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अभ्यास(1) इस प्रार्थना में प्रभु से क्या देने और क्या दूर करने को कहा गया है?(2) प्रभु की शरण में जाकर हम क्या बन सकते हैं?(5) इस प्रार्थना में देश के लिए क्या माँग की गई है?(4) यहाँ किस सद्ज्ञान की मांग की गई है?(5) इस प्रार्थना को कण्ठस्थ करो और गुरु जी को सुनाओ।8​

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Answer:

1) इस प्रार्थना में प्रभु से विद्या बुद्धि ज्ञान देने की , और अविद्या=अज्ञान, और दुर्गुण=बुराईयाँ दूर करनें की प्रार्थना की गई है

2) विश्वास के साथ प्रभु में लीन होने पर प्रभु का आश्रय लेने से संतोष, शांति, तृप्ति तद्नुरूप ज्ञान वैराग्य सदाचार आदि गुण अपने आप ही आ जाते हैं। प्रभु शरण में रहने वाला मनुष्य विश्वबंधु और संसार का सच्चा सेवक बन जाता है और जब मनुष्य भगवान की शरण में है तो उसे जीवन में सब कुछ मिलता है।



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