InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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वन्यजंतु संरक्षण कविता लिखिए। Who will give me the correct answer I will give him/her Brainliest. |
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Answer» hould be CHANGED to लिखते थे। |
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आदर्शवादी मुळगावकर' या गद्यपाठाचाप्रकार-1कथा2 ललितलेख3अग्रलेखसमीक्षा |
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Answer» ONG>ANSWER: आदर्शवादी मुळगावकर' या गद्यपाठाचा प्रकार- 1कथा 2 ललितलेख 3अग्रलेख समीक्षा |
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Tabulate any five cell organelles and their function, |
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Answer» ong>ANSWER: Main functions Cell WALL. surrounds and protects the cell. make he cell STIFF and strong. Cell membrane. Holds and protects the cell. ... Cytoplasm. A watery, gel-like material in which cell parts move. Mitochondria. PRODUCE and supply most of the energy for the cell. Chloroplasts. Contain green pigment chlorophyll. |
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मोंटू भी और आर्मी ऑफिसर आई नो एवरी चाइल्ड नगरी टू बी अ फ्यूचर डॉक्टर टीचर प्लेस बट व्हाट इज टू बी आर्मी ऑफिसर आई नो इट इज डिफिकल्ट टू आर्मी आर्मी ऑफिसर आर्मी ऑफिसर ऑफ द ईयर ऑफ व्हिच ऑफ दिस इज नॉट नॉट |
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Answer» ONG>EXPLANATION: मोंटू भी और आर्मी ऑफिसर आई नो एवरी चाइल्ड नगरी टू बी अ फ्यूचर डॉक्टर टीचर प्लेस बट व्हाट इज टू बी आर्मी ऑफिसर आई नो इट इज डिफिकल्ट टू आर्मी आर्मी ऑफिसर आर्मी ऑफिसर ऑफ द ईयर ऑफ व्हिच ऑफ दिस इज नॉट नॉट |
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वह एक अध्यापक है in sanskrit |
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Answer» ONG>ANSWER: वह एक अध्यापक है in sanskrit स: अध्यापक: अस्ति । |
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What is hindi?????????????? |
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Answer» ong>Answer: What is Hindi? |
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१) वाडास्त्रीलिंगपुल्लिंग2 नपुंसकलिंग |
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Answer» ONG>ANSWER: पुलिलंग Explanation: this is the RIGHT answer |
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नखिा प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :(1) पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा कैसे की?(2) दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में क्या कहा?(3) तीसरी स्त्री ने अपने बेटे की विशेषता में क्या कहा?(4) चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय कैसे दिया? |
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Answer» ONG>ANSWER: (4) चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय कैसे दिया? |
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See in the picture what is the answer |
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Answer» ार्थी शब्द -निगोड़ी - बेचारी , आपदा - विपदा विरुद्धार्थी शब्द -शीतल - ऊष्म ,आफत - रहमत note-विरुद्धार्थी शब्द का दूसरा नाम विलोम शब्द है l |
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प्रश्न 1.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पुछे गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए। एक समय था, जब पानी सब जगह मिल जाता था। इसीलिए इसे कोई महत्व नहींदिया जाता था लेकिन तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और जीवन शैली में आए परिवर्तन के कारणपानी अब दुर्लभ हो गया है। यही कारण है कि जल का आर्थिक मूल्य बहुत बढ़ गया है। अबकेवल सिंचाई के लिए ही नही बल्कि उद्योगों और घरेलू उपयोग के लिए भी जल की बहुतआवश्यकता है, इसीलिए जल अब एक बहुमूल्य संसाधन बन गया है। नगरों में जल की भारी मात्रामें आवश्यकता है क्योंकि पीने के साथ-साथ सभी घरेलू कामों में जल का भी उपयोग होता है।नगरों में सीवर की सफाई तथा उद्योगों के लिए भी जल की भारी मात्रा में आवश्यकता होती है।ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में कई दोष पाए जाते हैं। पानी को स्वच्छ करके मानवीय उपयोगके लायक बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए।प्रश्न 1- पानी किस मुख्य कारण से इतना दुर्लभ हो गया है।(क) पानी के स्त्रोत घट गए। (ख) लोगों को ज्यादा प्यास लगने लगी।(ग) जनसंख्या की तीव्र वृद्धि (घ) महँगाई2 जल का कौन-सा मूल्य बढ़ गया है।(क) आर्थिक(ख) सामाजिक (ग) दैनिक (घ) औद्योगिक3 फसलों को पानी की आवश्यकता किस रूप में होती हैं ?(क) धुलाई (ख) दुलाई (ग) सिंचाई (घ)खिचाई |
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Answer» ONG>Answer: 1. jamsamkhya KI triw wruddhi . 2.audyogik 3.dhulaui |
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बिज्ञा की प्रगति और संचार के साधनों की साधनोंकी वृद्धि का परिणाम स्या हुआ है। |
| Answer» ONG>Answer: | |
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Raidas kis abhiman ko chhodne ki baat karte hain aur kyu? |
Answer» ONG>ANSWER:आज संत रैदास की जयंती है. भारत के किसी भी संत को शायद ही इतने अलग-अलग नामों से पुकारा गया होगा, जितना कि रैदासजी को. पंजाब के लोगों ने अपने उच्चारण की सहजता में उन्हें रविदास कहा. ‘आदि ग्रंथ’ या गुरु ग्रंथ साहिब में जहां कहीं भी उनके पद संकलित हैं, वहां उनका नाम ‘रविदास’ ही लिखा गया है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उन्हें रैदास के नाम से ही जाना जाता है. गुजरात और महाराष्ट्र के लोग उन्हें ‘रोहिदास’ के नाम से पुकारते हैं, और बंगाल के लोग उन्हें ‘रुइदास’ कहते हैं. कई पुरानी पांडुलिपियों में उन्हें रायादास, रेदास, रेमदास और रौदास के नाम से भी देखा गया है. |
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मिल जुल कर रहने के फायदे हैंI answer the question longly in six sentences. |
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Answer» ong>EXPLANATION: prepare a Presentation on the TOPIC: Effects of the CoviD-19 Pandemic the on Indian economy.about 400 word |
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देश में आज भी कौन सी समस्या हैa)नफ़रत की b)वर्ण -भेद की c)सांप्रदायिकता की d)कमीरी-गरीबी |
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Answer» ONG>ANSWER: d) ameeri gareebi ki Explanation: HOPE it is correct mark as BRAINLIEST |
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मिल जुल कर रहने के फायदे हैंI answer the question In six sentences |
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Answer» ong>ANSWER: In physics, a force is any interaction that, when UNOPPOSED, will change the motion of an OBJECT. A force can cause an object with mass to change its velocity, i.e., to ACCELERATE. Force can also be described intuitively as a push or a pull. A force has both magnitude and direction, MAKING it a vector quantity. ♛┈❦┈♡ ɪᴛᴢ ʙʀᴀɴᴅᴇᴅ ᴋᴀᴍɪɴɪ ♡┈❦┈♛ ❦❦❦❦❤❦❦❦❦ |
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क. आप चाय पीएँगे या कॉफी। rachna ke bhed per answer also why is it not saral vakya (if anyone spams I will report ) |
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Answer» ong>ANSWER: Chaay is the RIGHT answer. Explanation: Please MARK me as brainliest |
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(घ) अहम् धावामि।(ङ) आवाम् पचावः।(च) यूयम् चलथ। in hindi |
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Answer» ONG>ANSWER: ggghhghhghhhhhhhhbhbhh |
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देश में आज भी कौन सी समस्या है |
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Answer» ONG>EXPLANATION: भ्रष्टाचार बेईमानी धोखाधडी गरीबी |
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समस्या है देश में आज भी कौन-सी |
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Answer» ong>Answer: in this type CORONA is it will be HELPFUL for you.. |
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ANSWER THIS FOLLOWING MCQ's |
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Answer» ong>Answer: 14. a 15. d 16. a 17. c 18. b 19. d 20. a 21. a |
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अध्यापिका का पुल्लिंग शब्द क्या हैअध्यापिका का पुल्लिंग शब्द क्या है |
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Answer» ONG>ANSWER: Abhyapika ka pulling word Adhyapak hai |
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दिये गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए । |
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Answer» ONG>ANSWER: saaaaaaaaa fffffjjbbshdhdchcjdjdjdjdddffffccc Explanation: sssdddhhhhh cccccuuuuuuuuuuu ccctv |
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निम्नलिखित गद्यॉशों के अर्थ लिखिए जम्मू कश्मीरराज्यस्य कारगिल क्षेत्रे 2000 तमस्य खीष्टाब्दस्यमईमासतः भरतीय सेनायाः युद्धकर्म प्रचलद् आसीत् । अवैधरूपेणदेशस्य तद् भागे अतः प्रविष्टानाम् अतिक्रमणकारिणां निरसनायअसौ यत्नः क्रियमाणः आसीत। |
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Answer» ONG>ANSWER: onnum puriyala SOLLA theriyala |
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यातायात नियमों के बारे में १०० शब्दों में लिखिए |
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Answer» >
हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कहीं भी आने जाने के लिए सड़क का प्रयोग करता है। हर रोज सड़क हादसों के भी बहुत से किस्से सुनने को मिलते हैं। ज्यादातर दुर्घटना लोगों की लापरवाही के कारण, जल्दी पहुणचने के चक्कर में और नशा पीकर वाहन चलाने के चक्कर में होते हैं। हमारी थोड़ी सी गलती हमें हमारा और सामने वाले से उसका जीवन छीन सकती है। सरकार ने लोगों की सुरक्षा और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए यातायात के बहुत से नियम बनाए है और उन सबका पालन करना हमारा कर्तव्य है। सड़क पर पड़ने वाले चौराहों पर अलग अलग रंग की बती लगाई गई है। सबसे उपर लाल बती है जिसका अर्थ है रूकना। पीली बती का अर्थ होता है चलने के लिए तैयार होना और हरी बती का अर्थ है चलना। साईकिल और पद यात्रियों के लिए अलग से रास्ता बनाया गया है। एक तरफा सड़को पर हमें चाहिए कि एक पंक्ति में चले क्योंकि अगर हम पंक्ति तोड़ेंगे तो आने जाने में दिक्कत होगी और ज्यादा देरी लगेगी। कभी भी दुसरे से आगे निकलने की होड़ नहीं रखनी चाहिए क्योंकि दुर्घटना से देरी भली है। यु टर्न लेते समय अपनै से पीछे वाले वाहन चालक को हाथ से ईशारा कर देना चाहिए। कभी भी बिना पार्किंग के वाहन खड़ा न करे चाहे दो मिनट के लिए ही क्यों न खड़ा करना हो। वाहन को निर्धारित गति सीमा के अंदर ही चलाना चाहिए। दो पहिया वाहन पर दो लोगों को ही बैठना है और हेल्मेट लगाना चाहिए। गाड़ी में भी सीट बैल्ट का प्रयोग अनिवार्य है। जगह जगह पर दिशा दर्शाने के लिए चिन्ह बने हुए है हमें उनका ध्यान रखना चाहिए और सही दिशा में ही वाहन चलाना चाहिए। स्कूल कॉलेज आदि के सामने वाहन की गति कम करनी चाहिए।
लगातार लंबे समय तक हॉर्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए और अब तो सरकार ने हॉर्न के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुड़ने से पहले लाईट जलाकर इशारा कर देना चाहिए। माँ बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चों को बचपन से यातायात के नियमों के बारे में बताए। स्कूल में भी इस. विषय पर पढ़ाया जाना चाहिए और परीक्षा भी होनी चाहिए । बिना लाइसेंस के किसी भी व्यक्ति को वाहन नहीं चलाना चाहिए। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले को जुर्माना लगना चाहिए और बार बार गलती करने वाले का लाइसेंस रद्द करना चाहिए। यह सभी नियम हमारी सुरक्षा के लिए हैं और हमें इन्हें जिम्मेदारी से अपनाना चाहिए ।
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प्र.4-स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन से आप क्या समझते हैं ? स्ववृत्त में कौन-कौन से बिंदुओं को शामिल किया जाता है लिखिए । |
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Answer» ONG>ANSWER: बिंदू नाम माता का नाम पिता का नाम भाई/बहन का नाम ये कुछ बिंदू है | |
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8th questioncorrect answer = brainliestanswer in hindi |
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Answer» ONG>Answer: Hi Explanation: |
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मृत्यु किस लिंग का उदाहरण है |
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Answer» ONG>Answer: स्त्रिलिंग Explanation: Hope this HELPS PLS MARK as BRAINLIEST! |
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पत्र लिखिए१) अपनी कक्षामें प्रथम आने की शुभसूचना देते हुए बड़ी बहन को पत्र लिखिए। |
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Answer» ONG>ANSWER: Your Ans Hope this HELPFUL |
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मारुति ने भीमसेन को क्या आशीर्वाद दिया? |
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Answer» ी ने भीमसेन को आशीर्वाद देते हुए कहा कि -"भीम युद्ध के समय तुम्हारे भाई अर्जुन के रथ पर उड़ने वाली ध्वजा पर मैं ही विघमान रहूंगा। तुम्हारी ही होगी |
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वरदान का विरोधी शब्द |
| Answer» RONG>वरदान का विरोधी शब्द — श्राप देना । | |
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भाषा की शुद्धता हमें कौन बताता है |
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Answer» ONG>ANSWER: व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी भाषा को शुद्ध बोला, पढ़ा और शुद्ध लिखा जाता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। Explanation: |
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एक राजा - नई और सुन्दर वस्तुएँ एकत्र करने का शौक - देश-विदेश के रंगीन, मोहक मिट्टी के बीस फूलदान - एक नौकर के हाथों एक फूलदान का टूट जाना – नौकर को मौत की सजा - एक बुद्धिमान वृद्ध फकीर का पात्र को असली स्थितिमें लाने का दावा- राजा के सभी पात्रों को तोड़ डालना - वृद्ध आदमी का जवाब, “मैंने उन्नीस व्यक्तियों की जिंदगीबचा ली।" - सही बात राजा की समझ में आना। |
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Answer» ONG>ANSWER: सामने नीम, पीपल के वृक्षों पर शाम उतर आई है। आर्ट गैलरी के आगे बढ़ती भीड़ मुंबई को हसीन जवान बना रही है। मैंने शकुंतला का तैलचित्र खरीदा है और समित को उसके घर की तरफ़ जाती हुई पतली कच्ची पगडंडी पर छोड़ती हुई घर लौट आई हूँ। कार पोर्टिको में पार्क की तो लछमन ने दरवाज़ा खोलकर देखा और नज़दीक आ गया। “लछमन, कार में पेंटिंग रखी है। उसे मेरे बेडरूम की दीवार पर टाँग दो।” लछमन ने कमरे में आकर पहले मुझे पानी दिया फिर एक लंबा लिफाफा। मैंने संकेत से पूछा- काम हो गया? “जी।” और वह पेंटिंग लाने पोर्टिको की ओर चला गया। मैंने लिफाफा खोलकर टिकट निकाली मालवगढ़ की। मालवगढ़! हाँ....मालवगढ़ जाना है मुझे! अतीत के तहख़ाने टटोलने.... या अतीत के नहीं बल्कि अपने अंदर दबे दर्द के तहख़ाने पहचानने कि उनमें कितना दम है अभी। उन बिखर गए पलों को बटोरने की ज़िद बार-बार मुझे मालवगढ़ की ओर ढकेल रही थी। जीप वाले रास्ते को याद कर मन सिहर जाता है। ऊबड़-खाबड़, रेत के ढूहों से भरा....बबूल, कीकर के कँटीले पेड़, झाड़ियाँ....शाम होने से पहले पहुँचने की हड़बड़ी क्योंकि रात होते ही डाकुओं का भय घेरे रहता। जाने कितनी अथाह स्मृतियाँ समाई हैं मुझमें....मैं भूल ही नहीं पाती कुछ....उन स्मृतियों की ही ज़िद है ये जो आज मेरे एकाकी जीवन की ज़िम्मेवार है। शादी नहीं करने के मेरे संकल्प की ज़िम्मेवार है। मुझमें भरोसा भी खूब जगाया है उन स्मृतियों ने। एम. ए. .... इटली जाकर पी-एच.डी., फिर कलकत्ता के कॉलेज में लैक्चरर, हैड ऑफ़ दि डिपार्टमेंट और फिर यहाँ प्रोफेसर....ये बुलंदियाँ उन्हीं स्मृतियों की देन हैं। नाते रिश्तों में खुसर-पुसर मच गई थी। पायल नौकरी करेगी, शादी नहीं करेगी? बड़ी दादी बिस्तर पर पड़े-पड़े माथा ठोककर चीखी थीं- “बावरी हो गई है, मत मारी गई है? मैं न कहती थी कि अभी माहवारी शुरू नहीं हुई है, सयानापन से पहले कर दो शादी। पर सुना किसी ने? अब लो भुगतो, कुँवारपन नहीं उतरेगा, अधर्मी हम कहलाएँगे।” ज्यों पटाखे की लड़ी में किसी ने जलती अगरबत्ती छुआ दी हो....यहाँ से वहाँ तक ख़बर फ़ैल गई....सबने नाक-भौं सिकोड़ी- “हुआ है ऐसा इतने बड़े ख़ानदान में कभी। बाप-दादों का मान-सम्मान, रुतबा डुबोने पर तुली है।” मगर मैं दृढ़ थी। क्यों नहीं खड़ी हो सकती मैं अपने पैरों पर, क्यों नहीं रूपया कमा सकती, क्यों नहीं स्वावलंबी बन सकती? मानती हूँ रुपयों की कमी नहीं है इस ख़ानदान को, लेकिन क्या वह मेरा कमाया हुआ है? मैं अपनी मेहनत से कमाना चाहती हूँ, कुछ कर दिखाना चाहती हूँ। यही चुनौती आज भी मेरी रगों में समाई है। अपने फैसले खुद करना। तभी तो बाबूजी मेरे बनारस नहीं आने पर चौंके नहीं। हालाँकि यूनिवर्सिटी की तमाम लंबी छुट्टियों में वे आतुरता से मेरी प्रतीक्षा करते हैं। ज़रूरी कपड़ों से सूटकेस भर जब मैं ट्रेन में बैठती हूँ तो समित समझाता है- इत्मीनान से छुट्टियाँ गुज़ारना, उतने दिनों के लिए भूल जाना मुंबई को। मैं मुस्कुराती हूँ, कहना चाहती हूँ....तुम्हें भी समित। अनजान-सा रिश्ता है समित से मेरा। मेरी हर बेचैनी, हर तकलीफ़, हर उदासी का एकमात्र साथी। बीसियों बार जब अकेलेपन से घबराकर मैंने अपने आपको जुहू या चौपाटी के किनारे पाया है....या मरीन ड्राइव की समुद्री फुहारों में खुद को भिगोया है तो इसी समित ने मेरे ऊबे हुए समय को बाँटा है। खुद की लिखी कविताओं को तरन्नुम में गाकर उन पलों के भारीपन को हलका किया है। कभी-कभी हम बहस में डूब जाते हैं। अमेरिकन साहित्य, अफ्रीकी साहित्य या फिर जापान की हाहूक कविताएँ....समित कहता- “ये जापानियों की दृष्टि इतनी सूक्ष्ण क्यों होती है? तीन या चार पंक्ति की कविता, एक फुट के बरगद, पीपल के बोन्साई, चावल खाने की लंबी चम्मच ऐसी कि एक बार में चार कण चावल मुँह में जाएँ।” मैं हँसकर कहती- “देखन में छोटे लगें, घाव करैं गंभीर” ट्रेन चली तो समित ने मेरे हाथों को हलके से छुआ- “ऑल दि बेस्ट।” देर तक वह मेरी आँखों में बना रहा, ओझल होने के बावजूद भी। ताँगा कोठी के ऐन फाटक पर आकर रुका जहाँ कोठी के ऊँचे रोशनदान के ऊपर देवनागरी लिपि में धुँधले पड़ गए काले हर्फ़ झिलमिला रहे हैं ‘प्रताप भवन’। रामू काका कनेर, तगड़ और गुलबकावली के पेड़ों में पाइप से पानी डाल रहे थे। रामू काका मेरे बाबा के ज़माने के नौकर कोदू के बेटे....कोठी की देखभाल करने के लिए तैनात, ताँगा रुकने की आवाज़ सुनते ही वे पाइप छोड़ दौड़े- “अरे पायल बेटी, यो म्हें कै देखूँ हूँ, यो कठ सपणो तो कोणी?” और ताँगे से उतरते ही मैं बाबूजी सादृश रामू काका से लिपट गई। वे कंधे पर पड़े गमछे से अपने झर-झर बहते आँसू पोंछते हैं। गला भर आया है रामू काका का। कहते कुछ नहीं, ताँगे से सामान उतारकर कोठी के मेन हॉल में रखते हैं- “बैठ बेटी, थारे खातिर सरबत बणा ल्याऊँ।” मुझसे मना नहीं किया जाता। |
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प्रश्न १: खानपान की मिश्रित संस्कृति से हमें क्या हानियां होती हैं? pleeeeeeeeeeease tell me if anyone know this question. |
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Answer» ONG>EXPLANATION: खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का तात्पर्य सभी प्रदेशों के खान-पान के मिश्रित रूप से है। यहाँ पर लेखक यह कहना चाहते हैं कि आज एक ही घर में हमें कई प्रान्तों के खाने देखने के लिए मिल जाते हैं। लोगों ने उद्योग धंधों, नौकरियों व तबादलों व अपनी पसंद के आधार पर एक दूसरे प्रांत की खाने की चीज़ों को अपने भोज्य पदार्थों में शामिल किया है। मेरा घर कोलकत्ता में है। मैं बंगाली परिवार से हूँ। हमारा मुख्य भोजन चावल और मछली है, लेकिन हमारे घर में चावल और मछली के अलावा दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली, सांभर, डोसा आदि और पाश्चात्य भोजन बर्गर व नूडल्स भी पसंद किए जाते हैं। यहाँ तक कि हम बाज़ार से न लाकर इन्हें अपने ही घर में बनाते हैं। |
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) महात्मा गांधीजी ने संतुलित आहार का महत्व किस तरहसमझाया है, अपने शब्दों में लिखिए। |
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Answer» rong>Answer: गाँधी जी कहा करते थे कि ”सत्य के खोजकर्ता के रूप में, मुझे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम भोजन खोजना आवश्यक है”। इसका उत्तर भी इन्होने दिया था – शाकाहार !!!!! explanation2 अक्टूबर को देश महात्मा गाँधी की 151वीं जयंती मना रहा है। गांधी जी ने अपने अहिंसा के संदेश से दुनिया को जीता था। इनका मानना था कि इंसान को वो बदलाव पहले खुद में करने चाहिए जिनकी उम्मीद उसे दुनिया से रहती है। और उनका एक और संकल्प था – मांस, दूध या दूध से बने पदार्थों का सेवन से परहेज करना। तो आज दुनिया गाँधी जी को शाकाहार का सबल प्रतीक मानती है और आपकी जानकारी के लिए शाकाहार इनके राजनीतिक जीवन का पहला बड़ा मुद्दा भी रहा। तो चलिए गाँधी जी और शाकाहार से जुडी कुछ ज़रूरी जानकारी आपसे साझा करते हैं गाँधी जी एक वैष्णव परिवार से ताल्लुक रखते थे , शुद्ध शाकाहार इस परिवार की परंपरा का अटूट हिस्सा था गाँधी जी बचपन में कुछ कमज़ोर थे और अँधेरे से डरा करते थे । 10 वीं क्लास की बात है जब इनके बचपन के दोस्त शेख मेहताब ने इन्हें भरमाया की इसका इलाज मांसाहार में है। मेहताब ने उदाहरण देते हुए कहा था कि अँगरेज़ मांसाहार से बल प्राप्त करते है और इसलिए भारतीयों पर राज करते हैं। मेहताब की सलाह पर गाँधी जी ने कुछ दिन मांस खाया पर तजुर्बा कड़वा रहा। माता को दिया वचन तोड़ने का एहसास भी इन्हें सालता रहा जिसे ये ताउम्र नहीं भूले। वहीँ अपनी मां के प्रति अगाध प्रेम और उनकी उपवास रखने की क्षमताओं ने गाँधी जी को इस बात का अहसास कराया कि शाकाहार और उपवास के जरिए नैतिक ताकत हासिल की जा सकती है। फिर गाँधी जी कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। जाने से पहले माताजी जी ने एक जैन संत को बुला कर इन्हें मांस, स्त्री और मदिरा न छूने की शपथ दिलाई थी। उस ठन्डे देश ने शाकाहारी गाँधी जी का कठिन इम्तेहान लिया था जहाँ कई दिन इन्हें भूखे भी रहना पड़ा था। इंग्लैंड प्रवास के दौरान इन्होने ”Salt’s Plea for Vegetarianism” पुस्तक पढ़ी थी। इसे पढ़ने के बाद गांधी जी ने शाकाहार को एक बौद्धिक विकल्प बनाने के साथ इसके प्रसार को अपना मिशन बनाया था। यह शाकाहार की दिशा में स्वतः उठा इनका पहला कदम था। जल्द सभी पशु उत्पाद जैसे अंडे और दूध भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गए थे। इंग्लैंड प्रवास के दौरान ही इनकी माता जी की मृत्यु हो गयी थी। भारत वापस लौटे गाँधी जी के लिए शाकाहार अब माँ की स्मृति का अमिट हिस्सा बन चुका था। अब भले ही इनके माता-पिता जीवित नहीं थे पर इरादे के पक्के गाँधी जी के लिए पशु उत्पाद अब विकल्प नहीं रह गए थे। साउथ अफ्रीका में लिया ब्रह्मचर्य का व्रत इन्हें शाकाहार के और करीब लाया था। 1912 में टॉलस्टॉय फार्म में आत्मसंयम को उर्जित करने के लिए गाँधी जी और इनके मित्र कालेनबाक ने दूध पीना तक छोड़ दिया थे। ”English as A Guide to HEALTH” पुस्तक में गाँधी जी ने लिखा है बचपन में मां के दूध के अलावा, इंसान को इसकी कोई ज़रुरत नहीं है। शाकाहार के मार्ग पर चलते हुए गाँधी जी को तमाम इम्तेहान देने पड़े थे – डरबन में सत्याग्रह के दौरान कस्तूरबा गंभीर रूप से बीमार पड़ी थीं और डॉक्टर ने उन्हें बीफ के अर्क की चाय धोखे से पिलाने की कोशिश थी। गाँधी जी इसका विरोध करते हुए उसे शाकाहार के सिद्धांत से रूबरू कराया था। इस दौरान इन्हें बीमार कस्तूरबा का भरपूर समर्थन मिला था। – प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, गाँधी जी लंदन में थे जब इन्हें प्लुरिसी बीमारी ने जकड लिया था। फलाहार पर जी रहे गाँधी जी को जब डॉक्टरों ने दूध और अनाज लेने को कहा तो इन्होने मना कर दिया था। जब गोपाल कृष्ण गोखले ने आग्रह किया तो इन्होने इन पदार्थों को लेने की अपेक्षा मौत को श्रेयस्कर बताया था – खेड़ा दौरे पर गए गाँधी जी dysentery का शिकार हो गए थे। हालत ज़्यादा बिगड़ी तो इन्हें माथेरन ले जाया गया। यहाँ डॉक्टर ने साफ़ तौर पर इन्हें दूध पीने को कहा था। ज़िद पर अड़े गाँधी जी को जल्द रौलेट एक्ट के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करनी थी। इसी मजबूरी के चलते इन्हे अंततः बकरी का दूध पीने पर राज़ी होना पड़ा था। ये सिलसिला फिर चलता रहा। पर शाकाहार के हथियार से गाँधी जी ने पश्चिमी जगत का जो सबसे बड़ा मिथक तोडा – वो था मांसाहारियों का अधिक बलशाली होना। गाँधी जी ने ये साबित किया था कि मांसाहार आक्रामकता को जन्म देता है। आत्म नियंत्रण खत्म करता है। इसका असल जवाब शाकाहार और अहिंसा के विचारों में निहित है जो आत्मसंयम को बल देता है. 15 अगस्त, 1947 को लम्बे संघर्ष के बाद इसी विचारधारा की जीत हुई थी। जानकारों के मुगताबिक़ , ये शाकाहार का मार्ग था जो गाँधी जी को अहिंसा, त्याग और सत्याग्रह की ओर लाया। बिना इन शस्त्रों के शायद गाँधी जी को कभी भी नैतिकता की अगम ताकत का एहसास नहीं होता और इतिहास की तस्वीर कुछ और होती। गाँधी जी का आहार इनकी राजनीति से गहन रूप से जुड़ा था। अन्याय और असमानता के खिलाफ संघर्ष में परहेज भी एक मजबूत हथियार था। गाँधी जी का नमक से गहरा नाता रहा । युवा गाँधी नमक के कायल थे, मध्य आयु में इसे खारिज कर दिया था और फिर वृद्धावस्था में संयम के साथ ग्रहण करने लगे थे। और नमक ही सविनय अवज्ञा आंदोलन की प्रेरणा बना था। इसी तरह गाँधी जी कच्चा अनाज और जंगली सब्ज़ी भी खाते थे क्यूंकि ये देश की गरीब ग्रामीण जनता का आहार था पर सबसे बड़ी बात, आहार ने गाँधी जी और समाज के बीच पुल का काम किया था। ये इस सामाजिक प्रयोग का सबसे बड़ा सबक है। शाकाहार पर आप अगर गाँधी जी के विचारों को मुकम्मल तौर पर जानना चाहते हैं तो इनकी पुस्तक ” The Moral Basis of Vegetarianism” ज़रूर पढ़ें। इस पुस्तक में इनके बरसों पुराने लेखो का अद्भुत संग्रह है चलते चलते गाँधी जी कहा करते थे कि ”सत्य के खोजकर्ता के रूप में, मुझे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम भोजन खोजना आवश्यक है”। इसका उत्तर भी इन्होने दिया था – शाकाहार !!!!! PLEASE mark BRAINLIST ANSWER |
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दुखी स्वर में चिल्लाना' अर्थात-1. रुदन2.आर्त्तक्रंदन3.विलाप |
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Answer» ong>Answer: रुदन MARK me as brainlist |
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XIII. आपके गाँव में कुछ ऐसे लोग आ गए हैं जिनसे आप परेशान हैं। पुलिस कमिश्नर को इसकी सूचना देते हुए एक शिकायती पत्र लिखिए | |
| Answer» RY there is no HINDI TYPE BOARD in my PHONE | |
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38. भीष्म पितामह किसे समझा रहे थे ?O दुर्योधनO अर्जुनO युधिष्ठर |
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Answer» ONG>ANSWER: a is answer MARK me brainleast |
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