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2 mm त्रिज्या की वर्षा की कोई बूँद 500 m की ऊँचाई से पृथ्वी पर गिरती है। यह अपनी आरम्भिक ऊँचाई के आधे हिस्से तक (वायु के श्यान प्रतिरोध के कारण ) घटते त्वरण के साथ गिरती है और अपनी अधिकतम (सीमांत) चाल प्राप्त कर लेती है, और उसके बाद एकसमान चाल से गति करती है। वर्षा की बूँद पर उसकी यात्रा के पहले व दूसरे अर्ध भागों में गुरुत्वीय बल द्वारा किया कार्य कितना होगा ? यदि बूँद की चाल पृथ्वी तक पहुँचने पर `10ms^(-1)` हो तो सम्पूर्ण यात्रा में प्रतिरोधी बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा ?

Answer» यहाँ ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वर्षा की बूँद चाहे उत्तरोत्तर घटते त्वरण अथवा एकसमान वेग से नीचे गिरे समान दुरी तय करने के लिए बूँद पर गुरुत्वीय बल द्वारा कृत कार्य समान होगा । यदि गोलाकार बूँद की त्रिज्या r व उसका घनत्व `rho` हो, तब बूँद का द्रव्यमान ,
`m=(4)/(3)pir^(2)rho`
`=(4)/(3)xx3.14xx(2xx10^(-3))^(3)xx10^(3)` किग्रा
`=3.35xx10^(-5)` किग्रा
बूँद पर पृथ्वी के गुरुत्व के कारण बल = बूँद का भार
`=mg=(3.35xx10^(-5))xx9.8=3.28xx10^(-4)` न्यूटन
अतः गुरुत्वीय बल द्वारा बूँद की प्रत्येक आधी यात्रा में कृत कार्य,
`W=mgh=3.28xx10^(-4)xx"250"=0.082"जूल"`
अतः सम्पूर्ण यात्रा में गुरुत्वीय बल द्वारा कृत कार्य,
`W_(g)=2xx0.082=0.164`जूल
बूँद द्वारा पृथ्वी पर टकराने से ठीक पूर्व अर्जित ऊर्जा ,
`K=(1)/(2)mv^(2)=(1)/(2)xx(3.35xx10^(-5))xx(10)^(2)`
`=1.675xx10^(-3)` जूल
चूँकि बूँद की प्राम्भिक गतिज - ऊर्जा शून्य थी। अतः बूँद की गतिज- ऊर्जा में परिवर्तन ,
`DeltaK=1.675xx10^(-3)` जूल
पुनः माना सम्पूर्ण यात्रा के दौरान प्रतिरोधी -बलों द्वारा कृत कार्य `W_(r)` है। तब कार्य - ऊर्जा प्रमेय से,
`DeltaK=W_(g)+W_(r)`
अथवा `W_(r)=DeltaK=W_(g)`
`=1.675xx10^(-3)-0.164` जूल
`=-0.162` जूल ।


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