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आनुवंशिक इंजीनियरिंग की अनुप्रयोज्यता का वर्णन कीजिए।

Answer» अनुप्रयोज्यता की दृष्टि से आनुवंशिक इंजीनियरिंग हमे निम्नलिखित लाभदायक तथा हानिकारक परिणाम देती है-
(A) लाभदायक प्रभाव -
1 औधोगिक उपयोग - उच्च वर्गो के जीवो के विटामिन प्रतिजैविक या हॉर्मोन के जीन को कोड करके तथा इनके संश्लेषित DNA को जीवाणुओं में पुन: स्थापित करके विटामिन्स, हॉर्मोन्स आदि यौगिकों का औधोगिक स्तर पर संश्लेषण किया जाना संभव हुआ है। इस विधि से इंसुलिन का Humulin नाम से जैव-संश्लेषण किया गया है।
2 चिकित्सीय उपयोग- नई दवाइयों का जैव स्तर पर संश्लेषण तथा जीन चिकित्सा द्वारा हिमोफिलिया, फिनाइल कीटोंयूरिया आदि वंशगत रोगो का उपचार किया जाना सम्भव हुआ है।
3 कृषि क्षेत्र में उपयोग- जीवाणु अथवा नील-हरे शैवाल से नाइट्रोजन यौगिकीकरण करने वाले जींस का अनाज वाली फसलो में स्थानांतरण करने हेतु प्रयोग जारी है, जिससे हमारी फसले, पर्यावरण से नाइट्रोजन का सीधा प्रयोग कर सकेगी और हमे कृषि में कृत्रिम उर्वरक के उपयोग की आवश्यकता नहीं रहेगी।
4 जीन संरचना अभिव्यक्ति में परिवर्तन- इस तकनीक द्वारा इच्छानुसार नए-नए प्रकार के जीवो तथा वनस्पतियो का निर्माण संभव हो सकेगा।
(B) हानिकारक प्रभाव-
(i) रोगाणु एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी हो सकते है।
(ii) आँत में पाए जाने वाले जीवाणु कैंसर कारक हो सकते है।
(iii) सामान्य वायरस से अत्यधिक खतरनाक वायरस का निर्माण हो सकता है।


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