1.

(2018HF) निम्नलिखित गद्यांशों के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते हैं जिसे जो जिस रूप का चाहे उस रूप का करे-चाहे राक्षस बनावे, चाहे देवताऐसे लोगों का साथ करना हमारे लिए बुरा है जो हमसे अधिक दृढ़ संकल्प के हैं, क्योंकि हमें उनकी हर एक बात बिना विरोधके मान लेनी पड़ती है। पर ऐसे लोगों का साथ करना और बुरा है, जो हमारी ही बात को ऊपर रखते हैं, क्योंकि ऐसी दशामें न तो हमारे ऊपर कोई दबाव रहता है और न हमारे लिए कोई सहारा रहता है।(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(ii) हमें किन लोगों का साथ नहीं करना चाहिए?'विश्वासपात्र मित्र से बड़ी भारी रक्षा रहती है। जिसे ऐसा मित्र मिल जाये उसे समझना चाहिए कि खजाना मिल गया।" विश्वासपात्रमित्र जीवन की एक औषध है। हमें अपने मित्रों से यह आशा रखनी चाहिए कि वे उत्तम संकल्पों से हमें दृढ़ करेंगे, दोषों औरत्रुटियों से हमें बचाएँगे, हमारे सत्य, पवित्रता और मर्यादा के प्रेम को पुष्ट करेंगे, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे, तब वे हमें सचेतकरेंगे, जब हम हतोत्साहित होंगे तब वे हमें उत्साहित करेंगे। सारांश यह है कि वे हमें उत्तमतापूर्वक जीवन-निर्वाह करने में हर prakar se sahayata denge main uttam se uttam ki aur ek hoti hai acchi se acchi aur hoti hai​

Answer» HI hihihihihihihihiihhjkhhhiihgfcvvvvbbbbbvv


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