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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।“मनुष्य के लिए स्वस्थ रहना अत्यन्त आवश्यक है। तंदुरुस्त रहने से मन प्रसन्न रहता है। मनुष्य दुगुने उत्साह के साथ अपने काम में लग सकता है। इसके विपरीत अस्वस्थ रहने से वह उदास हो जाता है। मन नीरस रहता है। इसलिए कहा गया है कि स्वस्थ तन में स्वस्थ मन और मस्तिष्क कानिवास होता है।”1. मनुष्य के लिए कैसे रहना अत्यंत आवश्यक है?A) उदासB) स्वस्थC) नीरसD) दुःखी2. तन्दुरुस्त रहने से मन कैसा रहता है?A) प्रसन्नB) नीरसC) उदासD) बेचैनी3. मनुष्य अस्वस्थ रहने पर क्या हो जाता है?A) स्वस्थB) चुस्तC) अच्छाD) उदास4. स्वस्थ तन में किसका निवास होता है?A) स्वस्थ मनB) स्वस्थ मस्तिष्कC) स्वस्थ और मस्तिकD) कुछ नहीं5. “स्वस्थ’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?A) अस्वस्थB) प्रसन्न उत्तरC) सुखD) उत्साह

Answer»
  1. B) स्वस्थ
  2. A) प्रसन्न
  3. D) उदास
  4. A) स्वस्थ मन
  5. A) अस्वस्थ
2.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।लक्ष्मीबाई का जन्म 16 नवंबर, 1835 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे और माता का नाम भागीरथी बाई था। लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनुबाई था। मनु की माता का स्वर्गवास उनके बचपन में ही हो गया। पिता ने ही उनका पालन – पोषण किया। नाना साहेब बचपन में मनु के साथी थे।प्रश्न :1. लक्ष्मीबाई का जन्म किस साल में हुआ?A) 1935B) 1835C) 1845D) 18552. लक्ष्मीबाई के पिता कौन थे?A) मोरोपंत तांबेB) नाना साहेबC) गंगाधरD) भागीरथी बाई3. लक्ष्मीबाई की माता का नाम क्या है?A) जमुना बाईB) लता बाईC) भागीरथी बाईD) मनुबाई4. मनुबाई किनके बचपन का नाम था?A) भागीरथी बाईB) जमुना बाईC) राधा बाईD) लक्ष्मीबाई5. लक्ष्मीबाई का पालन – पोषण किसने किया?A) माताB) पिताC) भाईD) चाचा       

Answer»
  1. B) 1835
  2. A) मोरोपंत तांबे
  3. C) भागीरथी बाई
  4. D) लक्ष्मीबाई
  5. B) पिता
3.

अनुच्छेद पढ़िए। भाव लिरिवए ।खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है। इससे मानसिक और शारीरिक विकास होता है। खेलों से मानसिक थकान दूर होती है । जीवन परिश्रमी बनता है। शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए खेलों को अपने जीवन में महत्व देना अनिवार्य है।

Answer»

खेल बच्चों के जीवन का अंग है। खेलों से मानसिक और शारीरिक विकास होता है। मानसिक थकावट दूर होता है और बच्चे परिश्रमी बनते हैं | स्वस्थ रहते हैं। खेलों को महत्व देना ज़रूरी है।

4.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है। इसमें जो वैर – भाव रखे, वह खिलाड़ी नहीं। दो पक्ष हैं, एक जीतेगा और दूसरा हारेगा। इसमें नाराज़गी या वैर – भाव की क्या बात? इस बार हारोगे तो अगली बार जीतोगे। जीतने की कोशिश करो। विपक्षी अगर जीतता है तो उसके खेल को समझो और उसकी सराहना करो। अपनी हार से भी सीखो और अपनी जीत से भी सीखो।प्रश्न :1. फुटबॉल कैसा खेल है?2. फुटबॉल खेल में कितने पक्ष होते हैं?3. विपक्षी अगर जीतता है तो हमें क्या करना है?4. हमें किन – किनसे सीखना है?5. वैर – भाव रखनेवाला क्या नहीं हो सकता?

Answer»
  1. फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है।
  2. फुटबॉल खेल में दो पक्ष होते हैं।
  3. विपक्षी अगर जीतता है तो उसके खेल को समझना और उसकी सराहना करना चाहिए।
  4. हमें हार और जीत दोनों से सीखना है।
  5. वैर भाव रखने वाला खिलाड़ी नहीं हो सकता।
5.

निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।फुटबॉल का खेल अकेले एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है, मिलजुलकर खेलने का खेल है, यह ताकत और सावधानी का खेल है, यह चुस्ती का खेल है, यह नज़र का खेल है। फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र, विपक्षियों पर नज़र, गोल पर नज़र, लाइन पर नज़र, समय पर नज़र, अपने पर नज़र । यह ऐसा खेल है जिसमें एक की ताकत सबकी ताकत है और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है।प्रश्न :1. टीम का खेल क्या है?2. ताकत और सावधानी का खेल क्या है?3. इस उपर्युक्त अनुच्छेद में किस खेल के बारे में बताया गया है?4. फुटबॉल खेल में किन – किन पर नज़र रखनी पडती है?5. उपर्युक्त अनुच्छेद किस पाट से लिया गया है?

Answer»
  1. फुटबॉल टीम का खेल है।
  2. ताकत और सावधानी का खेल है “फुटबॉल”।
  3. इस उपर्युक्त अनुच्छेद में फुटबॉल खेल के बारे में बताया गया है।
  4. फुटबॉल खेल में फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र, विपक्षियों पर नज़र, गोल पर नज़र, लाइन पर नज़र, समय पर नज़र और अपने पर नज़र रखनी पडती हैं।
  5. उपर्युक्त अनुच्छेद “फुटबॉल” पाठ से लिया गया है।
6.

किसी भी खेल में नेतृत्व भावना की क्या भूमिका होती है?

Answer»

क्रिकेट, वालीबॉल, फुटबॉल आदि खेलों में अधिक खिलाडी खेलते हैं। उन खिलाडियों में एक योग्य व्यक्ति को नेता (कप्तान) बनाकर टीम का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है । तब वह नेता बना व्यक्ति समझदारी, निपुणता से खिलाडियों में एकता की भावना भरते खेलने प्रोत्साहित करता रहता है। खिलाडी की योग्यता के अनुसार विविध स्थान देकर खेल में जीत प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न करता है। अपने साथी खिलाडियों में उत्साह भरना, किसी कष्ट समय पर भी उनकी निंदा न करके ज़िम्मेदारी से खेलने की चेतना उनमें भरता है। सारे खिलाडियों को बिना किसी भेदभाव के खेल में अपनी पूरी योग्यता दिखाने का मौका देने का सही प्रयत्न नेता करता है । अपने नेतृत्व के टीम को विजयपथ पर ले जाने का गुरुतर भार नेता पर ही रहता है।

7.

फुटबॉल खेल में गोल रक्षक का क्या महत्व है?

Answer»

फुटबॉल एक खास मैदानी खेल है । इस खेल में गोल रक्षक का महत्वपूर्ण स्थान रहता है। खेल में दोनों पक्षों के खिलाडी गेंद को मारते विपक्षी के बाक्स में भेजने का भरसक प्रयत्न करते हैं। गोल रक्षक बडी सतर्कता से गेंद पर ही नज़र रखकर, गेंद किस ओर से भी आये, अंदर घुसने न देने का प्रयत्न करता है। गोल रक्षक के सामर्थ्य पर ही खेल में जीत या हार संभव हो सकता है |

8.

खेलों से किन गुणों का विकास होता है?

Answer»
  • खेलों से निम्न लिखित गुणों का विकास होता है।
  • विपक्षी के खेल को समझने और सराहने का गुण
  • मिलजुलकर रहने का भाव
  • अपनी हार और जीत से कुछ सीख
  • ताकत और सावधानी का विकास
  • टीम स्पिरिट का विकास
  • परस्पर प्रेम भावना
  • सब मिलकर सोचने की भावना
  • सचाई से जीने की प्रेरणा
  • खेलों से भाईचारे की भावना
9.

पढाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता क्यों होती है?

Answer»

पढ़ाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता इन निम्न लिखित कारणों से होती है।

  • स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए खेलों की जरूरत है। तभी हमें पढ़ने के विषयों के प्रति संबंध स्थापित होता है।
  • खेलों से मानसिक तथा शारीरिक थकावट दूर हो कर पढ़ाई के प्रति रुचि उत्पन्न होता है।
  • खेलों से आत्म निर्भरता बढ़ती है इसलिए हम जो भी पढ़े वह आत्मसात हो जाता है।
  • खेलों से छात्रों में मनोविनोद होता है। इसलिए फिर वे पढने में जी लगा सकते हैं।
  • खेलों के द्वारा छात्रों में अनुशासन तथा सहयोग की भावना बढ़ती है ये दोनों छात्रों की पढ़ाई में सहयोग देते हैं।
  • खेलों के द्वारा जीवन में परिश्रमी बनने का भाव उत्पन्न होता है जिससे छात्र खूब परिश्रम करके पढ़ाई में जीत पायेंगे।
  • खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है।
  • छात्र खेलते – कूदते, खेलों के माध्यम से अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।
  • खेलों से मानसिक तथा शारीरिक विकास होता है जो पढ़ाई में सहायक होता है।
10.

‘हार – जीत खेल का एक हिस्सा है।’ इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

Answer»

मानव के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खेल अत्यंत आवश्यक अंग है। खेलों से मानसिक थकावट दूर होती है। शरीर तंदुरुस्त रहकर, जीवन परिश्रमी बनता है। खेलों को खेल ही समझने चाहिए | खेल ही जीवन नहीं समझना है।

हर खेल में दो पक्ष ज़रूर होते हैं। एक पक्ष जीतता है तो दूसरा हार जाता है। यह तो अनिवार्य है। तभी खेल का फल मालूम होता है। हार-जीत दोनों खेल का एक हिस्सा है। इन दोनों का समान अस्तित्व रहता है। खेल में वैर भाव नहीं रखना चाहिए। एक बार हारेगा तो अगली बार जीतेगा | जीतने की कोशिश करनी है। हार या जीत खिलाडियों की गलतियों, कमजोरियों, लिये जानेवाले निर्णयों आदि अनेक मुख्य विषयों पर आधारित होते हैं। अपनी हार को असमर्थता और विपक्षी की सफलता को समर्थता नहीं समझनी चाहिए।

खेल तो खेल ही है । उसे प्रमे से चाव से खेलना चाहिए। इस बार हार होगी तो विफल न होकर अगली बार ज़रूर जीत होगी, ऐसी भावना रखकर कोशिश करनी है। वही सच्चा खिलाडी का महान गुण है। सच्चा खिलाडी जीते हुए पक्षवालों के खेल को समझने की कोशिश करेगा। उनकी प्रशंसा ज़रूर करेगा। अपनी हार का कारण क्या है? इस पर विचार करेगा। इस तरह अपनी हार या जीत से कुछ न कुछ ज़रूर सीखनेवाला ही सच्चा खिलाडी है।

11.

’फुटबॉल’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।(या)फुटबॉल मिलजुलकर खेलने का खेल है। फुटबॉल खेल के बारे में आप क्या जानते हैं? लिखिए।

Answer»

‘फुटबॉल‘ नामक पाठ में लेखक फुटबॉल खेल के बारे में और उसके प्रति आपने लगाव के बारे में वर्णन करते हैं। जो इस प्रकार है –

फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है । इसमें दो पक्ष होते हैं। फुटबॉल प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है।

लेखक को वॉलीबाल खेलते-खेलते फुटबॉल भी खेलने का शौक पैदा हुआ | तब से फुटबॉल लेखक का प्रिय खेल हो गया। लेखक दिन में, रात में, मैदान में, खेत में जब समय मिले तब फुटबॉल खेलने लगा। __फुटबॉल अकेला एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है । मिलजुलकर खेलने का खेल है। इसमें एक की ताकत सबकी ताकत है, एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है।

इस खेल में भी हार और जीत दोनों होते हैं। जीत और हार दोनों से सीख मिलता है। अंत में लेखक आशा करता है कि आज तक तो वह किसी बडी टीम में नहीं खेला लेकिन वह एक न एक दिन देश की किसी
भी बड़ी टीम में खेलेगा।

12.

‘खेलों से मनोरंजन होता है’ अपने विचार बताइए।

Answer»

खेलों से मनोरंजन होता है। बच्चों के मनोरंजन और पसंदी साधनाओं में खेलों का ही अधिक महत्व है। खेलों से शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास होता है। विद्यार्थी सुबह दस बजे से लेकर शाम को पाँच बजे तक पाठशालाओं में पढ़ाई के कारण मानसिक थकान का अनुभव करते हैं तो खेल उन्हें मनोरंजन देकर पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करते हैं।