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Answer» अर्थव्यवस्था की आर्थिक समस्या संसाधनों की आबंटन की समस्या है। यह दुर्लभ संसाधनों के उपयोगों में चुनाव की समस्या है। प्रा. एरिक रोल के शब्दों में, “आर्थिक समस्या निश्चित रूप से चयन की आवश्यकता से उत्पन्न होने वाली समस्या है, जिसमें वैकल्पिक उपयोग वाले सीमीत संसाधनों का प्रयोग किया जाता है। यह संसाधनों के दोहन की समस्या है।” आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के कारण (क) मानव की इच्छाएँ असीमीत हैं-मानव की इच्छाएँ गुणात्मक तथा मात्रात्मक दोनों रूप से असीमीत हैं। जैसे ही एक इच्छा पूर्ण होती है, एक अन्य इच्छा जन्म ले लेती हैं यदि इच्छाएँ सीमित होती तो एक समय ऐसा आता जब मनुष्य की सभी इच्छाएँ पूर्ण हो जाती, परन्तु ऐसा नहीं होता है क्योंकि इच्छाओं का कोई अन्त नहीं है, परन्तु सभी इच्छाएँ एक समान तीव्र नहीं होती हैं। कुछ इच्छाएँ अधिक तीव्र (जरूरी) होती हैं कुछ कम। (ख) इच्छाओं की पूर्ति के साधन सीमीत हैं-इच्छाओं की तुलना में उनकी पूर्ति के साधन सीमीत होते हैं। यह बात एक व्यक्ति के लिए भी सत्य है तो एक संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए भी। एक व्यक्ति की आय कितनी भी बढ़ जाये वह इतनी नहीं होती कि उसकी सभी इच्छाएँ पूर्ण हो सकें। इसी प्रकार अमीर से अमीर अर्थव्यवस्था में उत्पादन कारक-श्रम, पूंजी, भूमि एवं उद्यम इतने नहीं होते कि सभी वांछित वस्तुओं का उत्पादन किया जा सके। (ग) साधनों के वैकल्पिक उपयोग हैं-साधन न केवल सीमीत हैं अपितु उनके वैकल्पिक उपयोग भी हैं। उदाहरण के लिए यदि एक श्रमिक है तो उसे कृषि में भी उपयोग किया जा सकता है तथा उद्योग में भी। इसी प्रकार यदि एक भूमि का टुकड़ा है तो उस पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कृषि, उद्योग, घर आदि बन सकते हैं। एक प्रयोग करने पर हमें दूसरे प्रयोग का त्याग करना होगा। अतः साधनों के वैकल्पिक उपयोग होने के कारण हमें उनके सर्वोत्तम प्रयोग का चयन करना पड़ता है। अतः संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि इच्छाओं की तुलना में वैकल्पिक उपयोग वाले संसाधनों की दुर्लभता आर्थिक समस्या को जन्म देती है।
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