InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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कढ़ाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग लिखिए। |
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Answer» कढाई कला में उपयोगी उपकरणों के नाम एवं उनके प्रयोग:
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कढ़ाई करने के किन्हीं एक टाँके बनाने की प्रक्रिया लिखिए। |
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Answer» कढ़ाई करने के लिए अनेक टाँकों या स्टिच का प्रयोग करते हैं जैसे- कच्चा टाँका, काथा स्टिच, स्टेम स्टिच (उल्टी बखिया) चेन स्टिच, बटन होल स्टिच, लेजी डेजी, कश्मीरी स्टिच, साटन स्टिच, क्रास स्टिच आदि। इनमें से चेन स्टिच टाँका बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित है| चैन स्टिच- इसे जंजीरा केढ़ाई भी कहते हैं। इससे फूल पत्ती का बाहरी किनारा (आउट लाइन) और फूल पत्ती को भरकर भी बनाते हैं। इसमें एक ही बिंदु पर दुबारा सुई घुसाकर आगे की ओर सुई को धागे के ऊपर से निकालते हैं। यही क्रिया दोहराने से चेन स्टिच बन जाएगी। यह ध्यान रहे कि टांके एक बराबर ही हों। |
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कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? |
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Answer» कढ़ाई करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
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कढ़ाई कला के लाभ लिखिए। |
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Answer» कढ़ाई कला के निम्नलिखित लाभ हैं –
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कढ़ाई करने वाले टाँकों के नाम लिखिए। |
Answer»
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मुख्य रंग कौन-कौन से हैं? द्वितीय (गौण) रंग कैसे बनाए जाते हैं? |
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Answer» मुख्य रंग या प्राकृतिक रंग तीन होते हैं- लाल, नीला, पीला। इनके मिश्रण जैसे- लाल और नीला मिलाने से बैंगनी रंग, नीला व पीला मिलाने से हरा रंग और पीला व लाल मिलाने से नारंगी रंग बनता है। बैंगनी, हरा और नारंगी रंग जो मुख्य रंग से मिलाने से बनते हैं, उन्हें द्वितीय रंग या गौण रंग कहते हैं। |
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विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाई के नाम लिखिए। |
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Answer» हमारे देश में विभिन्न प्रदेशों की कढ़ाइयाँ उसी प्रदेश के नाम पर प्रसिद्ध हैं, जैसे- कश्मीरी कढ़ाई, पंजाबी कढ़ाई, गुजराती कढ़ाई, सिंधी कढ़ाई व राजस्थानी कढ़ाई। इनकी अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं, जिन्हें देखकर पता चल जाता है कि यह किस प्रदेश की कढ़ाई है। |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-(क) कढ़ाई करने के लिए ___ धागों का प्रयोग करना चाहिए।(ख) ___ वस्त्र तानने के काम आती है।(ग) कार्बन पेपर से नमूना ____ जाता है।(घ) रुमालों पर _____ नमूने सुंदर लगते हैं। |
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Answer» (क) कढ़ाई करने के लिए पक्के धागों का प्रयोग करना चाहिए। |
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कढ़ाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? |
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Answer» कढ़ाई करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए- (i) नमूना आकर्षक और उचित प्रकार का हो। |
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कढ़ाई कला की उपयोगिता लिखिए। |
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Answer» जिस प्रकार सुंदर वस्त्र और आभूषण से शरीर का सौंदर्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार कढ़ाई से वस्त्र की शोभा बढ़ जाती है तथा जहाँ पर उसका प्रयोग किया जाता है, उस स्थान की सुन्दरता और आकर्षण बढ़ जाता है। |
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ट्रेस करने की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? किन्हीं तीन विधियों को स्पष्ट करके लिखिए। |
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Answer» कपड़े पर नमूना ट्रेस करने की निम्नलिखित विधियाँ हैं-
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वस्त्र पर नमूना छापने की विधियों के नाम लिखिए। |
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Answer» नमूना छापने की दो विधियाँ निम्नलिखित हैं –
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सुन्दर कढ़ाई के लिए ध्यान रखने वाली दो बातें लिखिए। |
Answer»
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कढ़ाई करने के किन्हीं चार टाँकों के नाम लिखिए। |
Answer»
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शैडो वर्क की कढ़ाई किन वस्त्रों में अच्छी बनती है? |
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Answer» शैडो वर्क की कढ़ाई महीन वस्त्र वायल, जॉरजेट, आरगंडी आदि में ही अच्छी लगती है। |
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क्रास स्टिच किस प्रकार के कपड़े पर बनाई जाती है? |
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Answer» क्रॉस स्टिच मैटी के कपड़े पर बनाई जाती है। |
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नमूना छापने के लिए दो आवश्यक वस्तुओं के नाम लिखिए। |
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Answer» नमूना छापने के लिए ट्रेसिंग पेपर, कार्बन पेपर, पिन, पेंसिल, नमूना, नील, गे, समतल स्थान की आवश्यकता पड़ती है। |
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वस्त्रों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए आप क्या करेंगे? |
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Answer» वस्त्रों पर कढ़ाई करने से उनकी सुन्दरता बढ़ जाती है। नए-नए टॉकों के प्रयोग से कढ़ाई और भी सुन्दर । लगती है। आधुनिक समय में कढ़ाई कला के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। केवल धागे ही नहीं वरन् सलमा सितारा, गोटा, मोती, कुन्दन, जरी आदि की कढ़ाइयाँ आँखों में चकाचौंध उत्पन्न कर देती हैं। |
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लाल एवं नीला रंग मिलाने से कौन-सा रंग बनेगा? |
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Answer» लाल एवं नीला रंग मिलाने से बैंगनी रंग बनेगा। |
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