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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?

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दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का वैसे तो कोई भी महत्त्व नहीं है, लेकिन यह दिन टोपी के जीवन में विशेष स्थान रखता है, क्योंकि इसी तारीख को इफ़्फ़न के पिता को तबादला मुरादाबाद हो गया था। यह तबादला इफ़्फ़न की दादी के देहांत के थोड़े दिनों बाद ही हुआ था। अब टोपी बिलकुल अकेला हो गया था, क्योंकि इफ़्फ़न के पिता की जगह आने वाले नए कलेक्टर के तीनों बेटों में से किसी ने भी उससे दोस्ती नहीं की थी।

2.

इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा?

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इफ़्फ़न की दादी स्नेहमयी थीं। वह टोपी को बहुत दुलार करती थीं। टोपी को भी स्नेह व अपनत्व की जरूरत थी। टोपी जब भी इफ्फन के घर जाता था, वह अधिकतर उसकी दादी के पास बैठने की कोशिश करता था क्योंकि उस घर में वही उसे सबसे अच्छी लगती थीं। दादी के देहांत के बाद टोपी के लिए वहाँ कोई न था। टोपी को वह घर खाली लगने लगा क्योंकि इफ्फ़न के घर का केवल एक आकर्षण था जो टोपी के लिए खत्म हो चुका था। इसी कारण टोपी को इफ्फन की दादी का देहांत के बाद उसका घर खाली-खाली-सा लगने लगा।

3.

‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?

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टोपी शुक्ला के घरवाले आधुनिक होने के साथ-साथ कट्टर हिंदू भी थे। ‘अम्मी’ शब्द मुसलमानों के घर में इस्तेमाल होता है किंतु जब टोपी शुक्ला के मुख से “अम्मी” शब्द सुना गया तब घरवालों के होश उड़ गए। उनकी परंपराओं की दीवार डोलने लगी। उनका धर्म संकट में पड़ गया। सभी की आँखें टोपी के चेहरे पर जम गईं कि उनकी संस्कृति के विपरीत यह शब्द घर में कैसे आ गया। जब टोपी ने बताया कि यह उसने अपने दोस्त इफ़्फ़न के घर से सीखा है तो उसकी माँ व दादी ने उसकी खूब जमकर पिटाई की।

4.

इफ्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं?

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इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी इसलिए नहीं कर पाई, क्योंकि दादी का विवाह एक मौलवी परिवार में हुआ था और मौलवियों में शादी-विवाह के समय जश्न मनाने या गाने-बजाने का रिवाज़ नहीं था।

5.

पूरे घर में इफ्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?

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पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह था। प्यार तो उसे अपने अब्बू, अम्मी, अपनी बाजी तथा छोटी बहन से भी था, पर ये सभी उसे कभी-कभार तो डाँट ही देते थे। दादी ने उसका दिल कभी नहीं दुखाया। वह रात को उसे तरह-तरह की कहानियाँ भी सुनाया करती थी इसलिए वह अपनी दादी से बहुत प्यार करता था।

6.

टोपी ने इफ्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही ?

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टोपी की दादी का स्वभाव अच्छा न था। वह हमेशा टोपी को डॉटती-फटकारती थीं व कभी भी उससे प्यार से बात न करती थीं। टोपी की दादी परंपराओं से बँधे होने के कारण कट्टर हिंदू थीं। वे टोपी को इफ्फ़न के घर जाने से रोकती थीं। दूसरी ओर इफ्फ़न की दादी बहुत नरम स्वभाव की थीं जो बच्चों पर क्रोध करना नहीं जानती थीं। इसी स्नेह के कारण टोपी इफ्फन से अपनी दादी बदलने की बात करता है। उनकी बोली भी टोपी को अच्छी लगती थी।

7.

इफ्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?

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इफ्फ़न की दादी पीहर इसलिए जाना चाहती थीं क्योकि वे जमींदार परिवार की बेटी थीं। उनके पीहर में घी, दूध व दही की भरमार थी। उन्होंने शादी से पहले पीहर में खूब दूध-दही खाया था। बाद में वे लखनऊ के मौलवी से ब्याही गई थीं जहाँ उन्हें अपनी मौलवी पति के नियंत्रण में रहना पड़ता था। पीहर जाने पर वे स्वतंत्र अनुभव करती थीं, और लपड़-शपड़ जी भर कर दूध-दही खाती थीं। इसी कारण उनका मन हर समय पीहर जाने को तरसता था।