Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

बाल्यावस्था में होने वाले मानसिक विकास का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए।याप्रारम्भिक बाल्यावस्था में मानसिक विकास का वर्णन कीजिए।

Answer»

बाल्यावस्था में मानसिक विकास
(Mental Development in Childhood)

बाल्यावस्था में होने वाले मानसिक विकास का सामान्य विवरण निम्नलिखित है

1. छठा वर्ष-इस आयु में बालक की स्मरण- शक्ति का विकास तीव्रता से होता है। अब बालक उन वस्तुओं के विषय में भी सोचने लगता है, जो कि उसके सामने नहीं होतीं। बालक पूरी गिनती भी सुना देता है। तथा 13-14 पदार्थों को गिन भी लेता है। अब वह शरीर के विभिन्न अंगों के नाम भी बता देता है तथा सामान्य प्रश्नों के उत्तर भी दे देता है।
2. सातवाँ वर्ष- इस आयु में बालक दो वस्तुओं में अन्तर करने लग जाता है। वह छोटी-छोटी घटनाओं तथा सुनी हुई कहानियों को सुना देता है। उसे सात या आठ तक के पहाड़े भी याद हो जाते हैं। वह कठिन वाक्यों का भी प्रयोग कर लेता है।
3. आठवाँ वर्ष- इस अवस्था में बालक लम्बे वाक्यों का प्रयोग करना सीख जाता है। छोटी-छोटी कहानियाँ तथा कविताएँ उसे सरलता से याद हो जाती हैं। वह 16 या 17 शब्दों के वाक्यों को दोहरा लेता है। अब जीवन में आने वाली समस्याओं को खोजने की क्षमता उसमें आ जाती है।
4. नवाँ वर्ष- इस आयु का बालक दिन, समय, तारीख तथा सिक्कों के विषय में ज्ञान प्राप्त कर लेता है। अब वह 6-7 शब्दों को उल्टे क्रम में दोहराने में सफल हो जाता है। शब्दों का प्रयोग वाक्यों में वह सरलता से कर लेता है। वह पाठ्य-पुस्तक के पाठ की सरलता से पढ़ लेता है और पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दे सकता है।
5. दसवाँ वर्ष- दसवें वर्ष के बालक में जिज्ञासा की प्रवृत्ति प्रबल होने लगती है। वह अपने आस-पास के वातावरण को समझने के लिए प्रश्न करने लगती है; जैसे—पानी क्यों बरसता है? बादल क्या है? रात क्यों होती है?
6. ग्यारहवाँ वर्ष- इस आयु का बालक बीस शब्दों के वाक्यों को दोहरा सकता है तथा कठिन शब्दों की व्याख्या भी कर सकता है। इस आयु में उसमें तुलना करने की प्रवृत्ति का भी विकास हो जाता है। वह वाक्यों में गलती निकाल सकता है तथा चित्र को देखकर उसका सम्पूर्ण विवरण दे सकता है।
7. बारहवाँ वर्ष- इस आयु के बालक में तर्क-शक्ति का पर्याप्त विकास हो जाता है। अब वह समस्याओं का समाधान भी करने लगता है। इस आयु का बालक अपनी ओर से व्याख्या कर सकता है तथा किसी बात का कारण भी बता सकता है।

2.

बालक के मानसिक विकास में शिक्षक के योगदान को स्पष्ट कीजिए।याबालक के मानसिक विकास के लिए शिक्षक को क्या करना चाहिए?-स्पष्ट कीजिए।याबालक के मानसिक विकास में अध्यापक की क्या भूमिका है?

Answer»

शिक्षक का कर्तव्य है कि वह बालकों के मानसिक विकास में अपना सहयोग देने के लिए। मानसिक विकास के क्रम और उसे प्रभावित करने वाले कारकों को समझे तथा उनके अनुकूल ही अपने छात्रों के साथ व्यवहार करे। विद्यालय का उचित वातावरण, समुचित पाठ्यक्रम, प्रभावशाली शिक्षण विधियाँ तथा समाज का उच्च स्तर बालक के मानसिक विकास में परम सहायक होते हैं। अत: इनके समुचित सृजन में शिक्षक को अपना पूर्ण सहयोग देना चाहिए। इस प्रकार सम्पूर्ण शैक्षिक वातावरण बालक के मानसिक विकास के अनुकूल होना चाहिए। इतना ही नहीं शिक्षक का यह भी कर्तव्य है कि वह बालकों के अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करके उन्हें बताये कि कौन-कौन सी बातें बालक के मानसिक विकास में सहायक होती हैं और कौन-सी बाधक। वास्तव में परिवार और विद्यालय दोनों का उचित वातावरण बालक के स्वस्थ मानसिक विकास में सहायक होता है। अत: ऐसी दशा में परिवार और विद्यालय दोनों को ही इस क्षेत्र में परस्पर सहयोग देना चाहिए।

3.

किशोरावस्था में होने वाले मानसिक विकास का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए।या“किशोरावस्था में मानसिक विकास उच्चतम सीमा पर पहुँच जाता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए और इस काल में होने वाले मानसिक विकास का उल्लेख कीजिए।

Answer»

किशोरावस्था में मानसिक विकास
(Mental Development in Adolescence)

किशोरावस्था में होने वाले मानसिक विकास का सामान्य विवरण अग्रलिखित है

1. बुद्धि का विकास- किशोरावस्था में बालक का मन प्रायः अस्थिर रहता है, परन्तु उसका बौद्धिक विकास तीव्रता से होता है। हरमन (Harman) के अनुसार, “15 से 16 वर्ष तक की आयु में बुद्धि का विकास चरम सीमा पर पहुँच जाता है।”
2. केन्द्रीकरण की शक्ति का विकास- किशोरावस्था में किसी वस्तु या विषय के प्रति ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता का पर्याप्त विकास हो जाता है। इस आयु में किशोर अमूर्त चिन्तन करता है और किसी वस्तु पर काफी समय तक अपना ध्यान केन्द्रित कर सकता है।
3. मानसिक स्वतन्त्रता का विकास- बाल्यावस्था तक बालक परम्परागत रूढ़ियों को बिना किसी विरोध के स्वीकार करता है, परन्तु किशोरावस्था में तर्क-शक्ति के विकास के कारण उसमें मानसिक स्वतन्त्रता का उदय हो जाता है। अब वह रूढ़ियों, परम्पराओं तथा अन्धविश्वासों को आँखें बन्द करके स्वीकार नहीं करता है।
4. स्मरण- शक्ति का विकास-किशोरावस्था में बालक कल्पना-जगत् में विचरण करता है और दिवा-स्वप्न देखने लगता है। ये दोनों प्रवृत्तियाँ किशोरावस्था में विशेष रूप से विकसित हो जाती हैं। कल्पना-शक्ति के अत्यधिक विकसित हो जाने के कारण बालक तथा बालिकाएँ काव्य और कहानी सृजन में रुचि लेने लगते हैं। कल्पना-शक्ति का विकास बालकों की अपेक्षा बालिकाओं में अधिक होता है। इस प्रकार साहित्य साधन के बीज किशोरावस्था में ही अंकुरित होते हैं।
5. तर्क-शक्ति का विकास-तर्क- शक्ति का विकास किशोरावस्था में पर्याप्त मात्रा में हो जाता है। किशोर बिना तर्क के किसी भी बात को स्वीकार नहीं करता।
6. विभिन्न रुचियों का विकास- किशोरावस्था में बालक की रुचियों का विकास तीव्रता से होता है। कुछ रुचियाँ समान होती है। जैसे-भावी व्यवसाय और जीवन के सम्बन्ध में रुचि, फिल्मी गीत सुनने तथा फिल्में देखने, प्रेम साहित्य पढ़ने, स्वतन्त्र अध्ययन तथा चोरी-छिपे काम-यौन सम्बन्धी साहित्य का अवलोकन करना। लड़कों को जासूसी तथा मारधाड़ की फिल्में देखने में तथा लड़कियों को सामाजिक तथा प्रेम सम्बन्धी फिल्में देखने में विशेष आनन्द आता है। अपनी रुचि के आधार पर किशोर वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, कवि तथा लेखक आदि बनने का प्रयास करते हैं। कुछ किशोर राजनीति में भी सक्रिय भाग लेने लग जाते हैं। लड़के शारीरिक व्यायाम तथा खेलकूद में और लड़कियाँ साहित्य, संगीत तथा नृत्य आदि में विशेष रुचि लेती हैं।

4.

मानसिक विकास तथा शिक्षा की प्रक्रिया का सम्बन्ध है-(क) कोई सम्बन्ध नहीं है।(ख) दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।(ग) शिक्षा का मानसिक विकास पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता(घ) मानसिक विकास का शिक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता

Answer»

 (ख) दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं

5.

शैशवावस्था में होने वाले मानसिक विकास का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए।

Answer»

शैशवावस्था में मानसिक विकास
(Mental Development in Infancy)

शैशवावस्था में होने वाले मानसिक विकास को सामान्य विवरण निम्नलिखित है-

1. नवजात शिशु का प्रथम सप्ताह- नवजात शिशु का मस्तिष्क कोरी प्लेट के समान होता है। इस पर भी वह कुछ क्रियाएँ करता है; जैसे-भूख लगने पर वह रोता है, अधिक शीत लगने पर वह प्रतिक्रिया करता है; जैसे कि छींकना, हिचकी लेना तथा तेज आवाज सुनकर चौंकना उसकी प्रमुख क्रियाएँ होती हैं। वास्तव में शैशवावस्था में मानसिक विकास का प्रमुख साधन ज्ञानेन्द्रियाँ होती हैं।
2. दूसरा सप्ताह- जब शिशु 8 या 9 दिन का होता है तो वह प्रकाश की ओर एकटक देखने लगता है। शरमन के अनुसार, “नवजात शिशु प्रकाश के प्रति विशेष संवेदनशील होता है। गन्ध के प्रति उसे संवेदना होने लगती है। यदि माँ के स्तन में पेट्रोल लगा दिया जाए तो वह दूध पीने से इन्कार कर देगा।
3. प्रथम तथा द्वितीय मास- जब बालक एक मास का होता है तो वह वस्तु को पकड़ने की चेष्टा करता है। दो मास का होने पर वह आवाज सुनकर सिर घुमाने लगता है तथा विभिन्न वस्तुओं को ध्यान से देखने लगता है। अब वह अपनी माता के स्पर्श को भी पहचानने लगता है और माँ को देखकर मुस्करा जाता है।
4. चतुर्थ मास- इस मास में शिशु वस्तुओं को दृढ़ता से पकड़ता है। इच्छित वस्तु के न मिलने पर वह क्रोध करता है व रोता है। अब वह खोये हुए खिलौने को खोजने का भी प्रयास करता है।
5. छठा मास- शिशु स्नेहपूर्ण व्यवहार और क्रोध के अन्तर को समझने लगता है। वह सुमी हुई ध्वनि का अनुसरण करने लगता है।
6. सातवाँ मास- अब वह अनेक खिलौनों के मध्य से अपनी रुचि का खिलौना छाँटने लग जाता है और उसे अन्य बालकों के साथ खेलने में आनन्द आने लगता है।
7. दसवाँ मास- दसवें मास में शिशु की अनुकरण शक्ति प्रबल होने लगती है। वह टूटा-फूटा उच्चारण करने लग जाता है। वह अपना खिलौना छीने जाने का विरोध भी करने लगता है।
8. प्रथम वर्ष- एक वर्ष का शिशु बाबा, दादा, पापा, मम्मी आदि शब्दों का उच्चारण करने लगता है। अब वह अन्य व्यक्तियों की क्रियाओं का अनुसरण तेजी से करने लगता है।
9. द्वितीय वर्ष- दो वर्ष का शिशु दो शब्दों का वाक्य बोलने लगता है। दूसरे वर्ष के अन्त तक उसके पास सौ से दो सौ :शब्दों का भण्डार हो जाता है।
10. तीसरा और चौथा वर्ष- तीन या चार वर्ष के बालक का सम्बन्धीकरण ज्ञान पर्याप्त विकसित हो जाता है। एक बार बताने के पश्चात् वह गरम को ‘गरम’ कहने लगता है। वह चार-पाँच तक की गिनती गिन लेता है और छोटी तथा बड़ी रेखाओं के मध्य भी अन्तर करना सीख जाता है। प्रयास करने पर वह अक्षरे भी लिख लेता है।
11. पाँचवाँ वर्ष- पाँच वर्ष का बालक भविष्यकाल का ज्ञान करने लगता है। वह रंगों के अन्तर को समझने लग जाता है तथा हल्के और भारी को भी भेद कर लेता है। अब वह अपना नाम स्पष्ट बोलने लग जाता है तथा नाम भी लिख लेता है। वह दस-दस शब्दों के वाक्यों की पुनरावृत्ति भी कर लेता है।

6.

मानसिक विकास को प्रभावित करते हैं-(क) आनुवंशिकता(ख) परिवार का वातावरण(ग) विद्यालय का वातावरण(घ) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है (घ) ये सभी

7.

मानसिक विकास से आशय है-(क) पढ़ना-लिखना सीख लेना(ख) मानसिक क्षमताओं का पुष्ट होना(ग) बालक द्वारा व्यक्तियों की पहचान करना(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है  (ख) मानसिक क्षमताओं का पुष्ट होना

8.

निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य⦁    बालक के मानसिक विकास के परिणामस्वरूप मानसिक, शक्तियों का जन्म होता है तथा वे क्रमशः पुष्ट होती हैं।⦁    मानसिक विकास के लिए पर्यावरण के साथ सम्पर्क स्थापित होना अनिवार्य है।⦁    मानसिक विकास का शिक्षा की प्रक्रिया से कोई सम्बन्ध नहीं है।⦁    मानसिक विकास की प्रक्रिया पर व्यक्तिगत भिन्नताओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।⦁    सुचारु मानसिक विकास के लिए बालक की जिज्ञासा-वृत्ति को नियन्त्रित रखना चाहिए।

Answer»

⦁    सत्य
⦁    सत्य
⦁    असत्य
⦁    असत्य
⦁    असत्य

9.

व्यक्ति का मानसिक विकास प्रायः पूर्ण हो जाता है-(क) बाल्यावस्था के अन्त तक(ख) किशोरावस्था के अन्त तक(ग) वृद्धावस्था में आकर(घ) कभी नहीं

Answer»

सही विकल्प है  (ख) किशोरावस्था के अन्त तक

10.

“माता-पिता की शिक्षा बालकों की मानसिक योग्यता से निश्चित रूप से सम्बन्धित है।” यह कथन किसका है?

Answer»

प्रस्तुत कथन स्ट्रांग का है।

11.

“ज्ञान की प्रथम सीढ़ी” कौन-सी है?(क) संवेदना(ख) भाषागत विकास(ग) शारीरिक विकास(घ) ये सभी

Answer»

सही विकल्प है  (क) संवेदना

12.

“संवेदना ज्ञान की प्रथम सीढ़ी है।”(क) मानसिक विकास है(ख) भाषागत विशेषता है(ग) शारीरिक विशेषता है(घ) सर्वांगीण विकास है

Answer»

सही विकल्प है (क) मानसिक विकास है

13.

बालक के मानसिक विकास को प्रभावित करने वाले चार मुख्य कारकों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    वंशानुक्रम,
⦁    परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति
⦁    विद्यालय का वातावरण तथा
⦁    शिक्षक का व्यवहार

14.

सामान्य से अधिक तथा निरन्तर बनी रहने वाली थकान का मानसिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?(क) उत्साहपूर्वक प्रभाव पड़ता है(ख) कोई प्रभाव नहीं पड़ता(ग) प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है(घ) सभी कथन भ्रामक हैं

Answer»

सही विकल्प है  (ग) प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है

15.

15 से 20 वर्ष की अवस्था में मानसिक विकास की सीमा-(क) उच्चतम होती है(ख) न्यूनतम होती है(ग) औसत होती है(घ) असीमित होती है

Answer»

सही विकल्प है  (क) उच्चतम होती है

16.

“स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।” यह कथन किसका है?

Answer»

प्रस्तुत कथन अरस्तू का है।