InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
दिए गये सिलिकॉन डायोड के लिये अमीटर का पाठ्यांक होगा : A. 11.5 mAB. 13.5C. 0D. 15 mA. |
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Answer» Correct Answer - A सिलिकॉन डायोड के लिये अवरोधी विभव 0.7 V होता है। अतः `I=(3-0.7)/(200)=0.0115A=11.5mA.` |
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| 52. |
p - n सन्धि डायोड का पश्चदिशिक परिपथ बनाइए। चित्र में दिखाए गए परिपथ में प्रतिरोध 10 ओम में होकर बहने वाली धारा का मान ज्ञात कीजिए। दिया है कि डायोड का प्राचीर विभव 0.7 V वोल्ट है। |
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Answer» `V_(eff)=5-0.7=4.3` वोल्ट `i=(4.3V)/(10 Omega)=0.43 A.` |
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| 53. |
सन्धि डायोड को आदर्श मानकर विचार कीजिए। AB में प्रवाहित धारा का मान है : A. `0 A`B. `10^(-2)` AC. `10^(-1)` AD. `10^(-3)` A |
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Answer» Correct Answer - B `V_(A)-V_(B)=iR` `4+6=I xx 10^(3)` अथवा `i=10^(-2) A.` |
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| 54. |
सिलिकॉन डायोड में सन्धि विभव का मान होता है :A. 0.2 वोल्टB. 0.4 वोल्टC. 0.3 वोल्ट D. 0.6 वोल्ट |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 55. |
यदि एक p - n सन्धि पर 10 V का के वर्ग निवेश संकेत लगाया गया है तब `R _(L )` के सिरों पर निर्गत होगा : A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - C p - n सन्धि डायोड से केवल धनात्मक वोल्टेज निर्गत होगा। अतः विकल्प (c ) सही है। |
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| 56. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक ट्रांजिस्टर का धारा लाभ 5.0 है। यदि इसके आधार धारा का मान 0.4 mA हो, तो उत्सर्जक धारा का मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» उभयनिष्ठ-उत्सर्जक व्यवस्था में धारा-लाभ की परिभाषा के अनुसार, `beta (ac)=(i_(C))/(i_(B))` `therefore i_(C)=betaxxi_(B)=5.0xx0.4` मिलीऐम्पियर = 2.0 मिलीऐम्पियर । उत्सर्जक-धारा, आधार-धारा तथा संग्राहक-धारा के योग के बराबर होती है : `i_(E)=i_(B)=i_(C)=0.4 +2.0 =2.4mA.` |
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| 57. |
उभयनिष्ठ आधार परिपथ में किसी ट्रांजिस्टर का धारा लाभ 0.98 है। यदि उत्सर्जक धारा में 5.0 मिलीऐम्पियर का परिवर्तन हो तो संग्राहक धारा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - `Deltai_(C)=alpha Deltai_(E)=4.9`मिलीऐम्पियर । | |
| 58. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक विन्यास में n - p - n ट्रांजिस्टर को जोड़कर, संग्राहक-उतसर्जक वोल्टेज 2 वोल्ट पर, आधार-धारा को 100 ` muA ` से 200 `mu A ` करने पर संग्राहक-धारा 9.0 mA से 16.5 mA हो जाती है। धारा-लाभ `beta ` ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - 75 | |
| 59. |
ट्रान्जिस्टर किसे कहते हैं ? n-p-n ट्रान्जिस्टर तथा p-n-p ट्रान्जिस्टर को समझाइये। |
| Answer» Correct Answer - एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति जिसमें p - टाइप अर्द्धचालक की एक महीन तराश दो n - टाइप अर्द्धचालक के गुटकों के बीच दबी होती है । | |
| 60. |
(i ) एक n - p - n ट्रांजिस्टर में `10 ^(-6 ) ` सेकण्ड में `10 ^(10 ) ` इलेक्ट्रॉन उत्सर्जक में प्रवेश करते है। `2 % ` इलेक्ट्रॉन आधार में क्षय हो जाते है। उत्सर्जक-धारा `(i _(E ))` तथा आधार-धारा `(i _(B ))` के मान ज्ञात कीजिए। (`e=1.6xx10^(-19)` कूलॉम) (ii ) धारा-परिणमन अनुपात `alpha ` (current transfer ratio ) तथा धारा-प्रवर्धन गुणक `beta ` (current amplification factor ) की भी गणना कीजिए। |
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Answer» (i ) वैधुत धारा आवेश के परवाह की दर `(i = q // t )` है। चूँकि उत्सर्जक में `10 ^(-6 )` सेकण्ड में `10 ^(10 )` इलेक्ट्रॉन प्रवेश करते है, अतः उत्सर्जक-धारा `i_(E)=(10^(10)xx(1.6xx10^(-19)"कूलॉम"))/(10^(-6)"सेकण्ड")` `=1.6xx10^(-3)` ऐम्पियर `=1.6` मिलीऐम्पियर। आधार-धारा, उत्सर्जक-धारा का `2 % ` है अर्थात `i_(B)=i_(E)` का `2%=1.6xx(2)/(100)=0.032` मिलीऐम्पियर। (ii ) ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक -धारा `i _(E )`, आधार-धारा `i _(B )` तथा संग्राहक - धारा `i _(C ) ` के योग के बराबर होती है अर्थात `i_(E)=i_(B)+i_(C).` `therefore i_(C)=i_(E)-i_(B)=1.6-0.032=1.568` मिलीऐम्पियर। धारा-परिणमन अनुपात `alpha=(i_(C))/(i_(E))=(1.568)/(1.6)=0.98,` धारा-प्रवर्धन गुणक `beta=(i_(C))/(i_(B))=(1.568)/(0.032)=49.` |
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| 61. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक विन्यास में एक ट्रांजिस्टर का धारा-लाभ 50 है। आधार-धारा में 50 `mu A ` का परिवर्तन होने पर संग्राहक-धारा में कितना परिवर्तन होगा ? उत्सर्जक-धारा में कितना ? |
| Answer» Correct Answer - 2.50 mA, 2.55 mA. | |
| 62. |
ट्रांजिस्टर की रचना में समान्यतया प्रयुक्त होने वाले किन्हीं दो पदार्थों के नाम लिखिए। |
| Answer» Correct Answer - जर्मेनियम, सिलिकॉन । | |
| 63. |
एक ट्रांजिस्टर परिपथ में संग्राहक-धारा 13.4 मिलीऐम्पियर (mA ) तथा आधार-धारा 150 माइक्रोएम्पीयर ` (mu A ) ` है। परिपथ में उत्सर्जक-धारा की गणना कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - 13.55 mA | |
| 64. |
एक ट्रांजिस्टर की आधार-धारा `100 mu A ` और संग्राहक-धारा 2.15 mA है। `beta ` का मान होगा :A. 21.5B. 0.0465C. `2.15xx10^(5)`D. 10 |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 65. |
एक ट्रांजिस्टर में :A. उत्सर्जक के अपद्रव्य का सांद्रण न्यूनतम होता है।B. संग्राहक के अपद्रव्य का सांद्रण न्यूनतम होता हैC. आधार के अपद्रव्य का सांद्रण न्यूनतम होता हैD. तीन क्षेत्रों के अपद्रव्य का सांद्रण समान होता है। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 66. |
धारा लाभ `beta = 19 ` वाले एक ट्रांजिस्टर की उभयनिष्ठ-उत्सर्जक व्यवस्था में, यदि आधार-धारा में 0.4 mA का परिवर्तन किया जाये, तो संग्राहक-धारा में परिवर्तन होगा :A. 7.6 mAB. 4.75 mAC. 1.31 mAD. 0.21 mA. |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 67. |
किसी उभयनिष्ठ -उत्सर्जक ट्रांजिस्टर प्रवर्धक में, संग्राहक के सिरों के बीच श्रव्य-संकेत वोल्टता 3 V है। संग्राहक का प्रतिरोध `3 k Omega ` है। यदि धारा-लब्धि 100 तथा आधार का प्रतिरोध `2 k Omega ` है तो, प्रवर्धक की वोल्टता-लब्धि तथा शक्ति-लब्धि के मान क्रमशः होंगे :A. 15 और 200B. 150 और 15000C. 20 और 2000D. 200 और 1000. |
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Answer» Correct Answer - B धारा-लब्धि, `beta = 100 ` वोल्टता-लब्धि, `A_(V)=betaxx(R_(L))/(R_("in"))=100((3kOmega)/(2kOmega))=150.` शक्ति-लब्धि= धारा-लब्धि `xx ` वोल्टता-लब्धि `=100xx150=15000.` |
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| 68. |
A व B के बीच दिए गए परिपथ का तुल्य प्रतिरोध है : A. `4 Omega`B. `13 Omega`C. `15 Omega`D. `0 Omega` . |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 69. |
एक सिलिकॉन ट्रांजिस्टर का निवेशी प्रतिरोध `665 Omega ` है। इसकी आधार-धारा में `15 mu A ` के परिवर्तन से संग्राहक-धारा में `2mA ` का परिवर्तन हो जाता है। इसे `5 k Omega ` लोड के साथ उभयनिष्ठ - उत्सर्जक प्रवर्धक की तरह प्रयोग करने पर वोल्टेज-लाभ कितना होगा ? |
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Answer» उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक का AC धारा-लाभ `beta(a.c.)=(Deltai_(C))/(Deltai_(B)).` प्रश्नानुसार, `Deltai_(C)=2mA=2xx10^(-3)A` तथा `Deltai_(B)=15muA=15xx10^(-6)A.` `therefore beta=(2xx10^(-3)A)/(15xx10^(-6)A)=133.3` अब, उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक का वोल्टेज-लाभ `A_(V)=betaxx(R_("out"))/(R_("in")).` यहाँ `R_("out")=R_(L)=5k Omega=5000Omega` तथा `R_("in")=665Omega` `therefore A_(v)=133.3xx(5000 Omega)/(665 Omega)=1000.` |
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| 70. |
एक ट्रांजिस्टर परिपथ की उत्सर्जक-धारा में 1.8 मिलीऐम्पियर का परिवर्तन करने पर संग्राहक-धारा में 1.6 मिलीऐम्पियर का परिवर्तन होता है। इसके लिए परिपथ की आधार-धारा में परिवर्तन का मान ज्ञात कीजिए। |
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Answer» `Deltai_(B)=Deltai_(E)-Deltai_(c)=1.8 " मिलीऐम्पियर"-1.6" मिलीऐम्पियर"` `=0.2` मिलीऐम्पियर। |
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| 71. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक के लिए धारा-लाभ 59 है। यदि उत्सर्जक धारा 6.0 mA हो तब आधार धारा ज्ञात कीजिए। |
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Answer» `beta=(i_(C))/(i_(B))-(i_(E)-i_(B))/(i_(B))` अतः `59=(6mA-i_(B))/(i_(B))rArr i_(B)=(6mA)/(60)=0.1mA. ` |
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| 72. |
एक उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में आधार-धारा में 50 माइक्रोएम्पीयर की वृद्धि होने पर संग्राहक-धारा में 1.0 मिलीऐम्पियर की वृद्धि होती है। धारा-लाभ `beta ` की गणना कीजिए। उत्सर्जक-धारा में परिवर्तन भी ज्ञात कीजिए। `beta ` के प्राप्त मान से `alpha ` की गणना कीजिए। |
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Answer» परिभाषा से, उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में धारा-लाभ `beta=(Delta i_(C))/(Delta i_(B))=(1.0xx10^(-3)"ऐम्पियर")/(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")=20.` उत्सर्जक-धारा, आधार-धारा तथा संग्राहक-धारा का योग होती है : `i_(E)=i_(B)+i_(C)` `therefore Deltai_(E)=Deltai_(B)+Deltai_(C)=(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")+(1.0xx10^(-3)"ऐम्पियर")` `=(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")+(1000xx10^(-6)"ऐम्पियर")` `=1050xx10^(-6) `ऐम्पियर `=1.05` मिलीऐम्पियर (mA)। अब `alpha =(beta)/(1+beta)=(20)/(1+20)=(20)/(21)=0.95.` |
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| 73. |
एक n - p - n ट्रांजिस्टर में संग्राहक - धारा 10 mA है। यदि इलेक्ट्रॉनों में से `90 % ` संग्राहक पर पहुँचते हैं तो :A. उत्सर्जक - धारा 9 mA होगीB. उत्सर्जक - धारा 10 mA होगीC. उत्सर्जक - धारा 1 mA होगीD. उत्सर्जक - धारा 11 mA होगी । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 74. |
एक n - p - n ट्रांजिस्टर में संग्राहक धारा 24 mA है। यदि संग्राहक की ओर `80 % ` इलेक्ट्रॉन पहुँचते हों, तो आधार धारा है :A. 3 mAB. 16 mAC. 6 mAD. 36 mA. |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 75. |
उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में धारा-लाभ `beta =?`A. `Delta i_(C)//Delta i_(E)`B. `Delta i_(C)//Delta i_(B)`C. `Delta i_(E)//Delta i_(B)`D. `Delta i_(E)//Delta i_(C).` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 76. |
n - p - n ट्रांजिस्टर से बनाये हुए एक उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक परिपथ में निवेशित तथा निर्गत विभवों के बीच कलान्तर का मान होगा :A. `180^(@)`B. `45^(@)`C. `90^(@)`D. `135^(@)` |
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Answer» Correct Answer - A उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में, निर्गत वोल्टेज सिग्नल तथा निवेशी वोल्टेज सिग्नल में `180 ^(@ )` का कलान्तर होता है। |
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| 77. |
किसी CE (उभयनिष्ठ उत्सर्जक) प्रवर्धक की वोल्टता-लब्धि 150 है। इसका निवेश सिग्नल ( संकेत), `V _(i ) =2 cos (15 t + (pi )/(3 ) ) ` है, तो संगत निर्गत सिग्नल होगा :A. `75cos(15t+(2pi)/(3))`B. `2cos(15t+(5pi)/(6))`C. `300cos(15t+(4pi)/(3))`D. `300cos(15t+(pi)/(3))`. |
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Answer» Correct Answer - C निवेशी सिग्नल, `V_("in")=2cos(15t+(pi)/(3))` वोल्टता-लब्धि, `A _(V ) =150 ` उभयनिष्ठ उत्सर्जक प्रवर्धक निवेशी तथा निर्गत सिग्नल में `pi ` का कलांतर उत्पन्न करता है। `A_(V)=(V_(0))/(V_("in"))` अतः निर्गत सिग्नल, `V_(0)=A_(V)V_("in")` `=150xx2cos(15t+(pi)/(3)+pi)` `=300cos(15t+(4pi)/(3)).` |
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| 78. |
एक p - n संधि डायोड का अग्र-अभिनत में प्रतिरोध 10 ओम है। यदि अग्र वोल्टेज में 0.025 वोल्ट का परिवर्तन करे तो डायोड धारा में कितना परिवर्तन होगा? |
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Answer» संधि डायोड का अग्र प्रतिरोध , `R=(Delta V)/(Delta i)` अथवा `Delta i=(Delta V)/(R)=(0.025 "वोल्ट")/(10"ओम")=0.0025` ऐम्पियर `=2.5` मिलीऐम्पियर । |
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| 79. |
दिये गए परिपथ आरेख में, निवेश वोल्टता `(V _(i )) 20 V , V _(BE ) =0 ` तथा `V _(CE ) = 0 ` है। `I _(B ), I _(C ) ` तथा `beta ` के मान होंगे : A. `I_(B)=40muA, I_(C)=10mA, beta=250`B. `I_(B)=40muA, I_(C)=5mA, beta=125`C. `I_(B)=20muA, I_(C)=5mA, beta=250`D. `I_(B)=25muA, I_(C)=5mA, beta=200` |
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Answer» Correct Answer - B `V_(i)=i_(B)R_(B)+V_(BE)` `20=i_(B)xx(500xx10^(3))=0` `i_(B)=(20)/(500xx10^(3))=40 mu A` `V_(C C)=i_(C)R_(C)+V_(CE)` `20=i_(C)xx(4xx10^(3))+0` `i_(C)=(20)/(4xx10^(3))=5mA` `beta =(i_(C))/(i_(B))=(5xx10^(-3))/(40xx10^(-6))=125.` |
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| 80. |
किन्ही दो गुणों से एक चालक तथा एक अर्द्धचालक का भेद बताइए। |
| Answer» Correct Answer - अर्द्धचालक की वैधुत चालकता कम तथा प्रतिरोध ताप-गुणांक ऋणात्मक । | |
| 81. |
किसी उभयनिष्ठ-उत्सर्जक (CE ) प्रवर्धक में संग्राहक प्रतिरोध `2 k Omega ` है। इसके सिरों के बीच श्रव्य-संकेत वोल्टता 4 V है। यदि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धक गुणांक 100 तथा आधार प्रतिरोध `1 k Omega ` हो, तो निवेशी संकेत वोल्टता का मान है :A. 15 mVB. 10 mVC. 20 mVD. 30 mV. |
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Answer» Correct Answer - C उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में वोल्टेज प्रवर्धन, `A_(V)=beta(R_("out"))/(R_("in"))=100xx(2k Omega)/(1 k Omega)=200.` `A_(V)=(V_("out"))/(V_("in")) therefore V_("in")=(V_("out"))/(A_(V))=(4)/(200)=0.02V=20mV.` |
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| 82. |
एक ट्रांजिस्टर के आधार-धारा में `25 mu A ` का परिवर्तन करने पर संग्राहक-धारा में 0.55 mA का परिवर्तन होता है। `beta _(ac)` का मान होगा :A. 22B. 0.045C. 20D. 0.09. |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 83. |
ट्रांजिस्टर की रचना में प्रयुक्त सर्वाधिक सामान्य पदार्थ है :A. ताँबाB. सिलिकॉनC. एबोनाइटD. चाँदी । |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 84. |
अर्द्ध तरंग दिष्टकारी में यदि निवेशी आवृति 50 Hz है तो निर्गत आवृति क्या होगी? पूर्ण तरंग दिष्टकारी में इसी निवेशी आवृति के लिए निर्गत आवृत्ति कितनी होगी ? |
| Answer» Correct Answer - 50 Hz, 100 Hz. | |
| 85. |
दो समरूप p - n जंक्शनों को श्रेणीबद्ध परिपथ में जोड़ा गया है, जैसा की चित्रों में दिखाया गया है। किस परिपथ में दोनों संधियों पर विभव-पतन समान होगा ? |
| Answer» Correct Answer - परिपथ -II में। | |
| 86. |
यहाँ परिपथ में, एक डायोड D को एक बाह्य प्रतिरोध, `R = 100 Omega ` तथा 3.5 V विo वाo बल की बैटरी से जोड़ा गया है। यदि डायोड में ( दोनों क्षेत्रों की सन्धि के आर-पार) उत्पन्न रोधिका विभव 0.5 V है तो, परिपथ में धारा होगी : A. 40 mAB. 20 mAC. 35 mAD. 30 mA. |
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Answer» Correct Answer - D R के सिरों के बीच विभवान्तर, `V=3.5-0.5=3.0` वोल्ट परिपथ में धारा, `i=(V)/(R )=(3.0)/(100)=30 mA.` |
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| 87. |
दो आदर्श डायडों को परिपथ में सलग्न आरेख में दर्शाये गये अनुसार जोड़ा गया है। प्रतिरोध R में प्रवाहित धारा का मान होगा : A. 3.13 AB. 2.5 AC. 10.0 AD. 1.43 A |
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Answer» Correct Answer - B डायोड `D _(1 )` पश्च दिशिक है, अतः यह धारा को नहीं बहने देगा। डायोड `D _(2 )` अग्र दिशिक है, यह धारा बहने देगा। `therefore i=(10)/(2+2)=2.5A.` |
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| 88. |
दो आदर्श सन्धि डायोड चित्र (i ) तथा (ii ) के अनुसार जोड़े गए हैं। प्रत्येक में प्रतिरोध R में होकर प्रवाहित होने वाली धारा ज्ञात कीजिए : |
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Answer» (i ) डायोड का प्रतिरोध = 0 `therefore i=(V)/(R)=(3)/(30)=0.1A,` (अग्र दिशिक में) (ii) डायोड का प्रतिरोध `=oo` `therefore i=0` (पश्च दिशिक में) |
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| 89. |
सलग्न चित्र में दिखाये गये p - n सन्धि डायोड (D ) दिष्टकारी की तरह कार्य कर सकता है एक प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत V परिपथ में लगाया गया है। प्रतिरोध R में धारा i किससे प्रदर्शित की जा सकती है ? A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - C जब डायोड अग्र दिशिक होगा, तब धारा बहेगी। |
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| 90. |
सिलिकॉन डायोड में सन्धि विभव का मान होता है :A. 0.2 वोल्टB. 0.4 वोल्टC. 0.3 वोल्टD. 0.6 वोल्ट |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 91. |
चालन एवं संयोजी बैण्डों की ऊर्जाओं में अंतर :A. चालकों में अधिकतम होता है।B. चालकों में न्यूनतम होता है।C. अर्द्धचालकों में चालकों से कम होता है।D. कुचालकों में चालकों से कम होता है। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 92. |
किसी निज अर्द्धचालक को मादित (डेपिंग ) करने से क्या तात्पर्य है ? यह क्रिया अर्द्धचालक के चालकता को कैसे प्रभावित करती है ? |
| Answer» Correct Answer - चालकता बढ़ जाती है। | |
| 93. |
n - प्रकार के अर्द्धचालक में बहुसंख्यक तथा अल्पसंख्यक धारा-वाहकों के नाम लिखिए। |
| Answer» Correct Answer - बहुसंख्यक धारा-वाहक मुक्त इलेक्ट्रॉन तथा अल्पसंख्यक धारा-वाहक कोटर होते है। | |
| 94. |
अर्द्धचालकों की चालकता :A. ताप पर निर्भर नहीं करतीB. ताप बढ़ने पर घटती हैC. ताप बढ़ने पर बढ़ती हैD. ताप घटने पर बढ़ती है। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 95. |
अर्द्धचालक में वैधुत चालन होता है :A. कोटरों सेB. इलेक्ट्रॉनों सेC. कोटरों तथा इलेक्ट्रॉनों सेD. न कोटरों से न इलेक्ट्रॉनों से । |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 96. |
p - n संधि डायोड के अवक्षय परत में होते है :A. केवल कोटरB. केवल इलेक्ट्रॉनC. इलेक्ट्रॉन तथा कोटर दोनोंD. न इलेक्ट्रॉन न कोटर । |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 97. |
n - टाइप अर्द्धचालक में वैधुत चालन के कारण है :A. इलेक्ट्रॉनB. प्रोटॉनC. कोटरD. पॉजिट्रॉन । |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 98. |
n - टाइप का अर्द्धचालक वैधुत रूप से होता है :A. धन आवेशितB. उदासीनC. ऋण आवेशितD. इनमें से कोई नहीं । |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 99. |
एक p - टाइप अर्द्धचालक होता है :A. धनावेशितB. ऋणावेशितC. उदासीनD. धनावेशित या ऋणावेशित कोई भी। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 100. |
p - टाइप का अर्द्धचालक बनता है :A. जब एक जर्मेनियम क्रिस्टल में 3 - संयोजी अपद्रव्य पदार्थ मिलाया जाता हैB. जब एक जर्मेनियम क्रिस्टल में 5 - संयोजी अपद्रव्य पदार्थ मिलाया जाता हैC. शुद्ध जर्मेनियम सेD. शुद्ध ताँबे से । |
| Answer» Correct Answer - A | |