InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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                                    हिन्दी नाटक के विकास में किस नाटककार का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है ? उसके द्वारा लिखित दो नाटकों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  हिन्दी नाटक के विकास में श्री जयशंकर प्रसाद का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके द्वारा लिखित दो नाटक हैं-‘अजातशत्रु’ और ‘ध्रुवस्वामिनी’।  | 
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| 2. | 
                                    भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नाटक किन विषयों पर आधारित हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नाटक राष्ट्र-प्रेम, धर्म, राजनीति, समाज-सुधार, प्रेम आदि विषयों पर आधारित हैं। इनके नाटकों में प्रेम-तत्त्व की प्रमुखता है।  | 
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| 3. | 
                                    माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित किसी एक नाटक का नाम बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  श्री माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित नाटक ‘कृष्णार्जुन युद्ध’ है।  | 
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| 4. | 
                                    सेठ गोविन्ददास किस विधा के प्रमुख लेखक हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  सेठ गोविन्ददास ‘नाटक’ विधा के प्रमुख लेखक हैं।  | 
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| 5. | 
                                    हिन्दी के प्रथम नाटक और उसके नाटककार का नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  हिन्दी के प्रथम नाटक का नाम ‘नहुष’ है, जिसकी रचना गोपालचन्द्र गिरधरदास (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के पिता) द्वारा की गयी।  | 
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| 6. | 
                                    हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटककारों तथा उनके द्वारा लिखित एक-एक नाटक का नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटककार तथा उनके द्वारा लिखित एक-एक नाटक के नाम हैं- ⦁    श्री जयशंकर प्रसाद : अजातशत्रु  | 
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| 7. | 
                                    जयशंकर प्रसाद के नाटकों के क्या विषय हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति का समन्वय, देशप्रेम, आधुनिक युग की समस्याएँ, मानव-मन का अन्तर्द्वन्द्व आदि जयशंकर प्रसाद के नाटकों के प्रमुख विषय हैं।  | 
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| 8. | 
                                    प्रसादोत्तर काल के चार नाटककारों तथा उनके एक-एक नाटक का नाम लिखिए।याशुक्लोत्तर युग (प्रसाद के परवर्ती) के दो प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    लक्ष्मीनारायण मिश्र–सिन्दूर की होली  | 
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| 9. | 
                                    हिन्दी के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।याउदयशंकर भट्ट किस गद्य-विधा के प्रमुख लेखक हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    भारतेन्दु हरिश्चन्द्र  | 
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| 10. | 
                                    कुछ प्रमुख रेडियो-नाटककारों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    श्री सुमित्रानन्दन पन्त  | 
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| 11. | 
                                    भुवनेश्वर गद्य की किस विधा-विशेष के लिए प्रसिद्ध हैं? | 
                            
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                                   Answer»  भुवनेश्वर नाटक और एकांकी गद्य-विधाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक का नाम ‘स्ट्राइक’ है।  | 
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| 12. | 
                                    जयशंकर प्रसाद के परवर्ती (बाद के) नाटककारों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    लक्ष्मीनारायण मिश्र  | 
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| 13. | 
                                    जयशंकर प्रसाद के दो ऐतिहासिक नाटकों के नाम लिखिए।याजयशंकर प्रसाद के किन्हीं दो नाटकों के नाम लिखिए।याजयशंकर प्रसाद के एक नाटक का नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    चन्द्रगुप्त और  | 
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| 14. | 
                                    छायावादी युग के दो नाटककारों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    जयशंकर प्रसाद तथा  | 
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| 15. | 
                                    शुक्ल युग के उस सुप्रसिद्ध नाटककार का नाम लिखिए, जो अपने युग के सुप्रतिष्ठित कहानीकार होने के साथ-साथ श्रेष्ठ कवि भी हैं। | 
                            
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                                   Answer»  जयशंकर प्रसाद शुक्ल युग के सुप्रसिद्ध नाटककार हैं, जो सुप्रतिष्ठित कहानीकार और श्रेष्ठ कवि भी हैं।  | 
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| 16. | 
                                    भारतेन्दु के बाद के प्रमुख ऐतिहासिक नाटककार का नाम लिखिए।याकिसी एक नाटककार का नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के बाद के प्रमुख ऐतिहासिक नाटककार हैं-श्री जयशंकर प्रसाद।  | 
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| 17. | 
                                    शुक्ल युग के दो नाटककारों के नाम लिखिए।याप्रसाद युग के किसी एक नाटककार का नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  ⦁    जयशंकर प्रसाद और  | 
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| 18. | 
                                    भारतीय आचार्यों द्वारा बताये गये नाटक के तत्त्व लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  भारतीय आचार्यों ने नाटक के पाँच तत्त्व बताये हैं— ⦁    कथावस्तु  | 
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| 19. | 
                                    नाटक किसे कहते हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  नाटक साहित्य की एक से अधिक अंकों वाली वह दृश्यात्मक गद्य-विधा है, जो रंगमंच पर अभिनय द्वारा प्रस्तुत करने की दृष्टि से लिखी जाती है तथा पात्रों एवं उनके संवादों पर आधारित होती है।  | 
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| 20. | 
                                    पाश्चात्य विद्वानों की दृष्टि से नाटक के तत्त्व बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  पाश्चात्य विद्वानों ने नाटक के छ: तत्त्व स्वीकार किये हैं– ⦁    कथावस्तु  | 
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| 21. | 
                                    भारतेन्दु के पश्चात् नाटक के क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान किसका रहा ? | 
                            
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                                   Answer»  भारतेन्दु के पश्चात् नाटक के क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान जयशंकर प्रसाद का रहा।  | 
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