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151.

Dengue par vigyapan

Answer» https://images.app.goo.gl/ZdMUg9PuFWYzYLyN8????????????You\'ll have an idea from here
152.

पाठ का शीर्षक \'\'दिये जल उठे का औचित्य सीधा किजीये

Answer»
153.

Antarang ka paryay..

Answer»
154.

alkar complete defination

Answer» what a ANS
दा इंडियन वायरसमाचारराजनीतिभारतव्यापारविदेशमनोरंजनस्वास्थ्यखेलशिक्षाविज्ञानदा इंडियन वायर\xa0»\xa0भाषा\xa0»\xa0अलंकार : परिभाषा, भेद एवं उदाहरणभाषाअलंकार : परिभाषा, भेद एवं उदाहरणविषय-सूचिअलंकार की परिभाषा (definition of alankar in hindi)अलंकार के भेद (Types of Alankar)1. शब्दालंकारशब्दालंकार के भेद:1. अनुप्रास अलंकार2. यमक अलंकार3. श्लेष अलंकार\xa02. अर्थालंकारअर्थालंकार के भेद1. उपमा अलंकार2. रूपक अलंकार3. उत्प्रेक्षा अलंकार4. अतिशयोक्ति अलंकार5. मानवीकरण अलंकारअलंकार की परिभाषा (definition of alankar in hindi)काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।अलन अर्थात भूषणकर अर्थात सुसज्जित करने वालाअतः काव्यों को शब्दों व दूसरे तत्वों की मदद से सुसज्जित करने वाला ही अलंकार कहलाता है ।अलंकार के भेद (Types of Alankar)अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं :शब्दालंकारअर्थालंकार1. शब्दालंकारजो अलंकार शब्दों के माध्यम से काव्यों को अलंकृत करते हैं, वे शब्दालंकार कहलाते हैं। यानि किसी काव्य में कोई विशेष शब्द रखने से सौन्दर्य आए और कोई पर्यायवाची शब्द रखने से लुप्त हो जाये तो यह शब्दालंकार कहलाता है।शब्दालंकार के भेद:अनुप्रास अलंकारयमक अलंकारश्लेष अलंकार1. अनुप्रास अलंकारजब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।\xa0जैसे :चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ।ऊपर दिये गए उदाहरण में आप देख सकते हैं की\xa0‘च’\xa0वर्ण की आवृति हो रही है और आवृति हों से वाक्य का सौन्दर्य बढ़ रहा है। अतः यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण होगा।मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला।उपर्युक्त उदाहरण में\xa0‘म’\xa0वर्ण की आवृति हो रही है, एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के\xa0अंतर्गत आयेगा।कल कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की शुरू के तीन शब्दों में\xa0‘क’\xa0वर्ण की आवृति हो रही है, एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।कालिंदी कूल कदम्ब की डरनी।\xa0जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की\xa0‘क’\xa0वर्ण की आवृति हो रही है,\xa0एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण भी अनुप्रास आंकार के अंतर्गत आयेगा।कायर क्रूर कपूत कुचली यूँ ही मर जाते हैं।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में शुरू के चार शब्दों में\xa0‘क’\xa0वर्ण की आवृति हो रही है,\xa0एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।जे न मित्र दुख होहिं दुखारी, तिन्हहि विलोकत पातक भारी।निज दुख गिरि सम रज करि जाना, मित्रक दुख रज मेरु समाना।।ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं यहां\xa0‘द’\xa0वर्ण की बार बार आवृति हो रही है ,\xa0एवं हम जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।रघुपति राघव राजा राम।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते है हर शब्द में\xa0‘र’\xa0वर्ण की बार बार आवृति हुई है जिससे इस वाक्य की शोभा। साथ ही हम यह भी जानते हैं की जब किसी वाक्य में किसी एक वर्ण की आवृति होती है तो उस वाक्य में अनुप्रास अलंकार होता है। अतः यह वाक्य भी अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।अनुप्रास अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0अनुप्रास अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा2. यमक अलंकारजिस प्रकार अनुप्रास अलंकार में किसी एक वर्ण की आवृति होती है उसी प्रकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है। दो बार प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ अलग हो सकता है ।\xa0जैसे:काली घटा का घमंड घटा।यहाँ ‘घटा’ शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले ‘घटा’ शब्द ‘वर्षाकाल’ में उड़ने वाली ‘मेघमाला’ के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार ‘घटा’ का अर्थ है ‘कम हुआ’। अतः यहाँ यमक अलंकार है।कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।इस पद्य में\xa0‘कनक’\xa0शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ\xa0‘सोना’\xa0और दुसरे कनक का अर्थ\xa0‘धतूरा’\xa0है। अतः\xa0‘कनक’\xa0शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।माला फेरत जग गया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।\xa0ऊपर दिए गए पद्य में\xa0‘मनका’\xa0शब्द का दो बार प्रयोग किया गया है। पहली बार\xa0‘मनका’\xa0का आशय माला के मोती से है और दूसरी बार\xa0‘मनका’\xa0से आशय है मन की भावनाओ से।अतः\xa0‘मनका’\xa0शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनीजैसा की आप देख सकते हैं की ऊपर दिए गए वाक्य में\xa0‘बेनी’\xa0शब्द दो बार आया है। दोनों बार इस शब्द का अर्थ अलग है।पहली बार\xa0‘बेनी’\xa0शब्द कवि की तरफ संकेत कर रहा है। दूसरी बार\xa0‘बेनी’\xa0शब्द चोटी के बारे में बता रहा है। अतः उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार है।यमक अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0यमक अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा3. श्लेष अलंकारश्लेष अलंकार ऊपर दिये गए दोनों अलंकारों से भिन्न है । श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ होते हैं।\xa0जैसे:रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोई मानस चून।इस दोहे में\xa0रहीम\xa0ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है। पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है। रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता (पानी) होना चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है जिसके बिना मोती का कोई मूल्य नहीं।पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे (चून) से जोड़कर दर्शाया गया है। रहीम का कहना है कि जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नम्र नहीं हो सकता और मोती का मूल्य उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता है, उसी तरह मनुष्य को भी अपने व्यवहार में हमेशा पानी (विनम्रता) रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है। अतः यह उदाहरण श्लेष के अंतर्गत आएगा।जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय ।बारे\xa0उजियारो करै,\xa0बढ़े\xa0अंघेरो होय।जैसा कि आप ऊपर उदाहरण में देख सकते हैं कि रहीम जी ने दोहे के द्वारा दीये एवं कुपुत्र के चरित्र को एक जैसा दर्शाने की कोशिश की है। रहीम जी कहते हैं कि शुरू में दोनों ही उजाला करते हैं लेकिन बढ़ने पर अन्धेरा हो जाता है।यहाँ बढे शब्द से दो विभिन्न अर्थ निकल रहे हैं। दीपक के सन्दर्भ में बढ़ने का मतलब है बुझ जाना जिससे अन्धेरा हो जाता है। कुपुत्र के सन्दर्भ में बढ़ने से मतलब है बड़ा हो जाना।बड़े होने पर कुपुत्र कुकर्म करता है जिससे परिवार में अँधेरा छा जात है। एक शब्द से ही डो विभिन्न अर्थ निकल रहे हैं अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।सीधी चलते राह जो, रहते सदा निशंक|जो करते विप्लव, उन्हें, ‘हरि’ का है आतंक||ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं हरि शब्द एक बार प्रयुक्त हुआ है लेकिन उसके दो अर्थ निकलते हैं। पहला अर्थ है बन्दर एवं दूसरा अर्थ है भगवान।यह दोहा बंदरों के सन्दर्भ में भी हो सकता है एवं भगवान के सन्दर्भ में भी। एक सहबद से डो अर्थ निकल रहे हैं, अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।श्लेष अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0श्लेष अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा\xa02. अर्थालंकारजब किसी वाक्य का सौन्दर्य उसके अर्थ पर आधारित होता है तब यह अर्थालंकार के अंतर्गत आता है ।अर्थालंकार के भेदअर्थालंकार के मुख्यतः पाँच भेद होते हैं :उपमा अलंकाररूपक अलंकारउत्प्रेक्षा अलंकारअतिशयोक्ति अलंकारमानवीकरण अलंकार1. उपमा अलंकारउप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना । अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है ।\xa0जैसे:कर कमल-सा कोमल है ।यहाँ पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है । अतः यहाँ उपमा अलंकार होगा।पीपर पात सरिस मन ड़ोला।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में मन को पीपल के पत्ते कि तरह हिलता हुआ बताया जा रहा है। इस उदाहरण में\xa0‘मन’ – उपमेय\xa0है, ‘पीपर पात’ – उपमान\xa0है, ‘डोला’ – साधारण धर्म\xa0है एवं ‘सरिस’\xa0अर्थात\xa0‘के सामान’ – वाचक शब्द\xa0है।\xa0जैसा की हम जानते हैं की जब किन्ही दो वस्तुओं की उनके एक सामान धर्म की वजह से तुलना की जाती है तब वहां उपमा अलंकार होता है।अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा।मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है। ऊपर दिए गए उदाहरण में चेहरे की तुलना चाँद से की गयी है। इस वाक्य में\xa0‘मुख’ – उपमेय\xa0है,\xa0‘चन्द्रमा’ – उपमान\xa0है,\xa0‘सुन्दर’ – साधारण धर्म है एवं ‘सा’ – वाचक शब्द\xa0है।जैसा की हम जानते हैं की जब किन्ही दो वस्तुओं की उनके एक सामान धर्म की वजह से तुलना की जाती है तब वहां उपमा अलंकार होता है।अतः यह\xa0उदाहरण उपमा अलंकार के\xa0अंतर्गत आएगा।नील गगन-सा शांत हृदय था रो रहा।\xa0जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं यहां हृदय की नील गगन से तुलना की गयी है। इस वाक्य में\xa0हृदय – उपमेय\xa0है एवं\xa0नील गगन – उपमान\xa0है\xa0शांत – साधारण धर्म\xa0है एवं\xa0सा –\xa0वाचक शब्द\xa0है। जैसा की हम जानते हैं की जब किन्ही दो वस्तुओं की उनके एक सामान धर्म की वजह से तुलना की जाती है तब वहां उपमा अलंकार होता है।अतः यह उदारण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा।उपमा के अंग :उपमेय :\xa0जिस वस्तु की समानता किसी दूसरे पदार्थ से दिखलायो जाये वह उपमेय होते है ।\xa0जैसे:\xa0कर कमल सा कोमल है । इस उदाहरण में कर उपमेय है ।उपमान :\xa0उपमेय को जिसके समान बताया जाये उसे उपमान कहते हैं । उक्त उदाहरण में ‘कमल’\xa0उपमान है।उपमा अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0उपमा अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा2. रूपक अलंकारजब उपमान और उपमेय में अभिन्नता या अभेद दिखाया जाए तब यह रूपक अलंकार कहलाता है।\xa0जैसे:“मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों”ऊपर दिए गए उदाहरण में चन्द्रमा एवं खिलोने में समानता न दिखाकर चाँद को ही खिलौना बोल दिया गया है। अतएव यह रूपक अलंकार होगा।चरण-कमल बंदौं हरिराई।ऊपर दिए गए गए वाक्य में चरणों को कमल के सामान न दिखाकर चरणों को ही कमल बोल दिया गया है। अतः यह रूपक अलंकार के अंतर्गत आएगा।वन शारदी चन्द्रिका-चादर ओढ़े।\xa0दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं चाँद की रोशनी को चादर के समान ना बताकर चादर ही बता दिया गया है। इस वाक्य में\xa0उपमेय – ‘चन्द्रिका’\xa0है एवं\xa0उपमान – ‘चादर’\xa0है। यहां आप देख सकते हैं की\xa0उपमान एवं उपमेय में अभिन्नता दर्शायी जा रही है। हम जानते हैं की जब अभिन्नता दर्शायी जाती ही तब वहां रूपक अलंकार होता है।अतः यह उदाहरण रूपक अलंकार के अंतर्गत आएगा।पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में राम रतन को ही धन बता दिया गया है। ‘राम रतन’\xa0–\xa0उपमेय\xa0पर\xa0‘धन’\xa0–\xa0उपमान\xa0का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है।यहां आप देख सकते हैं की\xa0उपमान एवं उपमेय में अभिन्नता दर्शायी जा रही है। हम जानते हैं की जब अभिन्नता दर्शायी जाती ही तब वहां रूपक अलंकार होता है।अतः यह उदाहरण रूपक अलंकार के अंतर्गत आएगा।रूपक अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0रूपक अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा3. उत्प्रेक्षा अलंकारजहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना का वर्णन हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यदि पंक्ति में -मनु, जनु,मेरे जानते,मनहु,मानो, निश्चय, ईव आदि आता है बहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।\xa0जैसे:मुख मानो चन्द्रमा है।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में मुख के चन्द्रमा होने की संभावना का वर्णन हो रहा है। उक्त वाक्य में मानो भी प्रयोग किया गया है अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं कनक का अर्थ धतुरा है। कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानो कोई भिक्षु सोना ले जा रहा हो।काव्यांश में\xa0‘ज्यों’\xa0शब्द का इस्तेमाल हो रहा है एवं\xa0कनक – उपमेय\xa0में\xa0स्वर्ण – उपमान\xa0के होने कि कल्पना हो रही है।\xa0अतएव यह उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।सिर फट गया उसका वहीं। मानो अरुण रंग का घड़ा हो।\xa0दिए गए उदाहरण में\xa0सिर\xa0कि\xa0लाल रंग का घड़ा\xa0होने कि कल्पना की जा रही है। यहाँ\xa0सिर – उपमेय\xa0है एवं\xa0लाल रंग का घड़ा – उपमान\xa0है। उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना कि जा रही है। अतएव यह उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।नेत्र मानो कमल हैं।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में ‘नेत्र’ – उपमेय\xa0की\xa0‘कमल’ – उपमान\xa0होने कि कल्पना कि जा रही है। मानो\xa0शब्द का प्रय्प्ग कल्पना करने के लिए किया गया है। आएव यह उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।उत्प्रेक्षा अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0उत्प्रेक्षा अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा4. अतिशयोक्ति अलंकारजब किसी बात का वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है।\xa0जैसे :आगे नदियाँ पड़ी अपार, घोडा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार , तब तक चेतक था उस पार।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में चेतक की शक्तियों व स्फूर्ति का बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतएव यहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होगा।धनुष उठाया ज्यों ही उसने, और चढ़ाया उस पर बाण |धरा–सिन्धु नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण।ऊपर दिए गए वाक्यों में बताया गया है कि जैसे ही अर्जुन ने धनुष उठाया और उस पर बाण चढ़ाया तभी धरती, आसमान एवं नदियाँ कांपने लगी ओर सभी जीवों के प्राण निकलने को हो गए।यह बात बिलकुल असंभव है क्योंकि बिना बाण चलाये ऐसा हो ही नहीं सकता है। इस थथ्य का लोक सीमा से बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यह उदाहरण अतिशयोक्ति अलंकार के अंतर्गत आएगा।अतिशयोक्ति अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0अतिशयोक्ति अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषा5. मानवीकरण अलंकारजब प्राकृतिक चीज़ों में मानवीय भावनाओं के होने का वर्णन हो तब वहां मानवीकरण अलंकार होता है।\xa0जैसे :फूल हँसे कलियाँ मुस्कुराई।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं की फूलों के हसने का वर्णन किया गया है जो मनुष्य करते हैं अतएव यहाँ मानवीकरण अलंकार है।मेघमय आसमान से\xa0उतर रही है\xa0संध्या सुन्दरी परी सी\xa0धीरे धीरे धीरे |ऊपर दी गयी पंक्तियों में बताया गया है कि संध्या सुन्दर परी की तरह धीरे धीरे आसमान से नीचे उतर रही है।इस वाक्य में संध्या कि तुलना एक सुन्दर पारी से की है। एक निर्जीव की सजीव से।ये असलियत में संभव नहीं है एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता\xa0है।अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।\xa0ऊपर दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की\xa0जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता\xa0है।अतः यहाँ पर यह उदाहरण भी मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत ही आएगा।मानवीकरण अलंकार के बारे में गहराई से पढ़नें के लिए यहाँ क्लिक करें –\xa0मानवीकरण अलंकार – उदाहरण एवं परिभाषाअलंकार के विषय में यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
155.

Matrabhasha ke Prati hamari abhiruchi

Answer»
156.

Vidyalaya khulne ko lekar aapke aur apke dost ke viich Samvaad likhiye

Answer» Binod tharu= bhai kal vidyalaya khul raha hai aaegaBinod Binod= Nahi aaungaBinod Tharu=OK
157.

Essay on मेरी हिंदी मेरा मान

Answer» Jaya wah
चीनी भाषा के बाद हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत और विदेश में करीब 50 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं तथा इस भाषा को समझने वाले लोगों की कुल संख्या करीब 90 करोड़ है। हिंदी भाषा का मूल प्राचीन संस्कृत भाषा में है। इस भाषा ने अपना वर्तमान स्वरूप कई शताब्दियों के पश्चात हासिल किया है और बड़ी संख्या में बोलीगत विभिन्नताएं अब भी मौजूद हैं। हिंदी की लिपि देवनागरी है, जो कि कई अन्य भारतीय भाषाओं के लिए संयुक्त है। हिंदी के अधिकतम शब्द संस्कृत से आए हैं। इसकी व्याकरण की भी संस्कृत भाषा के साथ समानता है। “हिंदी” भारत की राज(राष्ट्रीय) भाषा है. राजभाषा के रूप में हिंदी : भारत के संविधान में देवनाग री लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। हिंदी की गिनती भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल पच्चीस भाषाओं में की जाती है। भारतीय संविधान में व्यवस्था है कि केंद्र सरकार की पत्राचार की भाषा हिंदी और अंग्रेजी होगी। यह विचार किया गया था कि 1965 तक हिंदी पूर्णतः केंद्र सरकार के कामकाज की भाषा बन जाएगी अनुच्छेद 344 और अनुच्छेद 351 में वर्णित निदेशों के अनुसार, साथ में राज्य सरकारें अपनी पंसद की भाषा में कामकाज संचालित करने के लिए स्वतंत्र होंगी। लेकिन राजभाषा अधिनियम (1963) को पारित करके यह व्यवस्था की गई कि सभी सरकारी प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग भी अनिश्चित काल के लिए जारी रखा जाए अतः अब भी सरकारी दस्तावेजों, न्यायालयों आदि में अंग्रेजी का इस्तेमाल होता है। हालांकि, हिंदी के विस्तार के संबंध में संवैधानिक निदेश बरकरार रखा गया।
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What is syllabus for Session Ending exam of CBSE (Hindi)

Answer» very nice
159.

Please give:class 9 hindi portion ncers cbse for final exam (Annual exam)

Answer»
160.

Wish me luck for the annual exams? please ???

Answer» 1
Best of luck ???❤️❤️
Best of luck dude!! Rock it?
माटी वाली पाठ के लेखक विद्यासागर नौटियाल हैं।
Mati vali path ke lakhak kon hai
161.

Dhool ke questions aur answers

Answer» No
162.

dhool chapter

Answer»
163.

हामिद खाँ \' पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है? In short answer only

Answer» Hama yaha sik milati ha Pakistan hamara ha मुस्लिम जात ko nikal kar fake dho Pakistan ko hatiya lo
thanks
Hindu aur Muslim ko ek Prerna deti hai ki ham Bhai Bhai Hain
164.

गांधीजी कहा गये थे

Answer» England
England
H
165.

निम्नलिखित वर्णों में अनुस्वार का मानक रूप\xa0कौन-सा है ?सममानमाँस्वयस्वयं

Answer» 4 one is right
Swayam
option-c
166.

Rahim ko konsa purskar mila tha or kab mila tha or kyu mila tha or kisne diya tha

Answer»
167.

समिलित अभियान में सहयोग और सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है ?

Answer» सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है? उत्तर:- लेखिका के व्यवहार से सहयोग और सहायता का परिचय तब मिलता है जब वे अपने दल के दूसरे सदस्यों को मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए बर्फीली हवा में तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी।
jgubk
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आलाकर

Answer»
169.

दीये जल उठे पाठ की साथर्कता स्पष्ट कीजिए।

Answer»
170.

Abyan dal ke up neta kon the

Answer» Premchand Abyan dal ke upp neta the.
Premchand
171.

Kharbuje bechane Valli se koi kharbuje kyu nahi khard Raha tha

Answer» Kyunki uske ghar me sutak tha aur log dharm bhrasht hone ke karan usse kharbuje nahin kharid raha tha
kyo ki uska beta usi din mar gaya tha ??????????????
172.

मिश्रण से आप क्या समझते हैं

Answer» जब दो या दो से अधिक तत्व का योगिक उसको किसी भी निश्चित अनुपात यात्रा में मिलाते हैं तो उस तो इस प्रकार बने पदार्थ को मिश्रण कहते हैं उदाहरण वायु रेट
173.

I want 1 धूल question answer

Answer» I also want 1 Dhul questions answer
I will give you question answer
174.

विश्व की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

Answer» हु डिस्कवर द इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन एंड न्यूट्रॉन
what is atom
Population
Population and reservation
Rajniti
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lesson 2 question and answer

Answer» https://mycbseguide.com/course/cbse-class-09-hindi-b/1906/
176.

prabhu sadhak ko kiski prvah kiye bina sadhna path badthe jana chaiye

Answer» लोक निंदा की
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Write your experience when you see someone wearing good clothes

Answer» He is rich
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Meaning of ch7 रैवास first stanza.

Answer»
179.

Sabse pyara desh hamara par snuched likhiye

Answer» अतीत है तथा गौरवमयी संस्कृति व सभ्यता है । हमारा देश विश्व के समस्त देशों से अद्\u200cभुत व निराला देश है । मुझे अपने देश की संस्कृति व सभ्यता पर गर्व है ।मैं जब भी किसी से कहता हूँ कि मैं भारतवासी हूँ या मुझे कोई भारतीय कहकर पुकारता है तो मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता हूँ । हमारे देश के विश्व में अन्य देशों से अद्\u200cभुत व न्यारे होने के कई कारण हैं जिसका विस्तृत अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है ।हमारे देश की संस्कृति व सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है । यह देश ऋषियों-मुनियों का देश रहा है । भारत को इसीलिए अनेक महापुरुषों ने देवों की धरती कहा है क्योंकि यहाँ पर संस्कृति व सभ्यता पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और हजारों वर्ष बाद भी भारतीय संस्कृति उतने ही सशक्त व जीवंत रूप में विद्\u200cयमान है । हमारे देश की संस्कृति त्याग, बलिदान, प्रेम, सद्\u200cभावना, भाईचारा, श्रद्\u200cधा आदि महान नैतिक, शुद्\u200cध व दैवी गुणों पर आधारित है ।विशाल हृदय वाली इस संस्कृति ने हमें अपने दुश्मनों से भी प्रेम करना सिखाया है । इसी धरती पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, त्याग की प्रतिमूर्ति महात्मा दधीचि, दानवीर कर्ण, महाप्रतापी व सत्यवादी राजा हरिश्चंद आदि महापुरुषों ने जन्म लिया । गाँधी जी जैसे युगपुरुष यहीं पर अवतरित हुए जिन्होंने बिना शस्त्र के ‘सत्य और अहिंसा’ के मार्ग पर चलते हुए भारत को स्वतंत्र कराया । संपूर्ण विश्व युगपुरुष गाँधी जी को आज भी नमन करता है ।हमारे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक विभिन्न भाषा, जाति, वेश-भूषा व विभिन्न मतों के लोग एक साथ निवास करते हैं । इतने विभिन्न रंगों को एकीकृत रूप में पिरोना भारत जैसे महान देश में ही संभव है । भारतीय संस्कृति की उदारता व महानता का यह साक्षात् प्रमाण है ।यहाँ विश्व के लगभग समस्त धर्मों के लोग परस्पर मेल-जोल से रहते हैं । सभी को बिना भेदभाव अपने धर्म को मानने व प्रचार-प्रसार की खुली अनुमति है । उत्तर से दक्षिण हो या फिर पूर्व से पश्चिम हम भारत के किसी भी छोर पर जाएँ हमें जो भिन्नता यहाँ देखने को मिलेगी वैसी भिन्नता विश्व के शायद ही किसी कोने में उपलब्ध हो ।कला की दृष्टि से भी हमारा देश उत्कृष्ट है । मुगलकालीन इतिहास में मुगल शासकों द्\u200cवारा प्रदत्त कला, विश्व कला जगत के लिए एक महान उपलब्धि है । हम आगरा के ताजमहल को लें, या फिर दिल्ली की कुतुबमीनार को सभी कला जगत की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं जिसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों विदेशी पर्यटक भारत आते हैं ।
180.

Lahlah or mahmah k kya arth hai

Answer» Lahlah matlab hota hai uski family
181.

Banti ka vilom

Answer»
182.

शब्द और पद का समाधान

Answer» जब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है, तब वह शब्द \'पद\' बन जाता है। इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही \'पद\'है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द \'पद\'बन जाता है। सीता गाती है।
183.

डुक्कर लेखन का नाम क्या है

Answer»
184.

शब्द एवं पद

Answer» एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र और सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। जैसे - गंगा, कमल, किताब आदि। जब तक शब्द का प्रयोग वाक्य में नहीं किया जाता वे शब्द कहलाते हैं परन्तु जब उनका प्रयोग वाक्य में होता है तो वे पद बन जाते हैं। वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाते हैं।
185.

Balida Shabd ka Arth kya h

Answer»
186.

Chapter 4 Mcqs

Answer» Chapter 4Mcq
187.

Hindi homework

Answer» Kon sa ch
188.

Kaverdas

Answer» Akash ki Kali Krishna bhumi per kis chipke hone ki baat ki gai hai Surya se Tim Tim aate taron se vaigyanikon se chamakte Chand se
189.

stri ghar ki swamini hoti ha isliya ________kahalati ha ( paryay of stri)

Answer» ग्रहस्वामिनी
Gand
190.

रैदास कोन थे।

Answer» Redas hindi kavya ke mahan kavi the
Kavita bhutani
191.

Sampradayik dange deshon me unnati kis prakar badhakar hote hai udharan sahit spasht kijiye

Answer»
192.

Letter writing on topic , Role of students in creating plastic free india Hindi

Answer»
193.

dukh ke addikar ka lekhak kon had?

Answer» Yashpal
Yashpal
yashpal
194.

अाज का भारतीय समाज निबंध लेखन

Answer»
195.

Nasi ka kinara

Answer»
196.

Utsah kvita k kvi kon h

Answer» Mai hu
197.

Ne +an = sandhi kijiye

Answer» Nayan
198.

हामिद खां कौन था ? लेखक से उसका परिचय किस प्रकार हुआ

Answer» लेखक पकिस्तान के तक्षशिला पौराणिक खडहर देखने गया था वह खाना खाने के लिए एक होटल मे गया था वह उसका परिचय हामिद खाँ से हुई
199.

आतंकवाद का अर्थ

Answer»
200.

हमिद खा कहानी से क्या शिक्षा मिलती है अपने शब्दों में लिखिए

Answer» Sexy bno