कूड़े-कचरे का उचित प्रबन्धन हो जाता है।

11.

अपशिष्ट ( कचरा ) प्रबन्धन से क्या आशय है? कचरा प्रबन्धन की प्रक्रिया का विवरण दीजिए।याघरेलू कूड़े-कचरे के व्यवस्थित प्रबन्धन के लिए घर में क्या-क्या उपाय किये जाने चाहिए। प्रक्रिया का क्रमिक वर्णन कीजिए।

Answer»

अपशिष्ट (कचरा) प्रबन्धन का अर्थ एवं आवश्यकता

घर को हर प्रकार से साफ एवं स्वच्छ रखना अनिवार्य है। घर पर अनेक कार्य किए जाते हैं, जिनके परिणामस्वरूप घर में लगातार कूड़ा या कचरा (अपशिष्ट पदार्थ) एकत्र होता रहता है। भोजन बनाने के लिए सब्जी को काटना-छीलना पड़ता है। आटे को छाना जाता है तथा चोकर अलग किया जाता है। पके हुए भोजन की भी जूठन बचती है। इसके अतिरिक्त धूल-मिट्टी भी घर में हवा आने-जाने वालों के पैरों के साथ आती रहती है। इसके साथ-साथ छोटे बच्चों द्वारा घर में जहाँ-तहाँ मल-मूत्र त्याग देने से भी गंदगी में तथा कूड़े में वृद्धि हो जाती है। अतः स्पष्ट है कि घर में विभिन्न प्रकार का कूड़ा नित्य ही एकत्रित होता रहता है। यह कूड़ा हमारे लिए एक समस्या बन जाता है। जहाँ एक ओर इससे गंदगी होती है तथा दुर्गन्ध आती है, वहीं साथ-साथ कूड़े पर मक्खी तथा मच्छर भी पलते रहते हैं। अतः इस कूड़े को घर से प्रतिदिन बाहर निकालना अति आवश्यक है। घर से कूड़े के विसर्जन के उचित ढंग का ज्ञान होना भी अति आवश्यक है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अपशिष्ट (कचरा) या कूड़े-करकट का व्यवस्थित प्रबन्धन अति आवश्यक कार्य है।
 
अपशिष्ट ( कचरा ) प्रबन्धन की प्रक्रिया

उपर्युक्त वर्णित परिचय से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य एवं सफाई के लिए कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। इस उद्देश्य के लिए घर की गृहिणी तथा अन्य सदस्यों को निरंतर ध्यान रखना चाहिए तथा बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में कूड़ा-करकट कम-से-कम फैले। इसके लिए घर में जहाँ-जहाँ आवश्यक हो, वहाँ पर कूड़ेदान रख देने चाहिए। मुख्य रूप से रसोईघर में कोई खाली डिब्बा अथवा ढक्कनदार बाल्टी अवश्य रखनी चाहिए। रसोईघर का सारा कूड़ा अर्थात् सब्जियों के छिलके, भोजन की जूठन तथा चोकर आदि को हाथ-के-हाथ ही इस डिब्बे में डाल देना चाहिए। रसोईघर के अतिरिक्त बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे या स्थान पर भी एक टोकरी या ट्रे रख देनी चाहिए। बच्चों को चाहिए कि वे अपने फटे हुए कागज तथा कतरनें आदि को इसी टोकरी में फेंकें। इस प्रकार की व्यॆवस्था कर देने से पूरे घर में कूड़ा नहीं फैलेगा।

उपर्युक्त व्यवस्था के अतिरिक्त एक मुख्य कूड़ेदान की भी व्यवस्था होनी चाहिए। यह लोहे का ढोल-सा होता है। इसे मुख्य द्वार के निकट अथवा सीढ़ियों के नीचे कहीं रखना चाहिए। जब घर की सफाई हो तथा झाडू लगाई जाए तो जो कूड़ा निकले उसे सीधे ही इस मुख्य कूड़ेदान में डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त घर में अन्य स्थानों पर रखे गए डिब्बों अथवा टोकरी के कूड़े को भी समय-समय पर मुख्य कूड़ेदान में डालते रहना चाहिए। यह मुख्य कूड़ेदान भी ढक्कनदार होना चाहिए। ध्यान रहे कि इस कूड़ेदान में पानी नहीं भरना चाहिए। गंदे पानी के निकास की व्यवस्था अलग से करनी चाहिए। कूड़ेदान में तथा उसके आस-पास समय-समय पर चूना डालते रहना चाहिए, जिससे गंदगी में उत्पन्न होने वाले कीटाणु भी मरते रहते हैं। आधुनिक मान्यताओं के अनुसार गीले कूड़े तथा सूखे कूड़े को एकत्र करने के लिए अलग-अलग कूड़ेदान रखने चाहिए।

अब प्रश्न उठता है कि इस मुख्य कूड़ेदाने का कूड़ा घर से बाहर कैसे विसर्जित किया जाए? सामान्य रूप से नगरों में घरों पर नित्य ही मेहतर आया करते हैं। मेहतर इस कूड़े को अपनी ठेली द्वारा अथवा टोकरी द्वारा उठाकर ले जाते हैं तथा सार्वजनिक खत्ते पर पहुँचा देते हैं। यदि किसी स्थान पर मेहतर की सुविधा न हो तो स्वयं ही कूड़े को घर से बाहर निकालना पड़ता है। इस स्थिति में ध्यान देना पड़ता है कि यदि गली अथवा सड़क की सफाई नित्य होती है तथा वहाँ से कूड़ा उठा ले जाने की सही व्यवस्था है तो उस स्थिति में हम अपने घर का कूड़ा घर से बाहर निर्धारित स्थान पर डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान रखने योग्य मुख्य बात यह है कि हम अपने घर को कूड़ा समय से पहले ही घर से बाहर निकाल दें, जब सड़क की सफाई होती है। यदि हम सड़क की सफाई होने के बाद घर का कूड़ा बाहर फेंकते हैं तो वह अगले दिन सुबह तक वहीं पड़ा रहेगा तथा हवा आदि से फैलता रहेगा। यह . अनुचित है। यदि सड़क पर किसी सार्वजनिक कूड़ेदान की व्यवस्था है तो हमें चाहिए कि हम अपने घर का कूड़ा अनिवार्य रूप से उसी सार्वजनिक कूड़ेदान में ही डालें। गली अथवा सड़क को स्वच्छ रखना भी हमारा कर्तव्य है। कहीं-कहीं नगरपालिका की गाड़ियाँ कूड़ा ढोने का कार्य करती हैं। ऐसी स्थिति में हमें ध्यान रखना चाहिए कि जब कूड़े की गाड़ी आये, तभी अपने घर का कूड़ा उसमें डाल दें।

उपर्युक्त विवरण द्वारा घर के साधारण कूड़े को घर से बाहर निकालने का उपाय स्पष्ट होता है। इसके अतिरिक्त कुछ घरों में गाय, भैंस अथवा मुर्गियाँ भी पाली जाती हैं। इन पशुओं के कारण घर में अतिरिक्त कूड़ा भी एकत्रित होता रहता है, जिसे बाहर निकालने की व्यवस्था अनिवार्य है। गाय के गोबर के उपले आदि पथवा देने चाहिए। अन्य अवशेषों को घर से दूर खाली स्थान पर गड्ढे में डालते रहना चाहिए, जहाँ इससे खाद बनती रहती है। घर पर पशु होने पर घर की सफाई का सामान्य से अधिक ध्यान रखना चाहिए तथा सफाई पर अधिक मेहनत करनी चाहिए। पशुओं के स्थान को समय-समय पर किसी कीटनाशक दवा से धुलवाते रहना चाहिए। इस प्रकार स्पष्ट है कि घर की सफाई हेतु कूड़ा-करकट के विसर्जन के लिए निरन्तर प्रयास करने चाहिए तथा इस ओर कभी भी लापरवाही नहीं दिखानी चाहिए।
 
कचरा प्रबन्धन के लिए कचरा प्रबन्धन अधिनियम है। जिसके अन्तर्गत स्थानीय संस्थाओं के साथ-ही-साथ कचरा उत्पन्न करने वालों की भी जिम्मेदारी निर्धारित की गयी है। जो संस्थान कचरा जेनेरेट करते हैं उन्हें भी अपना कचरा वापस लेकर रिसाइकिल करना होगा।