InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
जुताई से होता है –(क) बीजों का कम अंकुरण(ख) मृदा में कार्बनिक पदार्थ की कमी(ग) मिट्टी का कठोर होना(घ) पानी सोखने की क्षमता का बढ़ना |
|
Answer» सही विकल्प है (घ) पानी सोखने की क्षमता का बढ़ना |
|
| 2. |
खेत में खरपतवार नष्ट करने के लिए क्या-क्या कार्य करेंगे? |
|
Answer» खरपतवार नष्ट करने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए जिससे खरपतवारों की जड़े एवं कंद मृदा सतह पर आकर धूप एवं वायु से नष्ट हो सकें। |
|
| 3. |
अन्तःकर्षण क्रियाओं से आप क्या समझते हैं? |
|
Answer» प्राथमिक एवं द्वितीयक भू-परिष्करण के बाद सफल-फसल उत्पादन हेतु बीज की बुआई के बाद फसल की कटाई तक किए जाने वाले विभिन्न कार्य अन्तःकर्षण कहलाते हैं। जैसे –
|
|
| 4. |
गर्मी की जुताई का वर्णन कीजिए। |
|
Answer» गर्मी की जुताई खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले की जाती है। भीषण गर्मी के बाद गर्म आई मौसम आता है। इस समय वर्षा रुक-रुककर होती रहती है जो घास जमने को प्रोत्साहित करती है, यद्यपि फसलों को उगने के लिए उचित दशाएँ उपलब्ध नहीं होती। |
|
| 5. |
मृदा में वायु संचार कैसे बढ़ायेंगे? |
|
Answer» मृदा में वायु संचार बढ़ाने के लिए खेतों की जुताई करना व पाटा चलाना पड़ता है जिससे मृदा कण आपस में मिल जाते हैं और मृदा में पर्याप्त रंध्रावकाशः बन जाते हैं जिससे वायु संचार होता है। |
|
| 6. |
भू-परिष्करण की परिभाषा लिखिए एवं उसके प्रकार का विस्तार से वर्णन कीजिए। |
|
Answer» कृषि वैज्ञानिक वेयर के अनुसार “पौधों के अंकुरण तथा वृद्धि के लिए मृदा को उचित अवस्था प्रदान करने को भू-परिष्करण कहते हैं।” भू-परिष्करण दो प्रकार के होते हैं – (क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण (क) प्रारम्भिक भू-परिष्करण – खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें खेतों को जोतना, हैरो, कल्टीवेटर चलाना, पाटा चलाना, भूमि को समतल करना आता है। (ख) द्वितीय भू-परिष्करण – बीज बोने के बाद से लेकर फसल कटने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें द्वितीय भू-परिष्करण कहते हैं। जिसमें निराई-गुड़ाई, फसलों पर मिट्टी चढ़ाना आदि क्रियाओं को शामिल किया जाता है। |
|
| 7. |
जुताई से होने वाले लाभ लिखिए। |
|
Answer» जुताई से होने वाले लाभ- (क) मृदा में पानी सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। |
|
| 8. |
ऋतुओं के अनुसार जुताई होती है –(क) जनवरी की जुताई(ख) जून की जुताई(ग) गर्मी की जुताई(घ) सितम्बर की जुताई |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) गर्मी की जुताई |
|
| 9. |
ऋतुओं के अनुसार जुताई का वर्णन कीजिए। |
|
Answer» ऋतुओं के अनुसार जुताई तीन प्रकार की होती है- (क) गर्मी की जुताई |
|
| 10. |
भू-परिष्करण के उद्देश्य का वर्णन कीजिए। |
|
Answer» भू-परिष्करण के उद्देश्य- (क) मृदा में जल धारण क्षमता को बढ़ाना |
|
| 11. |
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –(क) फावड़े से खेत की ___ होती है। (जुताई / खुदाई)(ख) भू-परिष्करण _____ से होता है। (फसलों की कटाई / भूमि की जुताई)(ग) द्वितीय भू-परिष्करण द्वारा मृदा की जल धारण क्षमता ___ है। (बढती / घटती)(घ) गर्मी की जुताई से खेत में खरपतवार ____ जाते हैं। (घट / बढ़) |
|
Answer» (क) फावड़े से खेत की खुदाई होती है। |
|
| 12. |
प्रारम्भिक भू-परिष्करण किसे कहते हैं? |
|
Answer» खेत की तैयारी से बीज बोने तक जितने भी कृषि कार्य किए जाते हैं, उन्हें प्रारम्भिक भू-परिष्करण कहते हैं। |
|
| 13. |
भू-परिष्करण का उद्देश्य होता है –(क) मृदा में वायु संचार बढ़ाना(ख) मृदा में हानिकारक कीड़ों को बढ़ाना(ग) मृदा कटाव बढ़ाना(घ) मृदा में खरपतवारों को बढ़ाना |
|
Answer» सही विकल्प है (क) मृदा में वायु संचार बढ़ाना |
|
| 14. |
भू-परिष्करण कहते हैं –(क) अनाज को बोरे में रखने को(ख) फसलों की मड़ाई को(ग) खेतों की जुताई को(घ) फसलों की कटाई को |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) खेतों की जुताई को |
|