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1.

कढ़ाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग लिखिए।

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कढाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग:

  1. ट्रेसिंग पेपर- यह पतला कागज होता है। चित्र पर रखने से चित्र दिखाई देता है। इसलिए इसे नमूने के ऊपर रखकर नमूना उतारते हैं।
  2. कार्बन पेपर- इससे भी कपड़े पर नमूना छापते हैं। कार्बन पेपर कई रंग के होते हैं- लाल, नीला, काला, सफेद आदि। गहरे नीले, काले वस्त्र पर लाल या सफेद कार्बन पेपर से छापते हैं। हल्के रंग के वस्त्र . पर काले नीले कार्बन पेपर से छापते हैं।
  3. पेंसिल- यह नमूना उतारने और छापने के काम आती है।
  4. सुई- सुई कई प्रकार की होती है- पतली, मोटी,, मैटी एवं मशीन की सुई। साधारण वस्त्र पर कढ़ाई करने के लिए पतली सुई का प्रयोग करते हैं। मैटी के लिये मैटी की सुई प्रयोग करते हैं।
  5. धागा- विभिन्न प्रकार के रंगीन धागे कढ़ाई करने के काम आते हैं।
  6. फ्रेम- यह लकड़ी या प्लास्टिक का गोलाकार होता है जिसे फ्रेम कहते हैं। इसमें लगाकर कपड़े को तान देते हैं जिससे कढ़ाई करने में सुविधा होती है।
  7. छोटी कैंची- धागा काटने के काम आती है।
  8. कढ़ाई किट- इसमें कढ़ाई का सभी सामान एकत्रित रखते हैं ताकि सामान सुरक्षित और साफ रहे।
2.

कढ़ाई करने के किन्हीं एक टाँके बनाने की प्रक्रिया लिखिए।

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कढ़ाई करने के लिए अनेक टाँकों या स्टिच का प्रयोग करते हैं जैसे- कच्चा टाँका, काथा स्टिच, स्टेम स्टिच (उल्टी बखिया) चेन स्टिच, बटन होल स्टिच, लेजी डेजी, कश्मीरी स्टिच, साटन स्टिच, क्रास स्टिच आदि। इनमें से चेन स्टिच टाँका बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है|

चैन स्टिच- इसे जंजीरा केढ़ाई भी कहते हैं। इससे फूल पत्ती का बाहरी किनारा (आउट लाइन) और फूल पत्ती को भरकर भी बनाते हैं। इसमें एक ही बिंदु पर दुबारा सुई घुसाकर आगे की ओर सुई को धागे के ऊपर से निकालते हैं। यही क्रिया दोहराने से चेन स्टिच बन जाएगी। यह ध्यान रहे कि टांके एक बराबर ही हों।

3.

कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

Answer»

कढ़ाई करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. नमूना वस्त्र के अनुकूल हो, छोटे वस्त्र पर छोटा और बड़े पर बड़ा।
  2. धागों के रंगों का उचित चुनाव करना चाहिए।
  3. रंग पक्के और चमकदार होने चाहिए।
  4. धागे की गाँठ को कढ़ाई में छिपा देना चाहिए।
  5. टाँके मजबूत हों जिससे कढ़ाई न खुल सके।
  6. साफ हाथों से कढ़ाई करनी चाहिए।
  7. सूई में छोटा धागा डालें क्योंकि बड़ा धागा उलझ जाता है।
4.

कढ़ाई कला के लाभ लिखिए।

Answer»

कढ़ाई कला के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. घर के विभिन्न कमरों में प्रयुक्त होने वाले वस्त्रों की सजावट कढ़ाई कला से करते हैं।
  2. पहनने वाले वस्त्रों- सलवार, सूट, साड़ी, ब्लाउज, बच्चों के वस्त्र आदि पर कढ़ाई किए। जाने से वे सुन्दर लगते हैं।
  3. खाली समय का उपयोग होता है और आर्थिक लाभ भी होता है।
  4. मनचाहे वस्त्र पर मनचाही डिजाइन काढ़ सकते हैं।
  5. वस्त्रों को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कढ़ाई कला उत्तम साधन है।
5.

कढ़ाई करने वाले टाँकों के नाम लिखिए।

Answer»
  1. लेजी-डेजी कढ़ाई- इसे कढ़ाई से छोटे-बड़े फूल तथा पत्ती बना सकते हैं। इसका टाँका भी चेन स्टिच की तरह लेते हैं। यह कढ़ाई चादर, मेजपोश, तकिया का गिलाफ, रूमाल आदि पर कर सकते हैं।
  2. बटन होल स्टिच- इसका टॉका काज स्टिच की तरह लेते हैं। एक ही बिन्दु पर बार-बार सूई घुसाकर सूई के आगे धागा करके गोलाई से बनाते हैं। इससे छोटे-छोटे फूल और फूलों का गुच्छा बन सकता है।
6.

मुख्य रंग कौन-कौन से हैं? द्वितीय (गौण) रंग कैसे बनाए जाते हैं?

Answer»

मुख्य रंग या प्राकृतिक रंग तीन होते हैं- लाल, नीला, पीला। इनके मिश्रण जैसे- लाल और नीला मिलाने से बैंगनी रंग, नीला व पीला मिलाने से हरा रंग और पीला व लाल मिलाने से नारंगी रंग बनता है। बैंगनी, हरा और नारंगी रंग जो मुख्य रंग से मिलाने से बनते हैं, उन्हें द्वितीय रंग या गौण रंग कहते हैं।

7.

विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाई के नाम लिखिए।

Answer»

हमारे देश में विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाइयाँ उसी प्रदेश के नाम पर प्रसिद्ध हैं, जैसे- कश्मीरी कढ़ाई, पंजाबी कढ़ाई, गुजराती कढ़ाई, सिंधी कढ़ाई व राजस्थानी कढ़ाई। इनकी अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं, जिन्हें देखकर पता चल जाता है कि यह किस प्रदेश की कढ़ाई है।

8.

रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-(क) कढ़ाई करने के लिए ___ धागों का प्रयोग करना चाहिए।(ख) ___ वस्त्र तानने के काम आती है।(ग) कार्बन पेपर से नमूना ____ जाता है।(घ) रुमालों पर _____ नमूने सुंदर लगते हैं।

Answer»

(क) कढ़ाई करने के लिए पक्के धागों का प्रयोग करना चाहिए।
(ख) फ्रेम वस्त्र तानने के काम आती है।
(ग) कार्बन पेपर से नमूना उतारा जाता है।
(घ) रुमालों पर लेजी-डेजी कढ़ाई के नमूने सुंदर लगते हैं।

9.

कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Answer»

कढ़ाई करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए-

(i) नमूना आकर्षक और उचित प्रकार का हो।
(ii) कढ़ाई के उपकरणों का उचित स्थान पर उपयोग करना चाहिए।
(iii) कढ़ाई के लिए पक्के रंग का प्रयोग करना चाहिए।
(iv) वस्त्र पर नमूना स्पष्ट छापे ।
(v) नमूना छापते समय, नमूने के ऊपर पेंसिल सही ढंग से चलाएँ ताकि नमूना सही उतरे।
(vi) उचित सूई का प्रयोग करें।
(vii) साड़ी के लिए वायल, मलमल, आरगण्डी तथा मेजपोश, चादर और तकिया गिलाफ के लिए पापलेन, टेरीकोट, केसमेंट आदि का कपड़ा लेना चाहिए।
(viii) नमूने और वस्त्र के अनुसार ही कढ़ाई के टॉकों का चुनाव करना चाहिए।

10.

कढ़ाई कला की उपयोगिता लिखिए।

Answer»

जिस प्रकार सुंदर वस्त्र और आभूषण से शरीर का सौंदर्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार कढ़ाई से वस्त्र की शोभा बढ़ जाती है तथा जहाँ पर उसका प्रयोग किया जाता है, उस स्थान की सुन्दरता और आकर्षण बढ़ जाता है।

11.

ट्रेस करने की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? किन्हीं तीन विधियों को स्पष्ट करके लिखिए।

Answer»

कपड़े पर नमूना ट्रेस करने की निम्नलिखित विधियाँ हैं-

  1.  कार्बन पेपर द्वारा छापना
  2.  नील द्वारा छापना
  3.  गेरु द्वारा नमूना छापना
12.

वस्त्र पर नमूना छापने की विधियों के नाम लिखिए।

Answer»

नमूना छापने की दो विधियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. कार्बन पेपर द्वारा
  2. लकड़ी के ठप्पों द्वारा
13.

सुन्दर कढ़ाई के लिए ध्यान रखने वाली दो बातें लिखिए।

Answer»
  1. कढ़ाई किए जाने वाले वस्त्र और धागों का रंग पक्का हो।
  2.  नमूना वस्त्र के अनुसार साफ और स्पष्ट हो तथा फ्रेम लगाकर उचित टॉकों का चुनाव कर कढ़ाई की जाए।
14.

कढ़ाई करने के किन्हीं चार टाँकों के नाम लिखिए।

Answer»
  1. रनिंग स्टिच
  2. क्रॉस स्टिच
  3. फिश बोन स्टिच
  4.  कश्मीरी स्टिच
15.

शैडो वर्क की कढ़ाई किन वस्त्रों में अच्छी बनती है?

Answer»

शैडो वर्क की कढ़ाई महीन वस्त्र वायल, जॉरजेट, आरगंडी आदि में ही अच्छी लगती है।

16.

क्रास स्टिच किस प्रकार के कपड़े पर बनाई जाती है?

Answer»

क्रॉस स्टिच मैटी के कपड़े पर बनाई जाती है।

17.

नमूना छापने के लिए दो आवश्यक वस्तुओं के नाम लिखिए।

Answer»

नमूना छापने के लिए ट्रेसिंग पेपर, कार्बन पेपर, पिन, पेंसिल, नमूना, नील, गे, समतल स्थान की आवश्यकता पड़ती है।

18.

वस्त्रों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए आप क्या करेंगे?

Answer»

वस्त्रों पर कढ़ाई करने से उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है। नए-नए टॉकों के प्रयोग से कढ़ाई और भी सुन्दर । लगती है। आधुनिक समय में कढ़ाई कला के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। केवल धागे ही नहीं वरन् सलमा सितारा, गोटा, मोती, कुन्दन, जरी आदि की कढ़ाइयाँ आँखों में चकाचौंध उत्पन्न कर देती हैं।

19.

लाल एवं नीला रंग मिलाने से कौन-सा रंग बनेगा?

Answer»

लाल एवं नीला रंग मिलाने से बैंगनी रंग बनेगा।