InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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विनोद ब्रह्मचारी के चारों महावाक्य लिखिए। |
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Answer» विनोद ब्रह्मचारी के चार महाकाव्य हैं।
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स्वामी प्रणवानंद का क्या उद्घोष था? |
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Answer» स्वामी प्रणवानंद का उद्घोष था कि धर्म है- त्याग, सत्य और ब्रह्मचर्य में। धर्म है- आचार, अनुष्ठान और अनुभूति में।” स्वामी जी की यह अनमोल वाणी चिरकाल तक हमारा. मार्गदर्शक करती रहेगी। |
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वे ‘विनोद ब्रह्मचारी’ से ‘स्वामी प्रणवानंद’ कब और कैसे हुए? |
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Answer» वर्ष 1924 के प्रयाग के अर्धकुम्भ मेले में विनोद ब्रह्मचारी ने स्वामी गोविंदा नंद गिरि से संन्यास की विधिवत दीक्षा ग्रहण की। इसके बाद वे विनोद ब्रह्मचारी से स्वामी प्रणवानंद हो गए। |
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स्वामी प्रणवानंद ने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना क्यों की? |
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Answer» स्वामी प्रणवानंद ने अकाल, बाढ़, प्राकृतिक प्रकोप आदि से पीड़ित लोगों के सहायतार्थ भारत सेवाश्रम संघ’ की स्थापना की। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि, मानव जाति की सेवा के लिए उन्होंने भारत सेवाश्रम संघ’ की स्थापना की। |
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विनोद ब्रह्मचारी ने प्रथम दीक्षा कब और किससे ग्रहण की? |
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Answer» विनोद ब्रह्मचारी ने 1913 में गोरखपुर में नाथ संप्रदाय के प्रमुख योगीराज बाबा गंभीरनाथ से प्रथम दीक्षा ग्रहण की। |
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