InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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नरसिम्हा प्रथम ने कौन सा मन्दिर बनवाया था ? |
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Answer» नरसिम्हा प्रथम ने कोणार्क का सूर्य मन्दिर बनवाया था। |
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खजुराहो के मन्दिर किस वंश के शासकों ने बनवाए थे ? |
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Answer» खजुराहो के मन्दिर चन्देल वंश के शासकों ने बनवाए थे। |
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भवन निर्माण की उत्तर भारतीय तथा दक्षिण भारतीय शैली के बारे में लिखिए। |
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Answer» मोटे तौर पर भवन निर्माण की दो शैलियाँ थीं- उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय। इनमें भेद मुख्यतः मन्दिर के शिखर के आकार में देखा जाता है। उत्तर भारतीय शिखरों का आकार टेढ़ी रेखाओं से घिरी हुई ठोस मीनार की भाँति रहता था। मध्य में खुला हुआ तथा ऊपर एक बिन्दु पर आकर समाप्त हो जाता था। उदाहरणतः लिंगराज मन्दिर, भुवनेश्वर। दक्षिण भारतीय शिखर पिरामिड की तरह दिखते थे, जिसमें कई खण्ड होते थे। प्रत्येक खण्ड क्रमशः ऊपर की ओर अपने नीचे वाले खण्ड से छोटा होता जाता था, और सबसे ऊपर जाकर छोटे तथा गोलाकार टुकड़े में हो जाता था। दक्षिण भारत के मन्दिरों में स्तम्भों का मुख्य स्थान है जबकि उत्तर भारत के मन्दिरों में इनका सर्वथा अभाव दिखाई देता है। |
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राजपूत कालीन सामाजिक व्यवस्था का वर्णन करें। |
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Answer» ब्राहृमणों का समाज में उच्च स्थान था। राजपूत साहसी, स्वाभिमानी और आतिथ्य भाव वाले वीर योद्धा थे। धनी लोग कीमती वस्त्र-आभूषण पहनते थे। बालविवाह और सतीप्रथा का चलन हो गया था। विधवा-विवाह वर्जित था। स्त्रियों की स्थिति निम्न थी। वर्णव्यवस्था कठोर हो गई थी। लोगों का मानसिक दृष्टिकोण संकुचित हो चुका था। |
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उत्तर भारत में राजपूतों के राजनैतिक महत्व का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» उत्तरी भारत में राजपूत (या राजपुत्र) नामक क्षत्रिय वर्ग उदित हुआ। परमार, चौहान, चंदेल, प्रतिहार और गहरवार आदि अग्निकुण्ड से निकले क्षत्रिय माने गए। इनमें परस्पर झूठी शान, प्रतिष्ठा और प्रभुत्व के लिए युद्ध होते रहते थे। उनमें पारस्परिक एकता नहीं थी ! ये एक-दूसरे को झुकाने के लिए युद्ध करते थे। बड़े केन्द्रीय शासन का अभाव था। स्थानीय मुद्दे, स्थानीय सोच, स्थानीय भाषा अधिक प्रबल हो गई। लोगों की सोच संकुचित हो चली। |
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राजपूत काल में शिक्षा के मुख्य केन्द्र कौन-कौन से थे ? |
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Answer» राजपूत शासकों के समय में आश्रमों, पाठशालाओं एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षा दी जाती थी। इस समय नालन्दा, विक्रमशिला, उज्जयिनी, कन्नौज, काशी, धारानगरी प्रमुख शिक्षा केन्द्र थे। |
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