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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

आभासी प्रतिबिम्ब के दो गुण लिखिए।

Answer» आभासी प्रतिबिम्ब के गुण -`(i)` इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता `(ii)` यह प्रतिबिंम्ब सदैव सीधा बनता है ।
2.

परावर्तन के प्रकार लिखिए।

Answer» परावर्तन दो प्रकार के होते है-
`1`. नियमित परावर्तन -जब परावर्तित किरणे तल से टकराने के पश्चात् एक-दूसरे के समानांतर एक निश्चित दिशा में, परावर्तित होती है, नियमित परावर्तन कहलाता है।
`2`. अनियमित परावर्तन-जब परावर्तित किरणे विभिन दिशाओ में असमानातर बिखर जाये तो यह परावर्तन अनियमित परावर्तन कहलाता है।
3.

वास्तविक एवं आभासी प्रतिबिंब में कोई तीन अंतर् लिखिए ।

Answer» वास्तविक प्रतिबिंब- `(i)` जब किसी वस्तु से चलकर आने वाली प्रकाश किरणे प्रतिबिंब बिंदु से होकर जाती है, तो उस प्रतिबिम्ब को वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते है। `(ii)` यह सदैव उल्टा होता है । `(iii)` इसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
आभासी प्रतिबिम्ब - `(i)` ऐसे प्रतिबिम्ब में किसी वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् पीछे की ओर बढ़ने से जिन बिन्दुओ पर मिलती है, वहाँ आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। `(ii)` यह सदैव सीधा बनता है। `(iii)` इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
4.

रेगिस्तान में मरीचिका एक भ्रम है, क्यों?

Answer» रेगिस्तान में मरीचिका -रेगिस्तान में दिन के समय यात्रियों को कुछ दुरी पर जलाशय या झील दिखाई देता है। उसके आस-पास के पेड़ के प्रतिबिंब ऐसे दिखाई देते है जैसे वे पानी के किनारे हो, किन्तु वहाँ पहुंचने पर जलाशय या झील का नामोनिशान नहीं होता है। इस दृषिट भ्र्म या धोखा को मरीचिका कहते है।
रेगिस्तान में दिन के समय सूर्य की गर्मी से रेट इत्यादि गर्म हो जाते है, जिससे समीप की वायु परते गर्म होकर विरल हो जाती है। अतः नीचे की वायु -परतो का घनत्व ऊपर की वायु- परतो की तुलना में कम हो जाता है। ऊपर जाने पर वायु की सघनता क्रमश : बढ़ने लगती है। किसी पेड़ से नीचे चलने वाली किरणे उतरोतर सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है , अतः अभिलंब से दूर हटती है । एक स्थिति ऐसी आती है, जब आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है। तो उनका पूर्ण परावर्तन हो जाता है। अब प्रकाश किरणे विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, जिससे परावर्तित किरणे अभिलंब की ओर झुक जाती है। जब ये किरणे आँख में प्रवेश करती है तो वृक्ष का उल्टा प्रतिबिम्ब उसी दिशा में दिखाई देता है, जिस दिशा से किरणे आँख में टकराती है। इसके अतिरिक्त वायु-परतो का घनत्व कुछ न कुछ परिवर्तित होता रहता है, अतः वृक्ष का प्रतिबिम्ब स्थिर न रहकर हिलता हुआ दिखाई देता है, जिससे यात्रियों को वहाँ पर जलाशय होने का भ्र्म हो जाता है।
5.

आप समतल, अवतल तथा उत्तल दर्पणों की पहचान स्पर्श करके किस प्रकार कर सकते है?

Answer» `1`. यदि दर्पण का परावर्तक पृष्ट समतल हो तो वह समतल दर्पण होगा।
`2`. यदि दर्पण का परावर्तक पृष्ट उभरा हुआ महसूस हो तो उत्तल दर्पण है।
`3`. यदि दर्पण का परावर्तक पृष्ट अन्दर तथा दबा हुआ प्रतीत हो तो अवतल दर्पण होगा।
6.

यदि काँच और जल के निरपेक्ष अपवर्तनांक क्रमश : `3//2` व `4//5` है , तब जल एवं काँच में प्रकाश की चाल का अनुपात ज्ञात कीजिए ।

Answer» सूत्र-`(n_(2))/(n_(1))=(v_(1))/(v_(2))` से…….`(1)`
काँच का निरपेक्ष अपवर्तनांक `n_(2)=(3)/(2)`
जल का निरपेक्ष अपवर्तनांक `n_(1)=(4)/(3)`
जल में प्रकाश की चाल `=v_(1)`
काँच में प्रकाश की चाल `=v_(2)`
सूत्र `(1)` में मान रखने पर,
`((3)/(2))/((4)/(5))=(v_(1))/(v_(2))`
`(3)/(2)xx(5)/(4)=(v_(1))/(v_(2))`
`(15)/(8)=(v_(1))/(v_(2))`
`v_(1):v_(2)=15:8`