InterviewSolution
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                                    रेशनी एवं ऊनी वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  रेशमी वस्त्र निम्न प्रकार के होते हैं- 1. सिल्क : यह मुलायम होती है। इससे कुर्ते, ब्लाउज व साड़ियाँ बनाते हैं। 2. साटन : यह चिकनी व रफ होती है। इसके गरारे, कुर्ते, लहंगा, सलवार आदि बनते हैं। 3. मखमल : इसमें रोएँ होते हैं। देखने में सुन्दर व महँगे होते हैं। इससे कुर्ता, रजाई, तकिया का गिलाफ आदि बनते हैं। ऊनी वस्त्र निम्नलिखित प्रकार के होते हैं 1. ट्वीड : यह मोटे गर्म धागों का बना होता है। यह काफी गर्म होता है। ट्वीड खुरदरा एवं मुलायम दोनों प्रकार का होता है। इससे कोट, ओवर कोट आदि बनाए जाते हैं। 2. सर्ज : यह देखने में सुदंर व कोमल होता है, यह कीमती होता है। इसके पैंट, कोट, सूट आदि बनाए जाते हैं।  | 
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| 2. | 
                                    सिलाई मशीन की देखभाल आप कैसे करेंगे? विस्तार से लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  सिलाई मशीन की देखभाल के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए- 1. मशीन को धूल व मिट्टी से बचाएँ। 2. साल में मशीन को खोलकर उसके पुर्जा को मिट्टी के तेल से साफ करना चाहिए। 3. समय-समय पर मशीन में तेल देना चाहिए जिससे पुर्जे न घिसें। 4. तेल देते समय नीडिल बार को ऊपर कर लेना चाहिए।  | 
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| 3. | 
                                    सिलाई कला का अर्थ लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  किसी कपड़े को नाप के अनुसार काट कर उसे सुई धागे द्वारा हाथ अथवा मशीन से जोड़ना ही सिलाई कला है।  | 
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| 4. | 
                                    चेस्ट सिस्टम से आप क्या समझते हैं? | 
                            
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                                   Answer»  सीने की नाप लेने के लिए नापने का फीता बच्चे या व्यक्ति के दाईं ओर खड़े होकर लेना चाहिए। दोनों हाथों के नीचे से फीता इस प्रकार घुमाकर सामने लाएँ कि फीता चारों ओर से एक सीध में रहे। सीने की नाप से ही अन्य नाप निकालते हैं।  | 
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| 5. | 
                                    नाप लेना क्यों आवश्यक है? | 
                            
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                                   Answer»  वस्त्र ठीक ढंग से सिल जाएँ, इसके लिए वस्त्रों की सही नाप आवश्यक होती है। हम सुंदर दिखाई दें और व्यक्तित्व निखरे, इसके लिए वस्त्रों की फिटिंग को ध्यान में रखकर सही नाप लेना आवश्यक होता है।  | 
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| 6. | 
                                    सिलाई की आवश्यकता क्यों पड़ती है ? | 
                            
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                                   Answer»  घर में कभी भी सिलाई का काम निकल आता है, जैसे- वस्त्र का कहीं से कट जाना, सिलाई खुल जाना, चूहों द्वारा काटा जाना आदि। ऐसे कपड़ों को ठीक करने के लिए सिलाई की आवश्यकता पड़ती है।  | 
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| 7. | 
                                    काज बनाने की प्रक्रिया लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  जिस कपड़े में काज बनाना हो, उस कपड़े में आवश्यकतानुसार उचित स्थान पर कैंची से कपड़ा मोड़कर बटन के हिसाब से काटते हैं। काटने के बाद उस स्थान से थोड़ी दूरी पर सबसे पहले किनारे-किनारे कच्चा कर लेते हैं। काज बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि एक किनारा गोल और दूसरा नोंकदार हो। काज भरने के लिये सुई में दोहरा धागा डाल कर कच्ची की गई लाइन से थोड़ी सुई निकाल कर धागे को सुई की नोंक के आगे से घुमा कर पूरी सुई निकाल लेंगे।  | 
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| 8. | 
                                    घर में सिलाई करने से क्या-क्या लाभ होते हैं? | 
                            
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                                   Answer»  सिलाई कला से धन की बचत, समय की बचत, रुचि के अनुसार वस्त्रों का निर्माण, उत्तम सिलाई और उत्तम धागों का प्रयोग होता है।  | 
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| 9. | 
                                    रफू करने की विधि लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  रफू दो प्रकार से किए जाते हैं 
 रफू करने में जिस रंग का कपड़ा होता है, उसी रंग का धागी डालकर रनिंग स्टिच के साथ-साथ ताने-बाने को मिलाते हुये धागा भरते हैं।  | 
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| 10. | 
                                    रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-(क) वस्त्रों की सिलाई करना एक ___ है।(ख) मशीन में तेल डालते समय ___ को ऊँचा कर लेना चाहिए।(ग) रेशम के तंतु कीड़े के तंतु कीड़े के ___ से प्राप्त होते हैं। | 
                            
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                                   Answer»  (क) वस्त्रों की सिलाई करना एक कला है।  | 
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| 11. | 
                                    किस वस्त्र पर क्रास स्टिच की कढ़ाई सरलता से होती है? | 
                            
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                                   Answer»  दुसूती वस्त्र पर क्रॉस स्टिच की कढ़ाई सरलता से हो जाती है।  | 
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| 12. | 
                                    वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  वस्त्र तीन प्रकार के होते हैं 1. सूती 2. रेशमी 3. ऊनी सूती वस्त्र : बाजार में निम्न प्रकार के सूती वस्त्र मिलते हैं 1. मारकीन या लट्ठा 2. दुसूती 3. मलमल एवं जींस का कपड़ा। रेशमी वस्त्र : सिल्क, साटन एवं मखमल इसके अन्तर्गत आते हैं। ऊनी वस्त्र : संरचना के हिसाब से ट्वीड़ और सर्ज-दो प्रकार होता है।  | 
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| 13. | 
                                    घर पर सिलाई करने के किन्हीं चार लाभ लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  घर पर सिलाई करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं- 1. नाप के अनुसार सिलाई। 2. मजबूत सिलाई। 3. आर्थिक लाभ। 4. बचे हुए कपड़े का सदुपयोग। 5. धनोपार्जन का साधन।  | 
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| 14. | 
                                    ऊनी वस्त्रों का प्रयोग किस ऋतु में किया जाता है? | 
                            
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                                   Answer»  ऊनी वस्त्रों का प्रयोग शीत ऋतु में किया जाता है।  | 
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| 15. | 
                                    समीज पहनी जाती है-(क) फ्रॉक के अंदर(ख) फ्रॉक के ऊपर(ग) जींस के साथ(घ) उपर्युक्त सभी | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (क) फ्रॉक के अंदर  | 
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| 16. | 
                                    सीने की नाप लेने के लिए नापने का फीता व्यक्ति के किस ओर खड़े होकर लेना चाहिए? | 
                            
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                                   Answer»  सीने की नाप लेने के लिए नापने को फीता बच्चे या व्यक्ति के दाईं ओर खड़े होकर लेना चाहिए।  | 
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| 17. | 
                                    घर में सिलाई करने के लाभ होते हैं-(क) धन की बचत(ख) समय की बचत(ग) रूचि के अनुसार निर्धारण(घ) उपर्युक्त सभी | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (घ) उपर्युक्त सभी  | 
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| 18. | 
                                    शरीर के विभिन्न भागों के नाप लेने की विधियों के नाम लिखिए। | 
                            
                                   Answer» 
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| 19. | 
                                    कपड़ों की फिटिंग के लिए क्या डालते हैं? | 
                            
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                                   Answer»  शरीर के विभिन्न भागों की फिटिंग के लिये कपड़ों में प्लेट्स डाली जाती है।  | 
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| 20. | 
                                    रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-(क) फ्रेम लगाकर काढ़ने से ____ नहीं आती।(ख) कढ़ाई _____ रंग के धागे से नहीं काढ़ना चाहिए।(ग) मछली काँटा स्टिच को उल्टी ओर से काढ़ने पर _____ की कढ़ाई बनती है।(घ) कढ़ाई का नमूना _______ से उतारना चाहिए। | 
                            
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                                   Answer»  (क) फ्रेम लगाकर काढ़ने से सिलवट नहीं आती।  | 
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| 21. | 
                                    सिलाई में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों के नाम लिखिए। | 
                            
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                                   Answer»  कैंची, फीता, इंचीटेप, अंगुलिस्ताना, खड़िया अथवा मिल्टन चॉक, मशीन-सुई व हाथ की सुईयाँ, धागा, स्केल, सिलाई मशीन, बाँस पेपर अथवा अखबार, गुनिया, प्रेस आदि।  | 
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| 22. | 
                                    पैबंद कितने प्रकार के होते हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  पैबंद कई प्रकार के होते हैं-गोल, तिकोन, चौकोर आदि।  | 
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| 23. | 
                                    कपड़े पर ड्राफ्टिंग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? | 
                            
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                                   Answer»  कपड़े पर ड्राफ्टिंग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए- 1. आकृति में अन्तर : ड्राफ्ट बनाते समय आकृति ध्यान में रखकर कपड़ा काटना चाहिए। 2. कपड़े के सिकुड़न : सिकुड़ने वाले कपड़े को दो घण्टे पूर्व पानी में डालकर सुखा लेना चाहिए। 3. व्यक्ति की रुचि का ध्यान-कुछ व्यक्ति ढीले तथा कुछ चुस्त कपड़े पसन्द करते हैं। उनकी रुचि का ध्यान रखना चाहिए। 4. कागज के ड्राफ्ट द्वारा वस्त्रों पर ड्राफ्टिंग करना- ऐसा करने से बाद में कपड़े को आवश्यकतानुसार ढीले करने में सुविधा रहती है।  | 
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