This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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conversation in Sanskrit with meanings in Hindi or English between two girls talking about anything you tell of any |
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Answer» hiii JD candidate for your time to GET back in |
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Bismillah kha ko riyazi aur swadi kaise kaha gya hai |
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Conversation in Sanskrit with meaning in Hindi between two girls about about mahangi |
| Answer» | |
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वे गुरु-ऋण से कैसे उऋण होना चाहते थे? |
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Answer» dhanus torne vale ko mar kar. Hope this HELPS. Please follow me and MARK me as the BRAINLIEST answer. |
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कवयित्री ललद्यद द्वारा रचित 'वाख' का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिएKshitij class 9th I will mark you brainleast |
Answer» कवियत्री ललद्यद द्वारा रचित वाद्य का प्रतिपाद्य...कवियित्री ललद्यद ने अपने ‘वाख’ वाक्यों के माध्यम से ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सच्चा मार्ग चुनने की प्रेरणा दी है कवियित्री यह कहना चाहती है कि ईश्वर को प्राप्त करने के लिए धार्मिक स्थानों अर्थात मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में जाने की जरूरत नहीं। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले हमें अपने मन को निर्मल करना पड़ेगा तथा हृदय को स्वच्छ करना पड़ेगा और फिर सच्चे मन से अपने अंदर झांकना पड़ेगा तभी हम स्वयं को जान सकते हैं और ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। ललद्यद यह कहना चाहती हैं कि आत्मज्ञान अर्थात स्वयं को जानना ही सच्चा ज्ञान है। व्यर्थ प्रपंच, आडंबर तथा पाखंड से स्वयं को बचाकर ही सच्चे ज्ञान को पाने के पथ पर चलना है। कवि ललद्यद कहती हैं कि ईश्वर एक है। विभिन्न धर्मों के लोग जिसको भी मानते हैं, वह ईश्वर एक है। इसलिए संसार रूपी माया जाल से मुक्ति के लिए हमें सत्कर्म करने पड़ेंगे। क्योंकि सत्कर्म करने से ही हमारे अंदर का अहंकार और बुराई नष्ट होगी। तभी हम ईश्वर की सच्ची आराधना कर सकते हैं और ईश्वर को पा सकते हैं। इस तरह कवियित्री ललद्यद ने वाख के द्वारा ईश्वर की सच्ची आराधना करके सच्चे ज्ञान द्वारा ईश्वर को पाने पर जोर दिया है। ≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡ संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼ आई सीधी राह से ,गई न सीधी राह, सुषुम सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह। ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई माँझी को दूँ क्या उतराई । कवियित्री ललद्यद के वाख का अर्थ बतायें ○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○ |
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2. मैं जब भी वहाँ जाता हूँ, वह मेरा स्वागत करता है।(क) संज्ञा उपवाक्य(ख) विशेषण उपवाक्य (ग) क्रियाविशेषण उपवाक्य (घ) प्रधान उपवाक्य |
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Answer» Explanation: plz mark my answer BRAINLIST |
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Covert into mishre vakya Maine socha ki veh jaroor aayega. |
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Answer» Answer: JIS VYAKTI KO maine SOCHA veh jaroor aayega. hope it helps mark it as brainlist plz. |
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Chitra varnan of a class in Sanskrit |
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Answer» SANSKRIT MAI TOH NAHI AAta HAI... |
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what is the meaning of - Sab ki puja ek si, alag alag hai reet| mazjid jaye maulvi, koyal gaye geet....... class 10 sparsh chapter - ab kaha dusro ke dukh se dukhi hone vale. |
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Answer» ANSWER: chahe aap masjid jaao ya mandir. PRARTHNA karo ya dua maango. sab ek hi samaan hai. raaste alag HOTE hai PAR manjil ek hi hoti hai. hope it helps |
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Bhartaindu Harish Chandra pr jivan parichaya. |
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Answer» सन् 1850-1885 ई.) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (सन् 1850-1885 ई.) जीवन-परिचय- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का जन्म 9 सितम्बर 1850 ई. में काशी में हुआ था। इनके पिता बाबू गोपालचन्द्र जी थे, जो वे 'गिरधरदास' उपनाम से कविता करते थे। भारतेन्दु जी ने पॉंच वर्ष की अल्पायु में ही काब्य-रचना कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। बाल्यावस्था में ही माता-पिता की छत्रछाया उनके सिर से उठ जाने के कारण उन्हें उनके वात्सलय से वंचित रहना पड़ा। अत: उनकी स्कूली शिक्षा में व्यवधान पड़ गया। आपने घर पर ही स्वाध्याय से हिन्दी, अँग्रेजी, संस्कृत, फारसी, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं का उच्च ज्ञान प्राप्त कर लिया। 13 वर्ष की अल्पायु में ही उनका विवाह हो गया। वे स्वभाव से अति उदार थे। दीन-दुखियों की सहायता, देश-सेवा और साहित्य-सेवा में उन्होंने अपने धन को लुटाया। इस उदारता के कारण उनकी आर्थिक दशा शोचनीय हो गयी तथा वे ऋणग्रस्त हो गये। ऋण की चिनता से उनका शरीर क्षीण हो गया। 6 जनवरी 1885 ई. में 35 वर्ष की अल्पायु में ही इनकी मृत्यु हो गयी। भारतेन्दु हरिश्चनद्र आधुनिक हिन्दी खड़ी बोली गद्य-साहित्य के जनक माने जाते हैं। अन्होंने गद्य-साहित्य के द्वारा एक ओर तो देश-प्रेम का सनदेश दिया और दूसरी ओर समाज की कुरीतियों तथा विसंगतियों पर तीक्ष्ण व्यंग्य एवं कटु प्रहार किए है। उनके साहित्य में भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा सर्वत्र दृष्टिगोचर होती हैै। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र अपने युग की समसत चेतना के केन्द्र बिन्दु थे। वे वर्तमान के व्याख्,याता एवं भविष्य के द्रष्टा थे। भारतेन्दु के रूप में वे, हिन्दी साहित्य-जगत को प्राप्त हुए। प्रमुख कृतियाँ मौलिक नाटक[4] वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (१८७३ई., प्रहसन) सत्य हरिश्चन्द्र (१८७५,नाटक) श्री चंद्रावली (१८७६, नाटिका) विषस्य विषमौषधम् (१८७६, भाण) भारत दुर्दशा (१८८०, ब्रजरत्नदास के अनुसार १८७६, नाट्य रासक), नीलदेवी (१८८१, ऐतिहासिक गीति रूपक)। अंधेर नगरी (१८८१, प्रहसन) प्रेमजोगिनी (१८७५, प्रथम अंक में चार गर्भांक, नाटिका) सती प्रताप (१८८३,अपूर्ण, केवल चार दृश्य, गीतिरूपक, बाबू राधाकृष्णदास ने पूर्ण किया) अनूदित नाट्य रचनाएँ विद्यासुन्दर (१८६८,नाटक, संस्कृत 'चौरपंचाशिका’ के यतीन्द्रमोहन ठाकुर कृत बँगला संस्करण का हिंदी अनुवाद) पाखण्ड विडम्बन (कृष्ण मिश्र कृत ‘प्रबोधचंद्रोदय’ नाटक के तृतीय अंक का अनुवाद) धनंजय विजय (१८७३, व्यायोग, कांचन कवि कृत संस्कृत नाटक का अनुवाद) कर्पूर मंजरी (१८७५, सट्टक, राजशेखर कवि कृत प्राकृत नाटक का अनुवाद) भारत जननी (१८७७,नाट्यगीत, बंगला की 'भारतमाता'के हिंदी अनुवाद पर आधारित) मुद्राराक्षस (१८७८, विशाखदत्त के संस्कृत नाटक का अनुवाद) दुर्लभ बंधु (१८८०, शेक्सपियर के ‘मर्चेंट ऑफ वेनिस’ का अनुवाद) निबंध संग्रह नाटक कालचक्र (जर्नल) लेवी प्राण लेवी भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? कश्मीर कुसुम जातीय संगीत संगीत सार हिंदी भाषा स्वर्ग में विचार सभा काव्यकृतियां भक्तसर्वस्व (1870) प्रेममालिका (१८७१), प्रेम माधुरी (१८७५), प्रेम-तरंग (१८७७), उत्तरार्द्ध भक्तमाल (१८७६-७७), प्रेम-प्रलाप (१८७७), होली (१८७९), मधु मुकुल (१८८१), राग-संग्रह (१८८०), वर्षा-विनोद (१८८०), विनय प्रेम पचासा (१८८१), फूलों का गुच्छा- खड़ीबोली काव्य (१८८२) प्रेम फुलवारी (१८८३) कृष्णचरित्र (१८८३) दानलीला तन्मय लीला नये ज़माने की मुकरी सुमनांजलि बन्दर सभा (हास्य व्यंग) बकरी विलाप (हास्य व्यंग) कहानी अद्भुत अपूर्व स्वप्न यात्रा वृत्तान्त सरयूपार की यात्रा लखनऊ आत्मकथा एक कहानी- कुछ आपबीती, कुछ जगबीती उपन्यास पूर्णप्रकाश चन्द्रप्रभा कलापक्ष,,,,,, |
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Fill in the blanks with idioms• बच्चों की नारेबाजी सुनकर प्रधानाचार्य महोदय गए। |
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Answer» Answer: |
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Kisan aur vyapari ke bich samvad |
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Answer» HALO meine namen ist ANONYMUS ich bin wanne helpin du, was du BIST namen |
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निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए :(क) सुरभि (विद्यालय से) अभी-अभी आई है।(ख) उसने मेरी बातें (ध्यानपूर्वक) सुनी ।(ग) शाबाश ! (तुमने)बहुत अच्छा काम किया ।(घ) वहाँ (दस) छात्र बैठे हैं ।(ङ) परिश्रम (के बिना)सफलता नहीं मिलती। |
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Answer» प्रश्न में दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों (कोष्ठक में) दिये शब्दों का पद-परिचय इस प्रकार होगा... (क) सुरभि (विद्यालय से) अभी-अभी आई है। विद्यालय से = जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण काल। (ख) उसने मेरी बातें (ध्यानपूर्वक) सुनी । ध्यानपूर्वक = रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘सुनी’ क्रिया का विशेष्य (ग) शाबाश ! (तुमने) बहुत अच्छा काम किया । तुमने = मध्यम पुरुष सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, संप्रदान कारक (घ) वहाँ (दस) छात्र बैठे हैं । दस = संख्यवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘छात्र’ (ङ) परिश्रम (के बिना) सफलता नहीं मिलती। के बिना = संबंधबोधक अव्यय। Read more |
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Mere Ghar Ke Samne dakghar hai. ke samne ka pad Parichay dijiye |
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Answer» के सामने= संबंधबोधक अव्यय, " घर" तथा ' डाकघर' संज्ञाओ के बीच संबंध स्थापित करने का प्रकार्य | |
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2. रेखांकित उपवाक्य का नाम बताइए-(i) वह अध्यापक था, जो कल यहाँ आया था। |
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| 15. नीचे दिए गए विकल्पों में से तत्सम शब्द का चयन कीजिए-(a) पड़ोसी (b) गोधूम (c) बहू (d) शहीद |
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Answer» bbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbb option B |
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06. Which of the following are not greenhouse gases?Methane, Nitrous oxide, Hydrogen, Water vapour, Nitrogen |
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Answer» NITROGEN is not a GREENHOUSE gas Hope it helps. Follow me |
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Thop line by line explanation in English |
Answer» The तोप poem TEACHES us to handle our cultural and heritage. According to poet Viren Dangwal, a country is identified with its ancient heritage. These heritage introduces us about the ancient culture, civilization, contribution of our country and the mistakes made by us in history.Ironically, we have been IGNORED by them. We strive to grow on the name of development. But they ignore their foundation. If they are ignored LIKE this, then one day we will lose our identity. If the foundation of the building is weak, then its existence can not stay for long. The poet keeps his point through the तोप।According to him, this cannon would have been a big force of its time. At that time, good sunsets will be destroyed in front of them. All the burden of protecting the fort will be places on its shoulders alone. TODAY the cannon is lying idle. It is seen by the tourists as a courtesy. For children it's nothing more than content to play.This habitat of BIRDS has also been made. With all these things, it reminds one more thing that no matter how big a king or monarch is, its end is definitely one day.❤️ |
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प्रश्न:-5 रेखांकित पदों का पद-परिचय दें।(i) (सफलता) परिश्रम करने वालों के चरण चूमती है। I will report if wrong. |
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Answer» सफलता =ता = उपसर्ग = भाववाचक संज्ञा Explanation: |
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4. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का पद-परिचय लिरिG(क) वाह! बहुत मनोरंजक कहानी है। manoranjak ka pad parichay |
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Answer» Explanation: |
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पारपराग फाणिए-(क) मालाएँ पहनाई जा रही होंगी।(ख) इतना कड़वा फल मैं नहीं खा सकता।(ग) रोहित द्वारा पुस्तकें खरीदी जाती हैं।(घ) मैं हँस नहीं सका।(कतृवाच्यम)(कर्म वाच्य में)(कर्तृ वाच्य में)(भाव वाच्य में) |
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Answer» 1)malaye pahanai jaayengi. 2)itna kadwa phal mujhse niii khaaya jaata. 4)mujhse HANSA nii jaata |
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अपने भाई को अनुशासन का महत्व बताते hue patra |
| Answer» | |
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निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए।1. अध्यापिका ने स्वतंत्रता संग्राम की घटना सुनाई।2. काव्या के पास संगीत की पुस्तक है।3. कंगारू बहुत तेज दौड़ते हैं।4. नन्हीं पिंकी की गुड़िया बहुत सुंदर है। |
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Answer» plz UNDERLINE those words I can't UNDERSTAND |
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3. मैं नहीं उठता। (भाववाच्य में बदलिए)4. अशोक पतंग उड़ा रहा है। (कर्मवाच्य में बदलिए) |
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Answer» Answer: 3.मुझ से उठा नही जाता। 4.अशोक द्वारा पतंग उड़ाई जाती है। |
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Sentences for any Chitra varnan in Sanskrit with meaning in Hindi or English |
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Answer» EXPLANATION: SORRY I don't KNOW |
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प्रश्न:-5 रेखांकित पदों का पद-परिचय दें।(i) (सफलता) परिश्रम करने वालों के चरण चूमती है। I will report if wrong. |
| Answer» | |
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निम्नलियित वाक्यो को १ाद्ध करे :1) हमारे घर में आज बहत-सा मेहमान आया है। |
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Answer» हमारे घर मे आज बहुत से मेहमान आए हैं। Plzee plzee MARK as BRAINLIEST |
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निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए।1. उससे दौड़ा नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में बदलिए)2. नौकर कपड़े धोता है। (कर्मवाच्य में बदलिए) |
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Answer» Answer: 1."नौकर बिस्तर लगा रहा है " में कौन सा वाच्य है? * |
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Kar chale hum phidha line by line explanation in English |
Answer» ENGLISH is very FUNNY LANGUAGE ;-) |
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निर्देशानुसार उत्तर लिखिए।1. पौधे लगाकर माली चला गया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)2. आँधी आई और आम झड़ गए। (सरल वाक्य में बदलिए)3. परिश्रमी व्यक्ति को सभी चाहते हैं। (मिश्र वाक्य में बदलिए)4. बच्चा रोया और चुप हो गया। (रचना के आधार पर वाक्य भेद लिखिए) |
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Answer» Answer: 1.माली ने पौधे लगाए और वह चला गया। 2.आंधी आने पर आम झड़ गए। 3.जो व्यक्ति परिश्रमी होता है, उसे सब चाहते है। 4.संयुक्त वाक्य। Explanation: MARK me as BRAINLIEST.... |
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निम्नलिखित वाक्य में कोमा के बीच के वाक्य का उपवाक्य का उपभेट,छात्र ने बस्ता उठाया और, पढ़ने चला गया। |
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Answer» Answer: |
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राम लक्ष्मण परशुराम संवाद में कौन से अलंकार का अधिकतर प्रयोग किया गया है। |
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Answer» Answer: |
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What is the meaning of sahaj....in english......... |
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Answer» Answer: spontaneous Explanation: is the meaning in ENGLISH of SAHAJ. FOLLOW me PLZZZZZZ |
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Ham *kya* kar rahe hai |Pad parichay of kya |
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Answer» Answer: Answer:HOPE IT WORKS 4 U |
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Does a line come on sha in hindi varnamala? |
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Answer» Yes Explanation: |
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पर्यठन को भडावे के लिये एक विज्ञापन लेखन |
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Answer» यदबध.धधखललठठदठद ठठठठठ |
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Ras ke udharan plz thode easy wale |
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Answer» Explanation: श्रृंगार रस वीभत्स रस भयानक रस हास्य रस करूं रस वीर रस रोध्र रस |
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हिंदी में निबंध लेखन on friendship |
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Answer» prasthawna:- about it good frndsip:- how to help us:- AIM:- BAD frndsip:- effect:- his aim:- and last:- apne PR in sbka prabhaw. |
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Pls give me some questions and answers of muhavare.... |
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Answer» मुहावरा – अब पछताए होत क्या जब चिडिया चुग गई खेत। अर्थ – समय रहते काम ना करना और नुक़सान हो जाने के बाद पछताना। जिससे कोई लाभ नहीं होता है। मुहावरा – अंडे सेवे कोई, बच्चे लेवे कोई॥ अर्थ – परिश्रम कोई व्यक्ति करे और लाभ किसी दूसरे को हो जाए। मुहावरा – अंत भला तो सब भला। अर्थ – परिणाम अच्छा हो जाए, तो सभी कुछ अच्छा मान लिया जाता है। मुहावरा – अढ़ाई दिन की बादशाहत। अर्थ – थोड़े दिन की शान-शौक़त। मुहावरा – अन्न जल उठ जाना। अर्थ – किसी जगह से चले जाना। मुहावरा – अन्न न लगना। अर्थ – खा-पीकर भी मोटा न होना। मुहावरा – अपना-अपना राग अलापना। अर्थ – अपनी ही बातें कहना। मुहावरा – अपना उल्लू सीधा करना। अर्थ – अपना मतलब निकालना। मुहावरा – अपना सा मुँह लेकर रह जाना। अर्थ – लज्जित होना। मुहावरा – अपनी खिचड़ी अलग पकाना। अर्थ – अलग-थलग रहना। मुहावरा – अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारना। अर्थ – अपना अहित स्वयं करना। मुहावरा – अपने पैरों पर खड़ा होना। अर्थ – स्वावलंबी होना। मुहावरा – अपने में न होना। अर्थ – होश में न होना। मुहावरा – अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा। |
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Kahani lekhan नकली दोस्ती in hindi |
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Answer» कहते है खराब या नकली दोस्तों से तो एक अच्छा दुश्मन बेहतर है| साथ ही सच्चाई यह है कि आज बिना मतलब के कोई दोस्ती भी नहीं करता| सबकी बात ध्यान से सुनें, समझें, मगर अपना दिमाग जरूर लगाएं| अगर बात आपकी समझ के परे है तो उसे समझने की फालतू मेहनत न करें न ही दुसरे की बात पर बिना समझे भरोसा करें| पुरानी कहावत है जिस गली जाना नहीं उसका रास्ता क्या पूछना| दूसरी एक बात और है| अगर आधी बात समझ में आ जाये तो वो और खतरनाक होती है| हमें जोश तो पूरा आ जाता है, मगर होता क्या है, नुकसान| महाभारत में अभिमन्यु की कहानी तो सबने सुनी है| चक्रव्यूह की आधी जानकारी थी| जोश में जा पहुंचा चक्रव्यूह में| जान चली गयी| तो भाई किसी ऐसे चक्रव्यूह में अपना हाथ न डालें कि उस से बाहर आन एक रास्ता न पता हो| हर कोई चक्रव्यूह के अन्दर जाने का रास्ता तो बता देता है, चक्रव्यूह से बाहर आने का नहीं| कहीं ऐसा न हो कि जिन्दगी भर की जेल जैसा हो जाये; पहुँच तो गए, मगर अब निकलें कैसे| अगर आपको नहीं पता कि जहां पैसा लगवाया जा रहा है, वहां से पैसा किस तरह से निकलेगा तो पैसा न डालें| आप कहीं भी पैसा लगाते है तो वो आपके पैसे को अपने घर नहीं रखता, आगे किसी न किसी काम में लगाता है| चाहे वो पोस्ट ऑफिस हो, बैंक ही, बीमा हो, कोई कंपनी हो या और कोई हो| कोई घर से ब्याज नहीं देता, कोई घर से मुनाफा नहीं देता| इसलिए सब ये चाहते हैं कि आप बस पैसा लगा दें, मगर निकालें नहीं| ये आपका काम है कि सारी जानकारी लें, सब कुछ अच्छे से समझ लें| पैसा लगेगा कैसे और निकलेगा कैसे| आखिर आपका पैसा है| ये पैसे का मामला है, पैसे का| जब आज की दुनिया में पैसे के लिए भाई भाई नहीं रहता; तो अनजान या कोई दोस्त, रिश्तेदार भाई कैसे बन सकता है| आपकी कमाई है, आपकी बचत है| दस बार सोचें, कहीं आपका कोई नुकसान न हो जाये| |
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मुझसे मिलने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।संयुक्त वाक्य में बदलिए |
| Answer» | |
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उसने झूठ बोला , इसलिए दंड पाया । इसे सरल वाक्य में बदलिए |
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Answer» Answer: |
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Chet karo kkabi ne kishke bare me kha he |
| Answer» | |
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कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती है।" 'साना-साना हाथ जोडि' के इस कथन के aadarपर स्पष्ट करे कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है? |
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Answer» PLZ MARK this ANSWER as BRAINLIEST |
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