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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

लेंज का नियम संबध्द हैंA. आवेश सेB. द्रव्यमान सेC. ऊर्जा सेD. संवेग के संरक्षण सिध्दांत से

Answer» Correct Answer - C
2.

समझाइए कि लेंज का नियम ऊर्जा-संरक्षण नियम के अनुकूल है।

Answer» जब चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को कुण्डली के किसी तल के पास लाते हैं, तो लेंज के नियम के अनुसार, कुण्डली का वह तल उत्तरी ध्रुव बन जाता है। अत: चुम्बक और कुण्डली के मध्य प्रतिकर्षण बल कार्य करने लगता है। इस प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध चुम्बक को कुण्डली के पास लाने में कार्य करना पड़ता है। यही यान्त्रिक कार्य विद्युत् ऊर्जा अर्थात् प्रेरित धारा के रूप में परिवर्तित हो जाता है, किन्तु जब उत्तरी ध्रुव को कुण्डली से दूर ले जाते हैं, तो कुण्डली का वह तल दक्षिणी ध्रुव बन जाता है। अत: चुम्बक और कुण्डली के मध्य आकर्षण बल कार्य करने लगता है। इस आकर्षण बल के विरुद्ध चुंबक को दूर ले जाने में चुंबक को पुनः कार्य करना पड़ता है। यही यान्त्रिक कार्य प्रेरित धारा के रूप में परिवर्तित हो जाता है। अत: लेंज का नियम ऊर्जा- संरक्षण नियम के अनुकूल है।
3.

50 फेरों वाली एक कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स 1 सेकण्ड में 0.3 वेबर से घटकर शून्य रह जाता है। कुण्डली के सिरों पर प्रेरित विभवान्तर का मान ज्ञात कीजिए।

Answer» सूत्र : `e=-(dphi)/(dt)=-n((phi_(2)-phi_(1))/(Deltat))`
दिया है : n = 50, `phi_(1)=0.3` वेबर,`phi_(2)=0` तथा dt = 1 सेकण्ड।
अतः `e=-50((0-0.3)/1)`
= 15 वोल्ट।
4.

विद्युत् परिपथ बन्द करते समय स्विच में विद्युत् चिंगारी क्यों दिखाई पड़ती है ?

Answer» विद्युत् परिपथ बन्द करते समय परिपथ से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में शीघ्रता से परिवर्तन होता है, फलस्वरूप उसमे प्रबल प्रेरित विद्दुत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है। परिणामस्वरूप स्विच के सिरे पर इतना उच्च विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है कि मध्य में स्थित वायु का रोधन टूट जाता है।
5.

प्रतिरोध बॉक्स के भीतर लगे प्रतिरोध की कुण्डली बनाने के लिए तार को दुहरा क्यों मोड़ा जाता है ?

Answer» ऐसा करने से तार के आधे भाग में विद्युत् धारा एक दिशा में तथा आधे भाग में विपरीत दिशा में प्रवाहित होती है। अत: दोनों भाग एक-दूसरे के चुम्बकीय क्षेत्र को समाप्त कर देते हैं, जिससे प्रेरित धारा उत्पन्न नहीं होती है।
6.

मीटर सेतु से प्रयोग करते समय सेल परिपथ चालू करने के बाद ही धारामापी परिपथ: चालू किया जाना चाहिए। क्यों?

Answer» यदि धारामापी कुंजी को पहले दबायेंगे, तो सन्तुलन की स्थिति प्राप्त हो जाने पर भी स्वप्रेरण के कारण धारामापी में विक्षेप होगा, जिससे हमें सन्देह हो सकता है।
7.

विस्फोटक पदार्थ ले जाने वाले ट्रक से एक जंजीर बँधी रहती है, जो जमीन को छूती रहती है, क्यों ?

Answer» ट्रक की गति के दरम्यान उसकी धुरी पृथ्वी की चुम्बकीय वल रेखाओं को काटती रहती है, जिसके कारण उसके सिरों के बीच विद्युत् वाहक बल प्रेरित हो जाता है। प्रेरित आवेश का जंजीर के द्वारा पृथ्वी में क्षरण होता रहता है, जिससे विस्फोट पदार्थ सुरक्षित बने रहते हैं।
8.

उच्च वोल्टेज पर धारा ले जाने वाले तार में धारा चालू करते ही तार पर बैठी चिड़िया उड़ जाती है। कारण बताइए।

Answer» धारा चालू करते ही चिड़िया के शरीर में प्रेरित धारा बहने लगती है। उसके दोनों पंख विपरीत धाराओं के कारण परस्पर प्रतिकर्षित होकर फैल जाते हैं। अत: चिड़िया विद्युत् धारा चालू करते ही उड़ जाती है।
9.

दो समतल वृताकार कुंडलियों के मध्य अन्योन्य प्रेरकत्व हेतु व्यंजक ज्ञात कीजिये एवं उनके मध्य अन्योन्य प्रेरकत्व को प्रभावित करने वाले कारक को लिखिये।

Answer» मानलो प्राथमिक कुण्डली P और द्वितीयक कुण्डली S एक-दूसरे के निकट समाक्ष रखी हुई हैं। प्राथमिक कुण्डली P की त्रिज्या `r_(1)` तथा फेरों की संख्या `n_(1)` है। इसी प्रकार, द्वितीयक कुण्डली S की त्रिज्या `r_(2)` तथा फेरों की संख्या `n_(2)` हैं।
यदि प्राथमिक कुण्डली में प्रवाहित होने वाली धारा I हो, तो इस कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
`B=(mu_(0))/(4pi).(2pin_(1)I)/(r_(1))=(mu_(0)n_(1)I)/(2r_(1))`
इस चम्बकीय क्षेत्र को द्वितीयक कुण्डली S के तल के लिये एकसमान माना जा सकता है। अत: द्वितीयक कुण्डली से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
`phi=nBA`
`=n_(2)(mu_(0)n_(1)I)/(2r_(1)).pir_(2)^(2)` ....(1)
किन्तु `phi=MI` ....(2)
समी. (1) और (2) से,
`M=(mu_(0)n_(1)n_(2))/(2r_(1)).pir_(2)^(2)`
यदि कुण्डलियों के मध्य `mu` चुम्बकशीलता का कोई माध्यम हो, तो
`M=mu(n_(1)n_(2))/(2r_(1))xxpir_(2)^(2)`
यही दो समतल वृत्ताकार कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व के लिये व्यंजक है।
अन्योन्य प्रेरकत्व की निर्भरता-
(i) प्राथमिक कुंडली में फेरो की संख्या `n_(1)` का मान बढ़ाने पर अन्योन्य प्रेरकत्व का मान बद्ध जाता है ।
(ii) द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या `n_(2)` का मान बढ़ाने पर अन्योन्य प्रेरकत्व का मान बढ़ जाता है।
(iii) प्राथमिक कुण्डली की त्रिज्या `r_(1)` का मान बढ़ाने पर अन्योन्य प्रेरकत्व का मान कम हो जाता है।
(iv) द्वितीयक कुण्डली का क्षेत्रफल `(pir_(2)^(2))` का मान बढ़ाने पर अन्योन्य प्रेरकत्व का मान बढ़ जाता है।
(v) दोनों कुण्डलियों के बीच अधिक चुम्बकशीलता का माध्यम रखने पर अन्योन्य प्रेरकत्व का मान बढ़ जाता है।
10.

अरुण अपने दोस्तों के साथ टहलने गया था। वहाँ से एक ट्रक गुजरी जिसमें लिखा था- "सावधान, विस्फोटक सामग्री।" टक से एक जंजीर बँंधी थी, जो जमीन को स्पर्श कर रही थी। अरुण ने अपने दोस्तों को समझाया कि ट्रक की गति के दौरान उसकी धुरी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाओं को काटती है, फलस्वरूप उसके सिरों पर विद्युत वाहक बल प्रेरित हो जाता है। प्रेरित आवेश का जंजीर के द्वारा क्षरण होता रहता है जिससे विस्फोटक पदार्थ सुरक्षित बने रहते हैं। निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए- अरुण ने किन मूल्यों का प्रदर्शन किया ?

Answer» प्रत्युन्मति बुद्धि (Presence of mind), जागरुकता, वैज्ञानिक सोच, दोस्तों के साथ विचार का आदान-प्रदान आदि मूल्यों का प्रदर्शन किया।
11.

प्रश्न संख्या 8 में a तथा b सिरों पर विभव क्रमशः `V_(a)` तथा ` V_(b)` हों , तोA. `V_(a) gt V_(b)`B. `V_(b) gt V_(a)`C. `V_(a) = V_(b)`D. `V_(a) - V_(b) = Bl//v`

Answer» Correct Answer - A
12.

धातु के बने किसी गोलक को चुंबकीय क्षेत्र में दोलन कराने पर उसकी दोलनी गति होती हैंA. त्वरितB. अवमंदितC. एकसमानD. इनमें कोई नहीं

Answer» Correct Answer - B
13.

स्वरप्रेरकत्व (self - inductance) का SI मात्रक हैंA. कूलॉम (C)B. वोल्ट (V)C. ओम (`Omega`)D. हेनरी (H)

Answer» Correct Answer - D
14.

डायनेमो के कार्य का सिध्दांत आधारित हैंA. धारा के ऊष्मीय प्रभाव परB. विद्युत - चुंबकीय प्रेरण परC. प्रेरित चुंबकत्व परD. प्रेरित विद्युत पर

Answer» Correct Answer - B
15.

स्वरप्रेरकत्व का SI मात्रक हैंA. वेबर (Wb)B. ओम (`Omega`)C. हेनरी (H)D. गॉस ( gauss)

Answer» Correct Answer - C
16.

यदि 50 mH की प्रेरकत्व वाले प्रेरित्र से 2 A की स्थायी धारा प्रवाहित की जाए , तो उसमें संचित ऊर्जा ज्ञात करें ।

Answer» यदि 50 MH की प्रेरकत्व वाले प्रेरित्र से 2 A की स्थायी धारा प्रवाहित की जाए , तो उसमें संचित ऊर्जा ज्ञात करें ।
17.

स्वरप्रेरकत्व का SI मात्रक .... हैं ।

Answer» Correct Answer - हेनरी (H)
18.

फलक्स एक .... राशि हैं तथा इसका SI मात्रक....हैं ।

Answer» Correct Answer - अदिश , वेबर ( Wb)
19.

चुम्बकीय फ्लक्स क्या है ? इसका SI मात्रक लिखिए।

Answer» चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी तल से लम्बवत् गुजरने वाली कुल बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं।
इसका SI मात्रक वेबर है।
20.

एक कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में से (i) तेजी से, (ii) धीरे से हटाया जाता है। क्या दोनों अवस्थाओं में प्रेरित विद्युत् वाहक बल तथा किया गया कार्य बराबर है या नहीं।

Answer» कुण्डली को चुम्बकीय क्षेत्र में से (i) तेजी से, (ii) धीरे धीरे हटाने पर प्रेरित विद्युत् वाहक बल तथा किया गया कार्य बराबर नहीं होंगे क्यॉकि (a) कुण्डली के तेजी से हटाने पर फ्लकस तेजी से परिवर्तित होगा। अतः उच्च विद्दुत वाहक बल प्रेरित होगा, (ब) धीरे-धीरे हटाने पर फ्लक्स कम दर से बदलेगा, इसलिए कम विद्युत् वाहक बल प्रेरित होगा।
21.

1.0 m लंबी धातु की छड़ उसके एक सिरे से जाने वाले अभिलंबवत अक्ष के परितः `400rads^(-1)` की कोणीय आवृत्ति से घूर्णन कर रही है। छड़ का दूसरा सिरा एक धात्विक वलय से संपर्कित है। अक्ष अनुदिश सभी जगह 0.5 T का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र उपस्थित है। वलय तथा अक्ष के बीच स्थापित विद्युत वाहक बल की गणना कीजिए।

Answer» दिया है- `l=1.0m,omega=400rads^(-1),B=0.5T`
सूत्र- `epsilon=1/2Bomegal^(2)=1/2xx0.5xx400xx(1.0)^(2)=100V`
22.

एक मीटर लंबे सुचालक छड़ को उसकी लंबाई के लंबवत् तथा एक सिरे से गुजरनेवाले ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः क्षैतिज तल में 500 चक्र प्रति सेकंड की आवृत्ति से घुमाया जाता हैं । छड़ के एक सिरे का संपर्क धातु के किसी रिंग के साथ हमेशा बना रहता हैं । यदि छड़ के घूर्णन अक्ष के समांतर 0.1 का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र सर्वत्र उपस्थित हो , तो छड़ के सिरों के बीच प्रेरित विद्युत - वाहक बल ज्ञात करें ।

Answer» Correct Answer - 157 V
किसी छड़ व्दारा चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के काटे जाने की स्थिति में विद्युत - वाहक बल प्रेरित होता हैं । यदि छड़ dt समय में `theta` कोण से घूम जाए , तो इसके व्दारा तय किया गया क्षेत्र
`A = (1)/(2)(Rtheta)R = (1)/(2)R^(2)theta` तथा संबंध्द चुंबकीय फ्लक्स `phi = BA.`
`therefore` प्रेरित विद्युत - वाहक बल `| epsi| = (d phi)/(dt) = (d)/(dt) ( (1)/(2) BR^(2)theta) = (1)/(2) BR^(2) omega`,
यहाँ ` B = 0.1 T, R = 1m , omega = 2pif = 2pi*500 = 1000 pi rads^(-1).]`
23.

0.5 मीटर लंबी एक धात्विक छड़ चित्र में दिखाए अनुसार परिपथ को पूर्ण करती है। परिपथ का तल 0.15 टेस्ला फ्लक्स घनत्व के चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत है। यदि परिपथ का कुल प्रतिरोध `3Omega` हो, तो छड़ को निर्दिष्ट दिशा में 2 मीटर/सेकंड की चाल से चलाने के लिए आवश्यक बल की गणना कीजिए।

Answer» दिया है : `l=0.5` मीटर, B = 0.15 टेस्ला, v = 2 मीटर/सेकंड, R = 3`Omega`
`I=(Blv)/R=(0.15xx0.5xx2)/3=0.05` ऐम्पियर
बल F = llB = `0.05 xx 0.5 xx 0.15`
`=0.00375=3.75xx10^(-3)` न्यूटन।
24.

एक वृत्ताकार कुंडली में तार के 100 फेरे हैं तथा उससे होकर गुजरनेवाला चुंबकीय फ्लक्स 0.10 Wb हैं । यदि यह फ्लक्स `(1)/(10)s` में एकसमान दर से घटकर शून्य हो जाता हैं तो कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल की गणना करें ।

Answer» यदि कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल `epsi` हो , तो
`therefore epsi = -N (Delta varphi)/(Delta t)` [ समीकरण 4.7 से ]
यहाँ , N = 100 , `Delta varphi = (0 - 0.10)Wb = - 0.10 Wb` तथा ` Delta t = (1)/(10)s`.
`therefore epsi = -100 xx (-0xx10 Wb)/((1)/(10)s) = 100 V.`
अतः , कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल 100 V.
25.

10 `Omega` की एक कुंडली में 1000 फेरे हैं और उसमें `55xx10^(-5)` Wb फ्लक्स गुजर रहा हैं । यदि `(1)/(10)`s में इसका मान घटाकर ` 5 xx 10^(-5)` Wb हो जाए तो कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल की गणना करें । प्रवाहित विद्युत - आवेश की भी गणना करें ।

Answer» सूत्र `epsi = N (varphi_(2) - varphi_(1)) /(Delta t)` से ,
` varphi_(1) = 55 xx 10^(-5) Wb , varphi _(2) = 5 xx 10^(-5) Wb, N = 1000` तथा ` t = (1)/(10) s.`
`therefore epsi = - 1000xx((5xx10^(-5) - 55 xx 10^(-5)Wb))/((1)/(10)s) = (1000 xx 50 xx 10^(-5))/((1)/(10))(Wb)/(s) = 5 V` .
फिर , प्रेरित विद्युत - धारा I = `("प्रेरित विद्युत - वाहक बल" )/("कुंडली का प्रतिरोध")` = `(5V)/(10 Omega) = 0.05A.`
यदि प्रवाहित विद्युत - आवेश
26.

एक कुंडली में 100 फेरे हैं और उसका क्षेत्रफल `2xx10^(-2)` हैं । इस कुंडली को उस चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत रखा जाता हैं जिसका फ्लक्स - घनत्व `8xx10^(-2)Wb m^(-2)` हैं । यदि 0.6 s में यह मान घटकर पहले मान का 10 % रह जाए तो कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल का मान निकालें ।

Answer» सूत्र `epsi = -N (varphi_(2) - varphi_(1))/(Delta t)` से
यहाँ फ्लक्स - घनत्व `B_(1) = 8 xx 10^(-2) Wb m^(-2), B_(2) = 8 xx 10^(-3) Wb m^(-2)`,
क्षेत्रफल `A = 2 xx 10^(-2) m^(-2) , N = 100` तथा t = 0.6 s .
`therefore varphi_(1) = B_(1) xx A = 8 xx 10^(-2) Wb m_(2) xx 10^(-2)m^(2) = 16 xx 10^(-4) Wb`
तथा `varphi_(2) = B_(1) xx A = 8 xx 10^(-2) Wb m_(2) xx 10^(-2)m^(2) = 16 xx 10^(-5) Wb`.
`therefore epsi = - 100 xx ((16 xx 10^(-5)Wb ) - ( 16 xx 10 ^(-4)Wb))/(0.6 s) = - 100 xx (-16xx9xx10^(-5))/(0.6) (Wb)/(s)`
=`(0.144)/(0.6)`V = 0.24 V`.
अतः , प्रेरित विद्युत - वाहक बल = 0.24 V.
27.

कमला एक स्थिर साइकिल के पैडल को घुमाती है। पैडल का संबंध 100 फेरो तथा `0.10m^(2)` क्षेत्रफल वाली एक कुंडली से है। कुंडली प्रति सेकंड आधा परिक्रमण कर पाती है तथा यह 0.01 T तीव्रता वाले एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में, जो कुंडली के घूर्णन अक्ष के लंबवत है, रखी है। कुंडली में उत्पन्न होने वाली अधिकतम वोल्टता क्या होगी ?

Answer» दिया है-
`N=100,A=0.10m^(2),B=0.01T,v=0.5Hz`
`epsilon=NBAomega=NBA2piv=100xx0.01xx0.10xx2xx3.14xx0.5`
`=0.314V`
28.

एक आयताकार लूप जिसकी भुजाएँ 8 cm एवं 2cm हैं, एक स्थान पर थोड़ा कट हुआ है। यह लूप अपने तल के अभिलंबवत 0.3 T के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र से बाहर की ओर निकल रहा है। यदि लूप के बाहर निकलने का वेग `1cms^(-1)` है तो कटे भाग के सिरों पर उत्पन्न विद्दुत वाहक बल कितना होगा, जब लूप की गति अभिलंबवत हो लूप की लंबी भुजा के स्थिति में उत्पन्न प्रेरित वोल्टता कितने समय तक टिकेगी ?

Answer» दिया है- `B = 0.3T, v =1cms^(-1)=10^(-2)ms^(-1),`
लूप की लंबाई l = 8 cm = 0-08m, चौड़ाई b = 2cm = 0.02m
लूप की लंबी भुजा के अभिलंबवत गति-इस स्थिति में l = 8 cm = 0.08 m
विद्युत वाहक बल `epsilon=Blv`
`=0.3xx0.08xx10^(-2)=0.024xx10^(-2)`
`=2.4xx10^(-4)V`
इस स्थिति में लूप को चुंबकीय क्षेत्र से पूर्णत: हटाने के लिए 2 सेमी (0.02m) की दूरी तक चलाना होगा।
अतः समय =`("दूरी")/("वेग")` से, समय `t=b/v=(0.02)/(10^(-2))=2s`
29.

किसी वृत्ताकार कुंडली की माध्य त्रिज्या 10 cm , फेरो की संख्या 500 तथा प्रतिरोध `2 Omega` हैं । कुंडली को ऊर्ध्वाधरतः इस प्रकार रखा गया हैं कि उस स्थान पर पृथ्वी का क्षैतिज चुंबकीय क्षेत्र `(3xx10^(-5)T )` कुंडली के तल के लंबवत् हैं । यदि कुंडली को ऊर्ध्वाधर व्यास के परितः 0.25 s में `180^(@)` से घुमाया जाए तो कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल तथा विद्युत - धारा ज्ञात करें ।

Answer» प्रश्न से , r = 10xx10^(-2)m, N = 500 , R = 2 Omega , B_(H) = 3 xx 10^(-5)T, Deltat = 0.25 s तथा
फ्लक्स का परिवर्तन `Delta phi = NAB cos 180^(@) – NAB cos (@) = - 2 NAB`
`therefore epsi = -(Delta phi)/(Delta t ) = (2 NAB)/(Deltat) = (2(500)(3.14xx10^(-2)m^(2))(3xx10^(-5) T))/(0.25)`
= ` 37.68 xx 10^(-4)V = 3.8 m V`.
इसी प्रकार धारा `I = (epsi)/(R) = 1.9 mA.`
30.

एक कुंडली का प्रेरकत्व 0.02 henry हैं । यदि धारा `200 A s^(-1)` की दर से बदल रही हो , तो प्रेरित विद्युत वाहक बल की गणना करें ।

Answer» सूत्र `epsi = -L(dl)/(dt) से (समीकरण 4.13 से ) ,
यहाँ L = 0.02 H तथा `(dl)/(dt) = 200 A s^(-1)`.
`therefore epsi = - 0.02 H xx 200 A s^(-1) = - 4V`
अतः , प्रेरित विद्युत - वाहक बल ( संख्यात्मक रुप से ) = 4V.
31.

10 cm भुजा वाले एक वर्गाकार लूप पूर्व - पश्चिम तल में ऊर्ध्वाधरतः रखा गया हैं । लूप का प्रतिरोध `0.5 Omega` हैं तथा 0.10 T का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र उत्तर - पूर्व दिशा में तल के आर - पार स्थापित किया गया हैं ।यदि चुंबकीय क्षेत्र को एकसमान रुप से 0.70 s में घटाकर शून्य कर दिया जाए तो इस समयांतराल में प्रेरित विद्युत - वाहक बल तथा धारा का मान ज्ञात करें ।

Answer» प्रारंभिक चुंबकीय फ्लक्स `= AB cos theta` , यहाँ ,
`A = 100 xx 10^(-4)m^(2), B = 0.10T , theta 45^(@)`.
प्रेरित विद्युत - वाहक बल `epsi = - (Delta phi)/(Delta t)`
`= - (( 10 ^(-2)m^(-2))(0.1 T))/(sqrt(2)(0.7 s )) = 1 m V` ( संख्यात्मक रुप से )
अतः प्रेरित धारा = `(epsi)/(R) = ( 1 m V)/(0.5 Omega) = 2 mA.]`
32.

किसी कुंडली में प्रेरित विद्युत - वाहक बल कुंडली से गुजरनेवाले ... के समानुपाती होता हैं ।

Answer» चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर
33.

एक समतल वृत्तीय कुण्डली के स्वप्रेरकत्व हेतुं व्यंजक ज्ञात कीजिए तथा बताइये कि यह किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?

Answer» मानलो एक समतल वृत्तीय कुण्डली की त्रिज्या r तथा उसमें फेरों की संख्या n है। विद्युत्धारा I प्रवाहित की जाये तो उसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता
`B=(mu_(0))/(4pi).(2pinl)/r=(mu_(0)nI)/(2r)`
इसकी दिशा कुण्डली के तल के लम्बवत् होती है।
अब यदि मान लिया जाये कि चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कृण्डली के सम्पूर्ण तल में एकसमान है तो वृत्तीय कुण्डली से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
`phi=nBA=n.(mu_(0)nI)/(2r).pir^(2)=(mu_(0)pin^(2)rI)/2` ....(1)
किन्तु `phi=LI` ....(2)
समी. (1) और (2) से,
`LI=(mu_(0)pin^(2)rI)/2`
या `L=(mu_(0)pin^(2)r)/2`
यदि कुण्डली में वायु या निर्वात् के स्थान पर निरपेक्ष चुम्बकशीलता का कोई माध्यम हो तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व
`L=(mupin^(2)r)/2` यही अभीष्ट व्यंजक है।
समतल वृत्तीय कुण्डली का स्वप्रेरकत्व निम्न कारकों पर निर्भर करता है-(i) माध्यम की निरपेक्ष चुम्बक-शीलता, (ii) फेरों की संख्या तथा (iii) कुण्डली की त्रिज्या।
34.

सिद्ध कीजिए कि स्वप्रेरकत्व L में धारा `I_(0)` स्थापित करने के लिए आवश्यक चुंबकीय ऊर्जा `1/2LI_(0)^(2)` से दी जाती है।

Answer» जब किसी कुडंली में बैटरी से धारा प्रवाहित की जाती है तो धारा को स्थायी मान `I_(0)` प्राप्त करने में कुछ समय लगता है। अत: कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है, जो कुडंली में धारा के मान में वृद्धि का विरोध करता है। बैटरी द्वारा धारा के मान को 0 से स्थायी मान `I_(0)` तक बढ़ाने के लिए प्रेरित विद्युत वाहक बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है । यह कार्य कुंडली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है ।
मानलो किसी क्षण सूक्ष्म आवेश dq को परिपथ में चलाने के लिए बैटरी द्वारा किया गया कार्य dw है।
तब
`dW=(-epsilon)dq`
जहाँ `epsilon` प्रेरित विद्युत वाहक बल है।
या `dW=-(-L(dI)/(dt)).dq,` `[becauseepsilon=-L(dI)/(dt)]`
`=L.dI.(dq)/(dt)`
`=L.IdI,` `[becauseI=(dq)/(dt)]`
अत: कुंडली में धारा के मान को 0 से `I_(0)` तक बढ़ाने में किया गया कार्य
`W=underset(0)overset(I_(0))intdW=underset(0)overset(I_(0))intLIdI=Lunderset(0)overset(I_(0))intIdI`
`=L[(I^(2))/2]_(0)^(I_(0)=1/2LI_(0)^(2)`
यही कार्य कुंडली में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। अतः कुंडली में संचित ऊर्जा
`U=1/2LI_(0)^(2)`