InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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विद्युत धारा किसे कहते हैं ? |
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Answer» आवेश के प्रवाह की दर विद्युत धारा कहलाती है। |
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स्थिर विद्युत प्रेरण को परिभाषित कीजिए। |
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Answer» जब किसी चालक के पास कोई आवेशित वस्तु लाई जाती है, तो वह चालक भी आवेशित हो जाता है। उसके पास के सिरे पर विपरीत आवेश तथा दूर के सिरे पर समान आवेश उत्पन्न होता है। यह दोनों प्रकार के आवेश चालक के सिरों पर तभी तक रहते हैं, जब तक कि आवेशित वस्तु चालक के पास रहती है। इस प्रकार से चालक के आवेशित होने की क्रिया को स्थिर विद्युत प्रेरण कहते हैं। |
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| 3. |
विद्युत चालक व विद्युतरोधी पदार्थों का परीक्षण करने की प्रयोग विधि लिखिए। |
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Answer» कोई पदार्थ चालक है अथवा विद्युतरोधी इसे ज्ञात करने के लिए दो विद्युतदर्शी A एव B लीजिए। इन विद्युतदर्शियों को पास-पास रखिए। विद्युतदर्शी A की चकती को एबोनाइट की आवेशित छड़ से स्पर्श कराकर आवेशित कीजिए। आवेशित होते ही इसकी पत्तियाँ फैल जायेंगी। किसी धातु (जैसे – लोहा, ताँबा या ऐलूमीनियम) का तार लीजिए और इसे थर्मोकोल की एक पट्टी में से आर-पार निकालिए ताकि थर्मोकोल का टुकड़ा विद्युत रोधी हत्थे की भाँति कार्य कर सके। अब इस थर्मोकोल पट्टी को पकड़कर तार को इस प्रकार रखिए कि वह दोनों विद्युतदर्शियों की चकतियों को स्पर्श करे। ऐसा करने पर B विद्युतदर्शी की पत्तियाँ भी फैल जाएँगी। इसका कारण यह है कि आवेशित विद्युतदर्शी में से कुछ आवेश तार से होता हुआ अनावेशित विद्युतदर्शी में प्रवाहित हो जाता है। अर्थात प्रयोग में लाया गया धातु का तार विद्युत आवेश को अपने में से प्रवाहित होने देता है। अतः यह तार विद्युत का चालक है। वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत आवेश प्रवाहित होता है, विद्युत चालक कहलाते हैं। यदि यह प्रयोग धातु के तार के स्थान पर प्लास्टिक, रबर, लकड़ी यो थर्मोकोल से करें तो अनावेशित विद्युतदर्शी की पत्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसका कारण यह है कि प्लास्टिक, रबर या लकड़ी जैसे पदार्थ अपने में से विद्युत आवेश को प्रवाहित नहीं होने देते हैं। वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत आवेश प्रवाहित नहीं होता है, विद्युतरोधी कहलाते हैं। |
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| 4. |
एक क्रियाकलाप द्वारा स्पष्ट करिये कि रगड़ने से वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं। |
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Answer» एक गुब्बारे में हवा भरकर इसके मुँह को बाँध दीजिए। फूले हुए गुब्बारे को दीवार से स्पर्श करते हुए जब छोड़ते हैं तो गुब्बारा नीचे गिर जाता है। पुनः गुब्बारे को उसी कपड़े से रगड़ कर जब दीवार के संपर्क में लाते हुए छोड़ा जाता है तो गुब्बारा दीवार से चिपक जाता हैं जब गुब्बारे को ऊनी कपडे से। नहीं रगड़ा गया था जब उस पर कोई आवेश नहीं था, अत: वह दीवार से नहीं चिपका। परंतु जब गुब्बारे को ऊनी कपड़े से रगड़ा गया तो वह दीवार से चिपक गया क्योंकि उसमें आवेश उत्पन्न हो गया था। इससे स्पष्ट होता है कि रगड़ने से वस्तुएँ आवेशित हो जाती है। |
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तड़ित से होने वाली हानियाँ व लाभ लिखिए। |
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Answer» तड़ित आघात से हानि व लाभ।तड़ित (आकाशीय विद्युत) से जहाँ एक ओर हानियाँ होती हैं वहीं दूसरी ओर लाभ भी है- हानि- लाभ- 2. तड़ित से उत्पन्न ऊर्जा, तड़ित के आस पास उपस्थित वायु की ऑक्सीजन को ओजोन में परिवर्तित कर देती है। ओजोन सूर्य से आने वाले घातक विकिरणों से हमारी रक्षा करती है। |
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| 6. |
आवेशित वस्तुओं में कब आकर्षण और प्रतिकर्षण होता है? |
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Answer» आवेशित वस्तुओं में जब दोनों वस्तुओं में विपरीत प्रकार का आवेश हो तो उनमें आकर्षण होता है, परंतु जब दोनों वस्तुओं में समान प्रकार का आवेश हो, तो उनमें प्रतिकर्षण होता है। |
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| 7. |
आवेश कितने प्रकार के होते हैं-(अ) एक(ब) दो(स) तीन(द) चार |
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Answer» सही विकल्प है (ब) दो |
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तड़ित चालक बनाया जाता है।(अ) काँच(ब) रबर(स) ताँबा(द) स्टील |
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Answer» सही विकल्प है (स) ताँबा |
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| 9. |
समान प्रकार के आवेशों के बीच होता है-(अ) आकर्षण बल(ब) प्रतिकर्षण बल(स) आकर्षण बल तथा प्रतिकर्षण बल दोनों(द) न तो आकर्षण बल और न ही प्रतिकर्षण बल |
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Answer» सही विकल्प है (ब) प्रतिकर्षण बल |
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