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    				This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | किसी नैज अर्धचालक में ऊर्जा अंतराल `E_(g)` का मान `1.2eV` है। इसकी होल गतिशीलता इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता की तुलना में काफी कम है तथा ताप पर निर्भर नहीं है। इसकी `600K` तथा `300K` पर चालकताओं का क्या अनुपात है? यह मानिए कि नैज वाहक सांद्रता `n_(i)` की ताप निर्भरता इस प्रकार व्यक्त होती है- `n_(i)=n_(0)` exp `((E_(g))/(2k_(B)T))` जहां `n_(0)` एक स्थिरांक है। | 
| Answer» Correct Answer - `1xx10^(5)` | |
| 2. | चित्र में दर्शाए गए केवल NOR गेटों से बने परिपथ की सत्यमान बनाइए दोनों परिपथों द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR,AND,NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए। | 
| Answer» Correct Answer - (a) NOT, (b) AND | |
| 3. | नीचे दिए गए चित्र में संयोजित NAND गेट संयोजित परिपथ की सत्यमान सारणी बनाए। अतः इस परिपथ द्वारा की जाने वाली यथार्थ तर्क संक्रिया का अभिनिर्धारण कीजिए। | 
| Answer» Correct Answer - NOT A, Y 0,1 1,0 | |
| 4. | जब p-n संधि पर अग्रदिशिक बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है तब यहA. विभव रोधक बढ़ाता है।B. बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।C. विभव रोधक को कम कर देता है।D. उपरोक्त में से कोई नहीं। | 
| Answer» Correct Answer - c | |
| 5. | बिना बायस P-N संधि से होल P- क्षेत्र में N- क्षेत्र की ओर विसरित होते है , क्योंकि -A. n- क्षेत्र में मुक्त इलेक्ट्रॉन उन्हें आकर्षित करते हैं।B. ये विभवांतर के कारण संधि के पार गति करते हैं।C. p-क्षेत्र में होल सांदता n- क्षेत्रों में इनकी सांद्रता से अधिक है।D. उपरोक्त सभी | 
| Answer» Correct Answer - C | |
| 6. | कोई p-n फोटोडायोड `2.8eV` बैंड अंतराल वाले अर्धचालक से संविरचित हैं क्या यह `6000nm` की तरंगदैर्ध्य का संसूचन कर सकता है? | 
| Answer» Correct Answer - नहीं (hv का मान `E_(g)` से अधकि ही है) | |
| 7. | किसी p-n संधि डायोड में धारा I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है `I=I_(0)` exp `((eV)/(2k_(B)T) - 1)` जहां `I_(0)` को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। `I` डायोड से प्रवहित धारा है `k_(B)` बोल्टजमान नियतांक `(8.6xx10^(-5)eV//K)` है तथा `T` परम ताप हैं यदि किसी दिए गए डायोड के लिए `I_(0)=5xx10^(-12)A` तथा `T=300K` है तब (a) `0.6V` अग्रदिशिक वोल्टता के लिए अग्रदिशिक धारा क्या होगी? (b) यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर `0.7V` कर दें तो धारा में कितनी वृद्धि हो जाएगी? (c) गतिक प्रतिरोध कितना है ? (d) यदि पश्चदिशिक वोल्टता को `1V` से `2V` कर दें तो धारा का मान क्या होगा? | 
| Answer» Correct Answer - (a) `0.0629A` (b) `2.97A, `(c) `0.336Omega` (d) दोनों वोल्टताओं के लिए धारा `I` का मान लगभग `I_(0)` के समान होगा इससे ज्ञात होता है कि पश्चदिशिक बायस में गतिक प्रतिरोध का मान अनंत होगा। | |
| 8. | कार्बन, सिलिकॉन और जर्मेनियम, प्रत्येक में चार संयोजक इलेक्ट्रॉन हैं। इनकी विशेषता ऊर्जा बैंड अंतराल द्वारा पृथक्कृत संयोजकता और चालान बैंड द्वारा दी गई है जो क्रमश: `(E_(g))_(C),(E_(g))_(Si)`A. `(E_(g))_(Sl)lt(E_(g))_(Ge)lg(E_(g))_(C)`B. `(E_(g))_(C)lt(E_(g))_(Ge)gt(E_(g))_(Sl)`C. `(E_(g))_(C)gt(E_(g))_(Sl)gt(E_(g))_(Ge)`D. `(E_(g))_(C)=(E_(g))_(Sl)=(E_(g))_(Ge)` | 
| Answer» Correct Answer - C | |