InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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Make the project on Diwali.and colour it |
Answer» fragmentation is the process of breaking up the BODY of an ORGANISM into TWO or more PARTS. |
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प्रश्न 3. हमारी मंज़िल क्या है? * |
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Answer» परमात्मा की भक्ति में लीन होना हमारी मंजिल है। I HOPE it helps you, I don't know if it is the CORRECT answer. SORRY. |
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शिक्षार्थी कोचिंग सेंटर पर विज्ञापनPlease help.Please it's my humble request. Don't answer unnecessarily. |
| Answer» | |
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दीपावली-पर्व, हर्षोल्लासेन, वातावरणम्, सुसज्जितम्, दीपमालिकाम्, नवीनानि वस्त्राणि, मिष्टान्नानि, आस्फोटकम्, प्रज्वालयन्ति, वितरन्ति।PLEASE TRANSLATE ALL THESE WORDS IN HINDI |
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Answer» sorry Explanation: I don't know this answer PLEASE follow me and MAKE me brainy LIST answer please please |
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अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए आक्रमण करने वाला |
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Answer» HAPPY diwail to you uhhhhhehwhhwhhwhr |
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र की मात्रा का शब् पर करो |
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Answer» र की मात्रा का शब् पर करो कखगघ |
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सूरज का पर्यायवाची शब्द क्या होगा |
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Answer» रवि , दिनकर , भानु , सूर्य please MARK as vrainlist |
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(२) बड़ा भाई छोटे भाई पर शासन करने केलिए कौन-कौन सी युक्ति अपनाता है? |
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Answer» Answer: saari ki saari jo bhi USE PATA ho aur jo NA pata ho wo APNE doston se puch leta h |
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IX./काले- नीले बादलउडते - उडते आते बादलछाया देते बादलपानी देते बादल1. बादल कैसे होते हैं?D) हरेA) कालेB) पीलेC) गोले2. बादल कैसे आते हैं?D) गातेA) नाचतेB) गतेC) उडते3. हमें पानी कौन देते हैं?A) पेडD) जानवरC) बादलB) हवाB) फूलC) छायाD) हवा4. बादल हमें क्या देते हैं?A) फल5. बादल कहाँ होते हैं?A) सागर मेंB) नभ मेंC) जंगल मेंD) पृथ्वी में |
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Answer» Answer: 1. काले 2. उड़ते 3. बादल 4. पानी 5.सागर में |
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aboli among 4000 to 5000 thousand four hundred and five years how much will 5600 amount to in 3 years at the same rate |
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Answer» SORRY don't understand but pls follow me and mark me as BRAINLIEST |
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Question :- मोहल्ले की सफ़ाई हेतु सफ़ाई अधिकारी को पत्र लिखो।Answer plz:- |
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Answer» swasthya Adhikari Sahibganj New Delhi vishay-mohalle ki Safai ke hetu Safai Adhikari ko Patra mahodaya savinay main Rajkumar Sahyog Bihar se bol raha hun mere mohalle MEIN Bharat taraf khuda gandgi hai kutte ismein munh maar ke phalut rahte hain aur gay bhi kabhi kabhi Aankhen PANI pila deti hai YAHAN per nale KA Pani bhi baitha rahata hai jiski vajah se khuda kafi jyada sad GAYA hai aur is per makkhi aur machhar bhi Na rahe Hain Mera aapse nivedan hai ki aap ek bar idhar dekhe aur aap action le jaldi se jaldi is Mohan mere mohalle mein bahut jyada logon ki tabiyat kharab ho chuki hai main chahta Hun ki jaldi se jaldi Safai Ho chaki aur kisi ki tabiyat kharab Na Ho ant aapse nivedan hai ki aap kisi Apne Adhikari ko bhejen aur yahan ki Safai karwai dhanyvad Rajkumar Sahyog vihar |
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चाल पर लट्टूwhat's the meaning of this.... pls answer |
| Answer» | |
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चाल पर लट् what's the meaning of this.... pls answer |
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Answer» Answer: |
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अन्य बातें सामान्य रहें तो आय में वृद्धि से बजट सेट |
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Answer» PLS MARK me BRAINLIEST and I will FOLLOW you |
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लेखिका वो पिसमे आनंद मिलता। |
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Answer» so what mark BRAINLIEST and FOLLOW me |
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शाह का विलोम शब्द क्या है |
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Answer» have you ever been to a scheduled ZOOM meeting in the shop for a while hearing the PASTIMES of Sri KRISHNA |
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Counting in Hindi 50 to 100 |
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Answer» Answer: Fifty one (51) इक्यावन (५१) ikyābana Fifty two (52) बावन (५२) bāvana Fifty three (53) तिरेपन (५३) tirēpana Fifty four (54) चउवन(५४) chaubana Fifty five (55) पचपन (५५) pachapana Fifty six (56) छप्पन (५६) chappana Fifty seven (57) सत्तावन (५७) sattāvana Fifty eight (58) अट्ठावन (५८) aṭṭhāvana Fifty NINE (59) उनसठ (५९) unasaṭha Sixty (60) साठ (६०) sāṭha Sixty one (61) इकसठ (६१) ikasaṭha Sixty two (62) बासठ (६२) bāsaṭha Sixty three (63) तिरेसठ (६३) tirasaṭha Sixty four (64) चौंसठ (६४) chauṃsaṭha Sixty five (65) पैंसठ (६५) paiṃsaṭha Sixty six (66) छियासठ (६६) chiyāsaṭha Sixty seven (67) सड़सठ (६७) saṛasaṭha Sixty eight (68) अड़सठ (६८) aṛasaṭha Sixty nine (69) उनहत्तर (६९) unahattara Seventy (70) सत्तर (७०) sattara Seventy one (71) इकहत्तर (७१) ikahattara Seventy two (72) बहत्तर (७२) bahattara Seventy three (73) तिहत्तर (७३) tihattara Seventy four (74) चौहत्तर (७४) chauhattara Seventy five (75) पचहत्तर (७५) pachahattara Seventy six (76) छिहत्तर (७६) chihattara Seventy seven (77) सतहत्तर (७७) satahattara Seventy eight (78) अठहत्तर (७८) aṭhahattara Seventy nine (79) उन्यासी (७९) unāsī Eighty (80) अस्सी (८०) assī Eighty one (81) इक्यासी (८१) ikyāsī Eighty two (82) बयासी (८२) bayāsī Eighty three (83) तेरासी (८३) tirāsī Eighty four (84) चौरासी (८४) chaurāsī Eighty five (85) पचासी (८५) pachāsī Eighty six (86) छियासी (८६) chiyāsī Eighty seven (87) सतासी (८७) satāsī Eighty eight (88) अठासी (८८) aṭhāsī Eighty nine (89) नवासी (८९) navāsī Ninety (90) नब्बे (९०) nabbē Ninety one (91) इक्यानवे (९१) ikyānabē Ninety two (92) बानवे (९२) bānavē Ninety three (93) तिरानवे (९३) tirānavē Ninety four (94) चौरानवे (९४) chaurānavē Ninety five (95) पचानवे (९५) pachānavē Ninety six (96) छियानवे (९६) chiyānavē Ninety seven (97) सत्तानवे (९७) sattānavē Ninety eight (98) अट्ठानवे (९८) aṭṭhānavē Ninety nine (99) निन्यानवे (९९) ninyānavē (One) hundred (100) (एक) सौ (१००) (ēka) sau Two hundred (200) दो सौ (२००) do sau Five hundred (500) पांच सौ (५००) pāncha sau
Explanation: hope this will help you |
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धनी का विलोम शब्द बनाइए |
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Answer» गरीब is the विलोम शब्द of धनी . |
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घोडा वायुवेग से उड़ने लगा | इसमे वायुवेग .........है | संज्ञाविशेषणक्रियाविशेषण |
| Answer» | |
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Punarvas kae lie mang vali ko kis samsya ka samna karna pada ? pls tell the answer !!! |
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Answer» ksjsjsjsndbxbdbxbxbbx Explanation: nxnxodhwhxiwguwxivxwphvxshxhvljxkxjpsjsvjpxj qpdvjqdpvjsqpvpvspcdjlvsjldcqjxjvepvnxbxbbxben JC,COAV,sovso sxcepceugcppdvqpd |
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अपने विद्यालय में हई खेल स्पर्धा का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिया। |
| Answer» | |
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Mahadevi verma ki givni in hindi |
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Answer» महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को होली के दिन फरुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। आपकी प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल, इंदौर में हुई। महादेवी 1929 में बौद्ध दीक्षा लेकर भिक्षुणी बनना चाहतीं थीं, लेकिन महात्मा गांधी के संपर्क में आने के बाद आप समाज-सेवा में लग गईं। 1932 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम. |
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Please send me the answer |
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Answer» Explanation: 1) मेरे 2) कोन 3) जो |
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How to right a letter for the 2 days leave in hindi in full |
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Answer» in HINDI or ENGLISH if english i can POST the LEAVE letter answer |
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मिंगल ग्र पर क्या जािकारी प्राप्त ओई? |
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Answer» ok Explanation: PLEASE MARK me BRAINLIEST |
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(e) The latitude that runs almost halfway through India is |
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Answer» Answer: |
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एक सूखी हुई नदी की आत्मकथा लिखे |
Answer» ANSWER:PLS Mark me in BRAINLIST then FOLLOW me....Explanation: जब मैं दो तटों के बीच बह रही थी तो तटिनी कहने लगे और जब मैं तेज गति से बहने लगी तो लोग मुझे क्षिप्रा कहने लगे। साधारण रूप से तो मैं नदी या नहर ही हूँ। लोग चाहे मुझे किसी भी नाम से बुलाएँ लेकिन मेरा हमेशा एक ही काम होता है दुसरो के काम आना। मैं प्राणियों की प्यास बुझती हूँ और उन्हें जीवन रूपी वरदान देती हूँ।मुझे कई अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, जैसे : नहर, सरिता, प्रवाहिनी, तटिनी, आदि। मैं मुख्यतः स्वभाव से चंचल हूं, पर कभी-कभी मद्धम भी हो जाती हूं। कल-कल करके बहती ही रहती हूं, निरंतर – बिना रुके, बिना अटके, बस चलती ही रहती हूं। मेरा जन्म पर्वतों में हुआ और वहां से झरनों के रूप में मैं आगे बढ़ती हूं और फिर बहते बहते बस सागर में जा मिलती हूं।मेरा बहाव कभी तेज, तो कभी कभी धीमा होता है। मैं स्थान अनुसार कभी संक्री, तो कभी चौड़ी हो जाती हूं। मेरे रास्ते में बहुत अड़चनें, बहुत रुकावट आती है; कभी पत्थर, कभी कंकर, कभी चट्टान – पर मैं कभी ठहरती नहीं हूं – अपना रास्ता बनाते चलती रहती हूं, झर झर बहती रहती हूं।मनुष्य मुझसे अनेकों प्रकार से जुड़ा हुआ है, या यूं कहूँ के मैं मनुष्य के लिए अति उपयोगी हूँ। मनुष्य के लिए मेरे क्या क्या उपयोग हैं ? चूंकि मेरे भीतर जीव जंतु पाए जाते हैं इसलिए मैं मनुष्य के लिए भोजन का स्त्रोत हूं, मैं ना जाने कितने ही लोगों का पेट भरती हूं। मेरे ही कारण सभी के घरों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध हो पाती है अथवा उस पानी से मनुष्य अपने अनगिनत कार्यों को निपटाता है।मैं पर्यावरण में पारितंत्र का संतुलन भी बनाए रखती हूं। मेरे ही पानी द्वारा मनुष्य अपने उपयोग के लिए बिजली उत्पन्न करता है और उस बिजली से मशीनरी के ढेरों काम होते हैं। मेरे नीर से ही खेतों की सिंचाई भी होती है, जिसके कारण फसलों में जान आती है एवं अनाज लहलहाने लगता है, बागों में लगे पेड़ फलों से लद जाते हैं।मैं किसी एक क्षेत्र, एक राज्य या किसी एक देश से बंधी हुई नहीं हूं। मुझे कोई सरहद रोक नहीं सकती है। मैं बस पाई जाती हूं, मैं बस हूं, मौजूद हूं – हर जगह, हर क्षेत्र, राज्य, देश में – अलग-अलग रूपों में, भिन्न-भिन्न प्रकार से, विभिन्न नामों के साथ।मेरे अस्तित्व को अगर देखा जाए, तो मेरे भीतर भी भावनाएं है, एहसास है; पर मैं कभी कह नहीं पाती, चुप हूं क्योंकि शायद प्रकृति, जो कि मेरी माँ है, का यही नियम है। प्रकृति बहुत कुछ, बहुत से भी ज्यादा कुछ देती है, परंतु मूक रहती है, उन चीजों का कभी हिसाब नहीं लेती। परंतु मुझे इस संदर्भ में तकलीफ महसूस होती है, मेरे भी एहसास है, मुझे भी दुख-सुख महसूस होता है।मनुष्य मुझे मुख्यतः प्रलोभी जान पड़ता है, बस अपना स्वार्थ पूरा करने हेतु किसी भी हद तक जा सकता है। मेरे इस मत का क्या कारण है, मैं आपको एक उदाहरण देकर बताती हूँ। मनुष्य द्वारा मुझे देवी के रूप में पूजा जाता है, मेरी पूजा अर्चना की जाती है, लोग मन्नत मांगते हैं, इच्छा पूरी करने के लिए व्रत रखते हैं, फूल चढ़ाते हैं; फिर वहीं दूसरी ओर मुझ में गंदगी डालते हैं, मुझे प्रदूषित करते हैं। अब बताइए भला देवी को कोई मैला करता है क्या ! बस यहीं पर मनुष्य के दोहरे मानक सामने आ जाते हैं, अगर मुझे सच्चे मन से देवी मानते, तो मुझ में कभी भी कूड़ा ना डालते।आज परिस्थितियां यह है कि नदियों का पानी अत्यंत दूषित हो चुका है। फैक्टरियों से निकला हुआ जहरीला पदार्थ, कचरा, मलबा, घरों के कूड़े से निकला हुआ प्लास्टिक, गंदगी, त्योहारों का जमा हुआ कचरा और ना जाने कितनी ही चीजें नदियों के पानी में मिलकर प्रदूषण फैला रही है।इन सब बिंदुओं के विपरीत कुछ अच्छे पल, कुछ अच्छे लम्हे भी हैं मेरी झोली में। एक सुनसान खूबसूरत जंगल में बहते हुए, जब मैंने एक थके हुए राहगीर की प्यास बुझाई थी, तब बहुत अच्छा महसूस हुआ था। बाग में खेलते हुए छोटे बच्चे ने जब मिट्टी में सने अपने छोटे-छोटे हाथ मुझमे धोए थे, छप-छप करके मेरे पानी के साथ खेल किया था, तब अत्यंत आनंद आया था।त्योहारों के वक्त में, जब मेरे आसपास भीड़ उमड़ती है, मेले लगते हैं, खूब रौनक होती है, सभी चेहरों पर मुस्कान होती है, तब बहुत अच्छा लगता है। त्योहारों में अलग ही खुशी होती है, सभी लोग: बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, छोटी बच्चियां, लड़के – एक ही जगह एकत्रित होते हैं, भिन्न भिन्न प्रकार के व्यंजन बनते हैं, हर्ष उल्लास का पर्व सा होता है, यह सभी बहुत खुशनुमा लगता है।__________________________ |
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ਲੇਖ਼ਕਾ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਲਈ ਕੀ ਹਨ1.ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਦੇ ਸੋਮੇ ਦੇ ਸਮਾਨ2.ਮੁਸੀਬਤ3.ਆਚਾਰਨ ਦਾ ਵਿਗੜਨਾ 4.ਕੋਈ ਵੀ ਨਹੀਂ |
| Answer» | |
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मी कामात गुरफटलो होतो.यातील नाम , सर्वनाम ओळखून लिहा |
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Answer» hiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii |
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1अपने विद्यालय में संस्कृत सेभाषण शिविर के आयोजन का आग्रह करते हुए प्राचार्य कोसंस्कृत में पत्र लिखें। |
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Answer» No AD for you ADS से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप संस्कृत संभाषण शिविर में काव्य पाठ और लघु नाटिका का मंचन 4 वर्ष पहले No ad for you हरियाणासंस्कृत अकादमी की ओर से राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सात दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर आयोजित किया गया। शिविर के समापन समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने संस्कृत में संभाषण किया। इसके अलावा संस्कृत में ही गीतिकाएं, नाटक काव्य प्रस्तुतियां देकर संस्कृत में वार्ता करने की क्षमताओं का भी प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के संयोजक हरियाणा संस्कृत अकादमी के सदस्य हरिओम भारद्वाज ने अकादमी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति विशेष आकर्षण पैदा करने और संस्कृत को बढ़ावा देने की दिशा में यह प्रदेश भर में पहला प्रयास है। छात्राओं ने अकादमी के इस प्रयास को महत्व देते हुए संस्कृत भाषा में संवाद को अपनाया है। मुख्यअतिथि खंड शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने कहा कि संस्कृत अकादमी के प्रयास से विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने संस्कृत गीतिका प्रस्तुत की और छात्रा सुनीता ने गीता का अध्याय पूरा पढ़कर सुनाया। इंचार्ज निर्मला देवी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्या उर्मिल मोंगा ने संस्कृत में दोहे प्रस्तुत किए। विद्यार्थियों को संभाषण प्रशिक्षण देने वाले विकास शर्मा आचार्य को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शोभा शर्मा, पुष्पा भारद्वाज, सुरेश जग्गा, बिंदू सहित अन्य स्टाफ सदस्य भी थे। |
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Explanation of ch नयी समस्याएँ |
Answer» Hope it helps youExplanation: भारत एक भू-भाग का नाम नहीं है अपितु उस भू-भाग में बसे लोगों, उसकी संस्कृति, उसकी सभ्यता, उसके रीति-रिवाजों, उसके इतिहास का नाम भारत है,30 उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अतीत में अनेकों संस्कृतियों को बनते बिगड़ते देखा। अनेकों संस्कृति आई और यहाँ आकर या तो विलीन हो गई या नष्ट हो गई परन्तु इन सब में अपनी संस्कृति को न सिर्फ़ बचाए रखा अपितु उसे श्रेष्ठ भी सिद्ध किया। इसी संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी किया है।उसने कितने ही आक्रमणकारी देखें कितने ही शासनकाल देखें, गुलामी की बेड़ियाँ देखी। एक वक्त ऐसा भी आया जब उसने अपनी शक्ति को दूसरों के पैरों तले पाया पर उसने फिर उठकर अपने सम्मान को पाया अपनी धरोहर को खोने से बचा लिया।आज बेशक वह एक बड़ी आबादी वाला देश हो परन्तु उसके पास आज भी उसकी बहुमूल्य विरासत है- उसकी संस्कृति, महापुरुषों के उच्च विचार, विविधता में एकता व धर्मनिरपेक्षता |
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Name one storage part of a computer. |
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Answer» Answer: Hard DRIVE Explanation: An internal hard drive is the main storage device in a COMPUTER. An external hard drive is also known as REMOVABLE hard drive. It is USED to store PORTABLE data and backups. |
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जंगल के दो पर्यायवाची शब्दतालाब के दो पर्यायवाची शब्द |
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Answer» PARYAYVACHI of Talab शब्दपर्यायवाचीतालाबसरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, पोखरा, जलवान, सरसी, ताल |
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1. सुबह की सैर और व्यायाम से आपको क्या फ़ायदा होता है? |
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Answer» शुभेच्छुक इसे और से हमे बहुत ही अच्छा शरीर को फायदा होता है शुगर कंट्रोल मे रहता है |
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लिखकर उत्तर दीजिए-(क) कजाकी को नौकरी से निकाल दिए जाने का क्या कारण था?16 |
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Answer» the Facebook Explanation: |
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| 9840. |
Dekh Me mnaye jane wale tyoharo ka chhitran kro |
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Answer» mhfzlitslilufslurLufzlufzlufzlhdzljfzlufzlufzlufslusup Explanation: ouspypurspurspurspurzpirspisipfs |
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Tooसंपुकारपुदेवकी मात्राकी मात्राSहैरहैMER |
| Answer» | |
| 9842. |
मां और बेटी भोजन में संतुलित आहार जिसमें विटामिंस कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन वसा सम्मिलित हो बात करते हुए संवाद लिखिए |
| Answer» | |
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केश निखार शैम्पू पर एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। ( ५केश निखार शैम्पू पर एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।(please draw on paper and send) |
| Answer» | |
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उसकी मोहहोप्त को आज भी इस तरह से निभाते हैं हम की उसकी मोहहोप्त को आज भी इस तरह से निभाते हैं हम वो नहीं है तक़दीर मे मेरी फिर भी बेपनाह चाहते हैं हम.Hey guys good wali morning sab ko. |
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Answer» Answer: Good morning But I'm very SAD this morning........:( Have a good DAY ahead. |
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की कुछ रेहेम कर ये जिंदगी थोड़ा सम्हाल जाने दे सारे जखम सेह लेंगे तेरे लेकिन पहले पहला बाले को तो भर जाने दे. |
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Answer» Explanation: Population education helps to improve the well-being of their FAMILIES and communities. Population education leads to a GREATER awareness among STUDENTS and teachers and a positive change in their ATTITUDES. It can have an especially important impact on women in a society. |
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(ख) व्याख्या करें:सदियों की ठंढी-बुझी राख सुगबुगा उठी,मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है । |
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Answer» व्याख्या करें (क)सदियों की ठंडी-बुझी राख सुगबुगा उठीं, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है (ख)हुँकारों से महलों की नींव उखड़ जाती साँसों के बल से ताप हवा में उड़ता है, जनता की रोके राह, समय में ताव कहाँ वह जिधर चाहती काल उधर ही मुड़ता है। उत्तर- (क) प्रस्तुत पंक्तियाँ रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित जनतंत्र का जन्म शीर्षक कविता से संकलित है। इसमें कवि स्वाधीन भारत की रूपरेखा को सजीवात्मक रूप से प्रदर्शित किया है। कवि की अभिव्यक्ति है कि स्वाधीनता मिलते ही भारत में जनतंत्र का उदय हो गया है। बुझी हुई राख धीरे-धीरे सुलगने लगी है। सोने का ताज पहनकर भारत आज इठला रहा है। वर्षों से त्रस्त जनता हुँकार भर रही है। (ख) प्रस्तुत पंक्तियाँ उत्तर छायावाद के प्रखर कवि रामधारी सिंह दिनकर ‘द्वारा रचित जनतंत्र का जन्म’ शीर्षक कविता से संकलित है। पराधीन भारत की दयनीय स्थिति को देखकर कवि हृदय विचलित हो उठा था। स्वाधीनता मिलते ही उसका मुखमंडल दीप्त हो उठा है। जनता की हुँकार प्रबल बेग से उठती है। सिंहासन की बात कौंन कहें धरती भी काँप उठती है। उसके साँसों से ताप हवा में उठने लगते हैं। जनता की रूख जिधर उठती है उधर ही समय भी अपना मुख कर देता है। वस्तुतः यहाँ कवि कहना चाहता है कि जनता ही सर्वोपरि है। वह जिसे चाहती है उसे राजसिंहासन पर आरूढ़ करती है। Explanation: |
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लोकगीतों के संबंध में लोगों की धारणा में हाल ही में क्या परिवर्तन आया है |
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Answer» प्राचीन काल में पहले कई लोग गीतों और इसकी धाना के संबंध में विश्वास रखते थे पर जब से आधुनिक युग की शुरुआत हुई है तब से इस बारे में लोगों ने विश्वास करना कम कर दिया है अब कुछ ही लोग इस बातों में विश्वास रखते हैं .जो प्राचीन काल में लोग अफवाह को मानते और उसे पूजा करते थे अब विज्ञान ने उसे अपना कर विज्ञानिक तौर से सबके सामने पेश किया है इसलिए लोगों ने इस बारे में विश्वास करना कम कर दिया है . |
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