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अभिक्रिया देते हुए सिद्ध कीजिये की हैलोजनों में फ्लुओरइन श्रेष्ठ ऑक्सीकारक तथा हाईड्रोहेलिक अम्लों में हाइड्रोआयोडिक अम्ल श्रेष्ठ अपचाया है।

Answer» (i) हेलोजन में इलेक्ट्रान ग्रहण करने की प्रबल होती है। इसलिए ये परगबल ऑक्सीकारक होते है, इनकी ऑक्सीकारक क्षमताओं का घटता हुआ क्रम `F_(2)gtCI_(2)gtBr_(2)gtI_(2)` है। `F_(2)` प्रबल ऑक्सीकारक है, यह `CI^(-),Br^(-)` तथा `I^(-)` आयनों का ऑक्सीकरण कर देती है । जबकि `CI_(2),Br^(-)` तथा `I^(-)` आयनों का तथा `Br` केवल `I^(-)` आयन का ही ऑक्सीकरण करती है। `I_(2)` इनमे से किसी का भी ऑक्सीकरण नहीं कर पाती ।
`{:(2CI^(-)+F_(2) to 2F^(-)+CI_(2)),(2Br^(-)+F_(2) to 2F^(-)+Br_(2)),(2I^(-)+F_(2) to 2F^(-)+I_(2)),(2Br^(-)+CI_(2) to 2CI^(-)+Br_(2)),(2I^(-)+CI_(3) to 2CI^(-)+I_(2)),(2I^(-)+Br_(2) to 2Br^(-)+I_(2)):}`
हाईड्रोहेलिक (हेलोजन) अम्लों (HX) में `HI` सबसे प्रबल अपचायक है। इनकी अपचायक की क्षमता का घटता क्रम `HI lt HBr lt HCI lt HF` है।
`H_(2)SO_(4)` को `HI` तथा `HBr,SO_(2)` में अपचयित कर देते है, जबकि `HCI` तथा `HF` ऐसे नहीं करते ।
`H_(2)SO_(4)+2HI to SO_(2)+I_(2)+2H_(2)O`
`H_(2)SO_(4)+2HBr to SO_(2)+Br_(2)+2H_(2)O`
इसी प्रकार `I^(-),Cu^(2+)` को `Cu^(+)` में अपचयित कर देता है परन्तु `Br^(-)` नहीं करता
`2Cu^(2+)+4I^(-) to Cu_(2)I_(2)+I_(2)`
HCI तथा `HF` में , `HCI` प्रबल अपचायक है, क्योंकिं यह `MnO_(2)` का `Mn^(2+)` में अपचयन कर देता है, परन्तु `Hf` ऐसे नहीं करता।
`MnO_(2)+4HCI to MnCI_(2)+CI(2)+2H_(2)O`
अतः HI हाईड्रोहेलिक अम्लों में प्रबलतम अपचायक है।


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