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994 तीच फिर सार भाव कविता को जिनकपक्तियों में आए हैं, उन्हें दाँटी-कसिलोजवाला साड़ी नही बचता है।कभी खिलानेवाला भी साँक्या साडी ले आता हैसाड़ी तो वह कपड़े वालाकभी-कभी दे जाता है।​

Answer» WOW NICE POEM GREAT nice.........


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