InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 2101. |
अपने मित्र के पास पत्र लिखो उसे सो भी लंबी बनाने के लिए |
| Answer» | |
| 2102. |
Apne mitr ko swawlambi banne ke liye prerit karte hue patr likhiye |
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Answer» Explanation: I am really sorry I am really t I yyyyyyyy I am really sorry |
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| 2103. |
Extension Activity I Parallel activity Reinfavcement : Facilitator will instruct students to make a list of at least 10 words of joytal erations and try to construct the sentences and then communicate and speak in front of the class. |
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Answer» zrhjJzykuosxyzkykzlktziaylykzyzjnzul |
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| 2104. |
Koi mujhy bata skta ha ke atmagyan app ko is tarah use karte hai?? |
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Answer» KAISA bhi Explanation: read the MANUAL book |
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| 2105. |
टिप्पण किसे कहा जाता है टिपन के किसी एक प्रकार को समझाइए |
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Answer» अर्थात, सरकारी कार्यप्रणाली में विचाराधीन कागज या मामले के बारे में उनके निपटान हेतु सुझाव या निर्णय देने के परिणामस्वरूप जो अभ्युक्तिया (REMARKS) फाइल पर लिखी जाती है, उन्हें टिप्पण या टिप्पणी(NOTING) कहते हैं। Hᴏᴘᴇ ɪᴛs ʜᴇʟᴘs ʏᴏᴜ ❤ |
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| 2106. |
Do balo ki katha me do ghatnaye jinse pta lagta hai hira moti me mitrata |
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Answer» Answer: KNOW if there are DASH than I can GET to make shiva for growth in a GOOD way |
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| 2107. |
कवि बिहारी के सतसई के दोहे दिए गए उपलब्ध भावार्थ सहित लिखिए |
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Answer» मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोई। जा तन की झांई परै, श्याम हरित-दुति होय ।। इस दोहे के दो अर्थ हैं इस दोहे के में बिहारी लाल श्री कृष्ण के साथ विराजमान होने वाली श्रृंगार की अधिष्ठात्री देवी राधिका जी की स्तुति करते हैं। ... दूसरा अर्थ है कि राधा की छाया पड़ने से कृष्ण हरित (प्रसन्न) हो उठते हैं |
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| 2108. |
विश्व में जब भी लड़कियों, छोटे बच्चों आदि पर शारीरिक या मानसिक अत्याचार होता है तो मन व्यथित हो जाता है जिसमें लड़कियां सबसे ज्यादा सहती हैं।इसमें बलात्कार,खरीद फरोख्त,अपहरण आदि घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं।छोटे बच्चे व लड़कियां ज्यादा संख्या में अपहरण होते हैं।ये सब कार्य निंदनीय माने जाते हैं।आपके विचार से निंदनीय कार्य करने वाले लोग किस प्रकृति के होते हैं।उनकी सोच में जो कुविचार आते हैं वह किस कारण से आते होंगे।कुछ घटनाओं में देखा जाता है कि जो लड़की घटना का शिकार होती है उसी के चाल-चलन व पहरावे को दोषी माना जाता है।इसमें सभी वगों के लोग आते हैं अशिक्षित,शिक्षित,अमीर-गरीब,नेता-आम जनता।आप अपने शब्दों में उत्तर दीजिए कि दोषी किसे माना जाए?बीस पंक्तियों में स्टीक शब्दों में अपना उत्तर लिखिए। |
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Answer» यह एक बहुत बड़ा कुकर्म है हमें इसे हर हालत में रोकना चाहिए ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए यह एक कानूनी जुर्म है हमें ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए यह समाज सबका है इनमें सबको रहने का हक है इसीलिए हमें एक अच्छे नागरिक बनकर अपने लड़कियों और बच्चों को बचाना चाहिए |
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| 2109. |
•अनेकार्थी शब्दइन अनेकार्थी शब्दों से इस प्रकार वाक्य बनाइए कि इनके अर्थ स्पष्ट हो जाएँ-1)मौसमी-2)स्वर-3)हार- |
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Answer» Answer: 1) मुझे मौसमी का जूस बहुत पसंद है। 2) अपने स्वर को धीमी रखो! 3) मुझे हार बिल्कुल सहेन नहीं होती! |
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| 2110. |
1500 ( number in Hind ) |
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Answer» Pandrah sau hope it HELPS :) |
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'मेक इन इंडिया ( वोकल फॉर लोकल ) शीर्षक पर अनुछेद लिखिए |
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Answer» Answer: The ZAMBEZI RIVER (ALSO spelled Zambeze and Zambesi) is the fourth-LONGEST river in Africa, the longest east-flowing river in Africa and the largest flowing into the Indian Ocean from Africa. |
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| 2112. |
Please answer this |
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Answer» क. ६ ख. गोदान से ग. खोखला च. दहेज प्रथा |
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| 2113. |
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की स्थापना किसने की |
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Answer» गुरु ग्रन्थ साहिब प्रकाश दिवस 1 सितंबर को गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश दिवस मनाया जाता है। इसी दिन गुरु अर्जुन देव ने इस पवित्र ग्रन्थ की स्थापना हरिमंदिर साहिब में की थी। सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने भी किसी इंसान को अगला गुरु बनाने के बजाए, गुरु ग्रन्थ साहिब को ही शाश्वत गुरु घोषित किया था। |
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| 2116. |
How are you what are you doing today |
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Answer» Answer: Me too Thanks for ASKING... How are U??? Yeah, Just classes, SCHOOL STUFF.... What else? |
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| 2117. |
Padhyamsh ka vishay kyaa he |
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Answer» जीवन का मतलब |
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| 2118. |
Gagansh ki saprsangh vakya kijiye |
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Answer» PLEASE mark me brainlist please I want to be in the NEXT RANK I want only I brainlist answer |
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विचित्रवीर्य के पुत्र कौन कौन थे |
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Answer» सत्यवती और शांतनु के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने चित्रांगद के बड़े होने पर उन्हें राजगद्दी पर बिठा दिया लेकिन कुछ ही काल में गन्धर्वों से युद्ध करते हुये चित्रांगद मारा गया। |
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| 2120. |
स्टेज पर सुविधा अनुस्वार एक बड़े नगर के बाजार ____प्रतीकात्मक दृश्य उपयुक्त कारक चिन्ह. A) को. B)पर. C) के. D)का |
| Answer» | |
| 2121. |
बद उपसर्ग लगाकर नया शब्द क्या बनेगा ? |
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Answer» बदनाम बदमाश बदबू PLS MARK ME AS BRAINLIEST |
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| 2122. |
कामचौर नौकर और भारत मालकिन के बीच घरेलू काम को लेकर हुई बातचीत का लग50 शब्दों का संवाद लिखिmदया और |
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Answer» मालकिन अपने नौकर से तुझसे एक भी काम ढंग से नहीं होता नौकर मालकिन ढंग से बात करिए मैं आपका नौकर हूं |
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| 2123. |
वह तेजी से पढ़ रहा है find क्रिया विशेषणात्मक पदबंध |
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Answer» ok Explanation: |
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| 2124. |
Deshbhakti padh ka vighre keri ye? |
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Answer» Explanation: ok very GOD |
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| 2125. |
I need answer its Hindi |
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Answer» ii ii iv PLEASE MARK me as BRAINLIEST |
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| 2126. |
शिक्षा, शिक्षक और छात्र तीनों का परस्पर संबंध एक-दूसरे के अस्तित्व के लिए शरीर में में उतना ही आवश्यक है, जितना शरीर विभिन्न अंगों का । किसी भी एक अंग विकृति आने से संपूर्ण शैक्षणिक व्यवस्था संकट ग्रस्त हो जाती है । प्रायः कई कारणो से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर विद्वानों द्वारा प्रश्न उठाए जाते रहे हैं। पूर्व में भारत विद्या और शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था, जो कि गुरुकुल पध्दति पर आधारित था । जहाँ गुरु और शिष्य परंपरा स्वार्थ और लालच से ऊपर थी । वर्तमान में देखे तो शिक्षा और गुरु का संबंध ग्राहक और विक्रेता की तरह बन गया है । इसका परिणाम यह हो रहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता दूषित होने लगी है । जहाँ एक ओर शैक्षणिक केंद्रों में मोल-भाव होता है और डिग्री बाँटने वाली दुकानें हर गली-मोहल्ले में खुल गई हैं, वही दूसरी ओर परीक्षा में सफल कराने के वादों के साथ नित नए-नए कोचिंग सेंटर भी इस खेल में अपनी दुकान लगातार बढ़ा रहे है । इनका परिणाम न केवल शिक्षा के स्तर को बिगाड़ने के रूप में दिख रहा है, बल्कि यह शिक्षक और छात्र के संबंधों को भी दूषित कर रहे हैं । एक शिक्षा केंद्र में पहली आवश्यकता शिक्षक की योग्यता होती है। जब कि वर्तमान के शिक्षा बाजार में यह मुददा भी चर्चा का विषय है । वैश्विक स्तर पर शिक्षा का महत्व प्राचीन समय से विद्यमान है। प्राचीन समय में शिक्षा के वाहक गुरु होते थे, जिनका सम्मान और आदर आम जन से लेकर राजा-महाराजा तक करते थे । प्रश्न : १) शिक्षा, शिक्षक और छात्र के मध्य संबंध की तुलना किससे की गई है ? क्यों? २) शिक्षा का स्तर बिगाड़ने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है ? ३) वर्तमान समय में क्या देखने को मिलता है ? ४) प्राचीन समय में शिक्षा के वाहक कौन थे? ५) शिक्षा केंद्र में पहली आवश्यकता क्या होती है ? ६) प्रस्तुत गद्याशं को उचित शीर्षक दीजिए ? |
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Answer» Answer: 1- सरिर से 2- कोचिंग शेंटर,डोकान |
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| 2127. |
Chori our prayschit path me mahatama Gandhi ke anusar suttcha prayschit kise kahenge |
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Answer» Answer: After 1919, Jewish people in Germany were free and legally equal and often felt more German than Jewish. Many were wealthy and successful. But there was an undercurrent of anti-Jewish racism, CALLED 'anti-Semitism', in Germany. Hitler appealed to this anti-Semitism by BLAMING the Jewish people for Germany's defeat in the FIRST WORLD War. Nazi race-scientists incorrectly claimed that the Jewish people were sub-human. Explanation: sorry for spamming your question. please drop 30 thanks I will return you back. |
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| 2128. |
विद्यार्थी पढ़कर सो गए है। find क्रिया पदबंध |
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Answer» Answer: |
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| 2130. |
इकाई/Unit - III रामधारी सिंह दिनकर के काव्य की विशेषतायें लिखिए।अथवा/ORमुक्तिबोध के काव्य शिल्प की प्रमुख विशेषताओ पर प्रकाश डालिए।इकाई/Unit - IVराष्ट्रीय काव्यधारा की प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।अथवा/ORप्रयोगमाद पर संक्षिप्त निबंध लिखिए।इकाई/Unit - V |
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Answer» Answer: vadiya hi huga is very helpful in punjabi STYLE and 68inches and history and history is the only way of MAKING jewellery 7PM in a KI main tuhnu sirf with east end and POEM of the year in punjabi history as well in flipkat as a film about a man bhut in punjabi and poem 999feet and |
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| 2131. |
दिमागी गुलाबी में लेखक ने कौन-कौन से विचार उठाएं |
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Answer» उन्होंने इस पुस्तक में यह बताया है कि हम भारत के लोग भले ही शारीरिक रूप से आजाद हो गए हो लेकिन मानसिक रूप से अभी भी गुलाम हैं और पूर्ण रूप से आजादी के लिए मानसिक गुलामी से छुटकारा पाना आवश्यक है तभी सही मायनों में स्वतंत्र कहे जायेंगे। |
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| 2132. |
Vignyaan hamey kyaa seektha he |
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Answer» हमे जीवन मे रहने का कौशल शीकाता है |
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| 2133. |
सिंगाराम कौन था ? please answer |
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Answer» Answer: War is an intense ARMED conflict between states, GOVERNMENTS, societies, or paramilitary groups such as mercenaries, insurgents, and militias. It is generally characterized by extreme violence, aggression, destruction, and mortality, using regular or irregular military forces. |
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| 2135. |
I need answer its emergency...its 15points |
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Answer» Generally speaking, AxB does not equal BxA unless A=B or A or B is the empty set. This is usually easy to explain to STUDENTS because in the DEFINITION of a cartesian product, we define it as an ordered pair, MEANING ORDER would MATTER. |
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| 2136. |
Kavi redaas ne apne pd ke madhyam se ttkalin samaj ka chitrn kis prakar kiya hai? |
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Answer» I don't KNOW the answer hygghoohgdawtbjk |
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| 2137. |
2. वाक्य का निर्माण से होता है। |
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Answer» दूसरे शब्दों में वर्णों से शब्द, शब्दों से वोक्य और वाक्यों से भाषा का निर्माण हुआ है। इस प्रकार वाक्य शब्दों के समूह का नाम है, लेकिन सभी प्रकार के शब्दों को एक स्थान पर रखकर वाक्य नहीं बना सकते हैं। ... अर्थात् योग्यता, आकांक्षा, आसक्ति से युक्त पद समूह को वाक्य कहते हैं। |
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| 2138. |
सच्चा मित्रसंकेत बिंदु- मित की आवश्यकता कयोंसच्चे मित्र के गणअत्र चयन में सप्तपनिसच्चे मिप्र कौन? |
| Answer» | |
| 2139. |
Ganga shabd Anusure h ya Anunasik? |
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Answer» Answer: anunaasik Explanation: |
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| 2140. |
Translate the following sentences into Sanskrit. (क) दो पक्षी पेड़ पर बैठे थे। (ख) उन सबने पाठ पढ़ा। (ग) अनीता और गीता नाचती थीं। (घ) सैनिकों ने देश की रक्षा की। (ङ) वे सब घर गए। |
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Answer» GU hchzgzjcfycivigysygjgz |
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| 2141. |
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा ऐसी भक्ति करे रे 10 अगस्त |
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Answer» geueveuebrjrnrnnrnrknemwkw8wjwjiwi |
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| 2142. |
प्रा6. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।(क) कहाँ गए वोदिन(ख)आज की आवश्यकता इंटरनेट(ग) पहले सोचो फिर बोलो |
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Answer» (जाने कहाँ गए वो दिन) इंटरनेट मनोरंजन का एक बहुत अच्छा माध्यम है। इंटरनेट के माध्यम से संगीत, गेम्स, फिल्म आदि को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के डाऊनलोड कर सकते हैं और अपनी बोरियत को दूर कर सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से बिजली, पानी और टेलीफोन के बिल का भुगतान घर पर बैठे बिना किसी परेशानी के और बिना लंबी लाईनों में खड़े हुए किया जा सकता है। |
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| 2143. |
आखरी मिटे तो "Crow" बन जाए।पहला मिटे तो "Elephant" बन जाए और बिचका कटे तो "Work" बन जाए। ऐसा क्या है ? 3 अक्षर का नाम है ये । |
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Answer» kagaj (PAPER) kag- crow Gaj- elephant kaaj - WORK |
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| 2144. |
अपने देश के प्रति सभी समझदार नागरिकों का अपना एक अलग दृष्टिकोण होता है । वह अपने देश के विषय में चर्चाएँ करता है और चिंतन करता है ।यहाँ किस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए, समाज का स्वरूप कैसा हो, लोगों को किस हद् तक अपनी परंपराओं एवं प्राचीन विश्वासों का सम्मान करना चाहिए, आधुनिक समस्याओं का देश किस प्रकार निदान करे आदि सैकड़ों बातें हमें उद्वेलित करती रहती हैं ।अपना देश जिन्हें प्यारा होता है और जितना प्यारा होता है, उसी अनुपात में लोगों के निजी हित गौण होते जाते हैं और राष्ट्रहित सर्वोपरि होता जाता है । जब राष्ट्रहित निजी हित से ऊपर हो जाता है तब राष्ट्र के निर्माण, उसका भविष्य सँवारने के स्वप्नों का सृजन भी आरंभ हो जाता है । मैंने भी अपने राष्ट्र को लेकर कुछ सपने बुने हैं, कुछ निजी विचारों का बीजारोपण किया है ।हालाँकि राष्ट्र निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन इसमें असंभव जैसा कुछ भी नहीं है । अधिकांश यूरोपीय देशों की संपन्नता तथा जापान जैसे एक छोटे से देश का विश्व आर्थिक क्षितिज पर शक्तिशाली होकर उभरना यह सिद्ध करता है कि यदि देश के सभी लोग किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर कार्य करें तो उस देश का वर्तमान और भविष्य दोनों सुधर सकता है ।समस्याग्रस्त तो सभी हैं पर उन समस्याओं को देखने तथा उन्हें सुलझाने का नजरिया सबों का भिन्न-भिन्न है । भारत की सबसे बड़ी समस्या लोगों की कर्महीनता है । हम दूसरों को उपदेश देने में प्रवीण हैं, पर स्वयं उसके विपरीत आचरण कर रहे हैं ।भारत की आत्मा अभी भी जीवंत है लेकिन लोग अधमरे से हैं । मेरे सपनों का भारत उद्यमशील होना चाहिए, अकर्मण्य लोगों को यहाँ कम सम्मान मिलना चाहिए । मगर हम उन लोगों के भाग्य को सराहते हैं जो बिना हाथ-पाँव डुलाए, मुफ्त की रोटी तोड़ रहे होते हैं ।आजादी के आंदोलन के दौरान गाँधीजी ने लोगों के समक्ष यह बात बारंबार दुहराई थी कि श्रम का सम्मान किए बिना भारत सही मायनों में आजाद नहीं हो सकता । फिर भी ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’ वाली हमारी आदत गई नहीं ।हमारे देश में साधु-संतों को बहुत सम्मान दिया जाता है, लोग अंधभक्ति करते हैं मगर अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले व्यापारी व व्यवसायी वर्ग बड़े उपेक्षित से हैं । किसान और मजदूर जो कि अपने खून को पसीना बनाने में नहीं हिचकते, उन्हें जरा भी आदर प्राप्त नहीं है । ये लोग अपनी भूख भी ठीक ढंग से नहीं मिटा पाते । मैंने अपने देश का जो सपना सँजोया है उसमें व्यापारी, किसान व मजदूर बहुत खुशहाली में होंगे ।भारत में एक महान् राष्ट्र बनने की पूरी क्षमता है । इसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी निजी जिम्मेदारी अवश्य कबूल करनी होगी । मानव संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों का एक सेतु बनाकर इसे विकास के साथ जोड़ना होगा । आजादी के बाद से लेकर अब तक केवल शहरी क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया गया है लेकिन गाँव जब तक उपेक्षित रहेंगे भारत का कल्याण नहीं हो सकता ।गाँवों में सिंचाई की सुविधा का होना सबसे जरूरी है ताकि किसान वर्षा की अनिश्चितता से मुक्त हो सकें । शहरों से लेकर गाँवों तक जोड़ने वाली बारहमासी सड़कों, बिजली तथा टेलीफोन सेवा की उपलब्धता हर जगह होनी चाहिए । गाँवों में स्कूल तथा स्वास्थ्य सेवा का ऐसा संजाल होना चाहिए जिससे लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा तथा सबके स्वास्थ्य को लेकर एक प्रकार की निश्चिंतता हो ।ग्रामवासी हर छोटे काम के लिए शहरों का रुख करने के लिए मजबूर न हों, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखा जाना चाहिऐ । कृषि विशेषज्ञ गाँव-गाँव घूमकर खेती के पूरे तंत्र की जाँच करें, किसानों को उचित मशवरा दें यह स्थिति ही आदर्श है न कि किसान अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अंचल तथा जिला कार्यालयों का चक्कर लगाएँ।पशुओं की बीमारियों का इलाज पशु चिकित्सक गाँव में जाकर करें, इसकी व्यवस्था भी आवश्यक है । ये सभी बुनियादी कार्य थे मगर आजादी के बाद से लेकर अब तक इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सका । मैं अपने सपने में जो भारत देखता हूँ उसमें ग्रामीण विकास के ये सभी पहलू अहम् हैं ।यदि हम अपने पड़ोसी देश चीन की ओर देखें तो यह आभास होता है कि यह देश एक गैर-लोकतांत्रिक देश होते हुए भी हमसे काफी आगे निकल चुका है । हमारे देश में विकास के मार्ग में नौकरशाही और लालफीताशाही के रूप में दो बड़े अवरोधक खड़े हैं । हमारी राजनीतिक व्यवस्था किसी दीर्घनीति और दूरदृष्टि के अभाव में इन अवरोधों को हटाने में असफल रही है । ऊपर से नीचे तक का सरकारी तंत्र न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है अपितु अक्षम भी है ।जनता की छोटी-छोटी समस्याएँ भी नहीं सुलझ पाती हैं क्योंकि हर कोई निजता की भावना से काम कर रहा है । इस संबंध में मेरा दृष्टिकोण बिलकुल स्पष्ट है कि जन जागृति और स्वतंत्रता आंदोलन के जज्बे को पुन: उभारने की आवश्यकता है । जब व्यक्ति के मापदंड उच्च होंगे तब वह निश्चित ही अपने परिवेश की जकड़नों को तोड़ने के लिए उद्यत होगा । लोगों को अपने प्रति ईमानदार होना ही चाहिए, इसी में भारत के गौरव की पुनर्स्थापना का मंत्र छिपा है ।‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा’ यह प्रेरणादायी उद्बोधन एक हकीकत बने, एक सच्ची बात हो जाए, उसी समय हम अधिक गौरव का अनुभव कर सकेंगे । भारत कभी जगतगुरु था, यह सत्य है मगर आज हम क्या हैं, आज हम दुनिया में कहाँ खड़े हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है । हमारा पुराना गौरव हमारे अंदर प्रेरणा भर सकता है मगर केवल सद्ईच्छाएँ ही भारत को खुशहाल बनाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं ।कुल मिलाकर मेरे सपनों का भारत एक सुखी-संपन्न, शिक्षित, कर्मनिष्ठ और आत्मनिर्भर भारत है । जहाँ के लोग अपनी मर्यादाओं का पालन करते हों, उनमें विश्व बंधुत्व की भावना हो, वे दूसरे धर्मवालों का समान रूप से आदर करना जानते हों, शोषण और अत्याचार को जो बर्दाश्त न करें, लोगों में दया और परोपकार की भावना हो तथा प्रेममय जीवन जिनका लक्ष्य हो ,मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ ।Essay for just help |
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Answer» पने देश के प्रति सभी समझदार नागरिकों का अपना एक अलग दृष्टिकोण होता है । वह अपने देश के विषय में चर्चाएँ करता है और चिंतन करता है । यहाँ किस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए, समाज का स्वरूप कैसा हो, लोगों को किस हद् तक अपनी परंपराओं एवं प्राचीन विश्वासों का सम्मान करना चाहिए, आधुनिक समस्याओं का देश किस प्रकार निदान करे आदि सैकड़ों बातें हमें उद्वेलित करती रहती हैं । अपना देश जिन्हें प्यारा होता है और जितना प्यारा होता है, उसी अनुपात में लोगों के निजी हित गौण होते जाते हैं और राष्ट्रहित सर्वोपरि होता जाता है । जब राष्ट्रहित निजी हित से ऊपर हो जाता है तब राष्ट्र के निर्माण, उसका भविष्य सँवारने के स्वप्नों का सृजन भी आरंभ हो जाता है । मैंने भी अपने राष्ट्र को लेकर कुछ सपने बुने हैं, कुछ निजी विचारों का बीजारोपण किया है । हालाँकि राष्ट्र निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन इसमें असंभव जैसा कुछ भी नहीं है । अधिकांश यूरोपीय देशों की संपन्नता तथा जापान जैसे एक छोटे से देश का विश्व आर्थिक क्षितिज पर शक्तिशाली होकर उभरना यह सिद्ध करता है कि यदि देश के सभी लोग किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर कार्य करें तो उस देश का वर्तमान और भविष्य दोनों सुधर सकता है । समस्याग्रस्त तो सभी हैं पर उन समस्याओं को देखने तथा उन्हें सुलझाने का नजरिया सबों का भिन्न-भिन्न है । भारत की सबसे बड़ी समस्या लोगों की कर्महीनता है । हम दूसरों को उपदेश देने में प्रवीण हैं, पर स्वयं उसके विपरीत आचरण कर रहे हैं । भारत की आत्मा अभी भी जीवंत है लेकिन लोग अधमरे से हैं । मेरे सपनों का भारत उद्यमशील होना चाहिए, अकर्मण्य लोगों को यहाँ कम सम्मान मिलना चाहिए । मगर हम उन लोगों के भाग्य को सराहते हैं जो बिना हाथ-पाँव डुलाए, मुफ्त की रोटी तोड़ रहे होते हैं । आजादी के आंदोलन के दौरान गाँधीजी ने लोगों के समक्ष यह बात बारंबार दुहराई थी कि श्रम का सम्मान किए बिना भारत सही मायनों में आजाद नहीं हो सकता । फिर भी ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’ वाली हमारी आदत गई नहीं । हमारे देश में साधु-संतों को बहुत सम्मान दिया जाता है, लोग अंधभक्ति करते हैं मगर अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले व्यापारी व व्यवसायी वर्ग बड़े उपेक्षित से हैं । किसान और मजदूर जो कि अपने खून को पसीना बनाने में नहीं हिचकते, उन्हें जरा भी आदर प्राप्त नहीं है । ये लोग अपनी भूख भी ठीक ढंग से नहीं मिटा पाते । मैंने अपने देश का जो सपना सँजोया है उसमें व्यापारी, किसान व मजदूर बहुत खुशहाली में होंगे । भारत में एक महान् राष्ट्र बनने की पूरी क्षमता है । इसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी निजी जिम्मेदारी अवश्य कबूल करनी होगी । मानव संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों का एक सेतु बनाकर इसे विकास के साथ जोड़ना होगा । आजादी के बाद से लेकर अब तक केवल शहरी क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया गया है लेकिन गाँव जब तक उपेक्षित रहेंगे भारत का कल्याण नहीं हो सकता । गाँवों में सिंचाई की सुविधा का होना सबसे जरूरी है ताकि किसान वर्षा की अनिश्चितता से मुक्त हो सकें । शहरों से लेकर गाँवों तक जोड़ने वाली बारहमासी सड़कों, बिजली तथा टेलीफोन सेवा की उपलब्धता हर जगह होनी चाहिए । गाँवों में स्कूल तथा स्वास्थ्य सेवा का ऐसा संजाल होना चाहिए जिससे लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा तथा सबके स्वास्थ्य को लेकर एक प्रकार की निश्चिंतता हो । ग्रामवासी हर छोटे काम के लिए शहरों का रुख करने के लिए मजबूर न हों, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखा जाना चाहिऐ । कृषि विशेषज्ञ गाँव-गाँव घूमकर खेती के पूरे तंत्र की जाँच करें, किसानों को उचित मशवरा दें यह स्थिति ही आदर्श है न कि किसान अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अंचल तथा जिला कार्यालयों का चक्कर लगाएँ। पशुओं की बीमारियों का इलाज पशु चिकित्सक गाँव में जाकर करें, इसकी व्यवस्था भी आवश्यक है । ये सभी बुनियादी कार्य थे मगर आजादी के बाद से लेकर अब तक इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सका । मैं अपने सपने में जो भारत देखता हूँ उसमें ग्रामीण विकास के ये सभी पहलू अहम् हैं । यदि हम अपने पड़ोसी देश चीन की ओर देखें तो यह आभास होता है कि यह देश एक गैर-लोकतांत्रिक देश होते हुए भी हमसे काफी आगे निकल चुका है । हमारे देश में विकास के मार्ग में नौकरशाही और लालफीताशाही के रूप में दो बड़े अवरोधक खड़े हैं । हमारी राजनीतिक व्यवस्था किसी दीर्घनीति और दूरदृष्टि के अभाव में इन अवरोधों को हटाने में असफल रही है । ऊपर से नीचे तक का सरकारी तंत्र न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है अपितु अक्षम भी है । जनता की छोटी-छोटी समस्याएँ भी नहीं सुलझ पाती हैं क्योंकि हर कोई निजता की भावना से काम कर रहा है । इस संबंध में मेरा दृष्टिकोण बिलकुल स्पष्ट है कि जन जागृति और स्वतंत्रता आंदोलन के जज्बे को पुन: उभारने की आवश्यकता है । जब व्यक्ति के मापदंड उच्च होंगे तब वह निश्चित ही अपने परिवेश की जकड़नों को तोड़ने के लिए उद्यत होगा । लोगों को अपने प्रति ईमानदार होना ही चाहिए, इसी में भारत के गौरव की पुनर्स्थापना का मंत्र छिपा है । ‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा’ यह प्रेरणादायी उद्बोधन एक हकीकत बने, एक सच्ची बात हो जाए, उसी समय हम अधिक गौरव का अनुभव कर सकेंगे । भारत कभी जगतगुरु था, यह सत्य है मगर आज हम क्या हैं, आज हम दुनिया में कहाँ खड़े हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है । हमारा पुराना गौरव हमारे अंदर प्रेरणा भर सकता है मगर केवल सद्ईच्छाएँ ही भारत को खुशहाल बनाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं । कुल मिलाकर मेरे सपनों का भारत एक सुखी-संपन्न, शिक्षित, कर्मनिष्ठ और आत्मनिर्भर भारत है । जहाँ के लोग अपनी मर्यादाओं का पालन करते हों, उनमें विश्व बंधुत्व की भावना हो, वे दूसरे धर्मवालों का समान रूप से आदर करना जानते हों, शोषण और अत्याचार को जो बर्दाश्त न करें, लोगों में दया और परोपकार की भावना हो तथा प्रेममय जीवन जिनका लक्ष्य हो ,मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ । |
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| 2145. |
तबकात ए नासिरी किसकी रचना थी |
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Answer» Minhaj-i SIRAJ Juzjani is your answer |
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सप्रसंग व्याख्या फूल लेकर तितलियों की गोद में |
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Answer» फूल तितलियों को गोद में लेता है, भंवरों को रस और लोगों के मन मोह लेता है। जबकि काँटा लोगों की उँगलियाँ काट लेता है, तितलियों के पर काट देता है और भंवरों के सांवले शरीर को चीर देता है। 4. अपने अच्छे स्वभाव के कारण फूल देवताओं के शरीर पर शोभा प्राप्त करता है, जबकि अपने बुरे स्वभाव के कारण काँटा सब को बुरा लगता है। |
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| 2147. |
आपकी खोज - ५) पाठ्यपुस्तकातील कविता / कथा| उतारा / नाट्यउतारा। ध्वनिफित ऐकून सुमारे पाचेओळीत सारा / माहिती/ मध्यवती कल्पना लिहा.(02) (101 - के लिए समाचार से जुड़ा कोई परिणामनहीं मिला. |
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Answer» Can't UNDERSTAND, TYPE it in ENGLISH |
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दिनांक अनुस्वार शब्द या अनुनासिक |
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Answer» अनुस्वार WORD ok Explanation: |
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विश्व का प्रथम कागजी मुद्रा जारी करने वाला देश। । जापान। चीन। रूस। संयुक्त राज्य अमेरिका |
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Answer» CHINA is your answer |
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लोग पेरिस से परफ्यूम मांगते हैं इसका कारण क्या है ? |
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