InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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विकासात्मक कार्य क्या हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» Answer: is it a general QUEST?- if yes then your answer is.....The verb or an action word which is IM full SPEED development.Explanation: HOPE it HELPS you... |
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| 252. |
जाँच की विधि के रूप में प्रायोगिक विधि के गुणों एवं अवगुणों की व्याख्या कीजिए। |
| Answer» PLEASE SEND in ENGLISH and MARK me as BRAINLIEST | |
| 253. |
निषेधात्मक संवेगों का प्रबंधन क्यों महत्वपूर्ण है? निषेधात्मक संवेगों के प्रबंधन हेतु उपाय सुझाइए। |
| Answer» PLEASE SEND in SANSKRIT | |
| 254. |
क्या शरीरक्रियात्मक उद्वेलन सांवेगिक अनुभव के पूर्व या पश्चात घटित होता है? व्याख्या कीजिए। |
| Answer» | |
| 256. |
सर्जनात्मक चिंतन को कैसे बढ़ाया जा सकता है? |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't know the ACTUAL answer. Hope you FIND someone ELSE who might help you. Please FOLLOW me and mark me as the brainliest answer. |
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| 257. |
क्या निर्णय लेना एवं निर्णयन अंत:संबंधित प्रक्रियाएँ हैं? व्याख्या कीजिए l |
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Answer» Sorry, but I don't know the actual answer. Hope you find someone else who MIGHT help you. PLEASE follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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| 258. |
संस्कृति संवेगों की अभिव्यक्ति को कैसे प्रभावित करती हैं? |
| Answer» | |
| 259. |
संप्रत्यय क्या हैं? चिंतन प्रक्रिया में संप्रत्यय की भूमिका की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't KNOW the ACTUAL answer. Hope you find someone else who might HELP you. PLEASE follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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| 260. |
मैस्लो के आवश्यकता पदानुक्रम के पीछे प्राथमिक विचार क्या हैं? उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से व्याख्या कीजिए। |
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Answer» Answer: SORRY, but I don't know the actual answer. Hope you find someone else who MIGHT help you. Please follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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| 261. |
तंत्रिका कोशिकाएँ सूचना को किस प्रकार संचारित करती हैं? वर्णन कीजिए। |
| Answer» | |
| 262. |
‘स्मृति एक रचनात्मक प्रक्रिया है' से क्या तात्पर्य है? |
| Answer» | |
| 263. |
सर्जनात्मक चिंतन में विभिन्न प्रकार के अवरोध क्या हैं? |
| Answer» | |
| 264. |
समस्या समाधान में तर्कना किस प्रकार सहायक होती हैं? |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't know the actual answer. |
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| 265. |
क्या संवेगों की चेतन रूप से व्याख्या तथा नामकरण करना उनको समझने के लिए महत्वपूर्ण है? उपयुक्त उदाहरण देते हुए चर्चा कीजिए। |
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Answer» Answer: SORRY, but I don't KNOW the actual answer. Hope you FIND someone else who might help you. Please FOLLOW me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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| 266. |
चिंतन के स्वरूप की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» Answer: Selfmeditation.Prayering.Selftalk.these are the only types of chintans....sorry I don't know what to SAY them in HINDI....HOPE THIS HELPS YOU... |
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| 267. |
किशोरों के व्यवहारों को उपलब्धि, संबंधन तथा शक्ति की आवश्यकताएँ कैसे प्रभावित करती हैं? उदाहरणों के साथ समझाइए। |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't know the actual answer. Hope you find SOMEONE else who MIGHT help you. Please follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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| 268. |
अवरोध के कारण विस्मरण, पुनरुद्धार से संबंधित विस्मरण से किस प्रकार भिन्न है? |
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Answer» Answer: SORRY, but I don't know the actual answer. HOPE you FIND someone else who might help you. PLEASE follow me and mark me as the brainliest answer. |
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| 269. |
अभिप्रेरणा के संप्रत्यय की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» अभिप्रेरणा लक्ष्य-आधारित व्यवहार का उत्प्रेरण या उर्जाकरण है। अभिप्रेरणा या प्रेरणा आंतरिक या बाह्य हो सकती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर इंसानों के लिए किया जाता है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, पशुओं के बर्ताव के कारणों की व्याख्या के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। |
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| 270. |
दीर्घकालिक स्मृति में श्रेणीबद्ध संगठन क्या है? |
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Answer» Answer: SORRY, but I don't know the actual answer. Hope you find someone else who might HELP you. Please follow me and MARK me as the brainliest answer. |
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| 271. |
क्या चिंतन भाषा के बिना होता है? परिचर्चा कीजिए। |
Answer» हाँ! एक इंसान आगर चिंतन करना चाहता हो तो उसे किसी भी प्रकार की भाषा का सहारा नहीं लगता है। क्योंकि चिंतन मन की शांति के लिए होता है और किसी भाषा या बोली से एक मानव को कभी शांति नहीं मिल सकती हैं।HOPE THIS HELPS YOU... |
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| 272. |
घोषणात्मक एवं प्रक्रियामूलक स्मृतियों में क्या अंतर है? |
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Answer» Sorry, but I don't know the ACTUAL answer. Hope you find someone else who might help you. Please follow me and MARK me as the BRAINLIEST answer. |
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सर्जनात्मक चिंतन प्रक्रिया में अपसारी चिंतन क्यों महत्वपूर्ण है? |
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Answer» सर्जनात्मक चिंतन प्रक्रिया में अपसारी चिंतन महत्वपूर्ण: सर्जनात्मक चिंतन का अर्थ है , कुछ नया करना जब की अपसारी चिंतन क अर्थ है किसी समस्या के बारे में अलग-अलग प्रकार से अपनी राय बनाना और उस राय से कल्पनाशक्ति और सर्जनात्मक का उपयोग करके एक से अधिक हल खोजना| सर्जनात्मक चिंतन का सम्बंध किसी वस्तु नया अविष्कार करना या कुछ ने तथ्य को जोड़ना | उदाहरण: यदि एक व्यक्ति से पूछा जाए तो कलम का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है| इतना तो हम हम जानते है की कलम का उपयोग लिखने के लिए किया जाता है|इसके अलावा और किस तरह से कलम का उपयोग किया जा सकता है? तब व्यक्ति अपसारी चिंतन का उपयोग करके सोचेगा और इस तथ्य में कुछ ने तथ्य जोड़ेगा| अत: हम कह सकते है की सर्जनात्मकचिंतन और अपसारी चिंतन एक दुरसे से संबंधित है| मनोविज्ञान से संबंधित प्रश्न के लिंक: सर्जनात्मक चिंतन को कैसे बढ़ाया जा सकता है? सर्जनात्मक चिंतन में विभिन्न प्रकार के अवरोध क्या हैं? |
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| 274. |
समस्या समाधान की बाधाओं की पहचान कीजिए। |
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Answer»
ANSWER:किसी समस्या का समाधान (हल) प्राप्त करने के लिये क्रमबद्ध तरीके से किसी सामान्य विधि या तदर्थ विधि का उपयोग करना पड़ता है। समस्या समाधान अधिगम (लर्निंग बाई सॉल्विंग प्रॉबुलेम्स) के अन्तर्गत जीवन में आने वाली नवीन समस्याओं के तरीको का सीखना अाता है। इस विधि के जनक सुकरात है।
EXPLANATION:HOPE THIS HELPS YOU... |
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| 275. |
स्मृति-सहायक संकेत क्या हैं? अपनी स्मृति सुधार के लिए एक योजना के बारे में सुझाव दीजिए? |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't know the actual answer. |
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विस्मरण क्यों होता है? |
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Answer» विस्मरण (FORGETTING) से तात्पर्य स्मरण की विफलता से है। जब व्यक्ति अपने भूतकाल के अनुभवों को चेतन में लाने में असफल हो जाता है, तब उसे विस्मृति कहते हैं। जिस प्रकार से जीवन को उपयोगी तथा सुखी बनाने के लिए स्मृति आवश्यक है, उसी प्रकार हमारे जीवन में विस्मृति की भी उपयोगिता तथा महत्व है। |
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| 277. |
अनुरक्षण एवं विस्तृत पूर्वाभ्यास में क्या अंतर है? |
| Answer» | |
| 278. |
कूट संकेतन, भंडारण और पुनरुद्धार का क्या तात्पर्य है? |
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Answer» hi buddy here is your answerExplanation: दूसरे शब्दों में कहें तो भंडारण का अर्थ है वस्तुओं का उनके उत्पादन अथवा खरीद के समय से लेकर उनकी बिक्री अथवा वास्तविक उपयोग के समय तक बड़ी मात्रा में रखना अथवा परीक्षण करना। hope it will HELP youfollow me |
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| 279. |
अधिगम के लिए अभिप्रेरणा का होना क्यों अनिवार्य है? |
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Answer» अभिप्रेरणा लक्ष्य-आधारित व्यवहार का उत्प्रेरण या उर्जाकरण है। अभिप्रेरणा या प्रेरणा आंतरिक या बाह्य हो सकती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर इंसानों के लिए किया जाता है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, पशुओं के बर्ताव के कारणों की व्याख्या के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस आलेख का संदर्भ मानव अभिप्रेरणा है। विभिन्न सिद्धांतों के अनुसार, बुनियादी ज़रूरतों में शारीरिक दुःख-दर्द को कम करने और सुख को अधिकतम बनाने के मूल में अभिप्रेरणा हो सकती है, या इसमें भोजन और आराम जैसी खास ज़रूरतों को शामिल किया जा सकता है; या एक अभिलषित वस्तु, शौक, लक्ष्य, अस्तित्व की दशा, आदर्श, को शामिल किया जा सकता है, या इनसे भी कमतर कारणों जैसे परोपकारिता, नैतिकता, या म्रत्यु संख्या से बचने को भी इसमें आरोपित किया जा सकता है। |
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| 280. |
कौशल से आप क्या समझते हैं? किसी कौशल के अधिगम के कौन-कौन से चरण होते हैं? |
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Answer» hi buddy here is your answer Explanation: दूसरे शब्दों में कहें तो भंडारण का अर्थ है वस्तुओं का उनके उत्पादन अथवा खरीद के समय से लेकर उनकी बिक्री अथवा वास्तविक उपयोग के समय तक बड़ी मात्रा में रखना अथवा परीक्षण करना। hope it will HELP youfollow me^_________^ |
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| 281. |
क्रियाप्रसूत अनुबंधन की परिभाषा दीजिए। क्रियाप्रसूत अनुबंधन को प्रभावित करने वाले कारकों पर चर्चा कीजिए। |
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Answer» दूसरे शब्दों में कहें तो भंडारण का अर्थ है वस्तुओं का उनके उत्पादन अथवा खरीद के समय से लेकर उनकी बिक्री अथवा वास्तविक उपयोग के समय तक बड़ी मात्रा में रखना अथवा परीक्षण करना। hope it will HELP youfollow me^_________^ |
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| 282. |
सामाजिक-सांस्कृतिक कारक हमारे प्रत्यक्षण को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? |
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Answer» hi buddy here is your answer to your QUESTION दूसरे शब्दों में कहें तो भंडारण का अर्थ है वस्तुओं का उनके उत्पादन अथवा खरीद के समय से लेकर उनकी बिक्री अथवा वास्तविक उपयोग के समय तक बड़ी मात्रा में रखना अथवा परीक्षण करना। hope it will HELP youfollow me |
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| 283. |
स्थान प्रत्यक्षण कैसे घटित होता है? |
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Answer» hii buddy here is your answer Explanation: बालक को कैसे व किस रूप में जानकारी होती है, का विवरण नीचे दिया ... जातृ२तियों के स्थान व क्रम परिवर्तन से भी शिशुओं को प्रत्यक्षण में hope it will HELP youfollow me ^_________^ |
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| 284. |
अवधान को परिभाषित कीजिए। इसके गुणों की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» hi buddy here is your answer Explanation: दूसरे शब्दों में कहें तो भंडारण का अर्थ है वस्तुओं का उनके उत्पादन अथवा खरीद के समय से लेकर उनकी बिक्री अथवा वास्तविक उपयोग के समय तक बड़ी मात्रा में रखना अथवा परीक्षण करना। hope it will HELP youfollow me |
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| 285. |
अधिगम अशक्तता वाले छात्रों की पहचान हम कैसे कर सकते हैं? |
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Answer» Answer: hii buddy here is your answer Explanation: इस पृष्ठ में अधिगम अक्षम बालकों की पहचान एवं उनके तालिका के माध्यम से आप और स्पष्ट कर सकते हैं ,यह अभिप्रेरित व्यवहार तब तक होते रहते हैं जब जक कि लक्ष्य प्राप्त न हो जाए ... अधिगम अशक्तता वाले छात्रों की पहचान हम कैसे कर सकते हैं hope it will HELP youfollow me^_________^ |
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| 286. |
अधिगम अंतरण कैसे घटित होता हैं? |
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Answer» सीखना या अधिगम एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं। जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति अनेक क्रियाऐं एवं उपक्रियाऐं करता है। अतः सीखना किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है। बुडवर्थके अनुसार – ‘‘सीखना विकास की प्रक्रिया है।’’ स्किनरके अनुसार – ‘‘सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।’’ जे॰पी॰ गिलर्फडके अनुसार – ‘‘व्यवहार के कारण, व्यवहारमें परिवर्तन ही सीखना है।’’ कालविनके अनुसार – ‘‘पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।’’ |
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| 287. |
प्रकाश अनुकूलन एवं तम-व्यनुकूलन का क्या अर्थ हैं? वे कैसे घटित होते हैं? |
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Answer» सीखना या अधिगम (जर्मन: LERNEN, अंग्रेज़ी: LEARNING) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। hope it will be HELPFUL to you^_________^◉‿◉。◕‿◕。 |
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| 288. |
वाचिक अधिगम के अध्ययन में प्रयुक्त विधियों की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» सीखना या अधिगम (जर्मन: LERNEN, अंग्रेज़ी: LEARNING) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। |
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| 289. |
प्राचीन अनुबंधन किस प्रकार साहचर्य द्वारा अधिगम को प्रदर्शित करता है? |
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Answer» सीखने के वक्र अभ्यास द्वारा सीखने की मात्रा, गति और प्रगति ... क्रिया-प्रसूत अनुबंधन का दूसरा नाम है(a) नैमित्तिक अनुबंधन (B) प्राचीन . |
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| 291. |
संवेदी, अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक स्मृति तंत्र से सूचना का प्रक्रमण किस प्रकार होता है? |
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Answer» Answer: 100 USE google Explanation: |
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| 292. |
चाक्षुष क्षेत्र के प्रत्यक्षण के संबंध में गेस्टाल्ट मनोवैज्ञानिकों की प्रमुख प्रतिज्ञप्ति क्या है? |
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Answer» Explanation: Sorry, but I don't know the actual answer. hope you find SOMEONE ELSE who might help you. PLEASE FOLLOW me and mark me as the brainliest answer. |
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संज्ञानात्मक अधिगम के विभिन्न रूपों की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएं पियाजे के अनुसार विकास की अवस्थाएं क्रमिक होती हैं संवेदी प्रेरक अवस्था – जन्म से 2 वर्ष तक यह अवस्था चलती है। इसमें बच्चे का शारीरिक विकास तेज़ी से होता है। उसके भीतर भावनाओं का विकास भी होता है। पूर्व संक्रियात्मक अवस्था – जन्म से 7 वर्ष तक। इस अवस्था में बच्चा नई सूचनाओं व अनुभवों का संग्रह करता है। इसी अवस्था में बच्चे में आत्मकेंद्रित होने का भाव अभिव्यक्ति पाता है। पियाजे कहते हैं कि छह साल के कम उम्र के बच्चे में संज्ञानात्मक परिपक्वता का अभाव पाया जाता है। मूर्त संक्रियात्मक अवस्था – यह सात से 11 वर्ष तक चलती है। इस उम्र में बच्चा विभिन्न मानसिक प्रतिभाओं का प्रदर्शन करता है। उदाहरण के दौर पर पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे ने तोते से जुड़ी एक कविता सुनी जिसमें डॉक्टर तोते को सुई लगाता है और तोता बोलता है ऊईईई…। यह सुनकर पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे ने कहा, “यह तो झूठ है। डॉक्टर तोते को सुई थोड़ी ही लगाते हैं।“ यहां एक छह-सात साल का बच्चा अपने अनुभवों के आईने में कविता में व्यक्त होने वाले विचार को बहुत ही यथार्थवादी ढंग से देखने की प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा है, जिसे ग़ौर से देखने-समझने की जरूरत है। औपचारिक-संक्रियात्मक अवस्था – यह अवस्था 11 साल से शुरू होकर प्रौढ़ावस्था तक जारी रहती है। इस अवस्था में बालक परिकल्पनात्मक ढंग से समस्याओं के बारे में विचार कर पाता है। उदाहरण के तौर पर सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा कहती है कि सर ने हमें पढ़ाया कि गांधी के तीन बंदर थे। उनसे हमें सीख मिलती है कि हमें बुरा देखना, सुनना और कहना नहीं चाहिए। मैंने कहा बिल्कुल ठीक है। इस उम्र के बच्चे भी सुनी हुई बातों पर सहज यकीन कर लेते हैं। फिर बात हुई कि बग़ैर देखे हमें कैसे पता चलेगा कि सही और ग़लत क्या है, यही बात सुनने के संदर्भ में लागू होती है। बोलने के संदर्भ में हम एक चुनाव कर सकते हैं मगर वह पहले की दो चीज़ों के बाद ही आती है। यानि हमें अपने आसपास के परिवेश को समझने के लिए अपनी ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग करना चाहिए ताकि हम समझ सकें कि वास्तव में क्या हो रहा है और सही व गलत का फैसला हम तभी कर सकते हैं। |
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सामान्यीकरण तथा विभेदन के बीच आप किस तरह अंतर करेंगे? |
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Answer» Answer: SORRY, but I don't know the actual answer. HOPE you find someone ELSE who might help you. Please follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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ज्ञानेंद्रियों की प्रकार्यात्मक सीमाओं की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» Answer: Sorry, but I don't KNOW the actual answer. HOPE you find someone else who might help you. PLEASE FOLLOW me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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एक विकसित होते हुए शिशु के लिए एक अच्छा भूमिका-प्रतिरूप अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। अधिगम के उस प्रकार पर विचार-विमर्श कीजिए जो इसका समर्थन करता है। |
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Answer» Answer आपको छात्रों की प्रगति, कौशल और ज्ञान का क्रमिक रूप से विकास करने के लिए उपलब्ध समय और तरीकों पर विचार करना होगा। आपके ... परिचय. पाठ के शुरू में, विद्यार्थियों को बताएं कि वे क्या सीखेंगे और करेंगे, ताकि हर एक को पता रहे कि उनसे क्या अपेक्षित है। ... विविध प्रकार की गतिविधियों, संसाधनों और उपलब्ध समय का उपयोग पाठ के नियोजन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। ... यदि किसी छात्र को उस काम को समझने में कठिनाई होती है जो आप कक्षा में कर रहे हैं, तो यह न समझें कि वह कभी भी समझ नहीं सकेगा। एक विद्यालय प्रमुख के रूप में आपकी भूमिका में शिक्षकों को अपने कार्य (शिक्षक के व्यावसायिक विकास के नेतृत्व सहित) में ... (सीपीडी) को नियोजित करने, उसकी निगरानी करने और उसे सक्षम करने में विद्यालय प्रमुख की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ... लगे शिक्षकों को कई बाधाओं पर पार करने में मदद करता है जिन्हें केंद्रीयीकृत पाठ्यक्रम प्रदान नहीं कर सकते; उदाहरण के लिए: ... विचार से उपरोक्त पाँच प्रकार की पीएलडी अधिगम प्रक्रियाओं का उपयोग करते हुए उन पीएलडी गतिविधियों का चुनाव करें जो ...सीखना या अधिगम (जर्मन: LERNEN, अंग्रेज़ी: LEARNING) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। ... जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। ... कालविन के अनुसार - ''पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।'' ... सीखने के मुख्य नियम तीन है जो इस प्रकार हैं -. 1. ... प्रभाव का नियम - इस नियम के अनुसार जीवन में जिस कार्य को करने पर व्यक्ति पर अच्छा प्रभाव पड़ता है या सुख का या संतोष ...
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अधिगम क्या है? इसकी प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? |
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Answer» सीखना या अधिगम (LEARNING) - एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं। जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति अनेक क्रियाऐं एवं उपक्रियाऐं करता है। अतः सीखना किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है। उदाहरणार्थ - छोटे बालक के सामने जलता दीपक ले जानेपर वह दीपक की लौ को पकड़ने का प्रयास करता है। इस प्रयास में उसका हाथ जलने लगता है। वह हाथ को पीछे खींच लेता है। पुनः जब कभी उसके सामने दीपक लाया जाता है तो वह अपने पूर्व अनुभव के आधार पर लौ पकड़ने के लिए, हाथ नहीं बढ़ाता है, वरन् उससे दूर हो जाता है। इसीविचार को स्थिति के प्रति प्रतिक्रिया करना कहते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि अनुभव के आधार पर बालक के स्वाभाविक व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है। (सीखना – अनुभव द्वारा व्यवहार का परिवर्तन हैं।) सामान्य अर्थ में अधिगम व्यव्हार में परिवर्तन को कहा जाता है।परंतु सभी तरह के व्यवहार में हुए परिवर्तन को अधिगम नही कहा जाता है। अधिगम या प्रशिक्षण के ट्रांसफर का सामान्य अर्थ "किसी एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान ,आदतों ,दृष्टिकोण अथवा अन्य अनुकरियो का अन्य किसी अन्य परिस्थिति में अनुप्रयोग करना. अधिगम की परिभाषायें (DEFINATION of learning) 1.स्किनर के अनुसार,"- सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया हैं।" 2.क्रो एंड क्रो के अनुसार "सीखना ,आदतों ,ज्ञान,व अभिवृत्तियों का अर्जन है। 3.वुडवर्थ के अनुसार-."नवीन ज्ञान और नविन प्रतिक्रियो को प्राप्त करने की प्रक्रिया,अधिगम प्रक्रिया है। अधिगंम की विशेषताये (CHARACTERISTIC of learning) 1-अधिगम व्यवहार में परिवर्तन है। 2-अर्जित व्यवहार की प्रकृति अपेक्षाकृत स्थायी होती है। 3-अधिगंम जीवनपर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। 4-अधिगंम एक यूनिवर्सल प्रक्रिया है। 5-अधिगंम उद्देश्यपूर्ण एवं लक्ष्य निर्देशित होता है। 6-अधिगंम का संबंद अनुभवो की नवीन व्यवस्था से होता है। 7-अधिगम वातावरण एवं क्रियाशीलता की उपज है। 8-अधिगम हेतु एक परिस्थिति से दूसरी परिस्थिति में स्थानान्तरण होता है। |
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गहनता प्रत्यक्षण के एकनेत्री संकेत क्या हैं? गहनता प्रत्यक्षण में द्विनेत्री संकेतों की भूमिका की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» गहनता प्रत्यक्षण के एकनेत्री संकेत गहनता प्रत्यक्षण के एकनेत्री संकेत तब प्रभावी होते है जब वस्तुओं को केवल एक आँख से देखा जाता है| ऐसे संकेतों का उपयोग कलाकर अपनी द्विविम पेंटिंग में गहराई प्रदर्शित करने के लिए करते है| इन्हें चित्रीय संकेत भी कहते है| कुछ महत्वपूर्ण एकनेत्री संकेत जो द्विविम सतहों में गहराई और दूरी का निर्णय लेने में हमारी सहायता करते हैं | यह प्र्त्यक्षण दो मुख्य सूचना स्त्रोतों , जिन्हें संकेत कहा जाता है , पर निर्भर करते है| प्रथम को द्विनेत्री संकेत कहते है , क्योंकि इस में दोनों नेत्रों की जरूरत होती है , दूसरा एकनेत्री संकेत कहलाता है क्योंकि इस में गहनता प्र्त्यक्षण हेतु सिर्फ एक नेत्र का उपयोग होता है | READ more मनोविज्ञान से संबंधित प्रश्न के लिंक स्थान प्रत्यक्षण कैसे घटित होता है? |
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चयनात्मक अवधान के निर्धारकों का वर्णन कीजिए। चयनात्मक अवधान संधूत अवधान से किस प्रकार भिन्न होता है? |
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Answer» Sorry, but I don't KNOW the actual answer. hope you find SOMEONE else who might HELP you. please follow me and mark me as the BRAINLIEST answer. |
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