InterviewSolution
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स्वयं सेवा पद्धति अपनायी जाती है(a) विभागीय भण्डार में(b) श्रृंखलाबद्ध भण्डार में(c) सुपर बाजार में(d) इन सभी में |
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Answer» (c) सुपर बाजार में |
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विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं का लेन-देन करने वाले बाजार का नाम लिखिए। |
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Answer» विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं का लेन-देन करने वाले बाजार सुपर बाजार है। |
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मध्यस्थों की श्रृंखला की अन्तिम कड़ी है(a) उत्पादक(b) थोक व्यापारी(c) फुटकर व्यापारी(d) ये सभी |
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Answer» (c) फुटकर व्यापारी |
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विभागीय भण्डार को प्रारम्भ सबसे पहले हुआ था(a) अमेरिका में(b) फ्रांस में(c) जर्मनी में(d) लन्दन में |
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Answer» सही विकल्प है (b) फ्रांस में |
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अंशों का लेन-देन करने वाले बाजार का नाम बताइए। |
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Answer» अंशों का लेन-देन करने वाले बाजार का नाम शेयर बाजार हैं। |
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बहुमूल्य धातुओं अर्थात् सोना एवं चाँदी का लेन-देन करने वाले बाजार का नाम लिखिए। |
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Answer» सर्राफा बाजार |
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‘बिग बाजार’ किस क्षेत्र से सम्बन्धित है? |
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Answer» फुटकर व्यापार |
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ऑनलाइन व्यवसाय को परिभाषित कीजिए। इसके गुणों को बताइए। |
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Answer» यदि व्यवसाय का स्वामी अपने व्यवसाय को चलाने हेतु इण्टरनेट का उपयोग करता है, तो सम्बन्धित व्यवसाय को ‘ऑनलाइन व्यवसाय’ कहा जाता है। अन्य शब्दों में, ऑनलाइन व्यवसाय में क्रय तथा विक्रय ऑनलाइन होता है तथा इसके अन्तर्गत व्यवसायी अपने ग्राहकों को ऑनलाइन सेवाएँ प्रदान करता है। ऑनलाइन व्यवसाय के गुण ⦁ लागत की बचत होती है। |
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| 9. |
डाक द्वारा व्यापार से क्या तात्पर्य है? इसकी दो विशेषताएँ बताइए। |
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Answer» डाक द्वारा व्यापार में ग्राहकों से डाक द्वारा आदेश प्राप्त करके डाक द्वारा ही माल भेजा (विक्रय किया जाता है। इसमें क्रेता और विक्रेता एक-दूसरे से अनजाने रहते हैं। इस पद्धति को प्रोत्साहन देने में विज्ञापन का विशेष महत्त्व होता है। डाक द्वारा व्यापार की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं ⦁ इसमें माल का क्रय-विक्रय डाक द्वारा किया जाता है। ⦁ इस पद्धति में ग्राहकों से व्यक्तिगत सम्पर्क करने की आवश्यकता नहीं होती है। |
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| 10. |
बड़ी मात्रा में फुटकर व्यापार करने वाली दो संस्थाओं के नाम बताइए। |
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Answer» ⦁ विभागीय भण्डार |
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फुटकर व्यापारी से आप क्या समझते हैं? यह थोक व्यापारी से किस प्रकार भिन्न है? एक फुटकर व्यापारी की समाज के प्रति सेवाओं का वर्णन कीजिए। |
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Answer» फुटकर व्यापारी से आशय थोक व्यापारी यह ऐसे व्यापारी होते हैं, जो उत्पादकों व निर्माताओं से भारी मात्रा में माल का क्रय करते हैं और उसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं। प्रो. हलें के अनुसार, “थोक व्यापारी वे विपणन व्यक्ति होते हैं, जो फुटकर व्यापारी तथा निर्माता या उत्पादक के मध्य का स्थान ग्रहण करते हैं।” फुटकर व्यापारी यह थोक व्यापारियों से बड़ी मात्रा में माल खरीदते हैं तथा उपभोक्ताओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बेचते हैं। यह मध्यस्थों की श्रृंखला की अन्तिम कड़ी होती है। स्टीफेन्सन के अनुसार, “फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं सम्बन्धी वस्तुओं के वितरण में लगा वह व्यापारिक मध्यस्थ होता है, जिसका अन्तिम उपभोक्ताओं से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है।” फुटकर व्यापारी समाज तथा उपभोक्ताओं के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान करते हैं- ⦁ ग्राहकों को आवश्यकतानुसार माल का विक्रय करना फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं को उनकी रुचि, फैशन व रीति-रिवाज, आदि के आधार पर माल का विक्रय करते हैं। ⦁ क्षेत्र की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करना फुटकर व्यापारी अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करते हैं। ⦁ साख सुविधाएँ प्रदान करना फुटकर व्यापारी अपने नियमित ग्राहकों को माल उधार बेचकर साख सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ सरलता से उपलब्ध हो जाती हैं। ⦁ ताजी वस्तुएँ प्रदान करना फुटकर व्यापारी अपने ग्राहकों को ताजी व शुद्ध वस्तुएँ उपलब्ध करवाते हैं, इसलिए ग्राहक आवश्यकता के अनुसार कभी भी माल खरीद सकते हैं। ⦁ माल वापसी की सुविधा देना फुटकर व्यापारी उपभोक्ता को कोई माल पसन्द न आने पर उसे वापस लेने की सुविधा भी प्रदान करते हैं। ⦁ माल को घर पहुँचाना फुटकर व्यापारी ग्राहकों के व्यक्तिगत सम्बन्धों के कारण उनके घर पर माल की सुपुर्दगी की सुविधा भी प्रदान करते हैं। ⦁ माँग के अनुसार वस्तुएँ उपलब्ध कराना फुटकर व्यापारी अपनी दुकान में मौसम के अनुकूल अलग-अलग प्रकार की वस्तुएँ खरीदकर एकत्र कर लेते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आवश्यकतानुसार उनकी पसन्द की वस्तुएँ सरलता से मिल जाती हैं। ⦁ निःशुल्क परामर्श देना फुटकर व्यापारी अपने ग्राहकों से व्यक्तिगत सम्पर्क होने के कारण उनको वस्तुओं के उचित चयन व उपयोगिता के विषय में नि:शुल्क परामर्श देते हैं। ⦁ ग्राहकों को चुनाव की सुविधा फुटकर व्यापारी ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार वस्तु के उपयुक्त चुनाव की सुविधा देते हैं। ⦁ ठगे जाने का भय नहीं फुटकर व्यापारी ग्राहकों के निकट व स्थायी रूप से होने के कारण ग्राहकों से धोखा नहीं करता है। उपभोक्ताओं को फुटकर व्यापारी पर पूर्ण विश्वास होता है। |
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फुटकर व्यापारी द्वारा प्रदान की जाने वाली किन्हीं दो सेवाओं का वर्णन कीजिए। |
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Answer» फुटकर व्यापारी द्वारा प्रदान की जाने वाली दो सेवाएँ निम्नलिखित हैं ⦁ फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं को उनकी रुचि, फैशन व रीति-रिवाज, आदि के आधार पर माल का विक्रय करते हैं। ⦁ फुटकर व्यापारी अपने नियमित ग्राहकों को उधार माल बेचकर साख सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। |
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फुटकर व्यापारी की सेवाओं का वर्णन कीजिए। |
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Answer» फुटकर व्यापारियों की सेवाएँ फुटकर व्यापारी उत्पादकों, थोक व्यापारी, उपभोक्ताओं अथवा समाज के प्रति विभिन्न महत्त्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करते हैं। ये सेवाएँ निम्नलिखित हैं I. उत्पादकों व थोक व्यापारियों के प्रति सेवाएँ फुटकर व्यापारी उत्पादकों व थोक व्यापारियों के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान करते हैं ⦁ उपभोक्ताओं की रुचि व माँग के अनुसार सूचना देना फुटकर व्यापारी, उपभोक्ताओं की रुचि, फैशन वे रीति-रिवाज, आदि से सम्बन्धित जानकारी थोक व्यापारियों व उत्पादकों को देते हैं। इससे नवीनतम वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। ⦁ माँग उत्पन्न करना फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारी से प्राप्त माल को बेचकर अधिकाधिक माल की माँग उत्पन्न करते हैं। यह माल के विक्रय में भी सहायता प्रदान करते हैं। ⦁ स्थानीय विज्ञापन से मुक्ति फुटकर व्यापारी अपने स्थानीय स्तर पर किसी वस्तु का विज्ञापन स्वयं कर लेते हैं। इसके लिए थोक व्यापारियों को विज्ञापन की आवश्यकता नहीं रहती है। ⦁ वितरण के झंझटों से मुक्त करना फुटकर व्यापारियों के उपलब्ध होने पर थोक व्यापारियों को माल के वितरण की समस्या नहीं होती है। ⦁ नए माल का प्रचार फुटकर व्यापारी अपने व्यक्तिगत सम्पर्क और प्रभाव से थोक व्यापारी या उत्पादकों के लिए बाजार में नए माल का प्रचार करके अधिक बिक्री हेतु प्रयास करते हैं। ⦁ वितरण लागत में कमी उत्पादक या थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी को उपभोक्ताओं की तुलना में अधिक माल बेचते हैं। इससे वितरण लागत में कमी आती है। ⦁ आँकड़ों को एकत्रीकरण फुटकर व्यापारी माल की माँग व मूल्य आदि से सम्बन्धित आँकड़ों का संग्रहण करके उत्पादकों व थोक व्यापारियों को उपलब्ध करवाते हैं। II. समाज या उपभोक्ताओं के प्रति सेवाएँ फुटकर व्यापारी समाज तथा उपभोक्ताओं के प्रति निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान करते हैं- ⦁ ग्राहकों को आवश्यकतानुसार माल का विक्रय करना फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं को उनकी रुचि, फैशन व रीति-रिवाज, आदि के आधार पर माल का विक्रय करते हैं। ⦁ क्षेत्र की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करना फुटकर व्यापारी अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करते हैं। ⦁ साख सुविधाएँ प्रदान करना फुटकर व्यापारी अपने नियमित ग्राहकों को माल उधार बेचकर साख सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ सरलता से उपलब्ध हो जाती हैं। ⦁ ताजी वस्तुएँ प्रदान करना फुटकर व्यापारी अपने ग्राहकों को ताजी व शुद्ध वस्तुएँ उपलब्ध करवाते हैं, इसलिए ग्राहक आवश्यकता के अनुसार कभी भी माल खरीद सकते हैं। ⦁ माल वापसी की सुविधा देना फुटकर व्यापारी उपभोक्ता को कोई माल पसन्द न आने पर उसे वापस लेने की सुविधा भी प्रदान करते हैं। ⦁ माल को घर पहुँचाना फुटकर व्यापारी ग्राहकों के व्यक्तिगत सम्बन्धों के कारण उनके घर पर माल की सुपुर्दगी की सुविधा भी प्रदान करते हैं। ⦁ माँग के अनुसार वस्तुएँ उपलब्ध कराना फुटकर व्यापारी अपनी दुकान में मौसम के अनुकूल अलग-अलग प्रकार की वस्तुएँ खरीदकर एकत्र कर लेते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को आवश्यकतानुसार उनकी पसन्द की वस्तुएँ सरलता से मिल जाती हैं। ⦁ निःशुल्क परामर्श देना फुटकर व्यापारी अपने ग्राहकों से व्यक्तिगत सम्पर्क होने के कारण उनको वस्तुओं के उचित चयन व उपयोगिता के विषय में नि:शुल्क परामर्श देते हैं। ⦁ ग्राहकों को चुनाव की सुविधा फुटकर व्यापारी ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार वस्तु के उपयुक्त चुनाव की सुविधा देते हैं। ⦁ ठगे जाने का भय नहीं फुटकर व्यापारी ग्राहकों के निकट व स्थायी रूप से होने के कारण ग्राहकों से धोखा नहीं करता है। उपभोक्ताओं को फुटकर व्यापारी पर पूर्ण विश्वास होता है। |
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उस फुटकर व्यापारी को क्या कहते हैं, जो जगह-जगह माल बेचता है? |
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Answer» उस फुटकर व्यापारी को फेरी वाला कहते हैं, जो जगह-जगह माल बेचता है। |
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फुटकर व्यापारी द्वारा प्रदान की जाने वाली चार सेवाओं का वर्णन कीजिए। |
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Answer» फुटकर व्यापारी द्वारा प्रदान की जाने वाली चार सेवाएँ निम्नलिखित हैं ⦁ उपभोक्ताओं की रुचि व माँग के अनुसार सूचना देना फुटकर व्यापारी, उपभोक्ताओं की रुचि, फैशन वे रीति-रिवाज, आदि से सम्बन्धित जानकारी थोक व्यापारियों व उत्पादकों को देते हैं। इससे नवीनतम वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। ⦁ माँग उत्पन्न करना फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारी से प्राप्त माल को बेचकर अधिकाधिक माल की माँग उत्पन्न करते हैं। यह माल के विक्रय में भी सहायता प्रदान करते हैं। ⦁ ग्राहकों को आवश्यकतानुसार माल का विक्रय करना फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं को उनकी रुचि, फैशन व रीति-रिवाज, आदि के आधार पर माल का विक्रय करते हैं। ⦁ क्षेत्र की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करना फुटकर व्यापारी अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं की माँग के अनुसार वस्तुओं की पूर्ति करते हैं। |
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खुदरा व्यापारियों के महत्त्व को बताइए। |
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Answer» खुदरा व्यापारियों के महत्त्व को निम्नलिखित तक से स्पष्ट किया जा सकता है- ⦁ ग्राहकों की सन्तुष्टि पर ध्यान फुटकर व्यापारी उपभोक्ता की सेवा और सन्तुष्टि पर पर्याप्त ध्यान देते हैं। ⦁ सीमित पूँजी फुटकर व्यापारी को अपना व्यवसाय (दुकान) चलाने के लिए अपेक्षाकृत कम पूँजी की आवश्यकता होती है। ⦁ उधार व नकद खरीद ये थोक व्यापारियों और उत्पादकों से माल, उधार तथा नकद दोनों प्रकार से खरीदते हैं। ⦁ थोड़ी मात्रा में विक्रय फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारियों से माल खरीदकर उपभोक्ताओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बेचते हैं। ⦁ थोड़ी मात्रा में क्रय फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारियों व उत्पादकों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में वस्तुएँ क्रय करते हैं। ⦁ सजावट फुटकर व्यापारी बिक्री को बढ़ाने के उद्देश्य से दुकान में सजावट पर अधिक ध्यान देते हैं। ये वस्तुओं का प्रदर्शन भी करते हैं। ⦁ ग्राहकों से सीधा सम्पर्क फुटकर व्यापारी और उपभोक्ता के बीच में सीधा और निकटतम सम्बन्ध होता है। ⦁ स्थान का महत्त्व फुटकर व्यापारी दुकान ऐसे स्थान पर लगाता है, जहाँ अधिक मात्रा में लोग आते-जाते हों। ⦁ विभिन्न वस्तुओं में व्यापार फुटकर व्यापारी अनेक प्रकार की वस्तुओं को क्रय-विक्रय करते हैं। ये किसी विशिष्ट वस्तु का व्यवसाय नहीं करते हैं। ⦁ मध्यस्थों की अन्तिम कड़ी मध्यस्थों की अन्तिम कड़ी फुटकर व्यापारी होते हैं। इनका ग्राहकों से व्यक्तिगत सम्पर्क होता है। ⦁ चयन की सुविधा ये उपभोक्ता को विभिन्न वस्तुओं की विभिन्न किस्मों के चयन की सुविधा प्रदान करते हैं। ⦁ प्रायः नकद विक्रय ये उपभोक्ताओं को अधिकतर नकद माल बेचते हैं। कुछ ग्राहकों को उधार भी दे देते हैं। |
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