InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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राष्ट्र निर्माता को कवि ने क्या कहा है? |
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Answer» राष्ट्र निर्माता को कवि ने प्रणाम कहा है तथा उन्हें मृतहत जीवन जन्म विधाता कहा है। |
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1. निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए(अ) नगर-नगर की ग्राम-ग्राम की छानी धूल।(ब) ढाने को साम्राज्यवाद की दृढ़ दीवार।(स) नवयुग के उस नवप्रभात की दृढ़ दीवार। |
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Answer» (अ) काव्य-सौन्दर्य-
(ब) काव्य-सौन्दर्य –
(स) काव्य-सौन्दर्य-
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देशभक्तों द्वारा नगर-नगर और ग्राम-ग्राम की धूल छानने के पीछे उनका क्या उद्देश्य रहता है? |
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Answer» वे सोयी जनता में चेतना उत्पन्न करना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि देश के अन्दर कोई प्राणी बच जाय जिसमें अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम जागृत न हो। |
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| 4. |
द्विवेदी जी ने किन-किन पत्रिकाओं का सम्पादन किया? |
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Answer» अधिकार और बालसखा। |
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किसी एक गांधीवादी कवि का नाम बताइए। |
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Answer» सोहनलाल द्विवेदी। |
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कवि की दृष्टि में वन्दनीय पुरुष कौन है? |
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Answer» कवि की दृष्टि में वे महापुरुष वन्दनीय हैं जो अपने देश के गरीब, पीड़ित लोगों की सेवा करने और उन्हें उन्नत करने में सदैव तत्पर रहते हैं। |
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| 7. |
उन्हें प्रणाम’ कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» ‘उन्हें प्रणाम’ कविता के माध्यम से कवि उन महापुरुषों को नमन कर रहा है जो शोषितों और दलितों के बीच रहकर उनके उत्थान के लिए कार्य करते हैं, जिनकी जीवन-शैली और बलिदानों का स्मरण करके मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है, जो पीड़ित मानवता को सुखी बनाने हेतु तत्पर रहते हैं, जिन्होंने राजा से भिखारी बनकर देश और जाति की सेवा स्वीकार की है, जो सभी को गौरवमय, स्वाभिमानी और अन्याय-विरोधी जीवन अपनाने की प्रेरणा देते हैं, जिन्होंने देशहित में अपनी जवानी समर्पित कर दी, जो देश के लिए जेल के सीखचों में बन्दी बने रहे, जिनका जीवन लोभ, लाभ और स्वार्थ से दूर रहा और जो देश के लिए हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ गये। |
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| 8. |
उन्हें प्रणाम’ कविता का सारांश लिखिए। |
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Answer» सोहनलाल द्विवेदी ने इस कविता में संयमी, वीर, प्रणवीर, बलिदान करनेवाले दृढ़-निश्चयी, दीनरक्षक, स्वतन्त्रता की पुकार लगाने वाले, निर्भय, राष्ट्रनिर्माता, गाँधीजी का जयगान किया है। इन जैसे वीर दीन और दु:खियों की सहायता करने में लज्जित नहीं होते। वे किसी वेष तथा देश में रहे, हमेशा अपने कर्तव्य-पालन में लगे रहते हैं। उनका उद्देश्य मानवता की स्थापना है। वे शोषण और साम्राज्यवाद से लोहा लेते हैं। वे ज़नता की सेवा करने और उनमें चेतना लाने के लिए घूमते रहते हैं। कवि बारबार ऐसे ही वीरों को प्रणाम करता है। |
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| 9. |
क्रान्ति के आश्रयदाताओं के कौन-कौन से लक्षण बताये गये हैं? |
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Answer» क्रान्ति के आश्रयदाताओं के निम्न लक्षण बताये गये हैं
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कवि ने स्वदेश का स्वाभिमान किसे कहा है? |
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Answer» राष्ट्र के प्रति समर्पित लोगों को कवि ने स्वदेश को स्वाभिमान कहा है। |
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| 11. |
उन्हें प्रणाम’ कविता के आधार पर बताइए कि कवि ने किन-किन को प्रणाम करने की बात कही है? |
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Answer» द्विवेदी जी की उन्हें प्रणाम’ कविता कर्मनिष्ठों, पीड़ितोद्धारकों, बलिदानी देशभक्तों और स्वतंत्रता के दीवानों के लिए एक शब्द-श्रद्धांजलि है। कवि ने आशा व्यक्त क़ी है कि देशवासियों के बलिदान व्यर्थ नहीं जायेंगे और देश में स्वतन्त्रता की ज्वाला जगेगी, जिसमें सारे पाप-ताप भस्म हो जायेंगे। एक स्वतन्त्र, सुखी और सर्वोदय से सुशोभित भारत का उदय होगा। उस मंगलमय दिन को भी कवि अपना नमन अर्पित कर रहा है। |
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| 12. |
कवि किस मंगलमय दिन को अपनी प्रणाम अर्पित करता है? |
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Answer» कवि उस मंगलमय दिन को अपना प्रणाम अर्पित करता है, जिस दिन सब स्वतंत्र हों, सब सुखी हों और सबको समृद्धि प्राप्त हो। |
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निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि का नाम बताइएस्वाभिमान, सर्वोदय। |
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Answer» स्वाभिमान = स्व + अभिमान = दीर्घ सन्धि सर्वोदय = सर्व + उदय = गुण सन्धि |
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निम्नलिखित शब्द-युग्मों से विशेषण-विशेष्य अलग कीजिएनव-युग, मरण-मधुर, मादक-मुस्कान, दृढ़-दीवार, बंद-सीखचे। |
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Answer» विशेषण विशेष्य |
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