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1.

अल्फ्रेड बिने ने किस क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया?

Answer»

अल्फ्रेड बिने ने बुद्धि-परीक्षण के क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया।

2.

सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षणों के मुख्य उदाहरण लिखिए।

Answer»

सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षणों के मुख्य उदाहरण निम्नलिखित हैं

(1) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका में सेना में नियुक्ति के लिए बनाया गया ‘आर्मी ऐल्फा परीक्षण, शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण का पहला उदाहरण था।

(2) इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के समय युद्ध तथा नौ-सेना विभागों की ओर से सेना के वर्गीकरण हेतु मनोवैज्ञानिकों ने जिन दो परीक्षणों का निर्माण किया, वे सामूहिक शाब्दिक परीक्षण ही थे। ये थे –
⦁    नौ-सेना सामान्य वर्गीकरण-परीक्षण तथा
⦁    सैन्य सामान्य वर्गीकरण परीक्षण।

(3) वाक्यपूर्ति, अंकगणित तर्क, शब्द भण्डार तथा आदेश–इन परीक्षणों से सम्बन्धित D.A.V.D. नामक एक समूह परीक्षण थॉर्नडाइक तथा सहयोगियों द्वारा कोलम्बिया विश्वविद्यालय में तैयार किया गया था।’
(4) इसी प्रकार सूचना, पर्याय, तार्किक, चयन, वर्गीकरण, सादृश्य, विलोम तथा सर्वोत्कृष्ट उत्तर-इन परीक्षण-पदों से सम्बन्धित ‘टरमन मैक-नीमर परीक्षण ‘ (Terman MC Nemar Test) भी एक विख्यात परीक्षण रहा है।
(5) हमारे देश भारत में भी कुछ सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण बनाये गये जिनमें जलोटा बुद्धि-परीक्षण तथा ‘मनोविज्ञानशाला उ० प्र०, इलाहाबाद’ द्वारा निर्मित बुद्धि परीक्षाएँ-B.P.T.- 8, B.P.T.- 7 तथा B.P.T.-13 क्रमशः 14, 13 व 12 वर्ष के बच्चों को बुद्धि परीक्षण करती हैं। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी इस दिशा में सफल प्रयास किये गये हैं।

3.

व्यक्तित्व-मापन के लिए अपनायी जाने वाली मुख्य विधियाँ कौन-कौन सी हैं? या व्यक्तित्व मापन के दो प्रक्षेपी परीक्षण लिखिए।

Answer»

व्यक्तित्व-मापन के लिए अपनायी जाने वाली मुख्य विधियाँ हैं –

⦁    वैयक्तिक विधियाँ,
⦁    वस्तुनिष्ठ विधियाँ,
⦁    मनोविश्लेषण विधियाँ तथा
⦁    प्रक्षेपण विधियाँ।

4.

बुद्धि-परीक्षणों की विश्वसनीयता से क्या आशय है?

Answer»

यदि बुद्धि-परीक्षण किसी व्यक्ति-विशेष की बुद्धि का एकरूपता से मापन करता है तो उसे विश्वसनीय (Reliable) कहा जाएगा। अनास्टेसी का कथन है कि, “विश्वसनीयता से तात्पर्य स्थायित्व अथवा स्थिरता से है।” उदाहरण के लिए मान लीजिए, ‘स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि-परीक्षण द्वारा एक बालक ‘रोहित’ की बुद्धि का मापन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी बुद्धि-लब्धि 108 आती है। कुछ समय के पश्चात् साधारण परिस्थितियों में स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि-परीक्षण’ द्वारा रोहित की बुद्धि का पुनः मापन किया गया, जिसका परिणाम वही बुद्धि-लब्धि 108 निकला

तीन-चार-पाँच बार जब परीक्षण द्वारा रोहित की बुद्धि मापी गयी तो भी उसकी बुद्धि-लब्धि 108 ही प्राप्त हुई। निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि-परीक्षण पूर्ण रूप से विश्वसनीय बुद्धि-परीक्षण है। एक विश्वसनीय बुद्धि-परीक्षण में वस्तुनिष्ठता तथा व्यापकता का गुण अनिवार्य रूप से होना चाहिए। एक बुद्धि-परीक्षण उस समय वस्तुनिष्ठ कहा जाएगा जब वह परीक्षण के व्यक्तिगत विचारों से प्रभावित न हो और उसकी व्यापकता से अभिप्राय है कि वह बुद्धि के सभी पक्षों का मूल्यांकन करेगा। एक बुद्धि-परीक्षण में विश्वसनीयता का गुण उसे प्रामाणिक बनाने में सहायता देता है।

5.

परीक्षण की वैधता (Validity) को परिभाषित कीजिए।  

Answer»

वैधता या प्रामाणिकता किसी भी मनोवैज्ञानिक परीक्षण की एक आवश्यक शर्त एवं विशेषता है। यदि कोई परीक्षण उस योग्यता अथवा विशेषताओं का यथार्थ मापन करें, जिन्हें मापन के लिए उसे बनाया गया है, तो वह परीक्षण वैध (Valid) माना जायेगा। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कोई परीक्षण बुद्धि मापन के लिए अर्जित किया गया है और प्रयोग करने पर वह बुद्धि का ही मापन करता है तो उसे वैध या प्रामाणिक परीक्षण कहा जायेगा और उसका यह गुण वैधता या प्रामाणिकता कहलाएगा।

6.

भाटिया की निष्पादन परीक्षण माला में कौन-कौन से परीक्षण सम्मिलित हैं?

Answer»

⦁    कोह को ब्लॉक डिजाइन परीक्षण,
⦁    अलेक्जेन्डर का पास-एलॉग परीक्षण,
⦁    पैटर्न ड्राइंग परीक्षण,
⦁    तात्कालिक स्मृति परीक्षण तथा
⦁    चित्रपूर्ति परीक्षण।

7.

व्यक्तिगत-मापन की मुख्य वैयक्तिक विधियाँ कौन-कौन सी हैं?

Answer»

व्यक्तित्व-मापन की मुख्य वैयक्तिक विधियाँ हैं —

⦁    प्रश्नावली विधि,
⦁    व्यक्ति इतिहास विधि,
⦁    भेंट या साक्षात्कार विधि तथा
⦁    आत्म-चरित्र लेखन विधि।।

8.

कुछ मुख्यरुचि-परीक्षणों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    स्ट्राँग का व्यावसायिक रुचि-पत्र,
⦁    क्यूडर का व्यावसायिक पसन्द लेखा तथा
⦁    मनोविज्ञानशाला का व्यावसायिक रुचि-मापी।

9.

व्यक्तित्व-परीक्षण की मुख्य प्रक्षेपण विधियाँ कौन-कौन सी हैं?

Answer»

व्यक्तित्व-परीक्षण की मुख्य प्रक्षेपण विधियाँ हैं —

⦁    कथा-प्रसंग परीक्षण,
⦁    बाल सम्प्रत्यक्षण परीक्षण,
⦁    रोर्णा स्याही धब्बा परीक्षण तथा
⦁    वाक्य-पूर्ति या कहानी-पूर्ति परीक्षण।

10.

किसी विशेष भाषा को न समझ सकने वाले अथवा निरक्षर व्यक्तियों की योग्यता के मापन के लिए किस प्रकार के परीक्षण होते हैं?(क) शाब्दिक परीक्षण(ख) अशाब्दिक अथवा क्रियात्मक परीक्षण(ग) व्यक्तिगत परीक्षण(घ) ये सभी

Answer»

(ख) अशाब्दिक अथवा क्रियात्मक | परीक्षण

11.

मनोवैज्ञानिक परीक्षण तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

Answer»

मनोवैज्ञानिक परीक्षण तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग दो भिन्न प्रक्रियाएँ हैं जिनमें कुछ समानताएँ भी हैं। ये दोनों ही प्रक्रियाएँ अधिक-से-अधिक वस्तुनिष्ठ होने का प्रयास करती हैं। दोनों में ही मानव-व्यवहार की व्याख्या के लिए कुछ उद्दीपक प्रस्तुत किये जाते हैं, जिनके प्रति प्राणी की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जाता है। इन समानताओं के होने के साथ-साथ इन दोनों में कुछ स्पष्ट अन्तर भी हैं। प्रथम अन्तर उद्देश्य से सम्बन्धित है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य है व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं, गुणों की मात्रा एवं स्वरूप का मूल्यांकन करना। इससे भिन्न, मनोवैज्ञानिक प्रयोग का मुख्य उद्देश्य प्राणी की मानसिक क्रियाओं, उनके सिद्धान्तों तथा नियमों का अध्ययन करना है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य व्यावहारिक तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग का उद्देश्य सैद्धान्तिक होता है।

12.

एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण उद्दीपकों का एक प्रतिमान है जिन्हें ऐसी अनुक्रियाओं को उत्पन्न करने के लिए चुना और संगठित किया जाता है जो कि परीक्षण देने वाले व्यक्ति की कुछ मनोवैज्ञानिक विशेषताओं को व्यक्त करेंगे।” – यह परिभाषा किसके द्वारा प्रतिपादित है?(क) फ्रीमैन(ख) क्रॉनबेक(ग) मरसेल(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

सही विकल्प है (ग) मरसेल

13.

मनोवैज्ञानिक परीक्षणों तथा सामान्य परीक्षाओं में क्या अन्तर है?

Answer»

मनोवैज्ञानिक परीक्षण तथा शिक्षण-संस्थाओं द्वारा संचालित सामान्य परीक्षाओं में स्पष्ट अन्तर है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण का उद्देश्य व्यक्ति की अभिवृत्तियों, क्षमताओं, रुचियों तथा व्यक्तित्व के लक्षणों को मापना है। इससे भिन्न शैक्षणिक परीक्षाओं का उद्देश्य किसी विशेष परिस्थिति में सिखाये गये ज्ञान या कौशल का मापना है। मनोवैज्ञानिक के पद पाठ्य-विषयों अर्थात् पाठ्यक्रम “पद” (Items) सामान्य जीवन से जुड़े होते हैं। इससे भिन्न शैक्षणिक परीक्षाओं के पद पाठ्य-विषयों अर्थात् पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं। इस प्रकार मनोवैज्ञानिक परीक्षण का क्षेत्र अनिश्चित, किन्तु व्यापक होता है तथा शैक्षिक परीक्षा का क्षेत्र अपेक्षाकृत निश्चित तथा सीमित होता है।

14.

निम्नलिखित में से कौन-सा शाब्दिक परीक्षण है? (क) रेवेन्स प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज(ख) बी०पी०टी०-12(ग) पिण्टनर-पैटर्सन परीक्षण(घ) अलैक्जेण्डर पास-एलांग परीक्षण

Answer»

(ख) बी०पी०टी०-12

15.

सामूहिक बुद्धि-परीक्षणों के नाम लिखिए।

Answer»

मुख्य सामूहिक बुद्धि-परीक्षण है — आर्मी-ऐल्फा’ परीक्षण, आर्मी बीटा परीक्षण तथा नौसेना और सेना सामान्य वर्गीकरण परीक्षण।

16.

मुख्य व्यक्तिगत अशाब्दिक बुद्धि-परीक्षणों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

⦁    पोर्टियस का व्यूह-परीक्षण,
⦁    पिण्टनर-पैटर्सन क्रियात्मक परीक्षण मान,
⦁    मैरिल-पामर गुटका निर्माण परीक्षण,
⦁    सेग्युईन आकार-पटल परीक्षण तथा
⦁    भाटिया की निष्पादन परीक्षण माला।

17.

व्यक्तिगत शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण के मुख्य स्वरूपों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

व्यक्तिगत शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण के मुख्य स्वरूप हैं – बिने-साइमन-स्केल, स्टैनफोर्ड-बिने-साइमन स्केल तथा संशोधित स्टैनफोर्ड-बिने-स्केल।

18.

बुद्धि-परीक्षण के मुख्य प्रकारों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

बुद्धि-परीक्षण के मुख्य प्रकार हैं-शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण तथा अशाब्दिक बुद्धि-परीक्षण ।

19.

बुद्धि-परीक्षण से क्या आशय है?

Answer»

बुद्धि-परीक्षण वे मनोवैज्ञानिक परीक्षण हैं जो मानव-व्यक्तित्व के सर्वप्रमुख तत्त्व एवं उसकी प्रधान मानसिक योग्यता ‘बुद्धि’ का अध्ययन तथा मापन करते हैं।

20.

सर्मस के आधार पर मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के प्रकारों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का एक वर्गीकरण उनमें लगने वाले समय के आधार पर भी किया गा है। इस वर्गीकरण के अन्तर्गत मनोवैज्ञानिक परीक्षण के दो मुख्य प्रकारों का उल्लेख किया गया है। ये प्रकार निम्नलिखित हैं

⦁    गति परीक्षण (Speed Test)- गति परीक्षण व्यक्ति के कार्य की गति का मापन करते हैं; उदाहरण के लिए टाइप-टेस्ट।

⦁    शक्ति परीक्षण (Power Test)-जिन परीक्षणों में बिना समय के प्रतिबन्ध के किसी भी क्षेत्र में ‘विषय’ की शक्ति का मापन किया जाता है, उन्हें शक्ति परीक्षण कहते हैं। ऐसे परीक्षणों में समस्याओं/प्रश्नों को कठिनाई के क्रम में रखकर हल करने के लिए देते हैं।

21.

अभिरुचि (Aptitude) से क्या आशय है? मुख्य अभिरुचि परीक्षणों का सामान्य परिचय दीजिए।

Answer»

व्यक्ति की एक विशिष्ट योग्यता को अभिरुचि (Aptitude) कहा जाता है। 

अभिरुचि से आशय है — किसी कार्य को सीखने की योग्यता तथा उसके प्रति रुचि को होना। अभिरुचि में दो तत्त्व निहित होते हैं। ये तत्त्व हैं – सम्बन्धित कार्य को करने या सीखने की क्षमता तथा उनके प्रति रुचि। यदि किसी व्यक्ति की किसी कार्य के प्रति रुचि हो, परन्तु उसमें उस कार्य को सीखने की क्षमता या योग्यता न हो तो हम यह नहीं कह सकते कि उस व्यक्ति की सम्बन्धित कार्य में अभिरुचि है। इसी प्रकार; भले ही व्यक्ति किसी कार्य को सीखने या करने की क्षमता रखता हो, परन्तु यदि उसकी उस कार्य के प्रति रुचि न हो तो भी हम यह नहीं कह सकते कि व्यक्ति की अमुक कार्य के प्रति अभिरुचि है।

व्यक्ति की अभिरुचियों को जानने एवं उनके मापन के लिए विभिन्न परीक्षण तैयार किये गये हैं। इन परीक्षणों को अभिरुचि परीक्षण कहा जाता है। मुख्य अभिरुचि परीक्षणों का सामान्य परिचय निम्नलिखित है |

(1) कैलिफोर्निया मानसिक परिपक्वता परीक्षण – एक मुख्य अभिरुचि परीक्षण है। ‘कैलिफोर्निया मानसिक परिपक्वता परीक्षण’। यह परीक्षण विभिन्न मानसिक शक्तियों के मापन के लिए तैयार किया गया है। इस परीक्षण के माध्यम से व्यक्ति के शब्द-ज्ञान तथा सह-सम्बन्ध ज्ञान आदि को जाना जाता है। व्यवहार में इस परीक्षण के माध्यम से महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की मानसिक परिपक्वती का मापन किया जाता है।

(2) मिनेसोटा यान्त्रिक संग्रह अभिरुचि परीक्षण – इस अभिरुचि परीक्षण के माध्यम से सम्बन्धित व्यक्ति की यान्त्रिक कार्यों के प्रति अभिरुचि को ज्ञात किया जाता है तथा उसका मापन किया जाता है। इस परीक्षण के अन्तर्गत व्यक्ति की यान्त्रिक अभिरुचि को जानने के लिए उससे कुछ सूक्ष्म यान्त्रिक कार्य करवाये जाते हैं तथा उसी के आधार पर व्यक्ति की यान्त्रिक अभिरुचि का निर्धारण किया जाता है।

(3) मिनेसोटा लिपिक अभिरुचि परीक्षण — यह अभिरुचि परीक्षण सम्बन्धित व्यक्ति की बौद्धिक योग्यता को ज्ञात करके उसकी अभिरुचि का मापन करता है। इस परीक्षण को भिन्न-भिन्न आयु-वर्ग के व्यक्तियों पर लागू किया जा सकता है।

(4) गिलफोर्ड-जिमरमैन अभिरुचि परीक्षण – यह अभिरुचि परीक्षण द्वितीय विश्व युद्ध के काल में तैयार किया गया था तथा इसका उपयोग सैनिकों की अभिरुचि को जानने के लिए किया जाता था। इस परीक्षण के माध्यम से व्यक्ति की विभिन्न अभिरुचियों को जाना जा सकता है।

(5) कुछ अन्य अभिरुचि परीक्षण – व्यक्ति की अभिरुचियों के मापन के लिए तैयार किये गये उपर्युक्त मुख्य अभिरुचि परीक्षणों के अतिरिक्त कुछ अन्य अभिरुचि परीक्षण भी तैयार किये गये हैं, जिन्हें प्रायः मनोवैज्ञानिकों द्वारा अभिरुचि मापन के लिए अपनाया जाता है। इस वर्ग के कुछ उल्लेखनीय अभिरुचि परीक्षण हैं-फ्रांफार्ड सूक्ष्म अंग-दक्षता परीक्षण, स्टाबर्ग अंग-दक्षता परीक्षण, मिलर का कला-निर्णय परीक्षण, जटिल-समन्वय परीक्षण, ओंकनूर अंगुलि-दक्षता परीक्षण तथा मैकवरी का मानसिक योग्यता परीक्षण।

22.

किसी व्यक्ति की योग्यता एवं प्रतिभा को जानने का मनोवैज्ञानिक उपाय है –(क) उसकी डिग्रियों का विश्लेषण(ख) उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण(ग) उसके व्यवहार का विश्लेषण(घ) इन उपायों में से कोई नहीं

Answer»

(ख) उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण,

23.

उत्तम मनोवैज्ञानिक परीक्षण की विशेषताएँ हैं(क) व्यापकता(ख) विश्वसनीयता तथा वैधता(ग) वस्तुनिष्ठता(घ) ये सभी विशेषताएँ

Answer»

(घ) ये सभी विशेषताएँ

24.

मनोवैज्ञानिक परीक्षण तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग में अन्तर है(क) मनोवैज्ञानिक परीक्षण विद्वानों द्वारा किये जाते हैं तथा मनोवैज्ञानिक प्रयोग छात्रों द्वारा।(ख) मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उद्देश्य व्यावहारिक होता है, जबकि मनोवैज्ञानिक प्रयोगों का उद्देश्य सैद्धान्तिक होता है।(ग) मनोवैज्ञानिक प्रयोग सिद्धान्तों पर आधारित होते हैं, जबकि मनोवैज्ञानिक प्रयोग अनुमान पर आधारित होते हैं।(घ) दोनों में कोई अन्तर नहीं है।

Answer»

(ख) मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उद्देश्य व्यावहारिक होता है, जबकि मनोवैज्ञानिक प्रयोगों का उद्देश्य सैद्धान्तिक सेता है

25.

रुचि से आप क्या समझते हैं? रुचि के मूल्यांकन में प्रयुक्त प्रमुख रुचि परीक्षणों पर प्रकाश डालिये।यारुचि परीक्षण से आप क्या समझते हैं ?

Answer»

रुचि का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Interest)

किसी कार्य की सफलता या असफलता के लिए उत्तरदायी मानवे व्यक्तित्व के कुछ गुणों; जैसे—बुद्धि, मानसिक योग्यता एवं अभिरुचि के अलावा व्यक्ति की उस कार्य के प्रति रुचि भी एक महत्त्वपूर्ण कारक है। रुचि का गुण व्यक्ति को उस कार्य में रस एवं आनन्द की स्थिति प्रदान करता है। रुचि का अभिप्राय एक ऐसी मानसिक व्यवस्था है जिसके कारण से कोई व्यक्ति किसी वस्तु अथवा विचार को पसन्द या नापसन्द करता है। ये मूल प्रवृत्तियों से सम्बन्धित एक प्रवृत्ति है जो व्यक्ति को वातावरण के कुछ विशेष तत्त्वों की ओर ध्यान देने की प्रेरणा प्रदान करती है। हम रुचिकर कार्यों को करने की इच्छा रखते हैं तथा उन्हें करने में हमें सुख व सन्तोष का अनुभव भी होता है।
रुचि का मानसिक योग्यता तथा अभिरुचि से गहरा सम्बन्ध है। प्रायः अनुभव किया जाता है कि जिन कार्यों को करने की हमारे पास मानसिक योग्यता और अभिरुचि होती है, उन कार्यों को हम विशेष लगाव तथा रुचि के साथ करते हैं। रुचि की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं |

⦁    गिलफोर्ड के अनुसार, “रुचि वह प्रवृत्ति है जिसमें हम किसी व्यक्ति, वस्तु या क्रिया की ओर ध्यान देते हैं, उससे आकर्षित होते हैं या सन्तुष्टि प्राप्त करते हैं।”
⦁    बिंघम के शब्दों में, “रुचि वह मानसिक क्रिया है जो किसी अनुभव में एकाग्रचित्त हो जाने । पर बनी रहती है।”
देश, काल एवं पात्र के अनुसार रुचियों में परिवर्तन होता रहता है तथा आयु बढ़ने पर यह स्थिरता को प्राप्त हो जाती है।

मुख्य रुचि परीक्षण
(Main Interest Tests)

मनोविज्ञान में रुचि का शुद्ध व वैज्ञानिक मापन करने के लिए अनेक परीक्षणों का निर्माण किया गया है। रुचि परीक्षणों का पहला रूप ‘रुची’ (Check list) होता है जिसमें परीक्षार्थी के सम्मुख विभिन्न व्यवसायों की सूची प्रस्तुत की जाती है। परीक्षार्थी अपनी पसन्द के व्यवसायों पर निशान लगाता है, जो उसकी पसन्दगी का क्रम भी बताते हैं। प्रमुख रुचि परीक्षण निम्नलिखित हैं|

(1) स्ट्राँग का व्यावसायिक रुचि-पत्र (The Strong Vocational Interest Check List)-इस ‘कागज-पेन्सिल परीक्षण’ (Paper-Pencil Test) के दो रूप हैं—पहला, पुरुषों के लिए तथा दूसरा, स्त्रियों के लिए प्रत्येक में 400 परीक्षण-पद होते हैं तथा 263 परीक्षण-पद ऐसे हैं जो दोनों में शामिल है। इस रुचि परीक्षण के पहले भाग में कुछ व्यवसाय हैं, शेष अन्य दोनों भागों में क्रमानुसार विद्यालय के पाठ्य-विषय, मनोविज्ञानों की क्रियाएँ (खेलकूद, पत्र-पत्रिकाएँ आदि), अनेक प्रकार के व्यक्तियों की विशेषताएँ इत्यादि। अन्तिम भाग में परीक्षार्थी को कुछ युगल परीक्षण-पदों की परस्पर तुलना करनी पड़ती है तथा उसे स्वयं अपनी मानसिक योग्यताओं, व्यक्तित्व की विशेषताओं तथा परीक्षण में निहित क्रियाओं का श्रेणीकरण करना पड़ता है। परीक्षण-पद में उल्लिखित कथन के विषय में परीक्षार्थी अपनी पसन्द, नापसन्द तथा उदासीनता व्यक्त करता है। हालांकि, परीक्षण हल करते समय परीक्षार्थी पर समय का कोई बन्धन नहीं रहता, किन्तु प्राय: सामान्य तथा तीव्र बुद्धि वाले व्यक्ति इसे 30 मिनट में, असन्तुलित मस्तिष्क या बुद्धि की कमी वाले लोग 1 से 2 घण्टे में उसे हल कर लेते हैं। सूक्ष्म विचारों तथा कठिन शब्दावली की उपस्थिति ने इस परीक्षण का प्रयोग कॉलेज के विद्यार्थियों तथा शिक्षित प्रौढ़ों तक सीमित कर दिया है। यह परीक्षण व्यावसायिक निर्देशन के लिए सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है। अलग-अलग व्यवसायों के लिए कुंजियाँ अलग-अलग बनी होती हैं। पुरुषों के व्यवसाय के लिए 47 कुंजियाँ तथा स्त्रियों के व्यव्साय के लिए 27 कुंजियाँ इसमें मौजूद हैं। इन कुंजियों के आधार पर व्यक्ति की रुचियों को ज्ञात किया जाता है और यह पता लगाया जाता है कि अमुक व्यक्ति किस व्यवसाय के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रहेगा। व्यावसायिक निर्देशन में स्ट्राँग द्वारा निर्मित यह रुचि परीक्षण अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुआ है।

(2) क्यूडर का व्यावसायिक पसन्द लेख (Cudor Vocational Preference Record)हाईस्कूल स्तर तक के बालकों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त सिद्ध होने वाला यह रुचि परीक्षण क्यूडर द्वारा बनाया गया। इसमें कुल मिलाकर 168 पद-समूह सम्मिलित हैं। प्रत्येक पद-समूह में तीन-तीन पद होते हैं एवं तीनों में से प्रत्येक पद अलग-अलग व्यवसाय की ओर इशारा करता है। इन पदों में से परीक्षार्थी को अपनी सबसे अधिक पसन्द के तथा सबसे कम पसन्द के पदों को बताना पड़ता है। परीक्षण को बनाते समय दस प्रकार की व्यावसायिक रुचियों को आधार बनाया गया है, जो इस प्रकार हैं –
⦁    बाह्य,
⦁    यान्त्रिक,
⦁    यान्त्रिक रुचि,
⦁    गणनात्मक रुचि,
⦁    संगीतात्मक रुचि,
⦁    संगीतात्मक,
⦁    गणनात्मक,
⦁    लिपिक सम्बन्धी,
⦁    लिपिक रुचि तथा
⦁    समाज-सेवा सम्बन्धी रुचि।

हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट स्तर के विद्यार्थियों की व्यावसायिक रुचियों का पता लगाने के लिए यह रुचि-मापी अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुआ है। इस परीक्षण का उपयोग हमारे प्रदेश अर्थात् उत्तर प्रदेश में शैक्षिक व्यावसायिक निर्देशन एवं परामर्श में विशेष रूप से किया जाता है।

निष्कर्षतः, रुचि के अनुकूल कार्य एवं व्यवसाय पाने वाले लोग जीवन में सुख, सन्तोष, उत्साह तथा सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे लोग स्वयं को हर प्रकार की परिस्थितियों से आसानी से अनुकूलित कर लेते हैं, लेकिन रुचि के प्रतिकूल कार्य मिलने पर लोगों का उत्साह ठण्डा पड़ जाता है। वे सदैव दु:खी, असन्तुष्ट तथा असफल देखे जाते हैं। यही कारण है कि आज की दुनिया में, खासतौर पर व्यवसाय के क्षेत्र में रुचि-मापी परीक्षणों का विशेष महत्त्व बढ़ता जा रहा है।

26.

यदि किसी व्यक्ति की वास्तविक आयु 20 वर्ष है तथा उसकी मानसिक आयु 30 वर्ष हो तो उसकी बुद्धि-लब्धि क्या होगी?(क) 150(ख) 100(ग) 200(घ) 125

Answer»

सही विकल्प है (क) 150

27.

बिने-साइमन परीक्षण द्वारा मापन किया जाता है(क) बुद्धि-लब्धि का(ख) व्यक्तित्व का(ग) अभिरुचि का(घ) रुचि का

Answer»

(क) बुद्धि-लब्धि का

28.

बुद्धि-लब्धि की अवधारणा के विषय में सत्य है(क) यह व्यक्ति की बुद्धि की मात्रा नहीं है।(ख) यह बुद्धि की एक ऐसी क्षमता है जो समय-समय पर परिवर्तित हो सकती है।(ग) यह मानसिक आयु तथा वास्तविक आयु के बीच अनुपात है।(घ) उपर्युक्त सभी तथ्य सत्य हैं।

Answer»

(घ) उपर्युक्त सभी तथ्य सत्य हैं

29.

पिण्टनर तथा पैटर्सन नामक मनोवैज्ञानिक द्वारा तैयार किया गया परीक्षण किस श्रेणी का परीक्षण है?(क) क्रियात्मक व्यक्ति बुद्धि-परीक्षण(ख) क्रियात्मक समूह बुद्धि-परीक्षण(ग) शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

(क) क्रियात्मक व्यक्ति बुद्धि परीक्षण

30.

आर्मी ऐल्फा तथा बीटा परीक्षण किस श्रेणी के मनोवैज्ञानिक परीक्षण हैं?(क) क्रियात्मक बुद्धि-परीक्षण(ख) शाब्दिक व्यक्ति बुद्धि-परीक्षण(ग) शाब्दिक समूह-बुद्धि-परीक्षण(घ) इनमें से कोई नहीं

Answer»

(ग) शाब्दिक समूह बुद्धि-परीक्षण,

31.

एक समय में एक ही व्यक्ति को दिया जाने वाला बुद्धि-परीक्षण कहलाता है- (क) सामूहिक बुद्धि-परीक्षण(ख) वैयक्ति बुद्धि-परीक्षण(ग) क्रियात्मक बुद्धि-परीक्षण(घ) सामाजिक बुद्धि-परीक्षण

Answer»

(ख) वैयक्तिक बुद्धि-परीक्षण

32.

“रुचि वह प्रवृति है जिसमें हम किसी व्यक्ति, वस्तु या क्रिया की ओर ध्यान देते हैं, उससे आकर्षिल होते हैं या सन्तुष्टि प्राप्त करते हैं।” यह कथन है –(क) जे०पी० गिलफोर्ड का(ख) इ०के०स्ट्राँग का(ग) क्यूडर का(घ) एच० जीस्ट का

Answer»

(क) जे०पी० गिलफोर्ड का

33.

निम्नलिखित में से कौन रुचि-परीक्षण है?(क) अलेक्जेण्डर पास-एलांग परीक्षण,(ख) क्यूडर प्राथमिकता प्रपत्र(ग) रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण(घ) मिनेसोटा असेम्बली परीक्षण

Answer»

(ख) क्यूडर प्राथमिकता प्रपत्र

34.

निम्नलिखित में कौन चित्र कथानक सम्बन्धी परीक्षण है? (क) स्याही धब्बा परीक्षण(ख) एम०एम०पी०आई०(ग) प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण(घ) वाक्य पूर्ति परीक्षण

Answer»

(ग) प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण

35.

रोर्णा स्याही धब्बा परीक्षण में काड की संख्या होती है।(क) 10(ख) 8(ग) 5(घ) 12

Answer»

सही विकल्प है (क) 10